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Home खेल

आईओए प्रमुख और कार्यकारी परिषद के सदस्यों में गतिरोध आया सामने

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April 8, 2024
in खेल
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आईओए प्रमुख और कार्यकारी परिषद के सदस्यों में गतिरोध आया सामने
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नई दिल्ली, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (आईओए) अध्यक्ष पीटी उषा ने सोमवार को एसोसिएशन के कार्यकारी परिषद के सदस्यों को पत्र लिख कर रिटायर्ड कैप्टन अजय कुमार नारंग को “गलत ढंग” से हटाने पर आपत्ति जताई।

आईओए के कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने रिटायर्ड कैप्टन अजय कुमार नारंग के खिलाफ ईमेल के जरिए दो टर्मिनेशन लेटर लिखे, पहला 4 मार्च और दूसरा 11 अप्रैल को। हालांकि, इस दौरान उन्होंने आईओए प्रमुख पीटी उषा को इसकी जानकारी नहीं दी।

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आईओए प्रमुख ने लिखा, “यह देखकर निराशा होती है कि हम अभी भी एक टीम के रूप में काम नहीं कर पा रहे हैं, और आपकी हर हरकत मुझे दरकिनार करने का प्रयास है। यह आपके ध्यान में लाया जाता है कि कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को मैंने पिछले साल अपने कार्यकारी सहायक के रूप में नियुक्त किया था।”

“अध्यक्ष के कार्यकारी सहायक के रूप में, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को अकेले मुझे रिपोर्ट करना था और अध्यक्ष, आईओए के सभी पत्राचार/यात्रा/नियुक्तियों/बैठकों आदि में भाग लेना था। इस प्रकार, यह स्वाभाविक रूप से स्पष्ट हो जाता है कि उनका विस्तार और/या समाप्ति मेरी सिफारिश पर आधारित होगी, न कि कार्यकारी परिषद सहित किसी अन्य की, जिन्हें उनके काम के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है।”

आईओए प्रमुख ने आगे लिखा, “मैंने इस बात पर ध्यान दिया कि आपने टर्मिनेशन लेटर में मेरे द्वारा हस्ताक्षरित उनके नियुक्ति पत्र के क्लॉज 10 का संदर्भ दिया है। कृपया ध्यान दें कि आईओए के अध्यक्ष के रूप में मैं आईओए का एक हिस्सा हूं, जिसके पास अधिकार हैं। इसके अलावा, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के प्रदर्शन पर मुझसे परामर्श करना और मेरी राय लेना आपका कर्तव्य था।”

“मैं वर्तमान में कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के काम से संतुष्ट हूं और मुझे उनकी सेवाएं समाप्त या टर्मिनेशन लेटर देने का कोई कारण नहीं दिखता।”

“इसके अलावा, मेरे पास आप सभी को यह याद दिलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है कि कर्मचारियों की भर्ती और बर्खास्तगी सहित दिन-प्रतिदिन के प्रशासनिक कार्य कार्यकारी परिषद का काम नहीं है। कार्यकारी परिषद के रूप में, हमें आईओए को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अपनी शक्तियों और अधिकारों का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष/उपाध्यक्ष केवल अध्यक्ष की अनुपस्थिति में ही अध्यक्ष के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को संभाल सकते हैं।”

“इस प्रकार, सभी कार्यकारी परिषद के सदस्यों से अनुरोध है कि वे आईओए संविधान द्वारा दी गई शक्तियों और जिम्मेदारियों से अधिक कार्य न करें और इस तरह प्रावधानों का सीधा उल्लंघन न करें। मैं आपसे एक बार फिर आग्रह करती हूं कि आप भारत में एथलीटों और खेल की बेहतरी के लिए एक टीम के रूप में काम करना शुरू करें।”

इस पत्र में आईओए प्रमुख ने आईओए स्टाफ को निर्देश दिया है कि वे आईओए भवन में पोस्ट किए गए दिनांक 02.04.2024 के नोटिस की सभी कॉपी हटा दें। इसके अलावा, आईओए स्टाफ को उनके कार्यकारी सहायक के माध्यम से उनके निर्देशों का पालन करने का निर्देश भी दिया गया है।

–आईएएनएस

एएमजे/एसकेपी

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नई दिल्ली, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (आईओए) अध्यक्ष पीटी उषा ने सोमवार को एसोसिएशन के कार्यकारी परिषद के सदस्यों को पत्र लिख कर रिटायर्ड कैप्टन अजय कुमार नारंग को “गलत ढंग” से हटाने पर आपत्ति जताई।

आईओए के कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने रिटायर्ड कैप्टन अजय कुमार नारंग के खिलाफ ईमेल के जरिए दो टर्मिनेशन लेटर लिखे, पहला 4 मार्च और दूसरा 11 अप्रैल को। हालांकि, इस दौरान उन्होंने आईओए प्रमुख पीटी उषा को इसकी जानकारी नहीं दी।

आईओए प्रमुख ने लिखा, “यह देखकर निराशा होती है कि हम अभी भी एक टीम के रूप में काम नहीं कर पा रहे हैं, और आपकी हर हरकत मुझे दरकिनार करने का प्रयास है। यह आपके ध्यान में लाया जाता है कि कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को मैंने पिछले साल अपने कार्यकारी सहायक के रूप में नियुक्त किया था।”

“अध्यक्ष के कार्यकारी सहायक के रूप में, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को अकेले मुझे रिपोर्ट करना था और अध्यक्ष, आईओए के सभी पत्राचार/यात्रा/नियुक्तियों/बैठकों आदि में भाग लेना था। इस प्रकार, यह स्वाभाविक रूप से स्पष्ट हो जाता है कि उनका विस्तार और/या समाप्ति मेरी सिफारिश पर आधारित होगी, न कि कार्यकारी परिषद सहित किसी अन्य की, जिन्हें उनके काम के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है।”

आईओए प्रमुख ने आगे लिखा, “मैंने इस बात पर ध्यान दिया कि आपने टर्मिनेशन लेटर में मेरे द्वारा हस्ताक्षरित उनके नियुक्ति पत्र के क्लॉज 10 का संदर्भ दिया है। कृपया ध्यान दें कि आईओए के अध्यक्ष के रूप में मैं आईओए का एक हिस्सा हूं, जिसके पास अधिकार हैं। इसके अलावा, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के प्रदर्शन पर मुझसे परामर्श करना और मेरी राय लेना आपका कर्तव्य था।”

“मैं वर्तमान में कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के काम से संतुष्ट हूं और मुझे उनकी सेवाएं समाप्त या टर्मिनेशन लेटर देने का कोई कारण नहीं दिखता।”

“इसके अलावा, मेरे पास आप सभी को यह याद दिलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है कि कर्मचारियों की भर्ती और बर्खास्तगी सहित दिन-प्रतिदिन के प्रशासनिक कार्य कार्यकारी परिषद का काम नहीं है। कार्यकारी परिषद के रूप में, हमें आईओए को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अपनी शक्तियों और अधिकारों का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष/उपाध्यक्ष केवल अध्यक्ष की अनुपस्थिति में ही अध्यक्ष के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को संभाल सकते हैं।”

“इस प्रकार, सभी कार्यकारी परिषद के सदस्यों से अनुरोध है कि वे आईओए संविधान द्वारा दी गई शक्तियों और जिम्मेदारियों से अधिक कार्य न करें और इस तरह प्रावधानों का सीधा उल्लंघन न करें। मैं आपसे एक बार फिर आग्रह करती हूं कि आप भारत में एथलीटों और खेल की बेहतरी के लिए एक टीम के रूप में काम करना शुरू करें।”

इस पत्र में आईओए प्रमुख ने आईओए स्टाफ को निर्देश दिया है कि वे आईओए भवन में पोस्ट किए गए दिनांक 02.04.2024 के नोटिस की सभी कॉपी हटा दें। इसके अलावा, आईओए स्टाफ को उनके कार्यकारी सहायक के माध्यम से उनके निर्देशों का पालन करने का निर्देश भी दिया गया है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (आईओए) अध्यक्ष पीटी उषा ने सोमवार को एसोसिएशन के कार्यकारी परिषद के सदस्यों को पत्र लिख कर रिटायर्ड कैप्टन अजय कुमार नारंग को “गलत ढंग” से हटाने पर आपत्ति जताई।

आईओए के कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने रिटायर्ड कैप्टन अजय कुमार नारंग के खिलाफ ईमेल के जरिए दो टर्मिनेशन लेटर लिखे, पहला 4 मार्च और दूसरा 11 अप्रैल को। हालांकि, इस दौरान उन्होंने आईओए प्रमुख पीटी उषा को इसकी जानकारी नहीं दी।

आईओए प्रमुख ने लिखा, “यह देखकर निराशा होती है कि हम अभी भी एक टीम के रूप में काम नहीं कर पा रहे हैं, और आपकी हर हरकत मुझे दरकिनार करने का प्रयास है। यह आपके ध्यान में लाया जाता है कि कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को मैंने पिछले साल अपने कार्यकारी सहायक के रूप में नियुक्त किया था।”

“अध्यक्ष के कार्यकारी सहायक के रूप में, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को अकेले मुझे रिपोर्ट करना था और अध्यक्ष, आईओए के सभी पत्राचार/यात्रा/नियुक्तियों/बैठकों आदि में भाग लेना था। इस प्रकार, यह स्वाभाविक रूप से स्पष्ट हो जाता है कि उनका विस्तार और/या समाप्ति मेरी सिफारिश पर आधारित होगी, न कि कार्यकारी परिषद सहित किसी अन्य की, जिन्हें उनके काम के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है।”

आईओए प्रमुख ने आगे लिखा, “मैंने इस बात पर ध्यान दिया कि आपने टर्मिनेशन लेटर में मेरे द्वारा हस्ताक्षरित उनके नियुक्ति पत्र के क्लॉज 10 का संदर्भ दिया है। कृपया ध्यान दें कि आईओए के अध्यक्ष के रूप में मैं आईओए का एक हिस्सा हूं, जिसके पास अधिकार हैं। इसके अलावा, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के प्रदर्शन पर मुझसे परामर्श करना और मेरी राय लेना आपका कर्तव्य था।”

“मैं वर्तमान में कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के काम से संतुष्ट हूं और मुझे उनकी सेवाएं समाप्त या टर्मिनेशन लेटर देने का कोई कारण नहीं दिखता।”

“इसके अलावा, मेरे पास आप सभी को यह याद दिलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है कि कर्मचारियों की भर्ती और बर्खास्तगी सहित दिन-प्रतिदिन के प्रशासनिक कार्य कार्यकारी परिषद का काम नहीं है। कार्यकारी परिषद के रूप में, हमें आईओए को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अपनी शक्तियों और अधिकारों का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष/उपाध्यक्ष केवल अध्यक्ष की अनुपस्थिति में ही अध्यक्ष के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को संभाल सकते हैं।”

“इस प्रकार, सभी कार्यकारी परिषद के सदस्यों से अनुरोध है कि वे आईओए संविधान द्वारा दी गई शक्तियों और जिम्मेदारियों से अधिक कार्य न करें और इस तरह प्रावधानों का सीधा उल्लंघन न करें। मैं आपसे एक बार फिर आग्रह करती हूं कि आप भारत में एथलीटों और खेल की बेहतरी के लिए एक टीम के रूप में काम करना शुरू करें।”

इस पत्र में आईओए प्रमुख ने आईओए स्टाफ को निर्देश दिया है कि वे आईओए भवन में पोस्ट किए गए दिनांक 02.04.2024 के नोटिस की सभी कॉपी हटा दें। इसके अलावा, आईओए स्टाफ को उनके कार्यकारी सहायक के माध्यम से उनके निर्देशों का पालन करने का निर्देश भी दिया गया है।

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आईओए के कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने रिटायर्ड कैप्टन अजय कुमार नारंग के खिलाफ ईमेल के जरिए दो टर्मिनेशन लेटर लिखे, पहला 4 मार्च और दूसरा 11 अप्रैल को। हालांकि, इस दौरान उन्होंने आईओए प्रमुख पीटी उषा को इसकी जानकारी नहीं दी।

आईओए प्रमुख ने लिखा, “यह देखकर निराशा होती है कि हम अभी भी एक टीम के रूप में काम नहीं कर पा रहे हैं, और आपकी हर हरकत मुझे दरकिनार करने का प्रयास है। यह आपके ध्यान में लाया जाता है कि कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को मैंने पिछले साल अपने कार्यकारी सहायक के रूप में नियुक्त किया था।”

“अध्यक्ष के कार्यकारी सहायक के रूप में, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को अकेले मुझे रिपोर्ट करना था और अध्यक्ष, आईओए के सभी पत्राचार/यात्रा/नियुक्तियों/बैठकों आदि में भाग लेना था। इस प्रकार, यह स्वाभाविक रूप से स्पष्ट हो जाता है कि उनका विस्तार और/या समाप्ति मेरी सिफारिश पर आधारित होगी, न कि कार्यकारी परिषद सहित किसी अन्य की, जिन्हें उनके काम के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है।”

आईओए प्रमुख ने आगे लिखा, “मैंने इस बात पर ध्यान दिया कि आपने टर्मिनेशन लेटर में मेरे द्वारा हस्ताक्षरित उनके नियुक्ति पत्र के क्लॉज 10 का संदर्भ दिया है। कृपया ध्यान दें कि आईओए के अध्यक्ष के रूप में मैं आईओए का एक हिस्सा हूं, जिसके पास अधिकार हैं। इसके अलावा, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के प्रदर्शन पर मुझसे परामर्श करना और मेरी राय लेना आपका कर्तव्य था।”

“मैं वर्तमान में कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के काम से संतुष्ट हूं और मुझे उनकी सेवाएं समाप्त या टर्मिनेशन लेटर देने का कोई कारण नहीं दिखता।”

“इसके अलावा, मेरे पास आप सभी को यह याद दिलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है कि कर्मचारियों की भर्ती और बर्खास्तगी सहित दिन-प्रतिदिन के प्रशासनिक कार्य कार्यकारी परिषद का काम नहीं है। कार्यकारी परिषद के रूप में, हमें आईओए को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अपनी शक्तियों और अधिकारों का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष/उपाध्यक्ष केवल अध्यक्ष की अनुपस्थिति में ही अध्यक्ष के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को संभाल सकते हैं।”

“इस प्रकार, सभी कार्यकारी परिषद के सदस्यों से अनुरोध है कि वे आईओए संविधान द्वारा दी गई शक्तियों और जिम्मेदारियों से अधिक कार्य न करें और इस तरह प्रावधानों का सीधा उल्लंघन न करें। मैं आपसे एक बार फिर आग्रह करती हूं कि आप भारत में एथलीटों और खेल की बेहतरी के लिए एक टीम के रूप में काम करना शुरू करें।”

इस पत्र में आईओए प्रमुख ने आईओए स्टाफ को निर्देश दिया है कि वे आईओए भवन में पोस्ट किए गए दिनांक 02.04.2024 के नोटिस की सभी कॉपी हटा दें। इसके अलावा, आईओए स्टाफ को उनके कार्यकारी सहायक के माध्यम से उनके निर्देशों का पालन करने का निर्देश भी दिया गया है।

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आईओए के कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने रिटायर्ड कैप्टन अजय कुमार नारंग के खिलाफ ईमेल के जरिए दो टर्मिनेशन लेटर लिखे, पहला 4 मार्च और दूसरा 11 अप्रैल को। हालांकि, इस दौरान उन्होंने आईओए प्रमुख पीटी उषा को इसकी जानकारी नहीं दी।

आईओए प्रमुख ने लिखा, “यह देखकर निराशा होती है कि हम अभी भी एक टीम के रूप में काम नहीं कर पा रहे हैं, और आपकी हर हरकत मुझे दरकिनार करने का प्रयास है। यह आपके ध्यान में लाया जाता है कि कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को मैंने पिछले साल अपने कार्यकारी सहायक के रूप में नियुक्त किया था।”

“अध्यक्ष के कार्यकारी सहायक के रूप में, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को अकेले मुझे रिपोर्ट करना था और अध्यक्ष, आईओए के सभी पत्राचार/यात्रा/नियुक्तियों/बैठकों आदि में भाग लेना था। इस प्रकार, यह स्वाभाविक रूप से स्पष्ट हो जाता है कि उनका विस्तार और/या समाप्ति मेरी सिफारिश पर आधारित होगी, न कि कार्यकारी परिषद सहित किसी अन्य की, जिन्हें उनके काम के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है।”

आईओए प्रमुख ने आगे लिखा, “मैंने इस बात पर ध्यान दिया कि आपने टर्मिनेशन लेटर में मेरे द्वारा हस्ताक्षरित उनके नियुक्ति पत्र के क्लॉज 10 का संदर्भ दिया है। कृपया ध्यान दें कि आईओए के अध्यक्ष के रूप में मैं आईओए का एक हिस्सा हूं, जिसके पास अधिकार हैं। इसके अलावा, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के प्रदर्शन पर मुझसे परामर्श करना और मेरी राय लेना आपका कर्तव्य था।”

“मैं वर्तमान में कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के काम से संतुष्ट हूं और मुझे उनकी सेवाएं समाप्त या टर्मिनेशन लेटर देने का कोई कारण नहीं दिखता।”

“इसके अलावा, मेरे पास आप सभी को यह याद दिलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है कि कर्मचारियों की भर्ती और बर्खास्तगी सहित दिन-प्रतिदिन के प्रशासनिक कार्य कार्यकारी परिषद का काम नहीं है। कार्यकारी परिषद के रूप में, हमें आईओए को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अपनी शक्तियों और अधिकारों का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष/उपाध्यक्ष केवल अध्यक्ष की अनुपस्थिति में ही अध्यक्ष के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को संभाल सकते हैं।”

“इस प्रकार, सभी कार्यकारी परिषद के सदस्यों से अनुरोध है कि वे आईओए संविधान द्वारा दी गई शक्तियों और जिम्मेदारियों से अधिक कार्य न करें और इस तरह प्रावधानों का सीधा उल्लंघन न करें। मैं आपसे एक बार फिर आग्रह करती हूं कि आप भारत में एथलीटों और खेल की बेहतरी के लिए एक टीम के रूप में काम करना शुरू करें।”

इस पत्र में आईओए प्रमुख ने आईओए स्टाफ को निर्देश दिया है कि वे आईओए भवन में पोस्ट किए गए दिनांक 02.04.2024 के नोटिस की सभी कॉपी हटा दें। इसके अलावा, आईओए स्टाफ को उनके कार्यकारी सहायक के माध्यम से उनके निर्देशों का पालन करने का निर्देश भी दिया गया है।

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नई दिल्ली, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (आईओए) अध्यक्ष पीटी उषा ने सोमवार को एसोसिएशन के कार्यकारी परिषद के सदस्यों को पत्र लिख कर रिटायर्ड कैप्टन अजय कुमार नारंग को “गलत ढंग” से हटाने पर आपत्ति जताई।

आईओए के कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने रिटायर्ड कैप्टन अजय कुमार नारंग के खिलाफ ईमेल के जरिए दो टर्मिनेशन लेटर लिखे, पहला 4 मार्च और दूसरा 11 अप्रैल को। हालांकि, इस दौरान उन्होंने आईओए प्रमुख पीटी उषा को इसकी जानकारी नहीं दी।

आईओए प्रमुख ने लिखा, “यह देखकर निराशा होती है कि हम अभी भी एक टीम के रूप में काम नहीं कर पा रहे हैं, और आपकी हर हरकत मुझे दरकिनार करने का प्रयास है। यह आपके ध्यान में लाया जाता है कि कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को मैंने पिछले साल अपने कार्यकारी सहायक के रूप में नियुक्त किया था।”

“अध्यक्ष के कार्यकारी सहायक के रूप में, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को अकेले मुझे रिपोर्ट करना था और अध्यक्ष, आईओए के सभी पत्राचार/यात्रा/नियुक्तियों/बैठकों आदि में भाग लेना था। इस प्रकार, यह स्वाभाविक रूप से स्पष्ट हो जाता है कि उनका विस्तार और/या समाप्ति मेरी सिफारिश पर आधारित होगी, न कि कार्यकारी परिषद सहित किसी अन्य की, जिन्हें उनके काम के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है।”

आईओए प्रमुख ने आगे लिखा, “मैंने इस बात पर ध्यान दिया कि आपने टर्मिनेशन लेटर में मेरे द्वारा हस्ताक्षरित उनके नियुक्ति पत्र के क्लॉज 10 का संदर्भ दिया है। कृपया ध्यान दें कि आईओए के अध्यक्ष के रूप में मैं आईओए का एक हिस्सा हूं, जिसके पास अधिकार हैं। इसके अलावा, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के प्रदर्शन पर मुझसे परामर्श करना और मेरी राय लेना आपका कर्तव्य था।”

“मैं वर्तमान में कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के काम से संतुष्ट हूं और मुझे उनकी सेवाएं समाप्त या टर्मिनेशन लेटर देने का कोई कारण नहीं दिखता।”

“इसके अलावा, मेरे पास आप सभी को यह याद दिलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है कि कर्मचारियों की भर्ती और बर्खास्तगी सहित दिन-प्रतिदिन के प्रशासनिक कार्य कार्यकारी परिषद का काम नहीं है। कार्यकारी परिषद के रूप में, हमें आईओए को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अपनी शक्तियों और अधिकारों का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष/उपाध्यक्ष केवल अध्यक्ष की अनुपस्थिति में ही अध्यक्ष के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को संभाल सकते हैं।”

“इस प्रकार, सभी कार्यकारी परिषद के सदस्यों से अनुरोध है कि वे आईओए संविधान द्वारा दी गई शक्तियों और जिम्मेदारियों से अधिक कार्य न करें और इस तरह प्रावधानों का सीधा उल्लंघन न करें। मैं आपसे एक बार फिर आग्रह करती हूं कि आप भारत में एथलीटों और खेल की बेहतरी के लिए एक टीम के रूप में काम करना शुरू करें।”

इस पत्र में आईओए प्रमुख ने आईओए स्टाफ को निर्देश दिया है कि वे आईओए भवन में पोस्ट किए गए दिनांक 02.04.2024 के नोटिस की सभी कॉपी हटा दें। इसके अलावा, आईओए स्टाफ को उनके कार्यकारी सहायक के माध्यम से उनके निर्देशों का पालन करने का निर्देश भी दिया गया है।

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आईओए के कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने रिटायर्ड कैप्टन अजय कुमार नारंग के खिलाफ ईमेल के जरिए दो टर्मिनेशन लेटर लिखे, पहला 4 मार्च और दूसरा 11 अप्रैल को। हालांकि, इस दौरान उन्होंने आईओए प्रमुख पीटी उषा को इसकी जानकारी नहीं दी।

आईओए प्रमुख ने लिखा, “यह देखकर निराशा होती है कि हम अभी भी एक टीम के रूप में काम नहीं कर पा रहे हैं, और आपकी हर हरकत मुझे दरकिनार करने का प्रयास है। यह आपके ध्यान में लाया जाता है कि कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को मैंने पिछले साल अपने कार्यकारी सहायक के रूप में नियुक्त किया था।”

“अध्यक्ष के कार्यकारी सहायक के रूप में, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को अकेले मुझे रिपोर्ट करना था और अध्यक्ष, आईओए के सभी पत्राचार/यात्रा/नियुक्तियों/बैठकों आदि में भाग लेना था। इस प्रकार, यह स्वाभाविक रूप से स्पष्ट हो जाता है कि उनका विस्तार और/या समाप्ति मेरी सिफारिश पर आधारित होगी, न कि कार्यकारी परिषद सहित किसी अन्य की, जिन्हें उनके काम के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है।”

आईओए प्रमुख ने आगे लिखा, “मैंने इस बात पर ध्यान दिया कि आपने टर्मिनेशन लेटर में मेरे द्वारा हस्ताक्षरित उनके नियुक्ति पत्र के क्लॉज 10 का संदर्भ दिया है। कृपया ध्यान दें कि आईओए के अध्यक्ष के रूप में मैं आईओए का एक हिस्सा हूं, जिसके पास अधिकार हैं। इसके अलावा, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के प्रदर्शन पर मुझसे परामर्श करना और मेरी राय लेना आपका कर्तव्य था।”

“मैं वर्तमान में कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के काम से संतुष्ट हूं और मुझे उनकी सेवाएं समाप्त या टर्मिनेशन लेटर देने का कोई कारण नहीं दिखता।”

“इसके अलावा, मेरे पास आप सभी को यह याद दिलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है कि कर्मचारियों की भर्ती और बर्खास्तगी सहित दिन-प्रतिदिन के प्रशासनिक कार्य कार्यकारी परिषद का काम नहीं है। कार्यकारी परिषद के रूप में, हमें आईओए को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अपनी शक्तियों और अधिकारों का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष/उपाध्यक्ष केवल अध्यक्ष की अनुपस्थिति में ही अध्यक्ष के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को संभाल सकते हैं।”

“इस प्रकार, सभी कार्यकारी परिषद के सदस्यों से अनुरोध है कि वे आईओए संविधान द्वारा दी गई शक्तियों और जिम्मेदारियों से अधिक कार्य न करें और इस तरह प्रावधानों का सीधा उल्लंघन न करें। मैं आपसे एक बार फिर आग्रह करती हूं कि आप भारत में एथलीटों और खेल की बेहतरी के लिए एक टीम के रूप में काम करना शुरू करें।”

इस पत्र में आईओए प्रमुख ने आईओए स्टाफ को निर्देश दिया है कि वे आईओए भवन में पोस्ट किए गए दिनांक 02.04.2024 के नोटिस की सभी कॉपी हटा दें। इसके अलावा, आईओए स्टाफ को उनके कार्यकारी सहायक के माध्यम से उनके निर्देशों का पालन करने का निर्देश भी दिया गया है।

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आईओए के कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने रिटायर्ड कैप्टन अजय कुमार नारंग के खिलाफ ईमेल के जरिए दो टर्मिनेशन लेटर लिखे, पहला 4 मार्च और दूसरा 11 अप्रैल को। हालांकि, इस दौरान उन्होंने आईओए प्रमुख पीटी उषा को इसकी जानकारी नहीं दी।

आईओए प्रमुख ने लिखा, “यह देखकर निराशा होती है कि हम अभी भी एक टीम के रूप में काम नहीं कर पा रहे हैं, और आपकी हर हरकत मुझे दरकिनार करने का प्रयास है। यह आपके ध्यान में लाया जाता है कि कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को मैंने पिछले साल अपने कार्यकारी सहायक के रूप में नियुक्त किया था।”

“अध्यक्ष के कार्यकारी सहायक के रूप में, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को अकेले मुझे रिपोर्ट करना था और अध्यक्ष, आईओए के सभी पत्राचार/यात्रा/नियुक्तियों/बैठकों आदि में भाग लेना था। इस प्रकार, यह स्वाभाविक रूप से स्पष्ट हो जाता है कि उनका विस्तार और/या समाप्ति मेरी सिफारिश पर आधारित होगी, न कि कार्यकारी परिषद सहित किसी अन्य की, जिन्हें उनके काम के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है।”

आईओए प्रमुख ने आगे लिखा, “मैंने इस बात पर ध्यान दिया कि आपने टर्मिनेशन लेटर में मेरे द्वारा हस्ताक्षरित उनके नियुक्ति पत्र के क्लॉज 10 का संदर्भ दिया है। कृपया ध्यान दें कि आईओए के अध्यक्ष के रूप में मैं आईओए का एक हिस्सा हूं, जिसके पास अधिकार हैं। इसके अलावा, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के प्रदर्शन पर मुझसे परामर्श करना और मेरी राय लेना आपका कर्तव्य था।”

“मैं वर्तमान में कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के काम से संतुष्ट हूं और मुझे उनकी सेवाएं समाप्त या टर्मिनेशन लेटर देने का कोई कारण नहीं दिखता।”

“इसके अलावा, मेरे पास आप सभी को यह याद दिलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है कि कर्मचारियों की भर्ती और बर्खास्तगी सहित दिन-प्रतिदिन के प्रशासनिक कार्य कार्यकारी परिषद का काम नहीं है। कार्यकारी परिषद के रूप में, हमें आईओए को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अपनी शक्तियों और अधिकारों का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष/उपाध्यक्ष केवल अध्यक्ष की अनुपस्थिति में ही अध्यक्ष के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को संभाल सकते हैं।”

“इस प्रकार, सभी कार्यकारी परिषद के सदस्यों से अनुरोध है कि वे आईओए संविधान द्वारा दी गई शक्तियों और जिम्मेदारियों से अधिक कार्य न करें और इस तरह प्रावधानों का सीधा उल्लंघन न करें। मैं आपसे एक बार फिर आग्रह करती हूं कि आप भारत में एथलीटों और खेल की बेहतरी के लिए एक टीम के रूप में काम करना शुरू करें।”

इस पत्र में आईओए प्रमुख ने आईओए स्टाफ को निर्देश दिया है कि वे आईओए भवन में पोस्ट किए गए दिनांक 02.04.2024 के नोटिस की सभी कॉपी हटा दें। इसके अलावा, आईओए स्टाफ को उनके कार्यकारी सहायक के माध्यम से उनके निर्देशों का पालन करने का निर्देश भी दिया गया है।

–आईएएनएस

एएमजे/एसकेपी

नई दिल्ली, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (आईओए) अध्यक्ष पीटी उषा ने सोमवार को एसोसिएशन के कार्यकारी परिषद के सदस्यों को पत्र लिख कर रिटायर्ड कैप्टन अजय कुमार नारंग को “गलत ढंग” से हटाने पर आपत्ति जताई।

आईओए के कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने रिटायर्ड कैप्टन अजय कुमार नारंग के खिलाफ ईमेल के जरिए दो टर्मिनेशन लेटर लिखे, पहला 4 मार्च और दूसरा 11 अप्रैल को। हालांकि, इस दौरान उन्होंने आईओए प्रमुख पीटी उषा को इसकी जानकारी नहीं दी।

आईओए प्रमुख ने लिखा, “यह देखकर निराशा होती है कि हम अभी भी एक टीम के रूप में काम नहीं कर पा रहे हैं, और आपकी हर हरकत मुझे दरकिनार करने का प्रयास है। यह आपके ध्यान में लाया जाता है कि कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को मैंने पिछले साल अपने कार्यकारी सहायक के रूप में नियुक्त किया था।”

“अध्यक्ष के कार्यकारी सहायक के रूप में, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को अकेले मुझे रिपोर्ट करना था और अध्यक्ष, आईओए के सभी पत्राचार/यात्रा/नियुक्तियों/बैठकों आदि में भाग लेना था। इस प्रकार, यह स्वाभाविक रूप से स्पष्ट हो जाता है कि उनका विस्तार और/या समाप्ति मेरी सिफारिश पर आधारित होगी, न कि कार्यकारी परिषद सहित किसी अन्य की, जिन्हें उनके काम के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है।”

आईओए प्रमुख ने आगे लिखा, “मैंने इस बात पर ध्यान दिया कि आपने टर्मिनेशन लेटर में मेरे द्वारा हस्ताक्षरित उनके नियुक्ति पत्र के क्लॉज 10 का संदर्भ दिया है। कृपया ध्यान दें कि आईओए के अध्यक्ष के रूप में मैं आईओए का एक हिस्सा हूं, जिसके पास अधिकार हैं। इसके अलावा, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के प्रदर्शन पर मुझसे परामर्श करना और मेरी राय लेना आपका कर्तव्य था।”

“मैं वर्तमान में कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के काम से संतुष्ट हूं और मुझे उनकी सेवाएं समाप्त या टर्मिनेशन लेटर देने का कोई कारण नहीं दिखता।”

“इसके अलावा, मेरे पास आप सभी को यह याद दिलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है कि कर्मचारियों की भर्ती और बर्खास्तगी सहित दिन-प्रतिदिन के प्रशासनिक कार्य कार्यकारी परिषद का काम नहीं है। कार्यकारी परिषद के रूप में, हमें आईओए को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अपनी शक्तियों और अधिकारों का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष/उपाध्यक्ष केवल अध्यक्ष की अनुपस्थिति में ही अध्यक्ष के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को संभाल सकते हैं।”

“इस प्रकार, सभी कार्यकारी परिषद के सदस्यों से अनुरोध है कि वे आईओए संविधान द्वारा दी गई शक्तियों और जिम्मेदारियों से अधिक कार्य न करें और इस तरह प्रावधानों का सीधा उल्लंघन न करें। मैं आपसे एक बार फिर आग्रह करती हूं कि आप भारत में एथलीटों और खेल की बेहतरी के लिए एक टीम के रूप में काम करना शुरू करें।”

इस पत्र में आईओए प्रमुख ने आईओए स्टाफ को निर्देश दिया है कि वे आईओए भवन में पोस्ट किए गए दिनांक 02.04.2024 के नोटिस की सभी कॉपी हटा दें। इसके अलावा, आईओए स्टाफ को उनके कार्यकारी सहायक के माध्यम से उनके निर्देशों का पालन करने का निर्देश भी दिया गया है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (आईओए) अध्यक्ष पीटी उषा ने सोमवार को एसोसिएशन के कार्यकारी परिषद के सदस्यों को पत्र लिख कर रिटायर्ड कैप्टन अजय कुमार नारंग को “गलत ढंग” से हटाने पर आपत्ति जताई।

आईओए के कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने रिटायर्ड कैप्टन अजय कुमार नारंग के खिलाफ ईमेल के जरिए दो टर्मिनेशन लेटर लिखे, पहला 4 मार्च और दूसरा 11 अप्रैल को। हालांकि, इस दौरान उन्होंने आईओए प्रमुख पीटी उषा को इसकी जानकारी नहीं दी।

आईओए प्रमुख ने लिखा, “यह देखकर निराशा होती है कि हम अभी भी एक टीम के रूप में काम नहीं कर पा रहे हैं, और आपकी हर हरकत मुझे दरकिनार करने का प्रयास है। यह आपके ध्यान में लाया जाता है कि कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को मैंने पिछले साल अपने कार्यकारी सहायक के रूप में नियुक्त किया था।”

“अध्यक्ष के कार्यकारी सहायक के रूप में, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को अकेले मुझे रिपोर्ट करना था और अध्यक्ष, आईओए के सभी पत्राचार/यात्रा/नियुक्तियों/बैठकों आदि में भाग लेना था। इस प्रकार, यह स्वाभाविक रूप से स्पष्ट हो जाता है कि उनका विस्तार और/या समाप्ति मेरी सिफारिश पर आधारित होगी, न कि कार्यकारी परिषद सहित किसी अन्य की, जिन्हें उनके काम के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है।”

आईओए प्रमुख ने आगे लिखा, “मैंने इस बात पर ध्यान दिया कि आपने टर्मिनेशन लेटर में मेरे द्वारा हस्ताक्षरित उनके नियुक्ति पत्र के क्लॉज 10 का संदर्भ दिया है। कृपया ध्यान दें कि आईओए के अध्यक्ष के रूप में मैं आईओए का एक हिस्सा हूं, जिसके पास अधिकार हैं। इसके अलावा, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के प्रदर्शन पर मुझसे परामर्श करना और मेरी राय लेना आपका कर्तव्य था।”

“मैं वर्तमान में कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के काम से संतुष्ट हूं और मुझे उनकी सेवाएं समाप्त या टर्मिनेशन लेटर देने का कोई कारण नहीं दिखता।”

“इसके अलावा, मेरे पास आप सभी को यह याद दिलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है कि कर्मचारियों की भर्ती और बर्खास्तगी सहित दिन-प्रतिदिन के प्रशासनिक कार्य कार्यकारी परिषद का काम नहीं है। कार्यकारी परिषद के रूप में, हमें आईओए को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अपनी शक्तियों और अधिकारों का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष/उपाध्यक्ष केवल अध्यक्ष की अनुपस्थिति में ही अध्यक्ष के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को संभाल सकते हैं।”

“इस प्रकार, सभी कार्यकारी परिषद के सदस्यों से अनुरोध है कि वे आईओए संविधान द्वारा दी गई शक्तियों और जिम्मेदारियों से अधिक कार्य न करें और इस तरह प्रावधानों का सीधा उल्लंघन न करें। मैं आपसे एक बार फिर आग्रह करती हूं कि आप भारत में एथलीटों और खेल की बेहतरी के लिए एक टीम के रूप में काम करना शुरू करें।”

इस पत्र में आईओए प्रमुख ने आईओए स्टाफ को निर्देश दिया है कि वे आईओए भवन में पोस्ट किए गए दिनांक 02.04.2024 के नोटिस की सभी कॉपी हटा दें। इसके अलावा, आईओए स्टाफ को उनके कार्यकारी सहायक के माध्यम से उनके निर्देशों का पालन करने का निर्देश भी दिया गया है।

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आईओए के कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने रिटायर्ड कैप्टन अजय कुमार नारंग के खिलाफ ईमेल के जरिए दो टर्मिनेशन लेटर लिखे, पहला 4 मार्च और दूसरा 11 अप्रैल को। हालांकि, इस दौरान उन्होंने आईओए प्रमुख पीटी उषा को इसकी जानकारी नहीं दी।

आईओए प्रमुख ने लिखा, “यह देखकर निराशा होती है कि हम अभी भी एक टीम के रूप में काम नहीं कर पा रहे हैं, और आपकी हर हरकत मुझे दरकिनार करने का प्रयास है। यह आपके ध्यान में लाया जाता है कि कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को मैंने पिछले साल अपने कार्यकारी सहायक के रूप में नियुक्त किया था।”

“अध्यक्ष के कार्यकारी सहायक के रूप में, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को अकेले मुझे रिपोर्ट करना था और अध्यक्ष, आईओए के सभी पत्राचार/यात्रा/नियुक्तियों/बैठकों आदि में भाग लेना था। इस प्रकार, यह स्वाभाविक रूप से स्पष्ट हो जाता है कि उनका विस्तार और/या समाप्ति मेरी सिफारिश पर आधारित होगी, न कि कार्यकारी परिषद सहित किसी अन्य की, जिन्हें उनके काम के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है।”

आईओए प्रमुख ने आगे लिखा, “मैंने इस बात पर ध्यान दिया कि आपने टर्मिनेशन लेटर में मेरे द्वारा हस्ताक्षरित उनके नियुक्ति पत्र के क्लॉज 10 का संदर्भ दिया है। कृपया ध्यान दें कि आईओए के अध्यक्ष के रूप में मैं आईओए का एक हिस्सा हूं, जिसके पास अधिकार हैं। इसके अलावा, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के प्रदर्शन पर मुझसे परामर्श करना और मेरी राय लेना आपका कर्तव्य था।”

“मैं वर्तमान में कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के काम से संतुष्ट हूं और मुझे उनकी सेवाएं समाप्त या टर्मिनेशन लेटर देने का कोई कारण नहीं दिखता।”

“इसके अलावा, मेरे पास आप सभी को यह याद दिलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है कि कर्मचारियों की भर्ती और बर्खास्तगी सहित दिन-प्रतिदिन के प्रशासनिक कार्य कार्यकारी परिषद का काम नहीं है। कार्यकारी परिषद के रूप में, हमें आईओए को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अपनी शक्तियों और अधिकारों का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष/उपाध्यक्ष केवल अध्यक्ष की अनुपस्थिति में ही अध्यक्ष के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को संभाल सकते हैं।”

“इस प्रकार, सभी कार्यकारी परिषद के सदस्यों से अनुरोध है कि वे आईओए संविधान द्वारा दी गई शक्तियों और जिम्मेदारियों से अधिक कार्य न करें और इस तरह प्रावधानों का सीधा उल्लंघन न करें। मैं आपसे एक बार फिर आग्रह करती हूं कि आप भारत में एथलीटों और खेल की बेहतरी के लिए एक टीम के रूप में काम करना शुरू करें।”

इस पत्र में आईओए प्रमुख ने आईओए स्टाफ को निर्देश दिया है कि वे आईओए भवन में पोस्ट किए गए दिनांक 02.04.2024 के नोटिस की सभी कॉपी हटा दें। इसके अलावा, आईओए स्टाफ को उनके कार्यकारी सहायक के माध्यम से उनके निर्देशों का पालन करने का निर्देश भी दिया गया है।

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आईओए के कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने रिटायर्ड कैप्टन अजय कुमार नारंग के खिलाफ ईमेल के जरिए दो टर्मिनेशन लेटर लिखे, पहला 4 मार्च और दूसरा 11 अप्रैल को। हालांकि, इस दौरान उन्होंने आईओए प्रमुख पीटी उषा को इसकी जानकारी नहीं दी।

आईओए प्रमुख ने लिखा, “यह देखकर निराशा होती है कि हम अभी भी एक टीम के रूप में काम नहीं कर पा रहे हैं, और आपकी हर हरकत मुझे दरकिनार करने का प्रयास है। यह आपके ध्यान में लाया जाता है कि कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को मैंने पिछले साल अपने कार्यकारी सहायक के रूप में नियुक्त किया था।”

“अध्यक्ष के कार्यकारी सहायक के रूप में, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को अकेले मुझे रिपोर्ट करना था और अध्यक्ष, आईओए के सभी पत्राचार/यात्रा/नियुक्तियों/बैठकों आदि में भाग लेना था। इस प्रकार, यह स्वाभाविक रूप से स्पष्ट हो जाता है कि उनका विस्तार और/या समाप्ति मेरी सिफारिश पर आधारित होगी, न कि कार्यकारी परिषद सहित किसी अन्य की, जिन्हें उनके काम के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है।”

आईओए प्रमुख ने आगे लिखा, “मैंने इस बात पर ध्यान दिया कि आपने टर्मिनेशन लेटर में मेरे द्वारा हस्ताक्षरित उनके नियुक्ति पत्र के क्लॉज 10 का संदर्भ दिया है। कृपया ध्यान दें कि आईओए के अध्यक्ष के रूप में मैं आईओए का एक हिस्सा हूं, जिसके पास अधिकार हैं। इसके अलावा, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के प्रदर्शन पर मुझसे परामर्श करना और मेरी राय लेना आपका कर्तव्य था।”

“मैं वर्तमान में कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के काम से संतुष्ट हूं और मुझे उनकी सेवाएं समाप्त या टर्मिनेशन लेटर देने का कोई कारण नहीं दिखता।”

“इसके अलावा, मेरे पास आप सभी को यह याद दिलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है कि कर्मचारियों की भर्ती और बर्खास्तगी सहित दिन-प्रतिदिन के प्रशासनिक कार्य कार्यकारी परिषद का काम नहीं है। कार्यकारी परिषद के रूप में, हमें आईओए को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अपनी शक्तियों और अधिकारों का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष/उपाध्यक्ष केवल अध्यक्ष की अनुपस्थिति में ही अध्यक्ष के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को संभाल सकते हैं।”

“इस प्रकार, सभी कार्यकारी परिषद के सदस्यों से अनुरोध है कि वे आईओए संविधान द्वारा दी गई शक्तियों और जिम्मेदारियों से अधिक कार्य न करें और इस तरह प्रावधानों का सीधा उल्लंघन न करें। मैं आपसे एक बार फिर आग्रह करती हूं कि आप भारत में एथलीटों और खेल की बेहतरी के लिए एक टीम के रूप में काम करना शुरू करें।”

इस पत्र में आईओए प्रमुख ने आईओए स्टाफ को निर्देश दिया है कि वे आईओए भवन में पोस्ट किए गए दिनांक 02.04.2024 के नोटिस की सभी कॉपी हटा दें। इसके अलावा, आईओए स्टाफ को उनके कार्यकारी सहायक के माध्यम से उनके निर्देशों का पालन करने का निर्देश भी दिया गया है।

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आईओए के कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने रिटायर्ड कैप्टन अजय कुमार नारंग के खिलाफ ईमेल के जरिए दो टर्मिनेशन लेटर लिखे, पहला 4 मार्च और दूसरा 11 अप्रैल को। हालांकि, इस दौरान उन्होंने आईओए प्रमुख पीटी उषा को इसकी जानकारी नहीं दी।

आईओए प्रमुख ने लिखा, “यह देखकर निराशा होती है कि हम अभी भी एक टीम के रूप में काम नहीं कर पा रहे हैं, और आपकी हर हरकत मुझे दरकिनार करने का प्रयास है। यह आपके ध्यान में लाया जाता है कि कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को मैंने पिछले साल अपने कार्यकारी सहायक के रूप में नियुक्त किया था।”

“अध्यक्ष के कार्यकारी सहायक के रूप में, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को अकेले मुझे रिपोर्ट करना था और अध्यक्ष, आईओए के सभी पत्राचार/यात्रा/नियुक्तियों/बैठकों आदि में भाग लेना था। इस प्रकार, यह स्वाभाविक रूप से स्पष्ट हो जाता है कि उनका विस्तार और/या समाप्ति मेरी सिफारिश पर आधारित होगी, न कि कार्यकारी परिषद सहित किसी अन्य की, जिन्हें उनके काम के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है।”

आईओए प्रमुख ने आगे लिखा, “मैंने इस बात पर ध्यान दिया कि आपने टर्मिनेशन लेटर में मेरे द्वारा हस्ताक्षरित उनके नियुक्ति पत्र के क्लॉज 10 का संदर्भ दिया है। कृपया ध्यान दें कि आईओए के अध्यक्ष के रूप में मैं आईओए का एक हिस्सा हूं, जिसके पास अधिकार हैं। इसके अलावा, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के प्रदर्शन पर मुझसे परामर्श करना और मेरी राय लेना आपका कर्तव्य था।”

“मैं वर्तमान में कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के काम से संतुष्ट हूं और मुझे उनकी सेवाएं समाप्त या टर्मिनेशन लेटर देने का कोई कारण नहीं दिखता।”

“इसके अलावा, मेरे पास आप सभी को यह याद दिलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है कि कर्मचारियों की भर्ती और बर्खास्तगी सहित दिन-प्रतिदिन के प्रशासनिक कार्य कार्यकारी परिषद का काम नहीं है। कार्यकारी परिषद के रूप में, हमें आईओए को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अपनी शक्तियों और अधिकारों का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष/उपाध्यक्ष केवल अध्यक्ष की अनुपस्थिति में ही अध्यक्ष के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को संभाल सकते हैं।”

“इस प्रकार, सभी कार्यकारी परिषद के सदस्यों से अनुरोध है कि वे आईओए संविधान द्वारा दी गई शक्तियों और जिम्मेदारियों से अधिक कार्य न करें और इस तरह प्रावधानों का सीधा उल्लंघन न करें। मैं आपसे एक बार फिर आग्रह करती हूं कि आप भारत में एथलीटों और खेल की बेहतरी के लिए एक टीम के रूप में काम करना शुरू करें।”

इस पत्र में आईओए प्रमुख ने आईओए स्टाफ को निर्देश दिया है कि वे आईओए भवन में पोस्ट किए गए दिनांक 02.04.2024 के नोटिस की सभी कॉपी हटा दें। इसके अलावा, आईओए स्टाफ को उनके कार्यकारी सहायक के माध्यम से उनके निर्देशों का पालन करने का निर्देश भी दिया गया है।

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आईओए के कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने रिटायर्ड कैप्टन अजय कुमार नारंग के खिलाफ ईमेल के जरिए दो टर्मिनेशन लेटर लिखे, पहला 4 मार्च और दूसरा 11 अप्रैल को। हालांकि, इस दौरान उन्होंने आईओए प्रमुख पीटी उषा को इसकी जानकारी नहीं दी।

आईओए प्रमुख ने लिखा, “यह देखकर निराशा होती है कि हम अभी भी एक टीम के रूप में काम नहीं कर पा रहे हैं, और आपकी हर हरकत मुझे दरकिनार करने का प्रयास है। यह आपके ध्यान में लाया जाता है कि कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को मैंने पिछले साल अपने कार्यकारी सहायक के रूप में नियुक्त किया था।”

“अध्यक्ष के कार्यकारी सहायक के रूप में, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को अकेले मुझे रिपोर्ट करना था और अध्यक्ष, आईओए के सभी पत्राचार/यात्रा/नियुक्तियों/बैठकों आदि में भाग लेना था। इस प्रकार, यह स्वाभाविक रूप से स्पष्ट हो जाता है कि उनका विस्तार और/या समाप्ति मेरी सिफारिश पर आधारित होगी, न कि कार्यकारी परिषद सहित किसी अन्य की, जिन्हें उनके काम के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है।”

आईओए प्रमुख ने आगे लिखा, “मैंने इस बात पर ध्यान दिया कि आपने टर्मिनेशन लेटर में मेरे द्वारा हस्ताक्षरित उनके नियुक्ति पत्र के क्लॉज 10 का संदर्भ दिया है। कृपया ध्यान दें कि आईओए के अध्यक्ष के रूप में मैं आईओए का एक हिस्सा हूं, जिसके पास अधिकार हैं। इसके अलावा, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के प्रदर्शन पर मुझसे परामर्श करना और मेरी राय लेना आपका कर्तव्य था।”

“मैं वर्तमान में कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के काम से संतुष्ट हूं और मुझे उनकी सेवाएं समाप्त या टर्मिनेशन लेटर देने का कोई कारण नहीं दिखता।”

“इसके अलावा, मेरे पास आप सभी को यह याद दिलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है कि कर्मचारियों की भर्ती और बर्खास्तगी सहित दिन-प्रतिदिन के प्रशासनिक कार्य कार्यकारी परिषद का काम नहीं है। कार्यकारी परिषद के रूप में, हमें आईओए को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अपनी शक्तियों और अधिकारों का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष/उपाध्यक्ष केवल अध्यक्ष की अनुपस्थिति में ही अध्यक्ष के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को संभाल सकते हैं।”

“इस प्रकार, सभी कार्यकारी परिषद के सदस्यों से अनुरोध है कि वे आईओए संविधान द्वारा दी गई शक्तियों और जिम्मेदारियों से अधिक कार्य न करें और इस तरह प्रावधानों का सीधा उल्लंघन न करें। मैं आपसे एक बार फिर आग्रह करती हूं कि आप भारत में एथलीटों और खेल की बेहतरी के लिए एक टीम के रूप में काम करना शुरू करें।”

इस पत्र में आईओए प्रमुख ने आईओए स्टाफ को निर्देश दिया है कि वे आईओए भवन में पोस्ट किए गए दिनांक 02.04.2024 के नोटिस की सभी कॉपी हटा दें। इसके अलावा, आईओए स्टाफ को उनके कार्यकारी सहायक के माध्यम से उनके निर्देशों का पालन करने का निर्देश भी दिया गया है।

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नई दिल्ली, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (आईओए) अध्यक्ष पीटी उषा ने सोमवार को एसोसिएशन के कार्यकारी परिषद के सदस्यों को पत्र लिख कर रिटायर्ड कैप्टन अजय कुमार नारंग को “गलत ढंग” से हटाने पर आपत्ति जताई।

आईओए के कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने रिटायर्ड कैप्टन अजय कुमार नारंग के खिलाफ ईमेल के जरिए दो टर्मिनेशन लेटर लिखे, पहला 4 मार्च और दूसरा 11 अप्रैल को। हालांकि, इस दौरान उन्होंने आईओए प्रमुख पीटी उषा को इसकी जानकारी नहीं दी।

आईओए प्रमुख ने लिखा, “यह देखकर निराशा होती है कि हम अभी भी एक टीम के रूप में काम नहीं कर पा रहे हैं, और आपकी हर हरकत मुझे दरकिनार करने का प्रयास है। यह आपके ध्यान में लाया जाता है कि कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को मैंने पिछले साल अपने कार्यकारी सहायक के रूप में नियुक्त किया था।”

“अध्यक्ष के कार्यकारी सहायक के रूप में, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को अकेले मुझे रिपोर्ट करना था और अध्यक्ष, आईओए के सभी पत्राचार/यात्रा/नियुक्तियों/बैठकों आदि में भाग लेना था। इस प्रकार, यह स्वाभाविक रूप से स्पष्ट हो जाता है कि उनका विस्तार और/या समाप्ति मेरी सिफारिश पर आधारित होगी, न कि कार्यकारी परिषद सहित किसी अन्य की, जिन्हें उनके काम के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है।”

आईओए प्रमुख ने आगे लिखा, “मैंने इस बात पर ध्यान दिया कि आपने टर्मिनेशन लेटर में मेरे द्वारा हस्ताक्षरित उनके नियुक्ति पत्र के क्लॉज 10 का संदर्भ दिया है। कृपया ध्यान दें कि आईओए के अध्यक्ष के रूप में मैं आईओए का एक हिस्सा हूं, जिसके पास अधिकार हैं। इसके अलावा, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के प्रदर्शन पर मुझसे परामर्श करना और मेरी राय लेना आपका कर्तव्य था।”

“मैं वर्तमान में कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के काम से संतुष्ट हूं और मुझे उनकी सेवाएं समाप्त या टर्मिनेशन लेटर देने का कोई कारण नहीं दिखता।”

“इसके अलावा, मेरे पास आप सभी को यह याद दिलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है कि कर्मचारियों की भर्ती और बर्खास्तगी सहित दिन-प्रतिदिन के प्रशासनिक कार्य कार्यकारी परिषद का काम नहीं है। कार्यकारी परिषद के रूप में, हमें आईओए को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अपनी शक्तियों और अधिकारों का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष/उपाध्यक्ष केवल अध्यक्ष की अनुपस्थिति में ही अध्यक्ष के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को संभाल सकते हैं।”

“इस प्रकार, सभी कार्यकारी परिषद के सदस्यों से अनुरोध है कि वे आईओए संविधान द्वारा दी गई शक्तियों और जिम्मेदारियों से अधिक कार्य न करें और इस तरह प्रावधानों का सीधा उल्लंघन न करें। मैं आपसे एक बार फिर आग्रह करती हूं कि आप भारत में एथलीटों और खेल की बेहतरी के लिए एक टीम के रूप में काम करना शुरू करें।”

इस पत्र में आईओए प्रमुख ने आईओए स्टाफ को निर्देश दिया है कि वे आईओए भवन में पोस्ट किए गए दिनांक 02.04.2024 के नोटिस की सभी कॉपी हटा दें। इसके अलावा, आईओए स्टाफ को उनके कार्यकारी सहायक के माध्यम से उनके निर्देशों का पालन करने का निर्देश भी दिया गया है।

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आईओए के कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने रिटायर्ड कैप्टन अजय कुमार नारंग के खिलाफ ईमेल के जरिए दो टर्मिनेशन लेटर लिखे, पहला 4 मार्च और दूसरा 11 अप्रैल को। हालांकि, इस दौरान उन्होंने आईओए प्रमुख पीटी उषा को इसकी जानकारी नहीं दी।

आईओए प्रमुख ने लिखा, “यह देखकर निराशा होती है कि हम अभी भी एक टीम के रूप में काम नहीं कर पा रहे हैं, और आपकी हर हरकत मुझे दरकिनार करने का प्रयास है। यह आपके ध्यान में लाया जाता है कि कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को मैंने पिछले साल अपने कार्यकारी सहायक के रूप में नियुक्त किया था।”

“अध्यक्ष के कार्यकारी सहायक के रूप में, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) को अकेले मुझे रिपोर्ट करना था और अध्यक्ष, आईओए के सभी पत्राचार/यात्रा/नियुक्तियों/बैठकों आदि में भाग लेना था। इस प्रकार, यह स्वाभाविक रूप से स्पष्ट हो जाता है कि उनका विस्तार और/या समाप्ति मेरी सिफारिश पर आधारित होगी, न कि कार्यकारी परिषद सहित किसी अन्य की, जिन्हें उनके काम के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है।”

आईओए प्रमुख ने आगे लिखा, “मैंने इस बात पर ध्यान दिया कि आपने टर्मिनेशन लेटर में मेरे द्वारा हस्ताक्षरित उनके नियुक्ति पत्र के क्लॉज 10 का संदर्भ दिया है। कृपया ध्यान दें कि आईओए के अध्यक्ष के रूप में मैं आईओए का एक हिस्सा हूं, जिसके पास अधिकार हैं। इसके अलावा, कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के प्रदर्शन पर मुझसे परामर्श करना और मेरी राय लेना आपका कर्तव्य था।”

“मैं वर्तमान में कैप्टन अजय कुमार नारंग (सेवानिवृत्त) के काम से संतुष्ट हूं और मुझे उनकी सेवाएं समाप्त या टर्मिनेशन लेटर देने का कोई कारण नहीं दिखता।”

“इसके अलावा, मेरे पास आप सभी को यह याद दिलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है कि कर्मचारियों की भर्ती और बर्खास्तगी सहित दिन-प्रतिदिन के प्रशासनिक कार्य कार्यकारी परिषद का काम नहीं है। कार्यकारी परिषद के रूप में, हमें आईओए को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अपनी शक्तियों और अधिकारों का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष/उपाध्यक्ष केवल अध्यक्ष की अनुपस्थिति में ही अध्यक्ष के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को संभाल सकते हैं।”

“इस प्रकार, सभी कार्यकारी परिषद के सदस्यों से अनुरोध है कि वे आईओए संविधान द्वारा दी गई शक्तियों और जिम्मेदारियों से अधिक कार्य न करें और इस तरह प्रावधानों का सीधा उल्लंघन न करें। मैं आपसे एक बार फिर आग्रह करती हूं कि आप भारत में एथलीटों और खेल की बेहतरी के लिए एक टीम के रूप में काम करना शुरू करें।”

इस पत्र में आईओए प्रमुख ने आईओए स्टाफ को निर्देश दिया है कि वे आईओए भवन में पोस्ट किए गए दिनांक 02.04.2024 के नोटिस की सभी कॉपी हटा दें। इसके अलावा, आईओए स्टाफ को उनके कार्यकारी सहायक के माध्यम से उनके निर्देशों का पालन करने का निर्देश भी दिया गया है।

–आईएएनएस

एएमजे/एसकेपी

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