नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाने के कुछ घंटों बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिसके कारण वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
आप ने एक बयान में कहा कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जैसा कि संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2022-2023 में सराहना की गई थी।
आम आदमी पार्टी ने कहा कि पंजाब में उसके डेढ़ साल के कार्यकाल में एक्स-सीटू और इन-सीटू उपायों को लागू किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप खेत की आग में लगभग 50 प्रतिशत की कमी आई है।
“अगर केंद्र सरकार सब्सिडी की मांग मान लेती है तो और कमी हासिल की जा सकती है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी 7 नवंबर को अपने आदेश में कहा था कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि केंद्र सरकार यह सब्सिडी नहीं दे सकती।“
“‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान और ‘ऑड-ईवन वाहन’ योजना आपातकालीन उपाय हैं जिनका वाहन प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।“
“पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भी 13 दिसंबर, 2019 को उत्तर दिए गए अतारांकित प्रश्न संख्या 4340 के माध्यम से उस अवधि के दौरान कण पदार्थ एकाग्रता स्तर में कमी को स्वीकार किया है जब ‘सम-विषम वाहन’ योजना लागू की गई थी।“
“एनसीआर, विशेष रूप से हरियाणा की सरकारों के लिए यह जरूरी है कि वे एनसीआर क्षेत्र में खेतों में लगाए जाने वाली आग को नियंत्रित करें और एनसीआर क्षेत्र में काम करने वाले उद्योगों को स्वच्छ ईंधन पर स्विच करने और 24/7 बिजली प्रदान करने और दिल्ली सरकार की तरह समान उपाय करने में सक्षम बनाएं। पर्यावरण की रक्षा के लिए। हम हरियाणा को विशेषज्ञ दे सकते हैं, क्योंकि हरियाणा सरकार सभी मोर्चों पर बुरी तरह विफल रही है।”
आप की ओर से यह टिप्पणी तब आई, जब गुरुवार दोपहर को सक्सेना ने कहा कि वर्षों से घोर निष्क्रियता के लिए दूसरों को दोष देना एक बहाना नहीं होना चाहिए और स्मॉग टावरों जैसे प्रॉप्स के इर्द-गिर्द प्रचार का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि “प्रचार की राजनीति जिसमें ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ और ‘ऑड-ईवन’ जैसी अति-प्रचारित घटनाएं शामिल हैं, शहर के लोगों के जीवन को खतरे में नहीं डाल सकतीं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में सीएनजी लागू होने और उसके बाद से फ्लाईओवरों के चक्रव्यूह के निर्माण के बाद कुछ भी ठोस प्रयास नहीं किया गया है और दिल्ली को केवल दिखावे की नहीं, बल्कि कार्रवाई की जरूरत है।
दिल्ली भर में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है और गुरुवार सुबह कई स्थानों पर एक्यूआई खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
आनंद विहार स्टेशन पर पीएम 2.5 500 और पीएम 10 459 के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी में था।
–आईएएनएस
एसजीके
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाने के कुछ घंटों बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिसके कारण वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
आप ने एक बयान में कहा कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जैसा कि संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2022-2023 में सराहना की गई थी।
आम आदमी पार्टी ने कहा कि पंजाब में उसके डेढ़ साल के कार्यकाल में एक्स-सीटू और इन-सीटू उपायों को लागू किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप खेत की आग में लगभग 50 प्रतिशत की कमी आई है।
“अगर केंद्र सरकार सब्सिडी की मांग मान लेती है तो और कमी हासिल की जा सकती है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी 7 नवंबर को अपने आदेश में कहा था कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि केंद्र सरकार यह सब्सिडी नहीं दे सकती।“
“‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान और ‘ऑड-ईवन वाहन’ योजना आपातकालीन उपाय हैं जिनका वाहन प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।“
“पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भी 13 दिसंबर, 2019 को उत्तर दिए गए अतारांकित प्रश्न संख्या 4340 के माध्यम से उस अवधि के दौरान कण पदार्थ एकाग्रता स्तर में कमी को स्वीकार किया है जब ‘सम-विषम वाहन’ योजना लागू की गई थी।“
“एनसीआर, विशेष रूप से हरियाणा की सरकारों के लिए यह जरूरी है कि वे एनसीआर क्षेत्र में खेतों में लगाए जाने वाली आग को नियंत्रित करें और एनसीआर क्षेत्र में काम करने वाले उद्योगों को स्वच्छ ईंधन पर स्विच करने और 24/7 बिजली प्रदान करने और दिल्ली सरकार की तरह समान उपाय करने में सक्षम बनाएं। पर्यावरण की रक्षा के लिए। हम हरियाणा को विशेषज्ञ दे सकते हैं, क्योंकि हरियाणा सरकार सभी मोर्चों पर बुरी तरह विफल रही है।”
आप की ओर से यह टिप्पणी तब आई, जब गुरुवार दोपहर को सक्सेना ने कहा कि वर्षों से घोर निष्क्रियता के लिए दूसरों को दोष देना एक बहाना नहीं होना चाहिए और स्मॉग टावरों जैसे प्रॉप्स के इर्द-गिर्द प्रचार का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि “प्रचार की राजनीति जिसमें ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ और ‘ऑड-ईवन’ जैसी अति-प्रचारित घटनाएं शामिल हैं, शहर के लोगों के जीवन को खतरे में नहीं डाल सकतीं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में सीएनजी लागू होने और उसके बाद से फ्लाईओवरों के चक्रव्यूह के निर्माण के बाद कुछ भी ठोस प्रयास नहीं किया गया है और दिल्ली को केवल दिखावे की नहीं, बल्कि कार्रवाई की जरूरत है।
दिल्ली भर में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है और गुरुवार सुबह कई स्थानों पर एक्यूआई खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
आनंद विहार स्टेशन पर पीएम 2.5 500 और पीएम 10 459 के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी में था।
–आईएएनएस
एसजीके
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाने के कुछ घंटों बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिसके कारण वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
आप ने एक बयान में कहा कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जैसा कि संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2022-2023 में सराहना की गई थी।
आम आदमी पार्टी ने कहा कि पंजाब में उसके डेढ़ साल के कार्यकाल में एक्स-सीटू और इन-सीटू उपायों को लागू किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप खेत की आग में लगभग 50 प्रतिशत की कमी आई है।
“अगर केंद्र सरकार सब्सिडी की मांग मान लेती है तो और कमी हासिल की जा सकती है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी 7 नवंबर को अपने आदेश में कहा था कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि केंद्र सरकार यह सब्सिडी नहीं दे सकती।“
“‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान और ‘ऑड-ईवन वाहन’ योजना आपातकालीन उपाय हैं जिनका वाहन प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।“
“पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भी 13 दिसंबर, 2019 को उत्तर दिए गए अतारांकित प्रश्न संख्या 4340 के माध्यम से उस अवधि के दौरान कण पदार्थ एकाग्रता स्तर में कमी को स्वीकार किया है जब ‘सम-विषम वाहन’ योजना लागू की गई थी।“
“एनसीआर, विशेष रूप से हरियाणा की सरकारों के लिए यह जरूरी है कि वे एनसीआर क्षेत्र में खेतों में लगाए जाने वाली आग को नियंत्रित करें और एनसीआर क्षेत्र में काम करने वाले उद्योगों को स्वच्छ ईंधन पर स्विच करने और 24/7 बिजली प्रदान करने और दिल्ली सरकार की तरह समान उपाय करने में सक्षम बनाएं। पर्यावरण की रक्षा के लिए। हम हरियाणा को विशेषज्ञ दे सकते हैं, क्योंकि हरियाणा सरकार सभी मोर्चों पर बुरी तरह विफल रही है।”
आप की ओर से यह टिप्पणी तब आई, जब गुरुवार दोपहर को सक्सेना ने कहा कि वर्षों से घोर निष्क्रियता के लिए दूसरों को दोष देना एक बहाना नहीं होना चाहिए और स्मॉग टावरों जैसे प्रॉप्स के इर्द-गिर्द प्रचार का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि “प्रचार की राजनीति जिसमें ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ और ‘ऑड-ईवन’ जैसी अति-प्रचारित घटनाएं शामिल हैं, शहर के लोगों के जीवन को खतरे में नहीं डाल सकतीं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में सीएनजी लागू होने और उसके बाद से फ्लाईओवरों के चक्रव्यूह के निर्माण के बाद कुछ भी ठोस प्रयास नहीं किया गया है और दिल्ली को केवल दिखावे की नहीं, बल्कि कार्रवाई की जरूरत है।
दिल्ली भर में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है और गुरुवार सुबह कई स्थानों पर एक्यूआई खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
आनंद विहार स्टेशन पर पीएम 2.5 500 और पीएम 10 459 के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी में था।
–आईएएनएस
एसजीके
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाने के कुछ घंटों बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिसके कारण वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
आप ने एक बयान में कहा कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जैसा कि संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2022-2023 में सराहना की गई थी।
आम आदमी पार्टी ने कहा कि पंजाब में उसके डेढ़ साल के कार्यकाल में एक्स-सीटू और इन-सीटू उपायों को लागू किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप खेत की आग में लगभग 50 प्रतिशत की कमी आई है।
“अगर केंद्र सरकार सब्सिडी की मांग मान लेती है तो और कमी हासिल की जा सकती है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी 7 नवंबर को अपने आदेश में कहा था कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि केंद्र सरकार यह सब्सिडी नहीं दे सकती।“
“‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान और ‘ऑड-ईवन वाहन’ योजना आपातकालीन उपाय हैं जिनका वाहन प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।“
“पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भी 13 दिसंबर, 2019 को उत्तर दिए गए अतारांकित प्रश्न संख्या 4340 के माध्यम से उस अवधि के दौरान कण पदार्थ एकाग्रता स्तर में कमी को स्वीकार किया है जब ‘सम-विषम वाहन’ योजना लागू की गई थी।“
“एनसीआर, विशेष रूप से हरियाणा की सरकारों के लिए यह जरूरी है कि वे एनसीआर क्षेत्र में खेतों में लगाए जाने वाली आग को नियंत्रित करें और एनसीआर क्षेत्र में काम करने वाले उद्योगों को स्वच्छ ईंधन पर स्विच करने और 24/7 बिजली प्रदान करने और दिल्ली सरकार की तरह समान उपाय करने में सक्षम बनाएं। पर्यावरण की रक्षा के लिए। हम हरियाणा को विशेषज्ञ दे सकते हैं, क्योंकि हरियाणा सरकार सभी मोर्चों पर बुरी तरह विफल रही है।”
आप की ओर से यह टिप्पणी तब आई, जब गुरुवार दोपहर को सक्सेना ने कहा कि वर्षों से घोर निष्क्रियता के लिए दूसरों को दोष देना एक बहाना नहीं होना चाहिए और स्मॉग टावरों जैसे प्रॉप्स के इर्द-गिर्द प्रचार का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि “प्रचार की राजनीति जिसमें ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ और ‘ऑड-ईवन’ जैसी अति-प्रचारित घटनाएं शामिल हैं, शहर के लोगों के जीवन को खतरे में नहीं डाल सकतीं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में सीएनजी लागू होने और उसके बाद से फ्लाईओवरों के चक्रव्यूह के निर्माण के बाद कुछ भी ठोस प्रयास नहीं किया गया है और दिल्ली को केवल दिखावे की नहीं, बल्कि कार्रवाई की जरूरत है।
दिल्ली भर में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है और गुरुवार सुबह कई स्थानों पर एक्यूआई खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
आनंद विहार स्टेशन पर पीएम 2.5 500 और पीएम 10 459 के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी में था।
–आईएएनएस
एसजीके
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाने के कुछ घंटों बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिसके कारण वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
आप ने एक बयान में कहा कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जैसा कि संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2022-2023 में सराहना की गई थी।
आम आदमी पार्टी ने कहा कि पंजाब में उसके डेढ़ साल के कार्यकाल में एक्स-सीटू और इन-सीटू उपायों को लागू किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप खेत की आग में लगभग 50 प्रतिशत की कमी आई है।
“अगर केंद्र सरकार सब्सिडी की मांग मान लेती है तो और कमी हासिल की जा सकती है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी 7 नवंबर को अपने आदेश में कहा था कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि केंद्र सरकार यह सब्सिडी नहीं दे सकती।“
“‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान और ‘ऑड-ईवन वाहन’ योजना आपातकालीन उपाय हैं जिनका वाहन प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।“
“पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भी 13 दिसंबर, 2019 को उत्तर दिए गए अतारांकित प्रश्न संख्या 4340 के माध्यम से उस अवधि के दौरान कण पदार्थ एकाग्रता स्तर में कमी को स्वीकार किया है जब ‘सम-विषम वाहन’ योजना लागू की गई थी।“
“एनसीआर, विशेष रूप से हरियाणा की सरकारों के लिए यह जरूरी है कि वे एनसीआर क्षेत्र में खेतों में लगाए जाने वाली आग को नियंत्रित करें और एनसीआर क्षेत्र में काम करने वाले उद्योगों को स्वच्छ ईंधन पर स्विच करने और 24/7 बिजली प्रदान करने और दिल्ली सरकार की तरह समान उपाय करने में सक्षम बनाएं। पर्यावरण की रक्षा के लिए। हम हरियाणा को विशेषज्ञ दे सकते हैं, क्योंकि हरियाणा सरकार सभी मोर्चों पर बुरी तरह विफल रही है।”
आप की ओर से यह टिप्पणी तब आई, जब गुरुवार दोपहर को सक्सेना ने कहा कि वर्षों से घोर निष्क्रियता के लिए दूसरों को दोष देना एक बहाना नहीं होना चाहिए और स्मॉग टावरों जैसे प्रॉप्स के इर्द-गिर्द प्रचार का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि “प्रचार की राजनीति जिसमें ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ और ‘ऑड-ईवन’ जैसी अति-प्रचारित घटनाएं शामिल हैं, शहर के लोगों के जीवन को खतरे में नहीं डाल सकतीं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में सीएनजी लागू होने और उसके बाद से फ्लाईओवरों के चक्रव्यूह के निर्माण के बाद कुछ भी ठोस प्रयास नहीं किया गया है और दिल्ली को केवल दिखावे की नहीं, बल्कि कार्रवाई की जरूरत है।
दिल्ली भर में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है और गुरुवार सुबह कई स्थानों पर एक्यूआई खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
आनंद विहार स्टेशन पर पीएम 2.5 500 और पीएम 10 459 के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी में था।
–आईएएनएस
एसजीके
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाने के कुछ घंटों बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिसके कारण वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
आप ने एक बयान में कहा कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जैसा कि संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2022-2023 में सराहना की गई थी।
आम आदमी पार्टी ने कहा कि पंजाब में उसके डेढ़ साल के कार्यकाल में एक्स-सीटू और इन-सीटू उपायों को लागू किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप खेत की आग में लगभग 50 प्रतिशत की कमी आई है।
“अगर केंद्र सरकार सब्सिडी की मांग मान लेती है तो और कमी हासिल की जा सकती है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी 7 नवंबर को अपने आदेश में कहा था कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि केंद्र सरकार यह सब्सिडी नहीं दे सकती।“
“‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान और ‘ऑड-ईवन वाहन’ योजना आपातकालीन उपाय हैं जिनका वाहन प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।“
“पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भी 13 दिसंबर, 2019 को उत्तर दिए गए अतारांकित प्रश्न संख्या 4340 के माध्यम से उस अवधि के दौरान कण पदार्थ एकाग्रता स्तर में कमी को स्वीकार किया है जब ‘सम-विषम वाहन’ योजना लागू की गई थी।“
“एनसीआर, विशेष रूप से हरियाणा की सरकारों के लिए यह जरूरी है कि वे एनसीआर क्षेत्र में खेतों में लगाए जाने वाली आग को नियंत्रित करें और एनसीआर क्षेत्र में काम करने वाले उद्योगों को स्वच्छ ईंधन पर स्विच करने और 24/7 बिजली प्रदान करने और दिल्ली सरकार की तरह समान उपाय करने में सक्षम बनाएं। पर्यावरण की रक्षा के लिए। हम हरियाणा को विशेषज्ञ दे सकते हैं, क्योंकि हरियाणा सरकार सभी मोर्चों पर बुरी तरह विफल रही है।”
आप की ओर से यह टिप्पणी तब आई, जब गुरुवार दोपहर को सक्सेना ने कहा कि वर्षों से घोर निष्क्रियता के लिए दूसरों को दोष देना एक बहाना नहीं होना चाहिए और स्मॉग टावरों जैसे प्रॉप्स के इर्द-गिर्द प्रचार का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि “प्रचार की राजनीति जिसमें ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ और ‘ऑड-ईवन’ जैसी अति-प्रचारित घटनाएं शामिल हैं, शहर के लोगों के जीवन को खतरे में नहीं डाल सकतीं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में सीएनजी लागू होने और उसके बाद से फ्लाईओवरों के चक्रव्यूह के निर्माण के बाद कुछ भी ठोस प्रयास नहीं किया गया है और दिल्ली को केवल दिखावे की नहीं, बल्कि कार्रवाई की जरूरत है।
दिल्ली भर में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है और गुरुवार सुबह कई स्थानों पर एक्यूआई खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
आनंद विहार स्टेशन पर पीएम 2.5 500 और पीएम 10 459 के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी में था।
–आईएएनएस
एसजीके
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाने के कुछ घंटों बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिसके कारण वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
आप ने एक बयान में कहा कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जैसा कि संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2022-2023 में सराहना की गई थी।
आम आदमी पार्टी ने कहा कि पंजाब में उसके डेढ़ साल के कार्यकाल में एक्स-सीटू और इन-सीटू उपायों को लागू किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप खेत की आग में लगभग 50 प्रतिशत की कमी आई है।
“अगर केंद्र सरकार सब्सिडी की मांग मान लेती है तो और कमी हासिल की जा सकती है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी 7 नवंबर को अपने आदेश में कहा था कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि केंद्र सरकार यह सब्सिडी नहीं दे सकती।“
“‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान और ‘ऑड-ईवन वाहन’ योजना आपातकालीन उपाय हैं जिनका वाहन प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।“
“पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भी 13 दिसंबर, 2019 को उत्तर दिए गए अतारांकित प्रश्न संख्या 4340 के माध्यम से उस अवधि के दौरान कण पदार्थ एकाग्रता स्तर में कमी को स्वीकार किया है जब ‘सम-विषम वाहन’ योजना लागू की गई थी।“
“एनसीआर, विशेष रूप से हरियाणा की सरकारों के लिए यह जरूरी है कि वे एनसीआर क्षेत्र में खेतों में लगाए जाने वाली आग को नियंत्रित करें और एनसीआर क्षेत्र में काम करने वाले उद्योगों को स्वच्छ ईंधन पर स्विच करने और 24/7 बिजली प्रदान करने और दिल्ली सरकार की तरह समान उपाय करने में सक्षम बनाएं। पर्यावरण की रक्षा के लिए। हम हरियाणा को विशेषज्ञ दे सकते हैं, क्योंकि हरियाणा सरकार सभी मोर्चों पर बुरी तरह विफल रही है।”
आप की ओर से यह टिप्पणी तब आई, जब गुरुवार दोपहर को सक्सेना ने कहा कि वर्षों से घोर निष्क्रियता के लिए दूसरों को दोष देना एक बहाना नहीं होना चाहिए और स्मॉग टावरों जैसे प्रॉप्स के इर्द-गिर्द प्रचार का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि “प्रचार की राजनीति जिसमें ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ और ‘ऑड-ईवन’ जैसी अति-प्रचारित घटनाएं शामिल हैं, शहर के लोगों के जीवन को खतरे में नहीं डाल सकतीं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में सीएनजी लागू होने और उसके बाद से फ्लाईओवरों के चक्रव्यूह के निर्माण के बाद कुछ भी ठोस प्रयास नहीं किया गया है और दिल्ली को केवल दिखावे की नहीं, बल्कि कार्रवाई की जरूरत है।
दिल्ली भर में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है और गुरुवार सुबह कई स्थानों पर एक्यूआई खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
आनंद विहार स्टेशन पर पीएम 2.5 500 और पीएम 10 459 के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी में था।
–आईएएनएस
एसजीके
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाने के कुछ घंटों बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिसके कारण वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
आप ने एक बयान में कहा कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जैसा कि संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2022-2023 में सराहना की गई थी।
आम आदमी पार्टी ने कहा कि पंजाब में उसके डेढ़ साल के कार्यकाल में एक्स-सीटू और इन-सीटू उपायों को लागू किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप खेत की आग में लगभग 50 प्रतिशत की कमी आई है।
“अगर केंद्र सरकार सब्सिडी की मांग मान लेती है तो और कमी हासिल की जा सकती है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी 7 नवंबर को अपने आदेश में कहा था कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि केंद्र सरकार यह सब्सिडी नहीं दे सकती।“
“‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान और ‘ऑड-ईवन वाहन’ योजना आपातकालीन उपाय हैं जिनका वाहन प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।“
“पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भी 13 दिसंबर, 2019 को उत्तर दिए गए अतारांकित प्रश्न संख्या 4340 के माध्यम से उस अवधि के दौरान कण पदार्थ एकाग्रता स्तर में कमी को स्वीकार किया है जब ‘सम-विषम वाहन’ योजना लागू की गई थी।“
“एनसीआर, विशेष रूप से हरियाणा की सरकारों के लिए यह जरूरी है कि वे एनसीआर क्षेत्र में खेतों में लगाए जाने वाली आग को नियंत्रित करें और एनसीआर क्षेत्र में काम करने वाले उद्योगों को स्वच्छ ईंधन पर स्विच करने और 24/7 बिजली प्रदान करने और दिल्ली सरकार की तरह समान उपाय करने में सक्षम बनाएं। पर्यावरण की रक्षा के लिए। हम हरियाणा को विशेषज्ञ दे सकते हैं, क्योंकि हरियाणा सरकार सभी मोर्चों पर बुरी तरह विफल रही है।”
आप की ओर से यह टिप्पणी तब आई, जब गुरुवार दोपहर को सक्सेना ने कहा कि वर्षों से घोर निष्क्रियता के लिए दूसरों को दोष देना एक बहाना नहीं होना चाहिए और स्मॉग टावरों जैसे प्रॉप्स के इर्द-गिर्द प्रचार का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि “प्रचार की राजनीति जिसमें ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ और ‘ऑड-ईवन’ जैसी अति-प्रचारित घटनाएं शामिल हैं, शहर के लोगों के जीवन को खतरे में नहीं डाल सकतीं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में सीएनजी लागू होने और उसके बाद से फ्लाईओवरों के चक्रव्यूह के निर्माण के बाद कुछ भी ठोस प्रयास नहीं किया गया है और दिल्ली को केवल दिखावे की नहीं, बल्कि कार्रवाई की जरूरत है।
दिल्ली भर में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है और गुरुवार सुबह कई स्थानों पर एक्यूआई खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
आनंद विहार स्टेशन पर पीएम 2.5 500 और पीएम 10 459 के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी में था।
–आईएएनएस
एसजीके
नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाने के कुछ घंटों बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिसके कारण वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
आप ने एक बयान में कहा कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जैसा कि संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2022-2023 में सराहना की गई थी।
आम आदमी पार्टी ने कहा कि पंजाब में उसके डेढ़ साल के कार्यकाल में एक्स-सीटू और इन-सीटू उपायों को लागू किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप खेत की आग में लगभग 50 प्रतिशत की कमी आई है।
“अगर केंद्र सरकार सब्सिडी की मांग मान लेती है तो और कमी हासिल की जा सकती है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी 7 नवंबर को अपने आदेश में कहा था कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि केंद्र सरकार यह सब्सिडी नहीं दे सकती।“
“‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान और ‘ऑड-ईवन वाहन’ योजना आपातकालीन उपाय हैं जिनका वाहन प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।“
“पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भी 13 दिसंबर, 2019 को उत्तर दिए गए अतारांकित प्रश्न संख्या 4340 के माध्यम से उस अवधि के दौरान कण पदार्थ एकाग्रता स्तर में कमी को स्वीकार किया है जब ‘सम-विषम वाहन’ योजना लागू की गई थी।“
“एनसीआर, विशेष रूप से हरियाणा की सरकारों के लिए यह जरूरी है कि वे एनसीआर क्षेत्र में खेतों में लगाए जाने वाली आग को नियंत्रित करें और एनसीआर क्षेत्र में काम करने वाले उद्योगों को स्वच्छ ईंधन पर स्विच करने और 24/7 बिजली प्रदान करने और दिल्ली सरकार की तरह समान उपाय करने में सक्षम बनाएं। पर्यावरण की रक्षा के लिए। हम हरियाणा को विशेषज्ञ दे सकते हैं, क्योंकि हरियाणा सरकार सभी मोर्चों पर बुरी तरह विफल रही है।”
आप की ओर से यह टिप्पणी तब आई, जब गुरुवार दोपहर को सक्सेना ने कहा कि वर्षों से घोर निष्क्रियता के लिए दूसरों को दोष देना एक बहाना नहीं होना चाहिए और स्मॉग टावरों जैसे प्रॉप्स के इर्द-गिर्द प्रचार का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि “प्रचार की राजनीति जिसमें ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ और ‘ऑड-ईवन’ जैसी अति-प्रचारित घटनाएं शामिल हैं, शहर के लोगों के जीवन को खतरे में नहीं डाल सकतीं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में सीएनजी लागू होने और उसके बाद से फ्लाईओवरों के चक्रव्यूह के निर्माण के बाद कुछ भी ठोस प्रयास नहीं किया गया है और दिल्ली को केवल दिखावे की नहीं, बल्कि कार्रवाई की जरूरत है।
दिल्ली भर में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है और गुरुवार सुबह कई स्थानों पर एक्यूआई खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
आनंद विहार स्टेशन पर पीएम 2.5 500 और पीएम 10 459 के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी में था।
–आईएएनएस
एसजीके
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाने के कुछ घंटों बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिसके कारण वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
आप ने एक बयान में कहा कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जैसा कि संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2022-2023 में सराहना की गई थी।
आम आदमी पार्टी ने कहा कि पंजाब में उसके डेढ़ साल के कार्यकाल में एक्स-सीटू और इन-सीटू उपायों को लागू किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप खेत की आग में लगभग 50 प्रतिशत की कमी आई है।
“अगर केंद्र सरकार सब्सिडी की मांग मान लेती है तो और कमी हासिल की जा सकती है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी 7 नवंबर को अपने आदेश में कहा था कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि केंद्र सरकार यह सब्सिडी नहीं दे सकती।“
“‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान और ‘ऑड-ईवन वाहन’ योजना आपातकालीन उपाय हैं जिनका वाहन प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।“
“पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भी 13 दिसंबर, 2019 को उत्तर दिए गए अतारांकित प्रश्न संख्या 4340 के माध्यम से उस अवधि के दौरान कण पदार्थ एकाग्रता स्तर में कमी को स्वीकार किया है जब ‘सम-विषम वाहन’ योजना लागू की गई थी।“
“एनसीआर, विशेष रूप से हरियाणा की सरकारों के लिए यह जरूरी है कि वे एनसीआर क्षेत्र में खेतों में लगाए जाने वाली आग को नियंत्रित करें और एनसीआर क्षेत्र में काम करने वाले उद्योगों को स्वच्छ ईंधन पर स्विच करने और 24/7 बिजली प्रदान करने और दिल्ली सरकार की तरह समान उपाय करने में सक्षम बनाएं। पर्यावरण की रक्षा के लिए। हम हरियाणा को विशेषज्ञ दे सकते हैं, क्योंकि हरियाणा सरकार सभी मोर्चों पर बुरी तरह विफल रही है।”
आप की ओर से यह टिप्पणी तब आई, जब गुरुवार दोपहर को सक्सेना ने कहा कि वर्षों से घोर निष्क्रियता के लिए दूसरों को दोष देना एक बहाना नहीं होना चाहिए और स्मॉग टावरों जैसे प्रॉप्स के इर्द-गिर्द प्रचार का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि “प्रचार की राजनीति जिसमें ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ और ‘ऑड-ईवन’ जैसी अति-प्रचारित घटनाएं शामिल हैं, शहर के लोगों के जीवन को खतरे में नहीं डाल सकतीं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में सीएनजी लागू होने और उसके बाद से फ्लाईओवरों के चक्रव्यूह के निर्माण के बाद कुछ भी ठोस प्रयास नहीं किया गया है और दिल्ली को केवल दिखावे की नहीं, बल्कि कार्रवाई की जरूरत है।
दिल्ली भर में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है और गुरुवार सुबह कई स्थानों पर एक्यूआई खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
आनंद विहार स्टेशन पर पीएम 2.5 500 और पीएम 10 459 के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी में था।
–आईएएनएस
एसजीके
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाने के कुछ घंटों बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिसके कारण वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
आप ने एक बयान में कहा कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जैसा कि संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2022-2023 में सराहना की गई थी।
आम आदमी पार्टी ने कहा कि पंजाब में उसके डेढ़ साल के कार्यकाल में एक्स-सीटू और इन-सीटू उपायों को लागू किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप खेत की आग में लगभग 50 प्रतिशत की कमी आई है।
“अगर केंद्र सरकार सब्सिडी की मांग मान लेती है तो और कमी हासिल की जा सकती है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी 7 नवंबर को अपने आदेश में कहा था कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि केंद्र सरकार यह सब्सिडी नहीं दे सकती।“
“‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान और ‘ऑड-ईवन वाहन’ योजना आपातकालीन उपाय हैं जिनका वाहन प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।“
“पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भी 13 दिसंबर, 2019 को उत्तर दिए गए अतारांकित प्रश्न संख्या 4340 के माध्यम से उस अवधि के दौरान कण पदार्थ एकाग्रता स्तर में कमी को स्वीकार किया है जब ‘सम-विषम वाहन’ योजना लागू की गई थी।“
“एनसीआर, विशेष रूप से हरियाणा की सरकारों के लिए यह जरूरी है कि वे एनसीआर क्षेत्र में खेतों में लगाए जाने वाली आग को नियंत्रित करें और एनसीआर क्षेत्र में काम करने वाले उद्योगों को स्वच्छ ईंधन पर स्विच करने और 24/7 बिजली प्रदान करने और दिल्ली सरकार की तरह समान उपाय करने में सक्षम बनाएं। पर्यावरण की रक्षा के लिए। हम हरियाणा को विशेषज्ञ दे सकते हैं, क्योंकि हरियाणा सरकार सभी मोर्चों पर बुरी तरह विफल रही है।”
आप की ओर से यह टिप्पणी तब आई, जब गुरुवार दोपहर को सक्सेना ने कहा कि वर्षों से घोर निष्क्रियता के लिए दूसरों को दोष देना एक बहाना नहीं होना चाहिए और स्मॉग टावरों जैसे प्रॉप्स के इर्द-गिर्द प्रचार का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि “प्रचार की राजनीति जिसमें ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ और ‘ऑड-ईवन’ जैसी अति-प्रचारित घटनाएं शामिल हैं, शहर के लोगों के जीवन को खतरे में नहीं डाल सकतीं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में सीएनजी लागू होने और उसके बाद से फ्लाईओवरों के चक्रव्यूह के निर्माण के बाद कुछ भी ठोस प्रयास नहीं किया गया है और दिल्ली को केवल दिखावे की नहीं, बल्कि कार्रवाई की जरूरत है।
दिल्ली भर में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है और गुरुवार सुबह कई स्थानों पर एक्यूआई खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
आनंद विहार स्टेशन पर पीएम 2.5 500 और पीएम 10 459 के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी में था।
–आईएएनएस
एसजीके
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाने के कुछ घंटों बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिसके कारण वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
आप ने एक बयान में कहा कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जैसा कि संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2022-2023 में सराहना की गई थी।
आम आदमी पार्टी ने कहा कि पंजाब में उसके डेढ़ साल के कार्यकाल में एक्स-सीटू और इन-सीटू उपायों को लागू किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप खेत की आग में लगभग 50 प्रतिशत की कमी आई है।
“अगर केंद्र सरकार सब्सिडी की मांग मान लेती है तो और कमी हासिल की जा सकती है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी 7 नवंबर को अपने आदेश में कहा था कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि केंद्र सरकार यह सब्सिडी नहीं दे सकती।“
“‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान और ‘ऑड-ईवन वाहन’ योजना आपातकालीन उपाय हैं जिनका वाहन प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।“
“पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भी 13 दिसंबर, 2019 को उत्तर दिए गए अतारांकित प्रश्न संख्या 4340 के माध्यम से उस अवधि के दौरान कण पदार्थ एकाग्रता स्तर में कमी को स्वीकार किया है जब ‘सम-विषम वाहन’ योजना लागू की गई थी।“
“एनसीआर, विशेष रूप से हरियाणा की सरकारों के लिए यह जरूरी है कि वे एनसीआर क्षेत्र में खेतों में लगाए जाने वाली आग को नियंत्रित करें और एनसीआर क्षेत्र में काम करने वाले उद्योगों को स्वच्छ ईंधन पर स्विच करने और 24/7 बिजली प्रदान करने और दिल्ली सरकार की तरह समान उपाय करने में सक्षम बनाएं। पर्यावरण की रक्षा के लिए। हम हरियाणा को विशेषज्ञ दे सकते हैं, क्योंकि हरियाणा सरकार सभी मोर्चों पर बुरी तरह विफल रही है।”
आप की ओर से यह टिप्पणी तब आई, जब गुरुवार दोपहर को सक्सेना ने कहा कि वर्षों से घोर निष्क्रियता के लिए दूसरों को दोष देना एक बहाना नहीं होना चाहिए और स्मॉग टावरों जैसे प्रॉप्स के इर्द-गिर्द प्रचार का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि “प्रचार की राजनीति जिसमें ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ और ‘ऑड-ईवन’ जैसी अति-प्रचारित घटनाएं शामिल हैं, शहर के लोगों के जीवन को खतरे में नहीं डाल सकतीं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में सीएनजी लागू होने और उसके बाद से फ्लाईओवरों के चक्रव्यूह के निर्माण के बाद कुछ भी ठोस प्रयास नहीं किया गया है और दिल्ली को केवल दिखावे की नहीं, बल्कि कार्रवाई की जरूरत है।
दिल्ली भर में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है और गुरुवार सुबह कई स्थानों पर एक्यूआई खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
आनंद विहार स्टेशन पर पीएम 2.5 500 और पीएम 10 459 के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी में था।
–आईएएनएस
एसजीके
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाने के कुछ घंटों बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिसके कारण वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
आप ने एक बयान में कहा कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जैसा कि संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2022-2023 में सराहना की गई थी।
आम आदमी पार्टी ने कहा कि पंजाब में उसके डेढ़ साल के कार्यकाल में एक्स-सीटू और इन-सीटू उपायों को लागू किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप खेत की आग में लगभग 50 प्रतिशत की कमी आई है।
“अगर केंद्र सरकार सब्सिडी की मांग मान लेती है तो और कमी हासिल की जा सकती है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी 7 नवंबर को अपने आदेश में कहा था कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि केंद्र सरकार यह सब्सिडी नहीं दे सकती।“
“‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान और ‘ऑड-ईवन वाहन’ योजना आपातकालीन उपाय हैं जिनका वाहन प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।“
“पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भी 13 दिसंबर, 2019 को उत्तर दिए गए अतारांकित प्रश्न संख्या 4340 के माध्यम से उस अवधि के दौरान कण पदार्थ एकाग्रता स्तर में कमी को स्वीकार किया है जब ‘सम-विषम वाहन’ योजना लागू की गई थी।“
“एनसीआर, विशेष रूप से हरियाणा की सरकारों के लिए यह जरूरी है कि वे एनसीआर क्षेत्र में खेतों में लगाए जाने वाली आग को नियंत्रित करें और एनसीआर क्षेत्र में काम करने वाले उद्योगों को स्वच्छ ईंधन पर स्विच करने और 24/7 बिजली प्रदान करने और दिल्ली सरकार की तरह समान उपाय करने में सक्षम बनाएं। पर्यावरण की रक्षा के लिए। हम हरियाणा को विशेषज्ञ दे सकते हैं, क्योंकि हरियाणा सरकार सभी मोर्चों पर बुरी तरह विफल रही है।”
आप की ओर से यह टिप्पणी तब आई, जब गुरुवार दोपहर को सक्सेना ने कहा कि वर्षों से घोर निष्क्रियता के लिए दूसरों को दोष देना एक बहाना नहीं होना चाहिए और स्मॉग टावरों जैसे प्रॉप्स के इर्द-गिर्द प्रचार का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि “प्रचार की राजनीति जिसमें ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ और ‘ऑड-ईवन’ जैसी अति-प्रचारित घटनाएं शामिल हैं, शहर के लोगों के जीवन को खतरे में नहीं डाल सकतीं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में सीएनजी लागू होने और उसके बाद से फ्लाईओवरों के चक्रव्यूह के निर्माण के बाद कुछ भी ठोस प्रयास नहीं किया गया है और दिल्ली को केवल दिखावे की नहीं, बल्कि कार्रवाई की जरूरत है।
दिल्ली भर में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है और गुरुवार सुबह कई स्थानों पर एक्यूआई खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
आनंद विहार स्टेशन पर पीएम 2.5 500 और पीएम 10 459 के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी में था।
–आईएएनएस
एसजीके
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाने के कुछ घंटों बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिसके कारण वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
आप ने एक बयान में कहा कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जैसा कि संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2022-2023 में सराहना की गई थी।
आम आदमी पार्टी ने कहा कि पंजाब में उसके डेढ़ साल के कार्यकाल में एक्स-सीटू और इन-सीटू उपायों को लागू किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप खेत की आग में लगभग 50 प्रतिशत की कमी आई है।
“अगर केंद्र सरकार सब्सिडी की मांग मान लेती है तो और कमी हासिल की जा सकती है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी 7 नवंबर को अपने आदेश में कहा था कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि केंद्र सरकार यह सब्सिडी नहीं दे सकती।“
“‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान और ‘ऑड-ईवन वाहन’ योजना आपातकालीन उपाय हैं जिनका वाहन प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।“
“पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भी 13 दिसंबर, 2019 को उत्तर दिए गए अतारांकित प्रश्न संख्या 4340 के माध्यम से उस अवधि के दौरान कण पदार्थ एकाग्रता स्तर में कमी को स्वीकार किया है जब ‘सम-विषम वाहन’ योजना लागू की गई थी।“
“एनसीआर, विशेष रूप से हरियाणा की सरकारों के लिए यह जरूरी है कि वे एनसीआर क्षेत्र में खेतों में लगाए जाने वाली आग को नियंत्रित करें और एनसीआर क्षेत्र में काम करने वाले उद्योगों को स्वच्छ ईंधन पर स्विच करने और 24/7 बिजली प्रदान करने और दिल्ली सरकार की तरह समान उपाय करने में सक्षम बनाएं। पर्यावरण की रक्षा के लिए। हम हरियाणा को विशेषज्ञ दे सकते हैं, क्योंकि हरियाणा सरकार सभी मोर्चों पर बुरी तरह विफल रही है।”
आप की ओर से यह टिप्पणी तब आई, जब गुरुवार दोपहर को सक्सेना ने कहा कि वर्षों से घोर निष्क्रियता के लिए दूसरों को दोष देना एक बहाना नहीं होना चाहिए और स्मॉग टावरों जैसे प्रॉप्स के इर्द-गिर्द प्रचार का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि “प्रचार की राजनीति जिसमें ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ और ‘ऑड-ईवन’ जैसी अति-प्रचारित घटनाएं शामिल हैं, शहर के लोगों के जीवन को खतरे में नहीं डाल सकतीं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में सीएनजी लागू होने और उसके बाद से फ्लाईओवरों के चक्रव्यूह के निर्माण के बाद कुछ भी ठोस प्रयास नहीं किया गया है और दिल्ली को केवल दिखावे की नहीं, बल्कि कार्रवाई की जरूरत है।
दिल्ली भर में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है और गुरुवार सुबह कई स्थानों पर एक्यूआई खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
आनंद विहार स्टेशन पर पीएम 2.5 500 और पीएम 10 459 के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी में था।
–आईएएनएस
एसजीके
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाने के कुछ घंटों बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिसके कारण वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
आप ने एक बयान में कहा कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जैसा कि संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2022-2023 में सराहना की गई थी।
आम आदमी पार्टी ने कहा कि पंजाब में उसके डेढ़ साल के कार्यकाल में एक्स-सीटू और इन-सीटू उपायों को लागू किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप खेत की आग में लगभग 50 प्रतिशत की कमी आई है।
“अगर केंद्र सरकार सब्सिडी की मांग मान लेती है तो और कमी हासिल की जा सकती है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी 7 नवंबर को अपने आदेश में कहा था कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि केंद्र सरकार यह सब्सिडी नहीं दे सकती।“
“‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान और ‘ऑड-ईवन वाहन’ योजना आपातकालीन उपाय हैं जिनका वाहन प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।“
“पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भी 13 दिसंबर, 2019 को उत्तर दिए गए अतारांकित प्रश्न संख्या 4340 के माध्यम से उस अवधि के दौरान कण पदार्थ एकाग्रता स्तर में कमी को स्वीकार किया है जब ‘सम-विषम वाहन’ योजना लागू की गई थी।“
“एनसीआर, विशेष रूप से हरियाणा की सरकारों के लिए यह जरूरी है कि वे एनसीआर क्षेत्र में खेतों में लगाए जाने वाली आग को नियंत्रित करें और एनसीआर क्षेत्र में काम करने वाले उद्योगों को स्वच्छ ईंधन पर स्विच करने और 24/7 बिजली प्रदान करने और दिल्ली सरकार की तरह समान उपाय करने में सक्षम बनाएं। पर्यावरण की रक्षा के लिए। हम हरियाणा को विशेषज्ञ दे सकते हैं, क्योंकि हरियाणा सरकार सभी मोर्चों पर बुरी तरह विफल रही है।”
आप की ओर से यह टिप्पणी तब आई, जब गुरुवार दोपहर को सक्सेना ने कहा कि वर्षों से घोर निष्क्रियता के लिए दूसरों को दोष देना एक बहाना नहीं होना चाहिए और स्मॉग टावरों जैसे प्रॉप्स के इर्द-गिर्द प्रचार का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि “प्रचार की राजनीति जिसमें ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ और ‘ऑड-ईवन’ जैसी अति-प्रचारित घटनाएं शामिल हैं, शहर के लोगों के जीवन को खतरे में नहीं डाल सकतीं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में सीएनजी लागू होने और उसके बाद से फ्लाईओवरों के चक्रव्यूह के निर्माण के बाद कुछ भी ठोस प्रयास नहीं किया गया है और दिल्ली को केवल दिखावे की नहीं, बल्कि कार्रवाई की जरूरत है।
दिल्ली भर में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है और गुरुवार सुबह कई स्थानों पर एक्यूआई खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
आनंद विहार स्टेशन पर पीएम 2.5 500 और पीएम 10 459 के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी में था।
–आईएएनएस
एसजीके
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाने के कुछ घंटों बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिसके कारण वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
आप ने एक बयान में कहा कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने पिछले कई वर्षों में कई कदम उठाए हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जैसा कि संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2022-2023 में सराहना की गई थी।
आम आदमी पार्टी ने कहा कि पंजाब में उसके डेढ़ साल के कार्यकाल में एक्स-सीटू और इन-सीटू उपायों को लागू किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप खेत की आग में लगभग 50 प्रतिशत की कमी आई है।
“अगर केंद्र सरकार सब्सिडी की मांग मान लेती है तो और कमी हासिल की जा सकती है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी 7 नवंबर को अपने आदेश में कहा था कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि केंद्र सरकार यह सब्सिडी नहीं दे सकती।“
“‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान और ‘ऑड-ईवन वाहन’ योजना आपातकालीन उपाय हैं जिनका वाहन प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।“
“पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भी 13 दिसंबर, 2019 को उत्तर दिए गए अतारांकित प्रश्न संख्या 4340 के माध्यम से उस अवधि के दौरान कण पदार्थ एकाग्रता स्तर में कमी को स्वीकार किया है जब ‘सम-विषम वाहन’ योजना लागू की गई थी।“
“एनसीआर, विशेष रूप से हरियाणा की सरकारों के लिए यह जरूरी है कि वे एनसीआर क्षेत्र में खेतों में लगाए जाने वाली आग को नियंत्रित करें और एनसीआर क्षेत्र में काम करने वाले उद्योगों को स्वच्छ ईंधन पर स्विच करने और 24/7 बिजली प्रदान करने और दिल्ली सरकार की तरह समान उपाय करने में सक्षम बनाएं। पर्यावरण की रक्षा के लिए। हम हरियाणा को विशेषज्ञ दे सकते हैं, क्योंकि हरियाणा सरकार सभी मोर्चों पर बुरी तरह विफल रही है।”
आप की ओर से यह टिप्पणी तब आई, जब गुरुवार दोपहर को सक्सेना ने कहा कि वर्षों से घोर निष्क्रियता के लिए दूसरों को दोष देना एक बहाना नहीं होना चाहिए और स्मॉग टावरों जैसे प्रॉप्स के इर्द-गिर्द प्रचार का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि “प्रचार की राजनीति जिसमें ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ और ‘ऑड-ईवन’ जैसी अति-प्रचारित घटनाएं शामिल हैं, शहर के लोगों के जीवन को खतरे में नहीं डाल सकतीं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में सीएनजी लागू होने और उसके बाद से फ्लाईओवरों के चक्रव्यूह के निर्माण के बाद कुछ भी ठोस प्रयास नहीं किया गया है और दिल्ली को केवल दिखावे की नहीं, बल्कि कार्रवाई की जरूरत है।
दिल्ली भर में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है और गुरुवार सुबह कई स्थानों पर एक्यूआई खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
आनंद विहार स्टेशन पर पीएम 2.5 500 और पीएम 10 459 के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी में था।