नई दिल्ली, 11 अगस्त (आईएएनएस)। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) लीग समिति ने शुक्रवार को आई-लीग 2023-24 प्रारूप पर फैसला किया, जिसमें 13 क्लब होम-एंड-अवे डबल राउंड-रॉबिन प्रारूप में भाग लेंगे।
क्लबों की भागीदारी एआईएफएफ की क्लब लाइसेंसिंग प्रक्रिया की पूर्ति के अधीन है। पूरे सीजन में कुल 156 मैच खेले जाएंगे, जिसमें प्रत्येक टीम 24 मैच खेलेगी। लीग के अंत में तालिका के शीर्ष पर रहने वाले क्लब को आई-लीग 2023-24 का चैंपियन घोषित किया जाएगा और इंडियन सुपर लीग 2024-25 में भाग लेने का मौका मिलेगा। लेकिन इसकी शर्त यह होगी कि वो सभी क्लब लाइसेंसिंग मानदंडों को पूरा करते हों।
एआईएफएफ महासचिव डॉ. शाजी प्रभाकरन ने कहा, “अधिक से अधिक क्लब न केवल आई-लीग, बल्कि तीसरे डिवीजन में भी भाग लेने के लिए आ रहे हैं। हम सभी लीग संरचना को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए सर्वोत्तम निर्णयों पर पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इससे क्लबों को आगे बढ़ने की इच्छा रखने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। जिला स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक, और भारतीय फुटबॉल के समग्र सुधार में मदद मिलेगी।”
पिछले सीज़न के चैंपियन पंजाब एफसी को पहले ही आईएसएल में प्रमोट किया जा चुका है।
वहीं 2022-23 आई-लीग सीज़न की दो हटाई गई टीमें – मुंबई केनक्रे एफसी और सुदेवा दिल्ली एफसी की जगह दिल्ली एफसी और शिलांग लाजोंग एफसी ने ले ली है, जो 2022-23 सेकेंड डिवीजन लीग की शीर्ष दो टीमें हैं।
समिति के अध्यक्ष ने कहा, “पहले, हमारे पास एक उचित स्तरीय लीग संरचना नहीं थी, लेकिन यह बदल गया है। अब, आईएसएल, आई-लीग, सेकेंड डिवीजन और थर्ड डिवीजन सभी एक मजबूत लीग संरचना बनाने के लिए एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।”
–आईएएनएस
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