कुरुक्षेत्र, 10 मई (आईएएनएस)। जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को आतंकवाद के खिलाफ देश की निर्णायक कार्रवाई करार देते हुए शनिवार को कहा कि यह सर्जिकल स्ट्राइक केवल आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बना रही है।
स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि यह कार्रवाई न तो पाकिस्तानी सेना, न ही वहां की सरकार, न नागरिकों और न ही किसी इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ है। यह हमला आतंकवादियों पर केंद्रित है, जिन्होंने धर्म पूछकर देश की बहन-बेटियों और पर्यटकों पर अत्याचार किए। ऑपरेशन सिंदूर के तहत हमारी सेना ने आतंकवादियों के ठिकानों को ध्वस्त किया। यह भारत का अधिकार है, जैसा कि अमेरिका ने भी माना है। जिस तरह अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को ढूंढा और कार्रवाई की, उसी तरह भारत ने यह कदम उठाया है। यह सरकार का सामूहिक निर्णय है, जिसमें विपक्ष भी एकजुट है।
उन्होंने कहा, “आने वाले दिनों में भारतीय सेना आतंकवादियों को एक-एक करके खोज निकालेगी और उनके ठिकानों को नष्ट करेगी। पूरा देश एकजुट है, सभी संत और धार्मिक नेता एकजुट हैं, और हमें दुनिया भर से प्रशंसा मिल रही है। अमेरिका हमारी प्रशंसा कर रहा है, मध्य पूर्व हमारे साथ है, यूरोपीय देश हमारा समर्थन कर रहे हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय हमारे साथ खड़ा है। हर कोई हमारे धैर्य, हमारे संयम और हमारे रणनीतिक दृष्टिकोण की सराहना कर रहा है।”
उन्होंने भारतीय सेना की ताकत पर भरोसा जताते हुए कहा कि सेना हर हमले का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। यह युद्ध नहीं, बल्कि आतंकवादियों के खिलाफ लक्षित कार्रवाई है, जो देश की शांति और सुरक्षा के लिए आवश्यक है। भारत का यह कदम वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक मील का पत्थर साबित होगा। हमारा लक्ष्य स्पष्ट है कि आतंकवाद का खात्मा होना चाहिए। भारत इस दिशा में दृढ़ता से आगे बढ़ रहा है।
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की प्रशंसा करते हुए कहा, “पहलगाम आतंकवादी हमले का भारतीय सशस्त्र बलों ने जिस तरह रात के समय पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों पर हमला करके जवाब दिया, वह अत्यंत प्रशंसनीय है। यह ऑपरेशन भारतीय सेना की ताकत और साहस का प्रतीक है। अखिल भारतीय संत समिति प्रधानमंत्री और सेना के साथ मजबूती से खड़ी है। यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत कदम है।”
–आईएएनएस
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