नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने बुधवार को आरोप लगाया कि भाजपा के निर्देश पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उसके गिरफ्तार राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को जान से मारने की साजिश रच रहा है। अदालत को सूचित किए बिना उन्हें दो बार अज्ञात जगह पर ले जाया गया है।
आप विधायक दिलीप पांडे ने पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत में सिंह की पेशी के दौरान जो सच्चाई सामने आई है, उसने भाजपा की गंदी राजनीति और बदले के इरादों को उजागर कर दिया है। इससे साफ हो गया कि ईडी भाजपा के इशारे पर संजय सिंह की हत्या की साजिश रच रही है।”
उन्होंने कहा, “यह अहम सवाल है, भाजपा और ईडी दोनों को इस सवाल का जवाब देना चाहिए। भाजपा और ईडी मिलकर एक साजिश रच रहे हैं, जिससे संजय सिंह की जिंदगी खतरे में है।”
पांडे ने मामले के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि ईडी की हिरासत में दो ऐसे मामले थे, जहां सिंह को अदालत को सूचित किए बिना अज्ञात स्थान पर ले जाने का प्रयास किया गया था।
पांडे ने कहा, “जब उन्होंने (संजय सिंह ने) इसका विरोध किया और पूछा कि यह आदेश किसने दिया और क्या अदालत को उन्हें उस अज्ञात स्थान पर ले जाने के बारे में सूचित किया गया था, तो ईडी के अधिकारियों ने जवाब दिया कि उनके पास ऊपर से आदेश थे। अब सवाल उठता है कि नियमों और विनियमों से ऊपर जाकर ईडी को आदेश कौन दे रहा है।”
आप नेता ने दावा किया कि अदालत को सूचित किए बिना और व्यक्ति की सहमति के बिना हिरासत में लिए गए व्यक्ति को अज्ञात स्थान पर ले जाना नियमों के खिलाफ है।
उन्होंने पूछा, “सवाल उठता है कि शीर्ष पर कौन बैठा है और ईडी को नियमों को दरकिनार करने के लिए प्रेरित कर रहा है।”
पांडे ने यह भी कहा कि सिंह से 10 घंटे की पूछताछ के बाद भी एक भी सबूत नहीं मिला। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सिंह के परिवार को मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “कानून के मुताबिक, परिवार को शाम 6 से 7 बजे के बीच हिरासत में लिए गए व्यक्ति से मिलने की अनुमति है। लेकिन जब उनका परिवार उनसे मिलने जाता है तो उन्हें काफी देर तक इंतजार कराया जाता है। यह एक मानसिक यातना तकनीक है, जिसका उपयोग ईडी उनके परिवार के खिलाफ कर रहा है। हम स्पष्ट रूप से और लिखित रूप में यह कहने के लिए अदालत के आभारी हैं कि वे सिंह को हमारी जानकारी के बिना कहीं भी नहीं ले जा सकते, और परिवार को उनसे मिलने के लिए आवंटित समय का सम्मान किया जाना चाहिए, क्योंकि यह उनका अधिकार है।”
–आईएएनएस
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