बेंगलुरु, 25 अगस्त (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी (आप) की कर्नाटक इकाई ने शुक्रवार को सार्वजनिक उद्यम मंत्री शरणबसप्पा दर्शनपुरा पर राज्य में कांग्रेस सरकार के 100 दिन पूरे होने के बावजूद एक भी सार्वजनिक बैठक नहीं करने का आरोप लगाया।
यह कहते हुए कि मंत्री न तो जनता के लिए उपलब्ध हैं और न ही उद्यमियों के लिए, आप के प्रदेश उपाध्यक्ष मोहन दसारी ने सवाल किया, “क्या (कांग्रेस सरकार) ने उन्हें केवल नाम के लिए कैबिनेट में रखा है?
उन्होंने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पिछली सरकार द्वारा सार्वजनिक उद्यम पोर्टफोलियो को समाप्त करने के बावजूद, उस पोर्टफोलियो में मंत्री दर्शनपुरा की नियुक्ति संदेह पैदा करती है।
उन्होंने आगे कहा कि विधान सौध में मंत्री शरणबसप्पा दर्शनपुरा के आधिकारिक कक्ष के दरवाजे पर लगा बोर्ड भ्रमित करने वाला है।
राज्य सरकार के मंत्रियों के विभागों के आवंटन के दौरान राज्यपाल को सौंपे गए विवरण में दर्शनपुरा को सार्वजनिक उद्यम मंत्री नियुक्त किया गया है।
क्या सरकार के मुख्य सचिव ने यह तथ्य छिपाकर राज्यपाल को गुमराह किया कि पिछली सरकार ने सार्वजनिक उद्यम पोर्टफोलियो ही रद्द कर दिया था?
इस बीच, मंत्री शरण बसप्पा दर्शनपुरा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर स्पष्ट किया है कि उन्होंने सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय को वित्त पोर्टफोलियो में विलय कर दिया है, इसलिए उन्होंने इससे संबंधित अधिकारियों की कोई बैठक नहीं बुलाई।
इसका मतलब यह है कि सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय मुख्यमंत्री का है, जिनके पास वित्त विभाग भी है। इस बात को लेकर जनता में भ्रम की स्थिति है कि क्या सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय सरकार में है? या रद्द कर दिया गया? या वित्त विभाग में विलय कर दिया गया? उन्होंने कहा, ”यह भ्रमित करने वाला है।”
उन्होंने आग्रह किया कि सार्वजनिक उद्यम मंत्री के रूप में दर्शनपुरा की नियुक्ति के संबंध में भ्रम को तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए।
–आईएएनएस
एकेजे