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Home ताज़ा समाचार

आपराधिक कानूनों से जुड़े तीनों विधेयकों पर लोक सभा में चर्चा जारी

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December 19, 2023
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। आपराधिक कानूनों से जुड़े तीनों विधेयकों भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर लोकसभा में चर्चा शुरू हो गई है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर विचार करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद सदन में एक साथ आपराधिक कानूनों से जुड़े तीनों विधेयकों पर चर्चा शुरू हो गई।

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बता दें कि अमित शाह ने वर्तमान सत्र के दौरान 12 दिसंबर को आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह लेने वाले इन तीन नए विधेयकों को लोकसभा में पेश किया था। इससे पहले अमित शाह ने मानसून सत्र के दौरान 11 अगस्त, 2023 को लोकसभा में पेश किए गए तीन विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन से वापस ले लिया था।

दरअसल, 11 अगस्त को पेश किए गए इन तीनों बिलों को उस समय अमित शाह के अनुरोध पर ही स्टैंडिंग कमेटी को भेज दिया गया था। स्टैंडिंग कमेटी की कई सिफारिशें आने के बाद सरकार ने यह तय किया कि इन तीनों पुराने बिलों को वापस लेकर नए बिलों को सदन में पेश किया जाए।

इसी आधार पर अमित शाह ने पिछले सप्ताह मंगलवार, 12 दिसंबर को मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किए गए तीनों विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन की सहमति से वापस ले लिया और फिर स्टैंडिंग कमेटी की सिफारिशों के आधार पर तैयार किए गए तीन नए बिलों, भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023, को सदन में पेश किया था।

–आईएएनएस

एसटीपी/एबीएम

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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। आपराधिक कानूनों से जुड़े तीनों विधेयकों भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर लोकसभा में चर्चा शुरू हो गई है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर विचार करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद सदन में एक साथ आपराधिक कानूनों से जुड़े तीनों विधेयकों पर चर्चा शुरू हो गई।

बता दें कि अमित शाह ने वर्तमान सत्र के दौरान 12 दिसंबर को आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह लेने वाले इन तीन नए विधेयकों को लोकसभा में पेश किया था। इससे पहले अमित शाह ने मानसून सत्र के दौरान 11 अगस्त, 2023 को लोकसभा में पेश किए गए तीन विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन से वापस ले लिया था।

दरअसल, 11 अगस्त को पेश किए गए इन तीनों बिलों को उस समय अमित शाह के अनुरोध पर ही स्टैंडिंग कमेटी को भेज दिया गया था। स्टैंडिंग कमेटी की कई सिफारिशें आने के बाद सरकार ने यह तय किया कि इन तीनों पुराने बिलों को वापस लेकर नए बिलों को सदन में पेश किया जाए।

इसी आधार पर अमित शाह ने पिछले सप्ताह मंगलवार, 12 दिसंबर को मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किए गए तीनों विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन की सहमति से वापस ले लिया और फिर स्टैंडिंग कमेटी की सिफारिशों के आधार पर तैयार किए गए तीन नए बिलों, भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023, को सदन में पेश किया था।

–आईएएनएस

एसटीपी/एबीएम

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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। आपराधिक कानूनों से जुड़े तीनों विधेयकों भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर लोकसभा में चर्चा शुरू हो गई है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर विचार करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद सदन में एक साथ आपराधिक कानूनों से जुड़े तीनों विधेयकों पर चर्चा शुरू हो गई।

बता दें कि अमित शाह ने वर्तमान सत्र के दौरान 12 दिसंबर को आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह लेने वाले इन तीन नए विधेयकों को लोकसभा में पेश किया था। इससे पहले अमित शाह ने मानसून सत्र के दौरान 11 अगस्त, 2023 को लोकसभा में पेश किए गए तीन विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन से वापस ले लिया था।

दरअसल, 11 अगस्त को पेश किए गए इन तीनों बिलों को उस समय अमित शाह के अनुरोध पर ही स्टैंडिंग कमेटी को भेज दिया गया था। स्टैंडिंग कमेटी की कई सिफारिशें आने के बाद सरकार ने यह तय किया कि इन तीनों पुराने बिलों को वापस लेकर नए बिलों को सदन में पेश किया जाए।

इसी आधार पर अमित शाह ने पिछले सप्ताह मंगलवार, 12 दिसंबर को मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किए गए तीनों विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन की सहमति से वापस ले लिया और फिर स्टैंडिंग कमेटी की सिफारिशों के आधार पर तैयार किए गए तीन नए बिलों, भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023, को सदन में पेश किया था।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। आपराधिक कानूनों से जुड़े तीनों विधेयकों भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर लोकसभा में चर्चा शुरू हो गई है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर विचार करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद सदन में एक साथ आपराधिक कानूनों से जुड़े तीनों विधेयकों पर चर्चा शुरू हो गई।

बता दें कि अमित शाह ने वर्तमान सत्र के दौरान 12 दिसंबर को आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह लेने वाले इन तीन नए विधेयकों को लोकसभा में पेश किया था। इससे पहले अमित शाह ने मानसून सत्र के दौरान 11 अगस्त, 2023 को लोकसभा में पेश किए गए तीन विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन से वापस ले लिया था।

दरअसल, 11 अगस्त को पेश किए गए इन तीनों बिलों को उस समय अमित शाह के अनुरोध पर ही स्टैंडिंग कमेटी को भेज दिया गया था। स्टैंडिंग कमेटी की कई सिफारिशें आने के बाद सरकार ने यह तय किया कि इन तीनों पुराने बिलों को वापस लेकर नए बिलों को सदन में पेश किया जाए।

इसी आधार पर अमित शाह ने पिछले सप्ताह मंगलवार, 12 दिसंबर को मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किए गए तीनों विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन की सहमति से वापस ले लिया और फिर स्टैंडिंग कमेटी की सिफारिशों के आधार पर तैयार किए गए तीन नए बिलों, भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023, को सदन में पेश किया था।

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर विचार करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद सदन में एक साथ आपराधिक कानूनों से जुड़े तीनों विधेयकों पर चर्चा शुरू हो गई।

बता दें कि अमित शाह ने वर्तमान सत्र के दौरान 12 दिसंबर को आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह लेने वाले इन तीन नए विधेयकों को लोकसभा में पेश किया था। इससे पहले अमित शाह ने मानसून सत्र के दौरान 11 अगस्त, 2023 को लोकसभा में पेश किए गए तीन विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन से वापस ले लिया था।

दरअसल, 11 अगस्त को पेश किए गए इन तीनों बिलों को उस समय अमित शाह के अनुरोध पर ही स्टैंडिंग कमेटी को भेज दिया गया था। स्टैंडिंग कमेटी की कई सिफारिशें आने के बाद सरकार ने यह तय किया कि इन तीनों पुराने बिलों को वापस लेकर नए बिलों को सदन में पेश किया जाए।

इसी आधार पर अमित शाह ने पिछले सप्ताह मंगलवार, 12 दिसंबर को मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किए गए तीनों विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन की सहमति से वापस ले लिया और फिर स्टैंडिंग कमेटी की सिफारिशों के आधार पर तैयार किए गए तीन नए बिलों, भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023, को सदन में पेश किया था।

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर विचार करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद सदन में एक साथ आपराधिक कानूनों से जुड़े तीनों विधेयकों पर चर्चा शुरू हो गई।

बता दें कि अमित शाह ने वर्तमान सत्र के दौरान 12 दिसंबर को आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह लेने वाले इन तीन नए विधेयकों को लोकसभा में पेश किया था। इससे पहले अमित शाह ने मानसून सत्र के दौरान 11 अगस्त, 2023 को लोकसभा में पेश किए गए तीन विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन से वापस ले लिया था।

दरअसल, 11 अगस्त को पेश किए गए इन तीनों बिलों को उस समय अमित शाह के अनुरोध पर ही स्टैंडिंग कमेटी को भेज दिया गया था। स्टैंडिंग कमेटी की कई सिफारिशें आने के बाद सरकार ने यह तय किया कि इन तीनों पुराने बिलों को वापस लेकर नए बिलों को सदन में पेश किया जाए।

इसी आधार पर अमित शाह ने पिछले सप्ताह मंगलवार, 12 दिसंबर को मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किए गए तीनों विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन की सहमति से वापस ले लिया और फिर स्टैंडिंग कमेटी की सिफारिशों के आधार पर तैयार किए गए तीन नए बिलों, भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023, को सदन में पेश किया था।

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर विचार करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद सदन में एक साथ आपराधिक कानूनों से जुड़े तीनों विधेयकों पर चर्चा शुरू हो गई।

बता दें कि अमित शाह ने वर्तमान सत्र के दौरान 12 दिसंबर को आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह लेने वाले इन तीन नए विधेयकों को लोकसभा में पेश किया था। इससे पहले अमित शाह ने मानसून सत्र के दौरान 11 अगस्त, 2023 को लोकसभा में पेश किए गए तीन विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन से वापस ले लिया था।

दरअसल, 11 अगस्त को पेश किए गए इन तीनों बिलों को उस समय अमित शाह के अनुरोध पर ही स्टैंडिंग कमेटी को भेज दिया गया था। स्टैंडिंग कमेटी की कई सिफारिशें आने के बाद सरकार ने यह तय किया कि इन तीनों पुराने बिलों को वापस लेकर नए बिलों को सदन में पेश किया जाए।

इसी आधार पर अमित शाह ने पिछले सप्ताह मंगलवार, 12 दिसंबर को मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किए गए तीनों विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन की सहमति से वापस ले लिया और फिर स्टैंडिंग कमेटी की सिफारिशों के आधार पर तैयार किए गए तीन नए बिलों, भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023, को सदन में पेश किया था।

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर विचार करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद सदन में एक साथ आपराधिक कानूनों से जुड़े तीनों विधेयकों पर चर्चा शुरू हो गई।

बता दें कि अमित शाह ने वर्तमान सत्र के दौरान 12 दिसंबर को आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह लेने वाले इन तीन नए विधेयकों को लोकसभा में पेश किया था। इससे पहले अमित शाह ने मानसून सत्र के दौरान 11 अगस्त, 2023 को लोकसभा में पेश किए गए तीन विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन से वापस ले लिया था।

दरअसल, 11 अगस्त को पेश किए गए इन तीनों बिलों को उस समय अमित शाह के अनुरोध पर ही स्टैंडिंग कमेटी को भेज दिया गया था। स्टैंडिंग कमेटी की कई सिफारिशें आने के बाद सरकार ने यह तय किया कि इन तीनों पुराने बिलों को वापस लेकर नए बिलों को सदन में पेश किया जाए।

इसी आधार पर अमित शाह ने पिछले सप्ताह मंगलवार, 12 दिसंबर को मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किए गए तीनों विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन की सहमति से वापस ले लिया और फिर स्टैंडिंग कमेटी की सिफारिशों के आधार पर तैयार किए गए तीन नए बिलों, भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023, को सदन में पेश किया था।

–आईएएनएस

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर विचार करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद सदन में एक साथ आपराधिक कानूनों से जुड़े तीनों विधेयकों पर चर्चा शुरू हो गई।

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दरअसल, 11 अगस्त को पेश किए गए इन तीनों बिलों को उस समय अमित शाह के अनुरोध पर ही स्टैंडिंग कमेटी को भेज दिया गया था। स्टैंडिंग कमेटी की कई सिफारिशें आने के बाद सरकार ने यह तय किया कि इन तीनों पुराने बिलों को वापस लेकर नए बिलों को सदन में पेश किया जाए।

इसी आधार पर अमित शाह ने पिछले सप्ताह मंगलवार, 12 दिसंबर को मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किए गए तीनों विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन की सहमति से वापस ले लिया और फिर स्टैंडिंग कमेटी की सिफारिशों के आधार पर तैयार किए गए तीन नए बिलों, भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023, को सदन में पेश किया था।

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर विचार करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद सदन में एक साथ आपराधिक कानूनों से जुड़े तीनों विधेयकों पर चर्चा शुरू हो गई।

बता दें कि अमित शाह ने वर्तमान सत्र के दौरान 12 दिसंबर को आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह लेने वाले इन तीन नए विधेयकों को लोकसभा में पेश किया था। इससे पहले अमित शाह ने मानसून सत्र के दौरान 11 अगस्त, 2023 को लोकसभा में पेश किए गए तीन विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन से वापस ले लिया था।

दरअसल, 11 अगस्त को पेश किए गए इन तीनों बिलों को उस समय अमित शाह के अनुरोध पर ही स्टैंडिंग कमेटी को भेज दिया गया था। स्टैंडिंग कमेटी की कई सिफारिशें आने के बाद सरकार ने यह तय किया कि इन तीनों पुराने बिलों को वापस लेकर नए बिलों को सदन में पेश किया जाए।

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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। आपराधिक कानूनों से जुड़े तीनों विधेयकों भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर लोकसभा में चर्चा शुरू हो गई है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर विचार करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद सदन में एक साथ आपराधिक कानूनों से जुड़े तीनों विधेयकों पर चर्चा शुरू हो गई।

बता दें कि अमित शाह ने वर्तमान सत्र के दौरान 12 दिसंबर को आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह लेने वाले इन तीन नए विधेयकों को लोकसभा में पेश किया था। इससे पहले अमित शाह ने मानसून सत्र के दौरान 11 अगस्त, 2023 को लोकसभा में पेश किए गए तीन विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन से वापस ले लिया था।

दरअसल, 11 अगस्त को पेश किए गए इन तीनों बिलों को उस समय अमित शाह के अनुरोध पर ही स्टैंडिंग कमेटी को भेज दिया गया था। स्टैंडिंग कमेटी की कई सिफारिशें आने के बाद सरकार ने यह तय किया कि इन तीनों पुराने बिलों को वापस लेकर नए बिलों को सदन में पेश किया जाए।

इसी आधार पर अमित शाह ने पिछले सप्ताह मंगलवार, 12 दिसंबर को मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किए गए तीनों विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन की सहमति से वापस ले लिया और फिर स्टैंडिंग कमेटी की सिफारिशों के आधार पर तैयार किए गए तीन नए बिलों, भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023, को सदन में पेश किया था।

–आईएएनएस

एसटीपी/एबीएम

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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। आपराधिक कानूनों से जुड़े तीनों विधेयकों भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर लोकसभा में चर्चा शुरू हो गई है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर विचार करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद सदन में एक साथ आपराधिक कानूनों से जुड़े तीनों विधेयकों पर चर्चा शुरू हो गई।

बता दें कि अमित शाह ने वर्तमान सत्र के दौरान 12 दिसंबर को आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह लेने वाले इन तीन नए विधेयकों को लोकसभा में पेश किया था। इससे पहले अमित शाह ने मानसून सत्र के दौरान 11 अगस्त, 2023 को लोकसभा में पेश किए गए तीन विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन से वापस ले लिया था।

दरअसल, 11 अगस्त को पेश किए गए इन तीनों बिलों को उस समय अमित शाह के अनुरोध पर ही स्टैंडिंग कमेटी को भेज दिया गया था। स्टैंडिंग कमेटी की कई सिफारिशें आने के बाद सरकार ने यह तय किया कि इन तीनों पुराने बिलों को वापस लेकर नए बिलों को सदन में पेश किया जाए।

इसी आधार पर अमित शाह ने पिछले सप्ताह मंगलवार, 12 दिसंबर को मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किए गए तीनों विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन की सहमति से वापस ले लिया और फिर स्टैंडिंग कमेटी की सिफारिशों के आधार पर तैयार किए गए तीन नए बिलों, भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023, को सदन में पेश किया था।

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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। आपराधिक कानूनों से जुड़े तीनों विधेयकों भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर लोकसभा में चर्चा शुरू हो गई है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर विचार करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद सदन में एक साथ आपराधिक कानूनों से जुड़े तीनों विधेयकों पर चर्चा शुरू हो गई।

बता दें कि अमित शाह ने वर्तमान सत्र के दौरान 12 दिसंबर को आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह लेने वाले इन तीन नए विधेयकों को लोकसभा में पेश किया था। इससे पहले अमित शाह ने मानसून सत्र के दौरान 11 अगस्त, 2023 को लोकसभा में पेश किए गए तीन विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन से वापस ले लिया था।

दरअसल, 11 अगस्त को पेश किए गए इन तीनों बिलों को उस समय अमित शाह के अनुरोध पर ही स्टैंडिंग कमेटी को भेज दिया गया था। स्टैंडिंग कमेटी की कई सिफारिशें आने के बाद सरकार ने यह तय किया कि इन तीनों पुराने बिलों को वापस लेकर नए बिलों को सदन में पेश किया जाए।

इसी आधार पर अमित शाह ने पिछले सप्ताह मंगलवार, 12 दिसंबर को मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किए गए तीनों विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन की सहमति से वापस ले लिया और फिर स्टैंडिंग कमेटी की सिफारिशों के आधार पर तैयार किए गए तीन नए बिलों, भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023, को सदन में पेश किया था।

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर विचार करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद सदन में एक साथ आपराधिक कानूनों से जुड़े तीनों विधेयकों पर चर्चा शुरू हो गई।

बता दें कि अमित शाह ने वर्तमान सत्र के दौरान 12 दिसंबर को आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह लेने वाले इन तीन नए विधेयकों को लोकसभा में पेश किया था। इससे पहले अमित शाह ने मानसून सत्र के दौरान 11 अगस्त, 2023 को लोकसभा में पेश किए गए तीन विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन से वापस ले लिया था।

दरअसल, 11 अगस्त को पेश किए गए इन तीनों बिलों को उस समय अमित शाह के अनुरोध पर ही स्टैंडिंग कमेटी को भेज दिया गया था। स्टैंडिंग कमेटी की कई सिफारिशें आने के बाद सरकार ने यह तय किया कि इन तीनों पुराने बिलों को वापस लेकर नए बिलों को सदन में पेश किया जाए।

इसी आधार पर अमित शाह ने पिछले सप्ताह मंगलवार, 12 दिसंबर को मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किए गए तीनों विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन की सहमति से वापस ले लिया और फिर स्टैंडिंग कमेटी की सिफारिशों के आधार पर तैयार किए गए तीन नए बिलों, भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023, को सदन में पेश किया था।

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर विचार करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद सदन में एक साथ आपराधिक कानूनों से जुड़े तीनों विधेयकों पर चर्चा शुरू हो गई।

बता दें कि अमित शाह ने वर्तमान सत्र के दौरान 12 दिसंबर को आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह लेने वाले इन तीन नए विधेयकों को लोकसभा में पेश किया था। इससे पहले अमित शाह ने मानसून सत्र के दौरान 11 अगस्त, 2023 को लोकसभा में पेश किए गए तीन विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन से वापस ले लिया था।

दरअसल, 11 अगस्त को पेश किए गए इन तीनों बिलों को उस समय अमित शाह के अनुरोध पर ही स्टैंडिंग कमेटी को भेज दिया गया था। स्टैंडिंग कमेटी की कई सिफारिशें आने के बाद सरकार ने यह तय किया कि इन तीनों पुराने बिलों को वापस लेकर नए बिलों को सदन में पेश किया जाए।

इसी आधार पर अमित शाह ने पिछले सप्ताह मंगलवार, 12 दिसंबर को मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किए गए तीनों विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन की सहमति से वापस ले लिया और फिर स्टैंडिंग कमेटी की सिफारिशों के आधार पर तैयार किए गए तीन नए बिलों, भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023, को सदन में पेश किया था।

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर विचार करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद सदन में एक साथ आपराधिक कानूनों से जुड़े तीनों विधेयकों पर चर्चा शुरू हो गई।

बता दें कि अमित शाह ने वर्तमान सत्र के दौरान 12 दिसंबर को आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह लेने वाले इन तीन नए विधेयकों को लोकसभा में पेश किया था। इससे पहले अमित शाह ने मानसून सत्र के दौरान 11 अगस्त, 2023 को लोकसभा में पेश किए गए तीन विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन से वापस ले लिया था।

दरअसल, 11 अगस्त को पेश किए गए इन तीनों बिलों को उस समय अमित शाह के अनुरोध पर ही स्टैंडिंग कमेटी को भेज दिया गया था। स्टैंडिंग कमेटी की कई सिफारिशें आने के बाद सरकार ने यह तय किया कि इन तीनों पुराने बिलों को वापस लेकर नए बिलों को सदन में पेश किया जाए।

इसी आधार पर अमित शाह ने पिछले सप्ताह मंगलवार, 12 दिसंबर को मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किए गए तीनों विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, को सदन की सहमति से वापस ले लिया और फिर स्टैंडिंग कमेटी की सिफारिशों के आधार पर तैयार किए गए तीन नए बिलों, भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023, को सदन में पेश किया था।

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