सतना, देशबन्धु। आम तौर पर, सभी तरह के कामों के लिए कंक्रीट का अनुपात 1: 2: 4 होता है. इसका मतलब है कि एक भाग सीमेंट, दो भाग रेत, और चार भाग कंक्रीट किया जाता है। लेकिन कोठी में इस मानक अनुपात में निर्माण कार्य में दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा है।
अगर इस कार्य में लगे मजदूरों की बात करें तो उनका कहना है कि चल रहे निर्माण कार्य में आधी ट्राली बालू में एक बोरी सीमेंट खपाई जा रही है। ज्ञात हो कि इन दिनों नगर पंचायत कार्यालल के बाहर ही तकरीबन डेढ़ करोड़ की लागत से दुकानें बनवाई जा रही हैं। जिसका निर्माण कार्य बड़ी तेजी के साथ चल रहा है। हैरान करने वाली बात तो यह है कि नगर पंचायत के ठीक आंख के नीचे हो रहे इस निर्माण कार्य में सारे मानक स्तरों को ताक में रखकर के निर्माण किया जा रहा है।
घटिया स्तर की टाइल्स
बताया गया है कि निर्माणाधीन नगर पंचायत की दुकानों में सबसे घटिया स्तर की टाइल्स का उपयोग किया जा रहा है। गुणवत्ता को ताक में रखकर किये जा रहे इस निर्माण कार्य में लगातार पार्षद आवाज उठा रहे हैं लेकिन उनकी कोई सुनने वाला हीं नहीं।
नदी की बालू का उपयोग
तो वहीं वार्ड दो के पार्षद रामविश्वास पाल का कहना है कि जब से यह कार्य शुरू हुआ है तो नगर पंचायत द्वारा ठेकेदार को अभयदान मिला हुआ है। यही वजह है कि वह अपने हिसाब से स्थानीय नदी की बालू मिलाकर के कार्य किये जा रहा है। जो आंगे चल कर हादसे का कारण भी बनेगा।
कोई नहीं आता
तो नगर पंचायत अध्यक्ष का कहना है कि मुझे इतना पता है कि मै कार्यालय प्रतिदिन आती हूं। सीएमओ का दो दिन से पता नहीं है। जहां तक बात इंजीनियर की है तो वह भी नहीं आती। जबकि उन्हे प्रतिदिन आना चाहिए। मैने कई बार पूछा कि निर्माण कार्य का निरीक्षण कैसे होता है तो
इंजीनियर मैडम का कहना होता है जब आती हूं तो देख लेती हूं। काम सब सही चल रहा है।