श्रीनगर, 17 जून (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने शनिवार को कहा कि देश के दुश्मनों द्वारा नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ की लगातार कोशिशें आतंकवाद को जिंदा रखने की योजना का हिस्सा हैं।
डीजीपी ने श्रीनगर में डल झील महोत्सव के मौके पर मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान यह बात कही। डीजीपी ने कहा कि लंबे समय के बाद जम्मू-कश्मीर के लोग शांति का लुफ्त उठा रहे हैं। अब बच्चे स्कूलों में जा रहे हैं और पर्यटन सहित व्यावसायिक गतिविधियां बिना किसी रुकावट के चल रही हैं।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद धीरे-धीरे खत्म हो रहा है, लेकिन आतंकवाद को जिंदा रखने के लिए एलओसी के पार से आतंकवादियों को भेजने के कुछ प्रयास लगातार किए जा रहे हैं।
सुरक्षा बलों ने इस साल घुसपैठ की अधिकांश कोशिशों को नाकाम कर दिया है, लेकिन कुछ आतंकवादी राजौरी-पुंछ और कुपवाड़ा सेक्टरों से इस तरफ घुसने में कामयाब रहे हैं। डीजीपी ने कहा, इन समूहों पर नजर रखने के लिए अभियान जारी है और बहुत जल्द इन्हें ढेर कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस साल अब तक घुसपैठ की छह कोशिशें नाकाम की जा चुकी हैं, और कल कुपवाड़ा जिले के जामगुंड इलाके में एलओसी पर पांच आतंकवादी मारे गए। इन आतंकियों के पास से बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया।
डीजीपी ने कहा, शुक्रवार को ही सुरक्षाबलों ने पुंछ सेक्टर में आतंकियों की घुसपैठ की एक और कोशिश को नाकाम कर दिया था। उन्होंने कहा कि हिंसा मुक्त यात्रा सुनिश्चित करने के लिए इस वर्ष अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हर तीर्थयात्री अच्छी यादों के साथ घर जाए। आगे कहा कि यहां के लोगों ने हिंसा को खारिज कर दिया है और शांतिपूर्ण जीवन जी रहे हैं।
युवाओं में बढ़ते ड्रग्स के दुरुपयोग पर उन्होंने कहा कि इस खतरे को समाप्त करने के लिए पुलिस द्वारा किए जा रहे प्रयासों के अलावा समाज द्वारा एक समग्र पहल की जरूरत है।
डल झील महोत्सव को संबोधित करते हुए दिलबाग सिंह ने कहा कि उत्सव में 600 बच्चे भाग ले रहे हैं और जम्मू-कश्मीर पुलिस उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक मंच प्रदान कर रही है।
–आईएएनएस
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