नई दिल्ली, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि विकलांग व्यक्तियों के लिए उत्पादों को जल्द से जल्द डिजाइन और पेश किया जाए, ताकि वे स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्राप्त करने में सक्षम हो सकें।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह की पीठ ने आईआरडीएआई और बीमा कंपनियों को सुनवाई की अगली तारीख 17 मार्च, 2023 से पहले एक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
अदालत ने यह भी कहा कि विकलांग व्यक्ति स्वास्थ्य बीमा कवरेज के हकदार होंगे और उत्पादों को उनके लिए डिजाइन करना पड़ सकता है।
सौरभ शुक्ला द्वारा एक याचिका दायर की गई थी, जो 2012 में लगी चोट के कारण टेट्राप्लाजिया सहित कई स्वास्थ्य बीमारियों से पीड़ित हैं।
व्हीलचेयर का उपयोग करने वाले और अपने हाथों का सीमित उपयोग करने वाले शुक्ला ने दो बीमा कंपनियों, मैक्स बूपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और ओरिएंटल हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से संपर्क किया था, लेकिन दोनों ने किसी भी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी से इनकार कर दिया था।
ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के वकील ने प्रस्तुत किया कि शुक्ला के स्वास्थ्य बीमा के अनुरोध को उनके चिकित्सा इतिहास के कारण अस्वीकार कर दिया गया था।
लेकिन अदालत ने कहा, जहां तक स्वास्थ्य सेवा का संबंध है, विकलांग व्यक्तियों के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। जीवन के अधिकार में स्वास्थ्य और यहां तक कि स्वास्थ्य सेवा का अधिकार भी शामिल है।
कोर्ट ने शुक्ला को एक बार फिर इन दोनों कंपनियों से संपर्क करने की इजाजत भी दे दी।
सुनवाई की अगली तारीख तक एक प्रस्ताव तैयार हो जाएगा, उसके मामले पर विचार किया जाएगा और उसे बीमा देने के सवाल की समीक्षा की जाएगी।
–आईएएनएस
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