नई दिल्ली, 13 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (आईआरईडीए) को इंफ्रास्ट्रक्च र फाइनेंस कंपनी (आईएफसी) का दर्जा दिया।
आईआरईडीए को पहले निवेश और क्रेडिट कंपनी (आईसीसी) के रूप में वर्गीकृत किया गया था। आईएफसी की स्थिति के साथ, यह आरई वित्तपोषण में उच्च जोखिम लेने में सक्षम होगा। आईएफसी का दर्जा कंपनी को फंड जुटाने के लिए व्यापक निवेशक आधार तक पहुंचने में मदद करेगा, जिसके परिणामस्वरूप धन उगाहने के लिए प्रतिस्पर्धी दरें होंगी।
अधिकारियों ने कहा कि आईआरईडीए को आईएफसी के रूप में मान्यता मिलने से निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा, ब्रांड वैल्यू बढ़ेगी और बाजार में सकारात्मक ²ष्टिकोण पैदा होगा। आईएफसी का दर्जा देना आईआरईडीए के 36 वर्षों के बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण और नवीकरणीय ऊर्जा के केंद्रित विकास के साथ विकास की मान्यता है।
आईएफसी स्थिति के साथ, आईआरईडीए 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन की 500 जीडब्ल्यू स्थापित क्षमता के केंद्र के लक्ष्य के लिए योगदान देता रहेगा। आईआरईडीए के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक प्रदीप कुमार दास ने कहा: आईएफसी का दर्जा आईआरईडीए के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और हमें आरई स्पेस के फाइनेंसर के रूप में अपनी अग्रणी स्थिति बनाए रखने में सक्षम करेगा। आईआरईडीए आरई क्षेत्र के विकास के लिए मातृवत भूमिका निभाता रहेगा।
आईआरईडीए आदर्श वाक्य के साथ ऊर्जा के नए और नवीकरणीय स्रोतों का प्रचार, विकास और वित्तपोषण कर रहा है: एनर्जी फॉर एवर 1987 से यह सभी आरई प्रौद्योगिकियों और सौर, पवन, जल, जैव-ऊर्जा, अपशिष्ट से ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, ई-गतिशीलता, बैटरी भंडारण, जैव ईंधन और नई और उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे मूल्य श्रृंखलाओं को वित्तपोषित करता है।
–आईएएनएस
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