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Home राष्ट्रीय

आईएएफ में करियर बनाने के बहाने 100 से अधिक युवाओं को ठगने वाला फर्जी फ्लाइट लेफ्टिनेंट गिरफ्तार

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February 23, 2023
in राष्ट्रीय
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आईएएफ में करियर बनाने के बहाने 100 से अधिक युवाओं को ठगने वाला फर्जी फ्लाइट लेफ्टिनेंट गिरफ्तार
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नई दिल्ली, 23 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फ्लाइट लेफ्टिनेंट बनकर और भारतीय वायु सेना में करियर बनाने का लालच देकर 100 से अधिक बेरोजगार युवाओं को ठगने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।

आरोपी की पहचान पश्चिमी दिल्ली के विकास विहार निवासी 39 वर्षीय कमल शर्मा के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, महिला शिकायतकर्ता ने साइबर क्राइम रिपोटिर्ंग पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि वह ऑनलाइन एप्प के माध्यम से एक ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आई थी, जो वी एलिमिनेट पॉवर्टी नाउ नाम से एक एनजीओ चलाता है।

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पुलिस उपायुक्त, बाहरी उत्तर, रवि कुमार सिंह ने कहा- कुछ समय बाद, उसने खुद को वायु सेना के राजपत्रित अधिकारी (फ्लाइंग लेफ्टिनेंट) के रूप में पेश किया और भारतीय वायु सेना में नौकरी के नाम पर उससे 12 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। आरोपी कमल ने व्हाट्सएप और मेल के माध्यम से शिकायतकर्ता को चिकित्सा परीक्षण और नियुक्ति पत्र के लिए एक पत्र भी भेजा।

उन्होंने कहा- लेकिन बाद में, लंबे समय के बाद जब उसने भारतीय वायुसेना में नौकरी पाने की अपनी उम्मीद खो दी थी, तो उसने आरोपी से अपने पैसे वापस मांगना शुरू कर दिया, लेकिन व्यर्थ। इसके बाद उसने शिकायत दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच के बाद मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गई। जांच के दौरान पुलिस की एक टीम ने व्हाट्सएप चैट हिस्ट्री स्क्रीनशॉट, मेल आईडी डिटेल्स, बैंक और यूपीआई ट्रांजैक्शन हिस्ट्री जुटाई।

डीसीपी ने कहा- शर्मा केवल व्हाट्सएप कॉल और चैट के माध्यम से शिकायतकर्ता से संवाद करता था। व्हाट्सएप, बैंकों और वॉलेट से विवरण मांगा गया था। तकनीकी सुराग के साथ, आरोपी को बेंगलुरु के एक होटल में फ्लाइंग लेफ्टिनेंट के फर्जी पहचान पत्र और तीन स्मार्टफोन के साथ ट्रेस किया गया।

उसे गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया। डीसीपी ने कहा- छतरपुर में शर्मा के किराए के आवास पर छापे मारे गए और पुलिस ने आईएएफ वर्दी (नेम प्लेट, रैंक, बैज, टोपी), पांच गोलियों के साथ एयर पिस्टल बंदूक, विभिन्न टिकटें, आईएएफ लेटरहेड, कॉल लेटर, आईएएफ परिवार आश्रित कार्ड और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।

डीसीपी ने आगे कहा कि शर्मा आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ दिल्ली और उत्तर प्रदेश में तीन प्राथमिकी भी दर्ज हैं। शर्मा भारतीय वायुसेना की आंतरिक जानकारी से अच्छी तरह वाकिफ था और इसका इस्तेमाल लोगों को धोखा देने के लिए करता था। अब तक की गई पुलिस जांच में पता चला है कि उसने बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद, जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर, पणजी, कोच्चि, बीदर, पटना, जम्मू और बेलगाम जैसे विभिन्न शहरों के युवाओं के साथ धोखाधड़ी की थी।

अधिकारी ने कहा, वह लोगों को प्रभावित करने के लिए वायुसेना की वर्दी में लोगों से मिलता था। उन्होंने कहा कि मामले की जांच चल रही है।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

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नई दिल्ली, 23 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फ्लाइट लेफ्टिनेंट बनकर और भारतीय वायु सेना में करियर बनाने का लालच देकर 100 से अधिक बेरोजगार युवाओं को ठगने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।

आरोपी की पहचान पश्चिमी दिल्ली के विकास विहार निवासी 39 वर्षीय कमल शर्मा के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, महिला शिकायतकर्ता ने साइबर क्राइम रिपोटिर्ंग पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि वह ऑनलाइन एप्प के माध्यम से एक ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आई थी, जो वी एलिमिनेट पॉवर्टी नाउ नाम से एक एनजीओ चलाता है।

पुलिस उपायुक्त, बाहरी उत्तर, रवि कुमार सिंह ने कहा- कुछ समय बाद, उसने खुद को वायु सेना के राजपत्रित अधिकारी (फ्लाइंग लेफ्टिनेंट) के रूप में पेश किया और भारतीय वायु सेना में नौकरी के नाम पर उससे 12 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। आरोपी कमल ने व्हाट्सएप और मेल के माध्यम से शिकायतकर्ता को चिकित्सा परीक्षण और नियुक्ति पत्र के लिए एक पत्र भी भेजा।

उन्होंने कहा- लेकिन बाद में, लंबे समय के बाद जब उसने भारतीय वायुसेना में नौकरी पाने की अपनी उम्मीद खो दी थी, तो उसने आरोपी से अपने पैसे वापस मांगना शुरू कर दिया, लेकिन व्यर्थ। इसके बाद उसने शिकायत दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच के बाद मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गई। जांच के दौरान पुलिस की एक टीम ने व्हाट्सएप चैट हिस्ट्री स्क्रीनशॉट, मेल आईडी डिटेल्स, बैंक और यूपीआई ट्रांजैक्शन हिस्ट्री जुटाई।

डीसीपी ने कहा- शर्मा केवल व्हाट्सएप कॉल और चैट के माध्यम से शिकायतकर्ता से संवाद करता था। व्हाट्सएप, बैंकों और वॉलेट से विवरण मांगा गया था। तकनीकी सुराग के साथ, आरोपी को बेंगलुरु के एक होटल में फ्लाइंग लेफ्टिनेंट के फर्जी पहचान पत्र और तीन स्मार्टफोन के साथ ट्रेस किया गया।

उसे गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया। डीसीपी ने कहा- छतरपुर में शर्मा के किराए के आवास पर छापे मारे गए और पुलिस ने आईएएफ वर्दी (नेम प्लेट, रैंक, बैज, टोपी), पांच गोलियों के साथ एयर पिस्टल बंदूक, विभिन्न टिकटें, आईएएफ लेटरहेड, कॉल लेटर, आईएएफ परिवार आश्रित कार्ड और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।

डीसीपी ने आगे कहा कि शर्मा आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ दिल्ली और उत्तर प्रदेश में तीन प्राथमिकी भी दर्ज हैं। शर्मा भारतीय वायुसेना की आंतरिक जानकारी से अच्छी तरह वाकिफ था और इसका इस्तेमाल लोगों को धोखा देने के लिए करता था। अब तक की गई पुलिस जांच में पता चला है कि उसने बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद, जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर, पणजी, कोच्चि, बीदर, पटना, जम्मू और बेलगाम जैसे विभिन्न शहरों के युवाओं के साथ धोखाधड़ी की थी।

अधिकारी ने कहा, वह लोगों को प्रभावित करने के लिए वायुसेना की वर्दी में लोगों से मिलता था। उन्होंने कहा कि मामले की जांच चल रही है।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

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नई दिल्ली, 23 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फ्लाइट लेफ्टिनेंट बनकर और भारतीय वायु सेना में करियर बनाने का लालच देकर 100 से अधिक बेरोजगार युवाओं को ठगने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।

आरोपी की पहचान पश्चिमी दिल्ली के विकास विहार निवासी 39 वर्षीय कमल शर्मा के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, महिला शिकायतकर्ता ने साइबर क्राइम रिपोटिर्ंग पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि वह ऑनलाइन एप्प के माध्यम से एक ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आई थी, जो वी एलिमिनेट पॉवर्टी नाउ नाम से एक एनजीओ चलाता है।

पुलिस उपायुक्त, बाहरी उत्तर, रवि कुमार सिंह ने कहा- कुछ समय बाद, उसने खुद को वायु सेना के राजपत्रित अधिकारी (फ्लाइंग लेफ्टिनेंट) के रूप में पेश किया और भारतीय वायु सेना में नौकरी के नाम पर उससे 12 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। आरोपी कमल ने व्हाट्सएप और मेल के माध्यम से शिकायतकर्ता को चिकित्सा परीक्षण और नियुक्ति पत्र के लिए एक पत्र भी भेजा।

उन्होंने कहा- लेकिन बाद में, लंबे समय के बाद जब उसने भारतीय वायुसेना में नौकरी पाने की अपनी उम्मीद खो दी थी, तो उसने आरोपी से अपने पैसे वापस मांगना शुरू कर दिया, लेकिन व्यर्थ। इसके बाद उसने शिकायत दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच के बाद मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गई। जांच के दौरान पुलिस की एक टीम ने व्हाट्सएप चैट हिस्ट्री स्क्रीनशॉट, मेल आईडी डिटेल्स, बैंक और यूपीआई ट्रांजैक्शन हिस्ट्री जुटाई।

डीसीपी ने कहा- शर्मा केवल व्हाट्सएप कॉल और चैट के माध्यम से शिकायतकर्ता से संवाद करता था। व्हाट्सएप, बैंकों और वॉलेट से विवरण मांगा गया था। तकनीकी सुराग के साथ, आरोपी को बेंगलुरु के एक होटल में फ्लाइंग लेफ्टिनेंट के फर्जी पहचान पत्र और तीन स्मार्टफोन के साथ ट्रेस किया गया।

उसे गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया। डीसीपी ने कहा- छतरपुर में शर्मा के किराए के आवास पर छापे मारे गए और पुलिस ने आईएएफ वर्दी (नेम प्लेट, रैंक, बैज, टोपी), पांच गोलियों के साथ एयर पिस्टल बंदूक, विभिन्न टिकटें, आईएएफ लेटरहेड, कॉल लेटर, आईएएफ परिवार आश्रित कार्ड और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।

डीसीपी ने आगे कहा कि शर्मा आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ दिल्ली और उत्तर प्रदेश में तीन प्राथमिकी भी दर्ज हैं। शर्मा भारतीय वायुसेना की आंतरिक जानकारी से अच्छी तरह वाकिफ था और इसका इस्तेमाल लोगों को धोखा देने के लिए करता था। अब तक की गई पुलिस जांच में पता चला है कि उसने बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद, जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर, पणजी, कोच्चि, बीदर, पटना, जम्मू और बेलगाम जैसे विभिन्न शहरों के युवाओं के साथ धोखाधड़ी की थी।

अधिकारी ने कहा, वह लोगों को प्रभावित करने के लिए वायुसेना की वर्दी में लोगों से मिलता था। उन्होंने कहा कि मामले की जांच चल रही है।

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नई दिल्ली, 23 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फ्लाइट लेफ्टिनेंट बनकर और भारतीय वायु सेना में करियर बनाने का लालच देकर 100 से अधिक बेरोजगार युवाओं को ठगने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।

आरोपी की पहचान पश्चिमी दिल्ली के विकास विहार निवासी 39 वर्षीय कमल शर्मा के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, महिला शिकायतकर्ता ने साइबर क्राइम रिपोटिर्ंग पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि वह ऑनलाइन एप्प के माध्यम से एक ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आई थी, जो वी एलिमिनेट पॉवर्टी नाउ नाम से एक एनजीओ चलाता है।

पुलिस उपायुक्त, बाहरी उत्तर, रवि कुमार सिंह ने कहा- कुछ समय बाद, उसने खुद को वायु सेना के राजपत्रित अधिकारी (फ्लाइंग लेफ्टिनेंट) के रूप में पेश किया और भारतीय वायु सेना में नौकरी के नाम पर उससे 12 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। आरोपी कमल ने व्हाट्सएप और मेल के माध्यम से शिकायतकर्ता को चिकित्सा परीक्षण और नियुक्ति पत्र के लिए एक पत्र भी भेजा।

उन्होंने कहा- लेकिन बाद में, लंबे समय के बाद जब उसने भारतीय वायुसेना में नौकरी पाने की अपनी उम्मीद खो दी थी, तो उसने आरोपी से अपने पैसे वापस मांगना शुरू कर दिया, लेकिन व्यर्थ। इसके बाद उसने शिकायत दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच के बाद मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गई। जांच के दौरान पुलिस की एक टीम ने व्हाट्सएप चैट हिस्ट्री स्क्रीनशॉट, मेल आईडी डिटेल्स, बैंक और यूपीआई ट्रांजैक्शन हिस्ट्री जुटाई।

डीसीपी ने कहा- शर्मा केवल व्हाट्सएप कॉल और चैट के माध्यम से शिकायतकर्ता से संवाद करता था। व्हाट्सएप, बैंकों और वॉलेट से विवरण मांगा गया था। तकनीकी सुराग के साथ, आरोपी को बेंगलुरु के एक होटल में फ्लाइंग लेफ्टिनेंट के फर्जी पहचान पत्र और तीन स्मार्टफोन के साथ ट्रेस किया गया।

उसे गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया। डीसीपी ने कहा- छतरपुर में शर्मा के किराए के आवास पर छापे मारे गए और पुलिस ने आईएएफ वर्दी (नेम प्लेट, रैंक, बैज, टोपी), पांच गोलियों के साथ एयर पिस्टल बंदूक, विभिन्न टिकटें, आईएएफ लेटरहेड, कॉल लेटर, आईएएफ परिवार आश्रित कार्ड और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।

डीसीपी ने आगे कहा कि शर्मा आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ दिल्ली और उत्तर प्रदेश में तीन प्राथमिकी भी दर्ज हैं। शर्मा भारतीय वायुसेना की आंतरिक जानकारी से अच्छी तरह वाकिफ था और इसका इस्तेमाल लोगों को धोखा देने के लिए करता था। अब तक की गई पुलिस जांच में पता चला है कि उसने बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद, जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर, पणजी, कोच्चि, बीदर, पटना, जम्मू और बेलगाम जैसे विभिन्न शहरों के युवाओं के साथ धोखाधड़ी की थी।

अधिकारी ने कहा, वह लोगों को प्रभावित करने के लिए वायुसेना की वर्दी में लोगों से मिलता था। उन्होंने कहा कि मामले की जांच चल रही है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 23 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फ्लाइट लेफ्टिनेंट बनकर और भारतीय वायु सेना में करियर बनाने का लालच देकर 100 से अधिक बेरोजगार युवाओं को ठगने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।

आरोपी की पहचान पश्चिमी दिल्ली के विकास विहार निवासी 39 वर्षीय कमल शर्मा के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, महिला शिकायतकर्ता ने साइबर क्राइम रिपोटिर्ंग पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि वह ऑनलाइन एप्प के माध्यम से एक ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आई थी, जो वी एलिमिनेट पॉवर्टी नाउ नाम से एक एनजीओ चलाता है।

पुलिस उपायुक्त, बाहरी उत्तर, रवि कुमार सिंह ने कहा- कुछ समय बाद, उसने खुद को वायु सेना के राजपत्रित अधिकारी (फ्लाइंग लेफ्टिनेंट) के रूप में पेश किया और भारतीय वायु सेना में नौकरी के नाम पर उससे 12 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। आरोपी कमल ने व्हाट्सएप और मेल के माध्यम से शिकायतकर्ता को चिकित्सा परीक्षण और नियुक्ति पत्र के लिए एक पत्र भी भेजा।

उन्होंने कहा- लेकिन बाद में, लंबे समय के बाद जब उसने भारतीय वायुसेना में नौकरी पाने की अपनी उम्मीद खो दी थी, तो उसने आरोपी से अपने पैसे वापस मांगना शुरू कर दिया, लेकिन व्यर्थ। इसके बाद उसने शिकायत दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच के बाद मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गई। जांच के दौरान पुलिस की एक टीम ने व्हाट्सएप चैट हिस्ट्री स्क्रीनशॉट, मेल आईडी डिटेल्स, बैंक और यूपीआई ट्रांजैक्शन हिस्ट्री जुटाई।

डीसीपी ने कहा- शर्मा केवल व्हाट्सएप कॉल और चैट के माध्यम से शिकायतकर्ता से संवाद करता था। व्हाट्सएप, बैंकों और वॉलेट से विवरण मांगा गया था। तकनीकी सुराग के साथ, आरोपी को बेंगलुरु के एक होटल में फ्लाइंग लेफ्टिनेंट के फर्जी पहचान पत्र और तीन स्मार्टफोन के साथ ट्रेस किया गया।

उसे गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया। डीसीपी ने कहा- छतरपुर में शर्मा के किराए के आवास पर छापे मारे गए और पुलिस ने आईएएफ वर्दी (नेम प्लेट, रैंक, बैज, टोपी), पांच गोलियों के साथ एयर पिस्टल बंदूक, विभिन्न टिकटें, आईएएफ लेटरहेड, कॉल लेटर, आईएएफ परिवार आश्रित कार्ड और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।

डीसीपी ने आगे कहा कि शर्मा आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ दिल्ली और उत्तर प्रदेश में तीन प्राथमिकी भी दर्ज हैं। शर्मा भारतीय वायुसेना की आंतरिक जानकारी से अच्छी तरह वाकिफ था और इसका इस्तेमाल लोगों को धोखा देने के लिए करता था। अब तक की गई पुलिस जांच में पता चला है कि उसने बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद, जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर, पणजी, कोच्चि, बीदर, पटना, जम्मू और बेलगाम जैसे विभिन्न शहरों के युवाओं के साथ धोखाधड़ी की थी।

अधिकारी ने कहा, वह लोगों को प्रभावित करने के लिए वायुसेना की वर्दी में लोगों से मिलता था। उन्होंने कहा कि मामले की जांच चल रही है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 23 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फ्लाइट लेफ्टिनेंट बनकर और भारतीय वायु सेना में करियर बनाने का लालच देकर 100 से अधिक बेरोजगार युवाओं को ठगने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।

आरोपी की पहचान पश्चिमी दिल्ली के विकास विहार निवासी 39 वर्षीय कमल शर्मा के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, महिला शिकायतकर्ता ने साइबर क्राइम रिपोटिर्ंग पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि वह ऑनलाइन एप्प के माध्यम से एक ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आई थी, जो वी एलिमिनेट पॉवर्टी नाउ नाम से एक एनजीओ चलाता है।

पुलिस उपायुक्त, बाहरी उत्तर, रवि कुमार सिंह ने कहा- कुछ समय बाद, उसने खुद को वायु सेना के राजपत्रित अधिकारी (फ्लाइंग लेफ्टिनेंट) के रूप में पेश किया और भारतीय वायु सेना में नौकरी के नाम पर उससे 12 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। आरोपी कमल ने व्हाट्सएप और मेल के माध्यम से शिकायतकर्ता को चिकित्सा परीक्षण और नियुक्ति पत्र के लिए एक पत्र भी भेजा।

उन्होंने कहा- लेकिन बाद में, लंबे समय के बाद जब उसने भारतीय वायुसेना में नौकरी पाने की अपनी उम्मीद खो दी थी, तो उसने आरोपी से अपने पैसे वापस मांगना शुरू कर दिया, लेकिन व्यर्थ। इसके बाद उसने शिकायत दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच के बाद मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गई। जांच के दौरान पुलिस की एक टीम ने व्हाट्सएप चैट हिस्ट्री स्क्रीनशॉट, मेल आईडी डिटेल्स, बैंक और यूपीआई ट्रांजैक्शन हिस्ट्री जुटाई।

डीसीपी ने कहा- शर्मा केवल व्हाट्सएप कॉल और चैट के माध्यम से शिकायतकर्ता से संवाद करता था। व्हाट्सएप, बैंकों और वॉलेट से विवरण मांगा गया था। तकनीकी सुराग के साथ, आरोपी को बेंगलुरु के एक होटल में फ्लाइंग लेफ्टिनेंट के फर्जी पहचान पत्र और तीन स्मार्टफोन के साथ ट्रेस किया गया।

उसे गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया। डीसीपी ने कहा- छतरपुर में शर्मा के किराए के आवास पर छापे मारे गए और पुलिस ने आईएएफ वर्दी (नेम प्लेट, रैंक, बैज, टोपी), पांच गोलियों के साथ एयर पिस्टल बंदूक, विभिन्न टिकटें, आईएएफ लेटरहेड, कॉल लेटर, आईएएफ परिवार आश्रित कार्ड और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।

डीसीपी ने आगे कहा कि शर्मा आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ दिल्ली और उत्तर प्रदेश में तीन प्राथमिकी भी दर्ज हैं। शर्मा भारतीय वायुसेना की आंतरिक जानकारी से अच्छी तरह वाकिफ था और इसका इस्तेमाल लोगों को धोखा देने के लिए करता था। अब तक की गई पुलिस जांच में पता चला है कि उसने बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद, जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर, पणजी, कोच्चि, बीदर, पटना, जम्मू और बेलगाम जैसे विभिन्न शहरों के युवाओं के साथ धोखाधड़ी की थी।

अधिकारी ने कहा, वह लोगों को प्रभावित करने के लिए वायुसेना की वर्दी में लोगों से मिलता था। उन्होंने कहा कि मामले की जांच चल रही है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 23 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फ्लाइट लेफ्टिनेंट बनकर और भारतीय वायु सेना में करियर बनाने का लालच देकर 100 से अधिक बेरोजगार युवाओं को ठगने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।

आरोपी की पहचान पश्चिमी दिल्ली के विकास विहार निवासी 39 वर्षीय कमल शर्मा के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, महिला शिकायतकर्ता ने साइबर क्राइम रिपोटिर्ंग पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि वह ऑनलाइन एप्प के माध्यम से एक ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आई थी, जो वी एलिमिनेट पॉवर्टी नाउ नाम से एक एनजीओ चलाता है।

पुलिस उपायुक्त, बाहरी उत्तर, रवि कुमार सिंह ने कहा- कुछ समय बाद, उसने खुद को वायु सेना के राजपत्रित अधिकारी (फ्लाइंग लेफ्टिनेंट) के रूप में पेश किया और भारतीय वायु सेना में नौकरी के नाम पर उससे 12 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। आरोपी कमल ने व्हाट्सएप और मेल के माध्यम से शिकायतकर्ता को चिकित्सा परीक्षण और नियुक्ति पत्र के लिए एक पत्र भी भेजा।

उन्होंने कहा- लेकिन बाद में, लंबे समय के बाद जब उसने भारतीय वायुसेना में नौकरी पाने की अपनी उम्मीद खो दी थी, तो उसने आरोपी से अपने पैसे वापस मांगना शुरू कर दिया, लेकिन व्यर्थ। इसके बाद उसने शिकायत दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच के बाद मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गई। जांच के दौरान पुलिस की एक टीम ने व्हाट्सएप चैट हिस्ट्री स्क्रीनशॉट, मेल आईडी डिटेल्स, बैंक और यूपीआई ट्रांजैक्शन हिस्ट्री जुटाई।

डीसीपी ने कहा- शर्मा केवल व्हाट्सएप कॉल और चैट के माध्यम से शिकायतकर्ता से संवाद करता था। व्हाट्सएप, बैंकों और वॉलेट से विवरण मांगा गया था। तकनीकी सुराग के साथ, आरोपी को बेंगलुरु के एक होटल में फ्लाइंग लेफ्टिनेंट के फर्जी पहचान पत्र और तीन स्मार्टफोन के साथ ट्रेस किया गया।

उसे गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया। डीसीपी ने कहा- छतरपुर में शर्मा के किराए के आवास पर छापे मारे गए और पुलिस ने आईएएफ वर्दी (नेम प्लेट, रैंक, बैज, टोपी), पांच गोलियों के साथ एयर पिस्टल बंदूक, विभिन्न टिकटें, आईएएफ लेटरहेड, कॉल लेटर, आईएएफ परिवार आश्रित कार्ड और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।

डीसीपी ने आगे कहा कि शर्मा आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ दिल्ली और उत्तर प्रदेश में तीन प्राथमिकी भी दर्ज हैं। शर्मा भारतीय वायुसेना की आंतरिक जानकारी से अच्छी तरह वाकिफ था और इसका इस्तेमाल लोगों को धोखा देने के लिए करता था। अब तक की गई पुलिस जांच में पता चला है कि उसने बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद, जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर, पणजी, कोच्चि, बीदर, पटना, जम्मू और बेलगाम जैसे विभिन्न शहरों के युवाओं के साथ धोखाधड़ी की थी।

अधिकारी ने कहा, वह लोगों को प्रभावित करने के लिए वायुसेना की वर्दी में लोगों से मिलता था। उन्होंने कहा कि मामले की जांच चल रही है।

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आरोपी की पहचान पश्चिमी दिल्ली के विकास विहार निवासी 39 वर्षीय कमल शर्मा के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, महिला शिकायतकर्ता ने साइबर क्राइम रिपोटिर्ंग पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि वह ऑनलाइन एप्प के माध्यम से एक ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आई थी, जो वी एलिमिनेट पॉवर्टी नाउ नाम से एक एनजीओ चलाता है।

पुलिस उपायुक्त, बाहरी उत्तर, रवि कुमार सिंह ने कहा- कुछ समय बाद, उसने खुद को वायु सेना के राजपत्रित अधिकारी (फ्लाइंग लेफ्टिनेंट) के रूप में पेश किया और भारतीय वायु सेना में नौकरी के नाम पर उससे 12 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। आरोपी कमल ने व्हाट्सएप और मेल के माध्यम से शिकायतकर्ता को चिकित्सा परीक्षण और नियुक्ति पत्र के लिए एक पत्र भी भेजा।

उन्होंने कहा- लेकिन बाद में, लंबे समय के बाद जब उसने भारतीय वायुसेना में नौकरी पाने की अपनी उम्मीद खो दी थी, तो उसने आरोपी से अपने पैसे वापस मांगना शुरू कर दिया, लेकिन व्यर्थ। इसके बाद उसने शिकायत दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच के बाद मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गई। जांच के दौरान पुलिस की एक टीम ने व्हाट्सएप चैट हिस्ट्री स्क्रीनशॉट, मेल आईडी डिटेल्स, बैंक और यूपीआई ट्रांजैक्शन हिस्ट्री जुटाई।

डीसीपी ने कहा- शर्मा केवल व्हाट्सएप कॉल और चैट के माध्यम से शिकायतकर्ता से संवाद करता था। व्हाट्सएप, बैंकों और वॉलेट से विवरण मांगा गया था। तकनीकी सुराग के साथ, आरोपी को बेंगलुरु के एक होटल में फ्लाइंग लेफ्टिनेंट के फर्जी पहचान पत्र और तीन स्मार्टफोन के साथ ट्रेस किया गया।

उसे गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया। डीसीपी ने कहा- छतरपुर में शर्मा के किराए के आवास पर छापे मारे गए और पुलिस ने आईएएफ वर्दी (नेम प्लेट, रैंक, बैज, टोपी), पांच गोलियों के साथ एयर पिस्टल बंदूक, विभिन्न टिकटें, आईएएफ लेटरहेड, कॉल लेटर, आईएएफ परिवार आश्रित कार्ड और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।

डीसीपी ने आगे कहा कि शर्मा आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ दिल्ली और उत्तर प्रदेश में तीन प्राथमिकी भी दर्ज हैं। शर्मा भारतीय वायुसेना की आंतरिक जानकारी से अच्छी तरह वाकिफ था और इसका इस्तेमाल लोगों को धोखा देने के लिए करता था। अब तक की गई पुलिस जांच में पता चला है कि उसने बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद, जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर, पणजी, कोच्चि, बीदर, पटना, जम्मू और बेलगाम जैसे विभिन्न शहरों के युवाओं के साथ धोखाधड़ी की थी।

अधिकारी ने कहा, वह लोगों को प्रभावित करने के लिए वायुसेना की वर्दी में लोगों से मिलता था। उन्होंने कहा कि मामले की जांच चल रही है।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

नई दिल्ली, 23 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फ्लाइट लेफ्टिनेंट बनकर और भारतीय वायु सेना में करियर बनाने का लालच देकर 100 से अधिक बेरोजगार युवाओं को ठगने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।

आरोपी की पहचान पश्चिमी दिल्ली के विकास विहार निवासी 39 वर्षीय कमल शर्मा के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, महिला शिकायतकर्ता ने साइबर क्राइम रिपोटिर्ंग पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि वह ऑनलाइन एप्प के माध्यम से एक ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आई थी, जो वी एलिमिनेट पॉवर्टी नाउ नाम से एक एनजीओ चलाता है।

पुलिस उपायुक्त, बाहरी उत्तर, रवि कुमार सिंह ने कहा- कुछ समय बाद, उसने खुद को वायु सेना के राजपत्रित अधिकारी (फ्लाइंग लेफ्टिनेंट) के रूप में पेश किया और भारतीय वायु सेना में नौकरी के नाम पर उससे 12 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। आरोपी कमल ने व्हाट्सएप और मेल के माध्यम से शिकायतकर्ता को चिकित्सा परीक्षण और नियुक्ति पत्र के लिए एक पत्र भी भेजा।

उन्होंने कहा- लेकिन बाद में, लंबे समय के बाद जब उसने भारतीय वायुसेना में नौकरी पाने की अपनी उम्मीद खो दी थी, तो उसने आरोपी से अपने पैसे वापस मांगना शुरू कर दिया, लेकिन व्यर्थ। इसके बाद उसने शिकायत दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच के बाद मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गई। जांच के दौरान पुलिस की एक टीम ने व्हाट्सएप चैट हिस्ट्री स्क्रीनशॉट, मेल आईडी डिटेल्स, बैंक और यूपीआई ट्रांजैक्शन हिस्ट्री जुटाई।

डीसीपी ने कहा- शर्मा केवल व्हाट्सएप कॉल और चैट के माध्यम से शिकायतकर्ता से संवाद करता था। व्हाट्सएप, बैंकों और वॉलेट से विवरण मांगा गया था। तकनीकी सुराग के साथ, आरोपी को बेंगलुरु के एक होटल में फ्लाइंग लेफ्टिनेंट के फर्जी पहचान पत्र और तीन स्मार्टफोन के साथ ट्रेस किया गया।

उसे गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया। डीसीपी ने कहा- छतरपुर में शर्मा के किराए के आवास पर छापे मारे गए और पुलिस ने आईएएफ वर्दी (नेम प्लेट, रैंक, बैज, टोपी), पांच गोलियों के साथ एयर पिस्टल बंदूक, विभिन्न टिकटें, आईएएफ लेटरहेड, कॉल लेटर, आईएएफ परिवार आश्रित कार्ड और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।

डीसीपी ने आगे कहा कि शर्मा आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ दिल्ली और उत्तर प्रदेश में तीन प्राथमिकी भी दर्ज हैं। शर्मा भारतीय वायुसेना की आंतरिक जानकारी से अच्छी तरह वाकिफ था और इसका इस्तेमाल लोगों को धोखा देने के लिए करता था। अब तक की गई पुलिस जांच में पता चला है कि उसने बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद, जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर, पणजी, कोच्चि, बीदर, पटना, जम्मू और बेलगाम जैसे विभिन्न शहरों के युवाओं के साथ धोखाधड़ी की थी।

अधिकारी ने कहा, वह लोगों को प्रभावित करने के लिए वायुसेना की वर्दी में लोगों से मिलता था। उन्होंने कहा कि मामले की जांच चल रही है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 23 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फ्लाइट लेफ्टिनेंट बनकर और भारतीय वायु सेना में करियर बनाने का लालच देकर 100 से अधिक बेरोजगार युवाओं को ठगने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।

आरोपी की पहचान पश्चिमी दिल्ली के विकास विहार निवासी 39 वर्षीय कमल शर्मा के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, महिला शिकायतकर्ता ने साइबर क्राइम रिपोटिर्ंग पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि वह ऑनलाइन एप्प के माध्यम से एक ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आई थी, जो वी एलिमिनेट पॉवर्टी नाउ नाम से एक एनजीओ चलाता है।

पुलिस उपायुक्त, बाहरी उत्तर, रवि कुमार सिंह ने कहा- कुछ समय बाद, उसने खुद को वायु सेना के राजपत्रित अधिकारी (फ्लाइंग लेफ्टिनेंट) के रूप में पेश किया और भारतीय वायु सेना में नौकरी के नाम पर उससे 12 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। आरोपी कमल ने व्हाट्सएप और मेल के माध्यम से शिकायतकर्ता को चिकित्सा परीक्षण और नियुक्ति पत्र के लिए एक पत्र भी भेजा।

उन्होंने कहा- लेकिन बाद में, लंबे समय के बाद जब उसने भारतीय वायुसेना में नौकरी पाने की अपनी उम्मीद खो दी थी, तो उसने आरोपी से अपने पैसे वापस मांगना शुरू कर दिया, लेकिन व्यर्थ। इसके बाद उसने शिकायत दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच के बाद मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गई। जांच के दौरान पुलिस की एक टीम ने व्हाट्सएप चैट हिस्ट्री स्क्रीनशॉट, मेल आईडी डिटेल्स, बैंक और यूपीआई ट्रांजैक्शन हिस्ट्री जुटाई।

डीसीपी ने कहा- शर्मा केवल व्हाट्सएप कॉल और चैट के माध्यम से शिकायतकर्ता से संवाद करता था। व्हाट्सएप, बैंकों और वॉलेट से विवरण मांगा गया था। तकनीकी सुराग के साथ, आरोपी को बेंगलुरु के एक होटल में फ्लाइंग लेफ्टिनेंट के फर्जी पहचान पत्र और तीन स्मार्टफोन के साथ ट्रेस किया गया।

उसे गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया। डीसीपी ने कहा- छतरपुर में शर्मा के किराए के आवास पर छापे मारे गए और पुलिस ने आईएएफ वर्दी (नेम प्लेट, रैंक, बैज, टोपी), पांच गोलियों के साथ एयर पिस्टल बंदूक, विभिन्न टिकटें, आईएएफ लेटरहेड, कॉल लेटर, आईएएफ परिवार आश्रित कार्ड और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।

डीसीपी ने आगे कहा कि शर्मा आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ दिल्ली और उत्तर प्रदेश में तीन प्राथमिकी भी दर्ज हैं। शर्मा भारतीय वायुसेना की आंतरिक जानकारी से अच्छी तरह वाकिफ था और इसका इस्तेमाल लोगों को धोखा देने के लिए करता था। अब तक की गई पुलिस जांच में पता चला है कि उसने बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद, जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर, पणजी, कोच्चि, बीदर, पटना, जम्मू और बेलगाम जैसे विभिन्न शहरों के युवाओं के साथ धोखाधड़ी की थी।

अधिकारी ने कहा, वह लोगों को प्रभावित करने के लिए वायुसेना की वर्दी में लोगों से मिलता था। उन्होंने कहा कि मामले की जांच चल रही है।

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नई दिल्ली, 23 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फ्लाइट लेफ्टिनेंट बनकर और भारतीय वायु सेना में करियर बनाने का लालच देकर 100 से अधिक बेरोजगार युवाओं को ठगने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।

आरोपी की पहचान पश्चिमी दिल्ली के विकास विहार निवासी 39 वर्षीय कमल शर्मा के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, महिला शिकायतकर्ता ने साइबर क्राइम रिपोटिर्ंग पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि वह ऑनलाइन एप्प के माध्यम से एक ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आई थी, जो वी एलिमिनेट पॉवर्टी नाउ नाम से एक एनजीओ चलाता है।

पुलिस उपायुक्त, बाहरी उत्तर, रवि कुमार सिंह ने कहा- कुछ समय बाद, उसने खुद को वायु सेना के राजपत्रित अधिकारी (फ्लाइंग लेफ्टिनेंट) के रूप में पेश किया और भारतीय वायु सेना में नौकरी के नाम पर उससे 12 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। आरोपी कमल ने व्हाट्सएप और मेल के माध्यम से शिकायतकर्ता को चिकित्सा परीक्षण और नियुक्ति पत्र के लिए एक पत्र भी भेजा।

उन्होंने कहा- लेकिन बाद में, लंबे समय के बाद जब उसने भारतीय वायुसेना में नौकरी पाने की अपनी उम्मीद खो दी थी, तो उसने आरोपी से अपने पैसे वापस मांगना शुरू कर दिया, लेकिन व्यर्थ। इसके बाद उसने शिकायत दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच के बाद मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गई। जांच के दौरान पुलिस की एक टीम ने व्हाट्सएप चैट हिस्ट्री स्क्रीनशॉट, मेल आईडी डिटेल्स, बैंक और यूपीआई ट्रांजैक्शन हिस्ट्री जुटाई।

डीसीपी ने कहा- शर्मा केवल व्हाट्सएप कॉल और चैट के माध्यम से शिकायतकर्ता से संवाद करता था। व्हाट्सएप, बैंकों और वॉलेट से विवरण मांगा गया था। तकनीकी सुराग के साथ, आरोपी को बेंगलुरु के एक होटल में फ्लाइंग लेफ्टिनेंट के फर्जी पहचान पत्र और तीन स्मार्टफोन के साथ ट्रेस किया गया।

उसे गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया। डीसीपी ने कहा- छतरपुर में शर्मा के किराए के आवास पर छापे मारे गए और पुलिस ने आईएएफ वर्दी (नेम प्लेट, रैंक, बैज, टोपी), पांच गोलियों के साथ एयर पिस्टल बंदूक, विभिन्न टिकटें, आईएएफ लेटरहेड, कॉल लेटर, आईएएफ परिवार आश्रित कार्ड और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।

डीसीपी ने आगे कहा कि शर्मा आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ दिल्ली और उत्तर प्रदेश में तीन प्राथमिकी भी दर्ज हैं। शर्मा भारतीय वायुसेना की आंतरिक जानकारी से अच्छी तरह वाकिफ था और इसका इस्तेमाल लोगों को धोखा देने के लिए करता था। अब तक की गई पुलिस जांच में पता चला है कि उसने बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद, जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर, पणजी, कोच्चि, बीदर, पटना, जम्मू और बेलगाम जैसे विभिन्न शहरों के युवाओं के साथ धोखाधड़ी की थी।

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नई दिल्ली, 23 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फ्लाइट लेफ्टिनेंट बनकर और भारतीय वायु सेना में करियर बनाने का लालच देकर 100 से अधिक बेरोजगार युवाओं को ठगने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।

आरोपी की पहचान पश्चिमी दिल्ली के विकास विहार निवासी 39 वर्षीय कमल शर्मा के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, महिला शिकायतकर्ता ने साइबर क्राइम रिपोटिर्ंग पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि वह ऑनलाइन एप्प के माध्यम से एक ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आई थी, जो वी एलिमिनेट पॉवर्टी नाउ नाम से एक एनजीओ चलाता है।

पुलिस उपायुक्त, बाहरी उत्तर, रवि कुमार सिंह ने कहा- कुछ समय बाद, उसने खुद को वायु सेना के राजपत्रित अधिकारी (फ्लाइंग लेफ्टिनेंट) के रूप में पेश किया और भारतीय वायु सेना में नौकरी के नाम पर उससे 12 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। आरोपी कमल ने व्हाट्सएप और मेल के माध्यम से शिकायतकर्ता को चिकित्सा परीक्षण और नियुक्ति पत्र के लिए एक पत्र भी भेजा।

उन्होंने कहा- लेकिन बाद में, लंबे समय के बाद जब उसने भारतीय वायुसेना में नौकरी पाने की अपनी उम्मीद खो दी थी, तो उसने आरोपी से अपने पैसे वापस मांगना शुरू कर दिया, लेकिन व्यर्थ। इसके बाद उसने शिकायत दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच के बाद मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गई। जांच के दौरान पुलिस की एक टीम ने व्हाट्सएप चैट हिस्ट्री स्क्रीनशॉट, मेल आईडी डिटेल्स, बैंक और यूपीआई ट्रांजैक्शन हिस्ट्री जुटाई।

डीसीपी ने कहा- शर्मा केवल व्हाट्सएप कॉल और चैट के माध्यम से शिकायतकर्ता से संवाद करता था। व्हाट्सएप, बैंकों और वॉलेट से विवरण मांगा गया था। तकनीकी सुराग के साथ, आरोपी को बेंगलुरु के एक होटल में फ्लाइंग लेफ्टिनेंट के फर्जी पहचान पत्र और तीन स्मार्टफोन के साथ ट्रेस किया गया।

उसे गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया। डीसीपी ने कहा- छतरपुर में शर्मा के किराए के आवास पर छापे मारे गए और पुलिस ने आईएएफ वर्दी (नेम प्लेट, रैंक, बैज, टोपी), पांच गोलियों के साथ एयर पिस्टल बंदूक, विभिन्न टिकटें, आईएएफ लेटरहेड, कॉल लेटर, आईएएफ परिवार आश्रित कार्ड और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।

डीसीपी ने आगे कहा कि शर्मा आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ दिल्ली और उत्तर प्रदेश में तीन प्राथमिकी भी दर्ज हैं। शर्मा भारतीय वायुसेना की आंतरिक जानकारी से अच्छी तरह वाकिफ था और इसका इस्तेमाल लोगों को धोखा देने के लिए करता था। अब तक की गई पुलिस जांच में पता चला है कि उसने बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद, जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर, पणजी, कोच्चि, बीदर, पटना, जम्मू और बेलगाम जैसे विभिन्न शहरों के युवाओं के साथ धोखाधड़ी की थी।

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नई दिल्ली, 23 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फ्लाइट लेफ्टिनेंट बनकर और भारतीय वायु सेना में करियर बनाने का लालच देकर 100 से अधिक बेरोजगार युवाओं को ठगने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।

आरोपी की पहचान पश्चिमी दिल्ली के विकास विहार निवासी 39 वर्षीय कमल शर्मा के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, महिला शिकायतकर्ता ने साइबर क्राइम रिपोटिर्ंग पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि वह ऑनलाइन एप्प के माध्यम से एक ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आई थी, जो वी एलिमिनेट पॉवर्टी नाउ नाम से एक एनजीओ चलाता है।

पुलिस उपायुक्त, बाहरी उत्तर, रवि कुमार सिंह ने कहा- कुछ समय बाद, उसने खुद को वायु सेना के राजपत्रित अधिकारी (फ्लाइंग लेफ्टिनेंट) के रूप में पेश किया और भारतीय वायु सेना में नौकरी के नाम पर उससे 12 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। आरोपी कमल ने व्हाट्सएप और मेल के माध्यम से शिकायतकर्ता को चिकित्सा परीक्षण और नियुक्ति पत्र के लिए एक पत्र भी भेजा।

उन्होंने कहा- लेकिन बाद में, लंबे समय के बाद जब उसने भारतीय वायुसेना में नौकरी पाने की अपनी उम्मीद खो दी थी, तो उसने आरोपी से अपने पैसे वापस मांगना शुरू कर दिया, लेकिन व्यर्थ। इसके बाद उसने शिकायत दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच के बाद मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गई। जांच के दौरान पुलिस की एक टीम ने व्हाट्सएप चैट हिस्ट्री स्क्रीनशॉट, मेल आईडी डिटेल्स, बैंक और यूपीआई ट्रांजैक्शन हिस्ट्री जुटाई।

डीसीपी ने कहा- शर्मा केवल व्हाट्सएप कॉल और चैट के माध्यम से शिकायतकर्ता से संवाद करता था। व्हाट्सएप, बैंकों और वॉलेट से विवरण मांगा गया था। तकनीकी सुराग के साथ, आरोपी को बेंगलुरु के एक होटल में फ्लाइंग लेफ्टिनेंट के फर्जी पहचान पत्र और तीन स्मार्टफोन के साथ ट्रेस किया गया।

उसे गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया। डीसीपी ने कहा- छतरपुर में शर्मा के किराए के आवास पर छापे मारे गए और पुलिस ने आईएएफ वर्दी (नेम प्लेट, रैंक, बैज, टोपी), पांच गोलियों के साथ एयर पिस्टल बंदूक, विभिन्न टिकटें, आईएएफ लेटरहेड, कॉल लेटर, आईएएफ परिवार आश्रित कार्ड और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।

डीसीपी ने आगे कहा कि शर्मा आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ दिल्ली और उत्तर प्रदेश में तीन प्राथमिकी भी दर्ज हैं। शर्मा भारतीय वायुसेना की आंतरिक जानकारी से अच्छी तरह वाकिफ था और इसका इस्तेमाल लोगों को धोखा देने के लिए करता था। अब तक की गई पुलिस जांच में पता चला है कि उसने बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद, जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर, पणजी, कोच्चि, बीदर, पटना, जम्मू और बेलगाम जैसे विभिन्न शहरों के युवाओं के साथ धोखाधड़ी की थी।

अधिकारी ने कहा, वह लोगों को प्रभावित करने के लिए वायुसेना की वर्दी में लोगों से मिलता था। उन्होंने कहा कि मामले की जांच चल रही है।

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नई दिल्ली, 23 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फ्लाइट लेफ्टिनेंट बनकर और भारतीय वायु सेना में करियर बनाने का लालच देकर 100 से अधिक बेरोजगार युवाओं को ठगने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।

आरोपी की पहचान पश्चिमी दिल्ली के विकास विहार निवासी 39 वर्षीय कमल शर्मा के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, महिला शिकायतकर्ता ने साइबर क्राइम रिपोटिर्ंग पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि वह ऑनलाइन एप्प के माध्यम से एक ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आई थी, जो वी एलिमिनेट पॉवर्टी नाउ नाम से एक एनजीओ चलाता है।

पुलिस उपायुक्त, बाहरी उत्तर, रवि कुमार सिंह ने कहा- कुछ समय बाद, उसने खुद को वायु सेना के राजपत्रित अधिकारी (फ्लाइंग लेफ्टिनेंट) के रूप में पेश किया और भारतीय वायु सेना में नौकरी के नाम पर उससे 12 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। आरोपी कमल ने व्हाट्सएप और मेल के माध्यम से शिकायतकर्ता को चिकित्सा परीक्षण और नियुक्ति पत्र के लिए एक पत्र भी भेजा।

उन्होंने कहा- लेकिन बाद में, लंबे समय के बाद जब उसने भारतीय वायुसेना में नौकरी पाने की अपनी उम्मीद खो दी थी, तो उसने आरोपी से अपने पैसे वापस मांगना शुरू कर दिया, लेकिन व्यर्थ। इसके बाद उसने शिकायत दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच के बाद मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गई। जांच के दौरान पुलिस की एक टीम ने व्हाट्सएप चैट हिस्ट्री स्क्रीनशॉट, मेल आईडी डिटेल्स, बैंक और यूपीआई ट्रांजैक्शन हिस्ट्री जुटाई।

डीसीपी ने कहा- शर्मा केवल व्हाट्सएप कॉल और चैट के माध्यम से शिकायतकर्ता से संवाद करता था। व्हाट्सएप, बैंकों और वॉलेट से विवरण मांगा गया था। तकनीकी सुराग के साथ, आरोपी को बेंगलुरु के एक होटल में फ्लाइंग लेफ्टिनेंट के फर्जी पहचान पत्र और तीन स्मार्टफोन के साथ ट्रेस किया गया।

उसे गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया। डीसीपी ने कहा- छतरपुर में शर्मा के किराए के आवास पर छापे मारे गए और पुलिस ने आईएएफ वर्दी (नेम प्लेट, रैंक, बैज, टोपी), पांच गोलियों के साथ एयर पिस्टल बंदूक, विभिन्न टिकटें, आईएएफ लेटरहेड, कॉल लेटर, आईएएफ परिवार आश्रित कार्ड और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।

डीसीपी ने आगे कहा कि शर्मा आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ दिल्ली और उत्तर प्रदेश में तीन प्राथमिकी भी दर्ज हैं। शर्मा भारतीय वायुसेना की आंतरिक जानकारी से अच्छी तरह वाकिफ था और इसका इस्तेमाल लोगों को धोखा देने के लिए करता था। अब तक की गई पुलिस जांच में पता चला है कि उसने बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद, जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर, पणजी, कोच्चि, बीदर, पटना, जम्मू और बेलगाम जैसे विभिन्न शहरों के युवाओं के साथ धोखाधड़ी की थी।

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आरोपी की पहचान पश्चिमी दिल्ली के विकास विहार निवासी 39 वर्षीय कमल शर्मा के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, महिला शिकायतकर्ता ने साइबर क्राइम रिपोटिर्ंग पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि वह ऑनलाइन एप्प के माध्यम से एक ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आई थी, जो वी एलिमिनेट पॉवर्टी नाउ नाम से एक एनजीओ चलाता है।

पुलिस उपायुक्त, बाहरी उत्तर, रवि कुमार सिंह ने कहा- कुछ समय बाद, उसने खुद को वायु सेना के राजपत्रित अधिकारी (फ्लाइंग लेफ्टिनेंट) के रूप में पेश किया और भारतीय वायु सेना में नौकरी के नाम पर उससे 12 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। आरोपी कमल ने व्हाट्सएप और मेल के माध्यम से शिकायतकर्ता को चिकित्सा परीक्षण और नियुक्ति पत्र के लिए एक पत्र भी भेजा।

उन्होंने कहा- लेकिन बाद में, लंबे समय के बाद जब उसने भारतीय वायुसेना में नौकरी पाने की अपनी उम्मीद खो दी थी, तो उसने आरोपी से अपने पैसे वापस मांगना शुरू कर दिया, लेकिन व्यर्थ। इसके बाद उसने शिकायत दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच के बाद मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गई। जांच के दौरान पुलिस की एक टीम ने व्हाट्सएप चैट हिस्ट्री स्क्रीनशॉट, मेल आईडी डिटेल्स, बैंक और यूपीआई ट्रांजैक्शन हिस्ट्री जुटाई।

डीसीपी ने कहा- शर्मा केवल व्हाट्सएप कॉल और चैट के माध्यम से शिकायतकर्ता से संवाद करता था। व्हाट्सएप, बैंकों और वॉलेट से विवरण मांगा गया था। तकनीकी सुराग के साथ, आरोपी को बेंगलुरु के एक होटल में फ्लाइंग लेफ्टिनेंट के फर्जी पहचान पत्र और तीन स्मार्टफोन के साथ ट्रेस किया गया।

उसे गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया। डीसीपी ने कहा- छतरपुर में शर्मा के किराए के आवास पर छापे मारे गए और पुलिस ने आईएएफ वर्दी (नेम प्लेट, रैंक, बैज, टोपी), पांच गोलियों के साथ एयर पिस्टल बंदूक, विभिन्न टिकटें, आईएएफ लेटरहेड, कॉल लेटर, आईएएफ परिवार आश्रित कार्ड और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।

डीसीपी ने आगे कहा कि शर्मा आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ दिल्ली और उत्तर प्रदेश में तीन प्राथमिकी भी दर्ज हैं। शर्मा भारतीय वायुसेना की आंतरिक जानकारी से अच्छी तरह वाकिफ था और इसका इस्तेमाल लोगों को धोखा देने के लिए करता था। अब तक की गई पुलिस जांच में पता चला है कि उसने बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद, जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर, पणजी, कोच्चि, बीदर, पटना, जम्मू और बेलगाम जैसे विभिन्न शहरों के युवाओं के साथ धोखाधड़ी की थी।

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आरोपी की पहचान पश्चिमी दिल्ली के विकास विहार निवासी 39 वर्षीय कमल शर्मा के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, महिला शिकायतकर्ता ने साइबर क्राइम रिपोटिर्ंग पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि वह ऑनलाइन एप्प के माध्यम से एक ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आई थी, जो वी एलिमिनेट पॉवर्टी नाउ नाम से एक एनजीओ चलाता है।

पुलिस उपायुक्त, बाहरी उत्तर, रवि कुमार सिंह ने कहा- कुछ समय बाद, उसने खुद को वायु सेना के राजपत्रित अधिकारी (फ्लाइंग लेफ्टिनेंट) के रूप में पेश किया और भारतीय वायु सेना में नौकरी के नाम पर उससे 12 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। आरोपी कमल ने व्हाट्सएप और मेल के माध्यम से शिकायतकर्ता को चिकित्सा परीक्षण और नियुक्ति पत्र के लिए एक पत्र भी भेजा।

उन्होंने कहा- लेकिन बाद में, लंबे समय के बाद जब उसने भारतीय वायुसेना में नौकरी पाने की अपनी उम्मीद खो दी थी, तो उसने आरोपी से अपने पैसे वापस मांगना शुरू कर दिया, लेकिन व्यर्थ। इसके बाद उसने शिकायत दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच के बाद मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गई। जांच के दौरान पुलिस की एक टीम ने व्हाट्सएप चैट हिस्ट्री स्क्रीनशॉट, मेल आईडी डिटेल्स, बैंक और यूपीआई ट्रांजैक्शन हिस्ट्री जुटाई।

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उसे गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया। डीसीपी ने कहा- छतरपुर में शर्मा के किराए के आवास पर छापे मारे गए और पुलिस ने आईएएफ वर्दी (नेम प्लेट, रैंक, बैज, टोपी), पांच गोलियों के साथ एयर पिस्टल बंदूक, विभिन्न टिकटें, आईएएफ लेटरहेड, कॉल लेटर, आईएएफ परिवार आश्रित कार्ड और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।

डीसीपी ने आगे कहा कि शर्मा आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ दिल्ली और उत्तर प्रदेश में तीन प्राथमिकी भी दर्ज हैं। शर्मा भारतीय वायुसेना की आंतरिक जानकारी से अच्छी तरह वाकिफ था और इसका इस्तेमाल लोगों को धोखा देने के लिए करता था। अब तक की गई पुलिस जांच में पता चला है कि उसने बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद, जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर, पणजी, कोच्चि, बीदर, पटना, जम्मू और बेलगाम जैसे विभिन्न शहरों के युवाओं के साथ धोखाधड़ी की थी।

अधिकारी ने कहा, वह लोगों को प्रभावित करने के लिए वायुसेना की वर्दी में लोगों से मिलता था। उन्होंने कहा कि मामले की जांच चल रही है।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

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