मुंबई, 18 अगस्त (आईएएनएस)। एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख एस. रंगनाथन ने कहा कि आईटी शेयरों के साथ-साथ पीएसयू शेयरों में भी मुनाफावसूली के कारण शुक्रवार को शेयर बाजारों में गिरावट रही।
बाजार में गिरावट का एक महत्वपूर्ण कारक मानसून में छह प्रतिशत की कमी रही। रंगनाथन ने कहा, हालांकि चीन में एवरग्रांडे दिवालियापन को नजरअंदाज कर दिया गया था क्योंकि भारत में रियल एस्टेट ऋण अब काफी हद तक अच्छी तरह से विनियमित हैं।
वैश्विक प्रतिस्पर्धियों की तुलना में घरेलू शेयर बाजारों की शुरुआत कमजोर रही। पूरे सत्र के दौरान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी नकारात्मक क्षेत्र में रहा और 83 अंक (0.4 प्रतिशत) की गिरावट के साथ 19,282 अंक पर बंद हुआ। बीएसई का सेंसेक्स 202.36 अंक या 0.31 प्रतिशत गिरकर 64,948 अंक के स्तर पर बंद हुआ।
उच्च ब्याज दरों और चीन की धीमी अर्थव्यवस्था पर चिंता के कारण निवेशकों पर दबाव पड़ने से वैश्विक बाजारों में गिरावट दर्ज की गई। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, घरेलू स्तर पर भी किसी सकारात्मक ट्रिगर के अभाव और एफआईआई द्वारा लगातार बिकवाली के कारण बाजार में गिरावट जारी है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि मुद्रास्फीति के संबंध में चिंताओं और सुरक्षित परिसंपत्तियों के प्रति निवेशकों की प्राथमिकताओं में बदलाव ने घरेलू इक्विटी के लिए समग्र बाजार धारणा को कमजोर कर दिया है।
वैश्विक इक्विटी में गिरावट के साथ-साथ अमेरिकी फेड दर में बढ़ोतरी की आशंकाओं ने विशेष रूप से आईटी शेयरों पर अतिरिक्त दबाव डाला। नायर ने कहा कि अमेरिकी बांड पर उच्च ब्याज दर और चीन में डिफ़ॉल्ट जोखिम उभरते बाजारों में निवेश पर विचार करते समय एफआईआई को अधिक विवेकपूर्ण रुख अपनाने के लिए प्रेरित करेंगे।
–आईएएनएस
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