जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा केसी गुप्ता व अतिरिक्त संचालक डॉ किरण बाला सलूजा को हर हाल में पूर्व आदेश का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही चेतावनी दी है कि यदि ऐसा न किया गया तो दोनों अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग या फिर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करना होगा. जस्टिस एके सिंह की एकलपीठ ने प्रकरण की अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद निर्धारित की है.
अवमानना याचिकाकर्ता खंडवा निवासी अमितेश भट्ट की ओर से दलील दी गई कि पूर्व में हाईकोर्ट ने 2018 में एक मामले में स्पष्ट निर्देश दिये थे कि असिस्टेंट ग्रेड कर्मियों को टाइपिंग टेस्ट उत्तीर्ण करने की तिथि से इंक्रीमेंट का लाभ दें. न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि यह लाभ न ही नियुक्ति तिथि से और न ही टेस्ट उत्तीर्ण करने के एक साल बाद से दिया जायेगा.
सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से भी हार गई थी. इसके बावजूद विभाग के अवर सचिव ने नौ अगस्त 2023 को एक आदेश जारी कर इंक्रीमेंट का लाभ टाइपिंग टेस्ट उत्तीर्ण करने के एक साल बाद से दिए जाने का प्रावधान कर दिया. न्यायालय ने अवर सचिव के आदेश का अवलोकन करने के बाद कहा कि इसमें हाईकोर्ट के आदेश का कोई उल्लेख नहीं किया गया है, जो कि प्रथम दृष्ट्या कोर्ट की अवमानना है. याचिकाकर्ता के मामले में एकलपीठ ने टाइपिंग टेस्ट पास करने की तिथि से इंक्रीमेंट का लाभ देने के निर्देश दिए थे. आदेश का पालन न होने पर अवमानना याचिका दायर की गई है.