फिल्म की अवधि: 128 मिनट
आईएएनएस रेटिंग: 4
निर्देशक: श्रवण तिवारी
कास्ट: जिमी शेरगिल, अभिमन्यु सिंह, इंद्रनील सेनगुप्ता, रजा मुराद, संजीव त्यागी, गोविंद नामदेव, सयाजी शिंदे, अली खान, अनंग देसाई, मुश्ताक खान, विवेक घमांडे, इंजमाम, आलोक पांडे और सुशांत जैन
फिल्म अधिकतर गैंगस्टर ड्रामा, गन वॉयलेंस, गलत भाषा, लाउड करेक्टर्स और कमजोर स्क्रीनप्ले से भरी हुई हैं, लेकिन यह स्मार्ट, स्लीक और डार्क है, जो फिल्म में हर दूसरे क्राइम ड्रामा को बढ़ाने में मदद करता है।
पावर शिफ्ट कभी भी आसान नहीं होता, चाहे वह कॉर्पोरेट में हो या किसी अन्य फील्ड में। जब युवा बुजुर्गों की जगह लेते हैं, तो खून-खराबे की नौबत तक आ जाती है क्योंकि यह विशेषाधिकार और आजीविका को खतरे में डालता है। सत्ता के विचार से पुराने जूझ रहे हैं और युवा उसी शक्ति का क्रूरता से इस्तेमाल कर रहे हैं, यह लंबे समय से समाज में चली आ रही है।
माफिया डॉन नवाब खान (रजा मुराद) जो बेहद बीमार है। उसका बेटा कादर पठान (अभिमन्यु सिंह) क्राइम सिंडिकेट का असली उत्तराधिकारी है, लेकिन हर कोई डॉन की कुर्सी को पाने की साजिश कर रहा है। सबकी नजरें कुर्सी पर होती हैं।
नवाब खान अपने चार सहयोगियों शाकिर शेख, फिरोज नमाजी, तात्या और प्रताप शेट्टी के साथ गृह मंत्री मदन शिर्के के संरक्षण में अपना सिंडिकेट चलाता है।
अब, प्रताप शेट्टी का बेटा आन्या शेट्टी, युवा डॉन बनना चाहता है और कादर को मारने और नवाब के साम्राज्य को संभालने के लिए सभी के साथ मिलीभगत करना शुरू कर देता है।
लेकिन कादर का दाहिना हाथ, जावेद अंसारी (जिमी शेरगिल), चतुर, चालाक, और अपने बॉस कादर की रक्षा के प्रति अधिक सचेत रहता है।
कहानी सिर्फ एक रात में घटित होती है, जहां जावेद अपनी सदस्यों के साथ मिलकर झूठ और छल का एक काला जाल बनाता है, और एक पॉवरशिफ्ट गेम खेलता है, जो देखने लायक है और अंत में एक रोंगटे खड़े करने वाला ट्विस्ट आता है।
निर्देशक ने स्क्रीनप्ले को बरकरार रखा। हर 20 मिनट में एक के बाद एक हुए खुलासे के चलते दर्शक अपनी कुर्सी से चिपके रहेंगे। क्रिस्प स्क्रीनप्ले और अनुभवी अभिनेताओं के शानदार परफॉर्मेस ने फिल्म को मनोरंजक और दिलचस्प बना दिया है।
जावेद अंसारी के रूप में जिमी शेरगिल एक जटिल व्यक्ति है। जिनका एक गहरा अतीत है। वह अपने बारे में काफी कुछ बातें छिपाए रखता है, जो समय के साथ सामने आती रहती हैं, लेकिन वह जिस तरह खतरे का सामना करता है, वह होश उड़ाने वाला है।
श्रवण तिवारी कुछ ऐसा करने की कोशिश कर रहे हैं, जो भारतीय सिनेमा में पहले कभी नहीं किया गया है। वह अपनी फिल्म के साथ एक नया आयाम, स्क्रीन टेक्चर और स्टोरीटेलिंग ला रहे हैं।
डीसीपी अजय जोशी के रूप में इंद्रनील सेन गुप्ता एक बड़े राजनीतिक और अपराध सिंडिकेट में दिग्गज खिलाड़ी के रुप में नजर आ रहे हैं।
आजम एक डार्क, इंटेंस और क्राइम थ्रिलर है, जिसे यूनिक तरीके से प्रेजेंट और एग्जीक्यूट किया गया है।
–आईएएनएस
पीके/एएनएम