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Home राष्ट्रीय

आप, सीएम केजरीवाल के मामलों की आज सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट में सुनवाई

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April 29, 2024
in राष्ट्रीय
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आप, सीएम केजरीवाल के मामलों की आज सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट में सुनवाई
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नई दिल्ली, 29 अप्रैल (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली सरकार और आप के नेतृत्व वाले दिल्ली नगर निगम (एससीडी) के खिलाफ मामलों में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है।

सुप्रीम कोर्ट में आज सीएम केजरीवाल की उस याचिका पर सुनवाई होगी जिसमें उन्होंने आबाकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड को चुनौती दी है।

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उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया है और कहा है कि इसका अनुचित लाभ देश में हो रहे आम चुनावों में सत्ताधारी पार्टी को मिलेगा, जो ‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव’ के सिद्धांतों के खिलाफ है।

उन्होंने इसे केंद्र सरकार द्वारा ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का उदाहरण बताया है और दावा किया है कि यह ईडी द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) और उसके नेताओं को कमजोर करने के प्रयासों का हिस्सा है।

इस मामले में ईडी के उप निदेशक द्वारा दाखिल जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि केजरीवाल की याचिका में कोई दम नहीं है और उनके जांच में “पूर्ण रूपेण असहयोग” के कारण उनकी गिरफ्तारी अनिवार्य हो गई थी।

हलफनामे में कहा गया है कि नौ बार समन जारी करने के बाद भी सीएम केजरीवाल पूछताछ के लिए ईडी अधिकारियों के सामने उपस्थित नहीं हुए। पीएमएलए की धारा 17 के तहत उनके बयान दर्ज करने के दौरान वह सवालों से बच रहे थे और पूरी तरह असहयोग कर रहे थे।

वहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय में आज एमसीडी के स्कूलों की खस्ता हाली को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई होनी है। इससे पहले अदालत को बताया गया था कि प्रशासनिक बाधाओं के कारण करीब दो लाख छात्रों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

उच्च न्यायालय ने 26 अप्रैल को एमसीडी के साथ सीएम केजरीवाल और दिल्ली सरकार को इस बात के लिए फटकार लगाई थी कि एमसीडी स्कूलों के करीब दो लाख बच्चों को किताबें नहीं मुहैया कराई गई हैं।

इसके बाद, दिल्ली के उप राज्यपाल ने भी आप की दिल्ली सरकार और शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज पर एमसीडी कमीश्नर की वित्तीय शक्तियों को अस्थाई रूप से पांच करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने में देरी का आरोप लगाया था।

अधिकारियों का कहना है कि इस देरी के कारण शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाएं अटकी हुई हैं क्योंकि एक साल से अधिक समय से नगर निगम की स्थायी समिति का गठन नहीं हुआ है।

इस बीच, मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल को सोमवार को जेल में उनके पति से मुलाकात की अनुमति नहीं होगी।

जेल मैन्युअल के अनुसार, एक सप्ताह में केवल दो ही लोगों को मुलाकात की इजाजत होती है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पहले ही विजिटर्स पोर्टल के जरिये मुलाकात के लिए आवेदन कर दिया है जिससे सुनीता केजरीवाल का आवेदन रद्द कर दिया गया। पहले दो आवेदकों की मुलाकात के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन उनके आवेदन पर पुनर्विचार करेगा।

आतिशी के आज दोपहर 12.30 बजे के आसपास मुख्यमंत्री से मुलाकात की उम्मीद है।

–आईएएनएस

एकेजे/

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नई दिल्ली, 29 अप्रैल (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली सरकार और आप के नेतृत्व वाले दिल्ली नगर निगम (एससीडी) के खिलाफ मामलों में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है।

सुप्रीम कोर्ट में आज सीएम केजरीवाल की उस याचिका पर सुनवाई होगी जिसमें उन्होंने आबाकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड को चुनौती दी है।

उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया है और कहा है कि इसका अनुचित लाभ देश में हो रहे आम चुनावों में सत्ताधारी पार्टी को मिलेगा, जो ‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव’ के सिद्धांतों के खिलाफ है।

उन्होंने इसे केंद्र सरकार द्वारा ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का उदाहरण बताया है और दावा किया है कि यह ईडी द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) और उसके नेताओं को कमजोर करने के प्रयासों का हिस्सा है।

इस मामले में ईडी के उप निदेशक द्वारा दाखिल जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि केजरीवाल की याचिका में कोई दम नहीं है और उनके जांच में “पूर्ण रूपेण असहयोग” के कारण उनकी गिरफ्तारी अनिवार्य हो गई थी।

हलफनामे में कहा गया है कि नौ बार समन जारी करने के बाद भी सीएम केजरीवाल पूछताछ के लिए ईडी अधिकारियों के सामने उपस्थित नहीं हुए। पीएमएलए की धारा 17 के तहत उनके बयान दर्ज करने के दौरान वह सवालों से बच रहे थे और पूरी तरह असहयोग कर रहे थे।

वहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय में आज एमसीडी के स्कूलों की खस्ता हाली को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई होनी है। इससे पहले अदालत को बताया गया था कि प्रशासनिक बाधाओं के कारण करीब दो लाख छात्रों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

उच्च न्यायालय ने 26 अप्रैल को एमसीडी के साथ सीएम केजरीवाल और दिल्ली सरकार को इस बात के लिए फटकार लगाई थी कि एमसीडी स्कूलों के करीब दो लाख बच्चों को किताबें नहीं मुहैया कराई गई हैं।

इसके बाद, दिल्ली के उप राज्यपाल ने भी आप की दिल्ली सरकार और शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज पर एमसीडी कमीश्नर की वित्तीय शक्तियों को अस्थाई रूप से पांच करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने में देरी का आरोप लगाया था।

अधिकारियों का कहना है कि इस देरी के कारण शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाएं अटकी हुई हैं क्योंकि एक साल से अधिक समय से नगर निगम की स्थायी समिति का गठन नहीं हुआ है।

इस बीच, मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल को सोमवार को जेल में उनके पति से मुलाकात की अनुमति नहीं होगी।

जेल मैन्युअल के अनुसार, एक सप्ताह में केवल दो ही लोगों को मुलाकात की इजाजत होती है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पहले ही विजिटर्स पोर्टल के जरिये मुलाकात के लिए आवेदन कर दिया है जिससे सुनीता केजरीवाल का आवेदन रद्द कर दिया गया। पहले दो आवेदकों की मुलाकात के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन उनके आवेदन पर पुनर्विचार करेगा।

आतिशी के आज दोपहर 12.30 बजे के आसपास मुख्यमंत्री से मुलाकात की उम्मीद है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 29 अप्रैल (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली सरकार और आप के नेतृत्व वाले दिल्ली नगर निगम (एससीडी) के खिलाफ मामलों में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है।

सुप्रीम कोर्ट में आज सीएम केजरीवाल की उस याचिका पर सुनवाई होगी जिसमें उन्होंने आबाकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड को चुनौती दी है।

उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया है और कहा है कि इसका अनुचित लाभ देश में हो रहे आम चुनावों में सत्ताधारी पार्टी को मिलेगा, जो ‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव’ के सिद्धांतों के खिलाफ है।

उन्होंने इसे केंद्र सरकार द्वारा ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का उदाहरण बताया है और दावा किया है कि यह ईडी द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) और उसके नेताओं को कमजोर करने के प्रयासों का हिस्सा है।

इस मामले में ईडी के उप निदेशक द्वारा दाखिल जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि केजरीवाल की याचिका में कोई दम नहीं है और उनके जांच में “पूर्ण रूपेण असहयोग” के कारण उनकी गिरफ्तारी अनिवार्य हो गई थी।

हलफनामे में कहा गया है कि नौ बार समन जारी करने के बाद भी सीएम केजरीवाल पूछताछ के लिए ईडी अधिकारियों के सामने उपस्थित नहीं हुए। पीएमएलए की धारा 17 के तहत उनके बयान दर्ज करने के दौरान वह सवालों से बच रहे थे और पूरी तरह असहयोग कर रहे थे।

वहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय में आज एमसीडी के स्कूलों की खस्ता हाली को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई होनी है। इससे पहले अदालत को बताया गया था कि प्रशासनिक बाधाओं के कारण करीब दो लाख छात्रों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

उच्च न्यायालय ने 26 अप्रैल को एमसीडी के साथ सीएम केजरीवाल और दिल्ली सरकार को इस बात के लिए फटकार लगाई थी कि एमसीडी स्कूलों के करीब दो लाख बच्चों को किताबें नहीं मुहैया कराई गई हैं।

इसके बाद, दिल्ली के उप राज्यपाल ने भी आप की दिल्ली सरकार और शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज पर एमसीडी कमीश्नर की वित्तीय शक्तियों को अस्थाई रूप से पांच करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने में देरी का आरोप लगाया था।

अधिकारियों का कहना है कि इस देरी के कारण शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाएं अटकी हुई हैं क्योंकि एक साल से अधिक समय से नगर निगम की स्थायी समिति का गठन नहीं हुआ है।

इस बीच, मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल को सोमवार को जेल में उनके पति से मुलाकात की अनुमति नहीं होगी।

जेल मैन्युअल के अनुसार, एक सप्ताह में केवल दो ही लोगों को मुलाकात की इजाजत होती है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पहले ही विजिटर्स पोर्टल के जरिये मुलाकात के लिए आवेदन कर दिया है जिससे सुनीता केजरीवाल का आवेदन रद्द कर दिया गया। पहले दो आवेदकों की मुलाकात के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन उनके आवेदन पर पुनर्विचार करेगा।

आतिशी के आज दोपहर 12.30 बजे के आसपास मुख्यमंत्री से मुलाकात की उम्मीद है।

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सुप्रीम कोर्ट में आज सीएम केजरीवाल की उस याचिका पर सुनवाई होगी जिसमें उन्होंने आबाकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड को चुनौती दी है।

उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया है और कहा है कि इसका अनुचित लाभ देश में हो रहे आम चुनावों में सत्ताधारी पार्टी को मिलेगा, जो ‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव’ के सिद्धांतों के खिलाफ है।

उन्होंने इसे केंद्र सरकार द्वारा ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का उदाहरण बताया है और दावा किया है कि यह ईडी द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) और उसके नेताओं को कमजोर करने के प्रयासों का हिस्सा है।

इस मामले में ईडी के उप निदेशक द्वारा दाखिल जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि केजरीवाल की याचिका में कोई दम नहीं है और उनके जांच में “पूर्ण रूपेण असहयोग” के कारण उनकी गिरफ्तारी अनिवार्य हो गई थी।

हलफनामे में कहा गया है कि नौ बार समन जारी करने के बाद भी सीएम केजरीवाल पूछताछ के लिए ईडी अधिकारियों के सामने उपस्थित नहीं हुए। पीएमएलए की धारा 17 के तहत उनके बयान दर्ज करने के दौरान वह सवालों से बच रहे थे और पूरी तरह असहयोग कर रहे थे।

वहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय में आज एमसीडी के स्कूलों की खस्ता हाली को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई होनी है। इससे पहले अदालत को बताया गया था कि प्रशासनिक बाधाओं के कारण करीब दो लाख छात्रों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

उच्च न्यायालय ने 26 अप्रैल को एमसीडी के साथ सीएम केजरीवाल और दिल्ली सरकार को इस बात के लिए फटकार लगाई थी कि एमसीडी स्कूलों के करीब दो लाख बच्चों को किताबें नहीं मुहैया कराई गई हैं।

इसके बाद, दिल्ली के उप राज्यपाल ने भी आप की दिल्ली सरकार और शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज पर एमसीडी कमीश्नर की वित्तीय शक्तियों को अस्थाई रूप से पांच करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने में देरी का आरोप लगाया था।

अधिकारियों का कहना है कि इस देरी के कारण शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाएं अटकी हुई हैं क्योंकि एक साल से अधिक समय से नगर निगम की स्थायी समिति का गठन नहीं हुआ है।

इस बीच, मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल को सोमवार को जेल में उनके पति से मुलाकात की अनुमति नहीं होगी।

जेल मैन्युअल के अनुसार, एक सप्ताह में केवल दो ही लोगों को मुलाकात की इजाजत होती है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पहले ही विजिटर्स पोर्टल के जरिये मुलाकात के लिए आवेदन कर दिया है जिससे सुनीता केजरीवाल का आवेदन रद्द कर दिया गया। पहले दो आवेदकों की मुलाकात के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन उनके आवेदन पर पुनर्विचार करेगा।

आतिशी के आज दोपहर 12.30 बजे के आसपास मुख्यमंत्री से मुलाकात की उम्मीद है।

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सुप्रीम कोर्ट में आज सीएम केजरीवाल की उस याचिका पर सुनवाई होगी जिसमें उन्होंने आबाकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड को चुनौती दी है।

उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया है और कहा है कि इसका अनुचित लाभ देश में हो रहे आम चुनावों में सत्ताधारी पार्टी को मिलेगा, जो ‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव’ के सिद्धांतों के खिलाफ है।

उन्होंने इसे केंद्र सरकार द्वारा ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का उदाहरण बताया है और दावा किया है कि यह ईडी द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) और उसके नेताओं को कमजोर करने के प्रयासों का हिस्सा है।

इस मामले में ईडी के उप निदेशक द्वारा दाखिल जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि केजरीवाल की याचिका में कोई दम नहीं है और उनके जांच में “पूर्ण रूपेण असहयोग” के कारण उनकी गिरफ्तारी अनिवार्य हो गई थी।

हलफनामे में कहा गया है कि नौ बार समन जारी करने के बाद भी सीएम केजरीवाल पूछताछ के लिए ईडी अधिकारियों के सामने उपस्थित नहीं हुए। पीएमएलए की धारा 17 के तहत उनके बयान दर्ज करने के दौरान वह सवालों से बच रहे थे और पूरी तरह असहयोग कर रहे थे।

वहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय में आज एमसीडी के स्कूलों की खस्ता हाली को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई होनी है। इससे पहले अदालत को बताया गया था कि प्रशासनिक बाधाओं के कारण करीब दो लाख छात्रों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

उच्च न्यायालय ने 26 अप्रैल को एमसीडी के साथ सीएम केजरीवाल और दिल्ली सरकार को इस बात के लिए फटकार लगाई थी कि एमसीडी स्कूलों के करीब दो लाख बच्चों को किताबें नहीं मुहैया कराई गई हैं।

इसके बाद, दिल्ली के उप राज्यपाल ने भी आप की दिल्ली सरकार और शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज पर एमसीडी कमीश्नर की वित्तीय शक्तियों को अस्थाई रूप से पांच करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने में देरी का आरोप लगाया था।

अधिकारियों का कहना है कि इस देरी के कारण शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाएं अटकी हुई हैं क्योंकि एक साल से अधिक समय से नगर निगम की स्थायी समिति का गठन नहीं हुआ है।

इस बीच, मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल को सोमवार को जेल में उनके पति से मुलाकात की अनुमति नहीं होगी।

जेल मैन्युअल के अनुसार, एक सप्ताह में केवल दो ही लोगों को मुलाकात की इजाजत होती है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पहले ही विजिटर्स पोर्टल के जरिये मुलाकात के लिए आवेदन कर दिया है जिससे सुनीता केजरीवाल का आवेदन रद्द कर दिया गया। पहले दो आवेदकों की मुलाकात के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन उनके आवेदन पर पुनर्विचार करेगा।

आतिशी के आज दोपहर 12.30 बजे के आसपास मुख्यमंत्री से मुलाकात की उम्मीद है।

–आईएएनएस

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सुप्रीम कोर्ट में आज सीएम केजरीवाल की उस याचिका पर सुनवाई होगी जिसमें उन्होंने आबाकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड को चुनौती दी है।

उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया है और कहा है कि इसका अनुचित लाभ देश में हो रहे आम चुनावों में सत्ताधारी पार्टी को मिलेगा, जो ‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव’ के सिद्धांतों के खिलाफ है।

उन्होंने इसे केंद्र सरकार द्वारा ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का उदाहरण बताया है और दावा किया है कि यह ईडी द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) और उसके नेताओं को कमजोर करने के प्रयासों का हिस्सा है।

इस मामले में ईडी के उप निदेशक द्वारा दाखिल जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि केजरीवाल की याचिका में कोई दम नहीं है और उनके जांच में “पूर्ण रूपेण असहयोग” के कारण उनकी गिरफ्तारी अनिवार्य हो गई थी।

हलफनामे में कहा गया है कि नौ बार समन जारी करने के बाद भी सीएम केजरीवाल पूछताछ के लिए ईडी अधिकारियों के सामने उपस्थित नहीं हुए। पीएमएलए की धारा 17 के तहत उनके बयान दर्ज करने के दौरान वह सवालों से बच रहे थे और पूरी तरह असहयोग कर रहे थे।

वहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय में आज एमसीडी के स्कूलों की खस्ता हाली को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई होनी है। इससे पहले अदालत को बताया गया था कि प्रशासनिक बाधाओं के कारण करीब दो लाख छात्रों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

उच्च न्यायालय ने 26 अप्रैल को एमसीडी के साथ सीएम केजरीवाल और दिल्ली सरकार को इस बात के लिए फटकार लगाई थी कि एमसीडी स्कूलों के करीब दो लाख बच्चों को किताबें नहीं मुहैया कराई गई हैं।

इसके बाद, दिल्ली के उप राज्यपाल ने भी आप की दिल्ली सरकार और शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज पर एमसीडी कमीश्नर की वित्तीय शक्तियों को अस्थाई रूप से पांच करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने में देरी का आरोप लगाया था।

अधिकारियों का कहना है कि इस देरी के कारण शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाएं अटकी हुई हैं क्योंकि एक साल से अधिक समय से नगर निगम की स्थायी समिति का गठन नहीं हुआ है।

इस बीच, मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल को सोमवार को जेल में उनके पति से मुलाकात की अनुमति नहीं होगी।

जेल मैन्युअल के अनुसार, एक सप्ताह में केवल दो ही लोगों को मुलाकात की इजाजत होती है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पहले ही विजिटर्स पोर्टल के जरिये मुलाकात के लिए आवेदन कर दिया है जिससे सुनीता केजरीवाल का आवेदन रद्द कर दिया गया। पहले दो आवेदकों की मुलाकात के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन उनके आवेदन पर पुनर्विचार करेगा।

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सुप्रीम कोर्ट में आज सीएम केजरीवाल की उस याचिका पर सुनवाई होगी जिसमें उन्होंने आबाकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड को चुनौती दी है।

उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया है और कहा है कि इसका अनुचित लाभ देश में हो रहे आम चुनावों में सत्ताधारी पार्टी को मिलेगा, जो ‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव’ के सिद्धांतों के खिलाफ है।

उन्होंने इसे केंद्र सरकार द्वारा ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का उदाहरण बताया है और दावा किया है कि यह ईडी द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) और उसके नेताओं को कमजोर करने के प्रयासों का हिस्सा है।

इस मामले में ईडी के उप निदेशक द्वारा दाखिल जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि केजरीवाल की याचिका में कोई दम नहीं है और उनके जांच में “पूर्ण रूपेण असहयोग” के कारण उनकी गिरफ्तारी अनिवार्य हो गई थी।

हलफनामे में कहा गया है कि नौ बार समन जारी करने के बाद भी सीएम केजरीवाल पूछताछ के लिए ईडी अधिकारियों के सामने उपस्थित नहीं हुए। पीएमएलए की धारा 17 के तहत उनके बयान दर्ज करने के दौरान वह सवालों से बच रहे थे और पूरी तरह असहयोग कर रहे थे।

वहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय में आज एमसीडी के स्कूलों की खस्ता हाली को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई होनी है। इससे पहले अदालत को बताया गया था कि प्रशासनिक बाधाओं के कारण करीब दो लाख छात्रों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

उच्च न्यायालय ने 26 अप्रैल को एमसीडी के साथ सीएम केजरीवाल और दिल्ली सरकार को इस बात के लिए फटकार लगाई थी कि एमसीडी स्कूलों के करीब दो लाख बच्चों को किताबें नहीं मुहैया कराई गई हैं।

इसके बाद, दिल्ली के उप राज्यपाल ने भी आप की दिल्ली सरकार और शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज पर एमसीडी कमीश्नर की वित्तीय शक्तियों को अस्थाई रूप से पांच करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने में देरी का आरोप लगाया था।

अधिकारियों का कहना है कि इस देरी के कारण शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाएं अटकी हुई हैं क्योंकि एक साल से अधिक समय से नगर निगम की स्थायी समिति का गठन नहीं हुआ है।

इस बीच, मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल को सोमवार को जेल में उनके पति से मुलाकात की अनुमति नहीं होगी।

जेल मैन्युअल के अनुसार, एक सप्ताह में केवल दो ही लोगों को मुलाकात की इजाजत होती है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पहले ही विजिटर्स पोर्टल के जरिये मुलाकात के लिए आवेदन कर दिया है जिससे सुनीता केजरीवाल का आवेदन रद्द कर दिया गया। पहले दो आवेदकों की मुलाकात के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन उनके आवेदन पर पुनर्विचार करेगा।

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सुप्रीम कोर्ट में आज सीएम केजरीवाल की उस याचिका पर सुनवाई होगी जिसमें उन्होंने आबाकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड को चुनौती दी है।

उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया है और कहा है कि इसका अनुचित लाभ देश में हो रहे आम चुनावों में सत्ताधारी पार्टी को मिलेगा, जो ‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव’ के सिद्धांतों के खिलाफ है।

उन्होंने इसे केंद्र सरकार द्वारा ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का उदाहरण बताया है और दावा किया है कि यह ईडी द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) और उसके नेताओं को कमजोर करने के प्रयासों का हिस्सा है।

इस मामले में ईडी के उप निदेशक द्वारा दाखिल जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि केजरीवाल की याचिका में कोई दम नहीं है और उनके जांच में “पूर्ण रूपेण असहयोग” के कारण उनकी गिरफ्तारी अनिवार्य हो गई थी।

हलफनामे में कहा गया है कि नौ बार समन जारी करने के बाद भी सीएम केजरीवाल पूछताछ के लिए ईडी अधिकारियों के सामने उपस्थित नहीं हुए। पीएमएलए की धारा 17 के तहत उनके बयान दर्ज करने के दौरान वह सवालों से बच रहे थे और पूरी तरह असहयोग कर रहे थे।

वहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय में आज एमसीडी के स्कूलों की खस्ता हाली को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई होनी है। इससे पहले अदालत को बताया गया था कि प्रशासनिक बाधाओं के कारण करीब दो लाख छात्रों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

उच्च न्यायालय ने 26 अप्रैल को एमसीडी के साथ सीएम केजरीवाल और दिल्ली सरकार को इस बात के लिए फटकार लगाई थी कि एमसीडी स्कूलों के करीब दो लाख बच्चों को किताबें नहीं मुहैया कराई गई हैं।

इसके बाद, दिल्ली के उप राज्यपाल ने भी आप की दिल्ली सरकार और शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज पर एमसीडी कमीश्नर की वित्तीय शक्तियों को अस्थाई रूप से पांच करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने में देरी का आरोप लगाया था।

अधिकारियों का कहना है कि इस देरी के कारण शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाएं अटकी हुई हैं क्योंकि एक साल से अधिक समय से नगर निगम की स्थायी समिति का गठन नहीं हुआ है।

इस बीच, मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल को सोमवार को जेल में उनके पति से मुलाकात की अनुमति नहीं होगी।

जेल मैन्युअल के अनुसार, एक सप्ताह में केवल दो ही लोगों को मुलाकात की इजाजत होती है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पहले ही विजिटर्स पोर्टल के जरिये मुलाकात के लिए आवेदन कर दिया है जिससे सुनीता केजरीवाल का आवेदन रद्द कर दिया गया। पहले दो आवेदकों की मुलाकात के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन उनके आवेदन पर पुनर्विचार करेगा।

आतिशी के आज दोपहर 12.30 बजे के आसपास मुख्यमंत्री से मुलाकात की उम्मीद है।

–आईएएनएस

एकेजे/

नई दिल्ली, 29 अप्रैल (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली सरकार और आप के नेतृत्व वाले दिल्ली नगर निगम (एससीडी) के खिलाफ मामलों में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है।

सुप्रीम कोर्ट में आज सीएम केजरीवाल की उस याचिका पर सुनवाई होगी जिसमें उन्होंने आबाकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड को चुनौती दी है।

उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया है और कहा है कि इसका अनुचित लाभ देश में हो रहे आम चुनावों में सत्ताधारी पार्टी को मिलेगा, जो ‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव’ के सिद्धांतों के खिलाफ है।

उन्होंने इसे केंद्र सरकार द्वारा ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का उदाहरण बताया है और दावा किया है कि यह ईडी द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) और उसके नेताओं को कमजोर करने के प्रयासों का हिस्सा है।

इस मामले में ईडी के उप निदेशक द्वारा दाखिल जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि केजरीवाल की याचिका में कोई दम नहीं है और उनके जांच में “पूर्ण रूपेण असहयोग” के कारण उनकी गिरफ्तारी अनिवार्य हो गई थी।

हलफनामे में कहा गया है कि नौ बार समन जारी करने के बाद भी सीएम केजरीवाल पूछताछ के लिए ईडी अधिकारियों के सामने उपस्थित नहीं हुए। पीएमएलए की धारा 17 के तहत उनके बयान दर्ज करने के दौरान वह सवालों से बच रहे थे और पूरी तरह असहयोग कर रहे थे।

वहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय में आज एमसीडी के स्कूलों की खस्ता हाली को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई होनी है। इससे पहले अदालत को बताया गया था कि प्रशासनिक बाधाओं के कारण करीब दो लाख छात्रों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

उच्च न्यायालय ने 26 अप्रैल को एमसीडी के साथ सीएम केजरीवाल और दिल्ली सरकार को इस बात के लिए फटकार लगाई थी कि एमसीडी स्कूलों के करीब दो लाख बच्चों को किताबें नहीं मुहैया कराई गई हैं।

इसके बाद, दिल्ली के उप राज्यपाल ने भी आप की दिल्ली सरकार और शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज पर एमसीडी कमीश्नर की वित्तीय शक्तियों को अस्थाई रूप से पांच करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने में देरी का आरोप लगाया था।

अधिकारियों का कहना है कि इस देरी के कारण शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाएं अटकी हुई हैं क्योंकि एक साल से अधिक समय से नगर निगम की स्थायी समिति का गठन नहीं हुआ है।

इस बीच, मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल को सोमवार को जेल में उनके पति से मुलाकात की अनुमति नहीं होगी।

जेल मैन्युअल के अनुसार, एक सप्ताह में केवल दो ही लोगों को मुलाकात की इजाजत होती है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पहले ही विजिटर्स पोर्टल के जरिये मुलाकात के लिए आवेदन कर दिया है जिससे सुनीता केजरीवाल का आवेदन रद्द कर दिया गया। पहले दो आवेदकों की मुलाकात के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन उनके आवेदन पर पुनर्विचार करेगा।

आतिशी के आज दोपहर 12.30 बजे के आसपास मुख्यमंत्री से मुलाकात की उम्मीद है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 29 अप्रैल (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली सरकार और आप के नेतृत्व वाले दिल्ली नगर निगम (एससीडी) के खिलाफ मामलों में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है।

सुप्रीम कोर्ट में आज सीएम केजरीवाल की उस याचिका पर सुनवाई होगी जिसमें उन्होंने आबाकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड को चुनौती दी है।

उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया है और कहा है कि इसका अनुचित लाभ देश में हो रहे आम चुनावों में सत्ताधारी पार्टी को मिलेगा, जो ‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव’ के सिद्धांतों के खिलाफ है।

उन्होंने इसे केंद्र सरकार द्वारा ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का उदाहरण बताया है और दावा किया है कि यह ईडी द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) और उसके नेताओं को कमजोर करने के प्रयासों का हिस्सा है।

इस मामले में ईडी के उप निदेशक द्वारा दाखिल जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि केजरीवाल की याचिका में कोई दम नहीं है और उनके जांच में “पूर्ण रूपेण असहयोग” के कारण उनकी गिरफ्तारी अनिवार्य हो गई थी।

हलफनामे में कहा गया है कि नौ बार समन जारी करने के बाद भी सीएम केजरीवाल पूछताछ के लिए ईडी अधिकारियों के सामने उपस्थित नहीं हुए। पीएमएलए की धारा 17 के तहत उनके बयान दर्ज करने के दौरान वह सवालों से बच रहे थे और पूरी तरह असहयोग कर रहे थे।

वहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय में आज एमसीडी के स्कूलों की खस्ता हाली को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई होनी है। इससे पहले अदालत को बताया गया था कि प्रशासनिक बाधाओं के कारण करीब दो लाख छात्रों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

उच्च न्यायालय ने 26 अप्रैल को एमसीडी के साथ सीएम केजरीवाल और दिल्ली सरकार को इस बात के लिए फटकार लगाई थी कि एमसीडी स्कूलों के करीब दो लाख बच्चों को किताबें नहीं मुहैया कराई गई हैं।

इसके बाद, दिल्ली के उप राज्यपाल ने भी आप की दिल्ली सरकार और शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज पर एमसीडी कमीश्नर की वित्तीय शक्तियों को अस्थाई रूप से पांच करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने में देरी का आरोप लगाया था।

अधिकारियों का कहना है कि इस देरी के कारण शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाएं अटकी हुई हैं क्योंकि एक साल से अधिक समय से नगर निगम की स्थायी समिति का गठन नहीं हुआ है।

इस बीच, मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल को सोमवार को जेल में उनके पति से मुलाकात की अनुमति नहीं होगी।

जेल मैन्युअल के अनुसार, एक सप्ताह में केवल दो ही लोगों को मुलाकात की इजाजत होती है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पहले ही विजिटर्स पोर्टल के जरिये मुलाकात के लिए आवेदन कर दिया है जिससे सुनीता केजरीवाल का आवेदन रद्द कर दिया गया। पहले दो आवेदकों की मुलाकात के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन उनके आवेदन पर पुनर्विचार करेगा।

आतिशी के आज दोपहर 12.30 बजे के आसपास मुख्यमंत्री से मुलाकात की उम्मीद है।

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सुप्रीम कोर्ट में आज सीएम केजरीवाल की उस याचिका पर सुनवाई होगी जिसमें उन्होंने आबाकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड को चुनौती दी है।

उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया है और कहा है कि इसका अनुचित लाभ देश में हो रहे आम चुनावों में सत्ताधारी पार्टी को मिलेगा, जो ‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव’ के सिद्धांतों के खिलाफ है।

उन्होंने इसे केंद्र सरकार द्वारा ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का उदाहरण बताया है और दावा किया है कि यह ईडी द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) और उसके नेताओं को कमजोर करने के प्रयासों का हिस्सा है।

इस मामले में ईडी के उप निदेशक द्वारा दाखिल जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि केजरीवाल की याचिका में कोई दम नहीं है और उनके जांच में “पूर्ण रूपेण असहयोग” के कारण उनकी गिरफ्तारी अनिवार्य हो गई थी।

हलफनामे में कहा गया है कि नौ बार समन जारी करने के बाद भी सीएम केजरीवाल पूछताछ के लिए ईडी अधिकारियों के सामने उपस्थित नहीं हुए। पीएमएलए की धारा 17 के तहत उनके बयान दर्ज करने के दौरान वह सवालों से बच रहे थे और पूरी तरह असहयोग कर रहे थे।

वहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय में आज एमसीडी के स्कूलों की खस्ता हाली को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई होनी है। इससे पहले अदालत को बताया गया था कि प्रशासनिक बाधाओं के कारण करीब दो लाख छात्रों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

उच्च न्यायालय ने 26 अप्रैल को एमसीडी के साथ सीएम केजरीवाल और दिल्ली सरकार को इस बात के लिए फटकार लगाई थी कि एमसीडी स्कूलों के करीब दो लाख बच्चों को किताबें नहीं मुहैया कराई गई हैं।

इसके बाद, दिल्ली के उप राज्यपाल ने भी आप की दिल्ली सरकार और शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज पर एमसीडी कमीश्नर की वित्तीय शक्तियों को अस्थाई रूप से पांच करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने में देरी का आरोप लगाया था।

अधिकारियों का कहना है कि इस देरी के कारण शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाएं अटकी हुई हैं क्योंकि एक साल से अधिक समय से नगर निगम की स्थायी समिति का गठन नहीं हुआ है।

इस बीच, मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल को सोमवार को जेल में उनके पति से मुलाकात की अनुमति नहीं होगी।

जेल मैन्युअल के अनुसार, एक सप्ताह में केवल दो ही लोगों को मुलाकात की इजाजत होती है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पहले ही विजिटर्स पोर्टल के जरिये मुलाकात के लिए आवेदन कर दिया है जिससे सुनीता केजरीवाल का आवेदन रद्द कर दिया गया। पहले दो आवेदकों की मुलाकात के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन उनके आवेदन पर पुनर्विचार करेगा।

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सुप्रीम कोर्ट में आज सीएम केजरीवाल की उस याचिका पर सुनवाई होगी जिसमें उन्होंने आबाकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड को चुनौती दी है।

उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया है और कहा है कि इसका अनुचित लाभ देश में हो रहे आम चुनावों में सत्ताधारी पार्टी को मिलेगा, जो ‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव’ के सिद्धांतों के खिलाफ है।

उन्होंने इसे केंद्र सरकार द्वारा ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का उदाहरण बताया है और दावा किया है कि यह ईडी द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) और उसके नेताओं को कमजोर करने के प्रयासों का हिस्सा है।

इस मामले में ईडी के उप निदेशक द्वारा दाखिल जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि केजरीवाल की याचिका में कोई दम नहीं है और उनके जांच में “पूर्ण रूपेण असहयोग” के कारण उनकी गिरफ्तारी अनिवार्य हो गई थी।

हलफनामे में कहा गया है कि नौ बार समन जारी करने के बाद भी सीएम केजरीवाल पूछताछ के लिए ईडी अधिकारियों के सामने उपस्थित नहीं हुए। पीएमएलए की धारा 17 के तहत उनके बयान दर्ज करने के दौरान वह सवालों से बच रहे थे और पूरी तरह असहयोग कर रहे थे।

वहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय में आज एमसीडी के स्कूलों की खस्ता हाली को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई होनी है। इससे पहले अदालत को बताया गया था कि प्रशासनिक बाधाओं के कारण करीब दो लाख छात्रों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

उच्च न्यायालय ने 26 अप्रैल को एमसीडी के साथ सीएम केजरीवाल और दिल्ली सरकार को इस बात के लिए फटकार लगाई थी कि एमसीडी स्कूलों के करीब दो लाख बच्चों को किताबें नहीं मुहैया कराई गई हैं।

इसके बाद, दिल्ली के उप राज्यपाल ने भी आप की दिल्ली सरकार और शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज पर एमसीडी कमीश्नर की वित्तीय शक्तियों को अस्थाई रूप से पांच करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने में देरी का आरोप लगाया था।

अधिकारियों का कहना है कि इस देरी के कारण शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाएं अटकी हुई हैं क्योंकि एक साल से अधिक समय से नगर निगम की स्थायी समिति का गठन नहीं हुआ है।

इस बीच, मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल को सोमवार को जेल में उनके पति से मुलाकात की अनुमति नहीं होगी।

जेल मैन्युअल के अनुसार, एक सप्ताह में केवल दो ही लोगों को मुलाकात की इजाजत होती है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पहले ही विजिटर्स पोर्टल के जरिये मुलाकात के लिए आवेदन कर दिया है जिससे सुनीता केजरीवाल का आवेदन रद्द कर दिया गया। पहले दो आवेदकों की मुलाकात के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन उनके आवेदन पर पुनर्विचार करेगा।

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सुप्रीम कोर्ट में आज सीएम केजरीवाल की उस याचिका पर सुनवाई होगी जिसमें उन्होंने आबाकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड को चुनौती दी है।

उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया है और कहा है कि इसका अनुचित लाभ देश में हो रहे आम चुनावों में सत्ताधारी पार्टी को मिलेगा, जो ‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव’ के सिद्धांतों के खिलाफ है।

उन्होंने इसे केंद्र सरकार द्वारा ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का उदाहरण बताया है और दावा किया है कि यह ईडी द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) और उसके नेताओं को कमजोर करने के प्रयासों का हिस्सा है।

इस मामले में ईडी के उप निदेशक द्वारा दाखिल जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि केजरीवाल की याचिका में कोई दम नहीं है और उनके जांच में “पूर्ण रूपेण असहयोग” के कारण उनकी गिरफ्तारी अनिवार्य हो गई थी।

हलफनामे में कहा गया है कि नौ बार समन जारी करने के बाद भी सीएम केजरीवाल पूछताछ के लिए ईडी अधिकारियों के सामने उपस्थित नहीं हुए। पीएमएलए की धारा 17 के तहत उनके बयान दर्ज करने के दौरान वह सवालों से बच रहे थे और पूरी तरह असहयोग कर रहे थे।

वहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय में आज एमसीडी के स्कूलों की खस्ता हाली को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई होनी है। इससे पहले अदालत को बताया गया था कि प्रशासनिक बाधाओं के कारण करीब दो लाख छात्रों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

उच्च न्यायालय ने 26 अप्रैल को एमसीडी के साथ सीएम केजरीवाल और दिल्ली सरकार को इस बात के लिए फटकार लगाई थी कि एमसीडी स्कूलों के करीब दो लाख बच्चों को किताबें नहीं मुहैया कराई गई हैं।

इसके बाद, दिल्ली के उप राज्यपाल ने भी आप की दिल्ली सरकार और शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज पर एमसीडी कमीश्नर की वित्तीय शक्तियों को अस्थाई रूप से पांच करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने में देरी का आरोप लगाया था।

अधिकारियों का कहना है कि इस देरी के कारण शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाएं अटकी हुई हैं क्योंकि एक साल से अधिक समय से नगर निगम की स्थायी समिति का गठन नहीं हुआ है।

इस बीच, मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल को सोमवार को जेल में उनके पति से मुलाकात की अनुमति नहीं होगी।

जेल मैन्युअल के अनुसार, एक सप्ताह में केवल दो ही लोगों को मुलाकात की इजाजत होती है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पहले ही विजिटर्स पोर्टल के जरिये मुलाकात के लिए आवेदन कर दिया है जिससे सुनीता केजरीवाल का आवेदन रद्द कर दिया गया। पहले दो आवेदकों की मुलाकात के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन उनके आवेदन पर पुनर्विचार करेगा।

आतिशी के आज दोपहर 12.30 बजे के आसपास मुख्यमंत्री से मुलाकात की उम्मीद है।

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सुप्रीम कोर्ट में आज सीएम केजरीवाल की उस याचिका पर सुनवाई होगी जिसमें उन्होंने आबाकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड को चुनौती दी है।

उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया है और कहा है कि इसका अनुचित लाभ देश में हो रहे आम चुनावों में सत्ताधारी पार्टी को मिलेगा, जो ‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव’ के सिद्धांतों के खिलाफ है।

उन्होंने इसे केंद्र सरकार द्वारा ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का उदाहरण बताया है और दावा किया है कि यह ईडी द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) और उसके नेताओं को कमजोर करने के प्रयासों का हिस्सा है।

इस मामले में ईडी के उप निदेशक द्वारा दाखिल जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि केजरीवाल की याचिका में कोई दम नहीं है और उनके जांच में “पूर्ण रूपेण असहयोग” के कारण उनकी गिरफ्तारी अनिवार्य हो गई थी।

हलफनामे में कहा गया है कि नौ बार समन जारी करने के बाद भी सीएम केजरीवाल पूछताछ के लिए ईडी अधिकारियों के सामने उपस्थित नहीं हुए। पीएमएलए की धारा 17 के तहत उनके बयान दर्ज करने के दौरान वह सवालों से बच रहे थे और पूरी तरह असहयोग कर रहे थे।

वहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय में आज एमसीडी के स्कूलों की खस्ता हाली को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई होनी है। इससे पहले अदालत को बताया गया था कि प्रशासनिक बाधाओं के कारण करीब दो लाख छात्रों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

उच्च न्यायालय ने 26 अप्रैल को एमसीडी के साथ सीएम केजरीवाल और दिल्ली सरकार को इस बात के लिए फटकार लगाई थी कि एमसीडी स्कूलों के करीब दो लाख बच्चों को किताबें नहीं मुहैया कराई गई हैं।

इसके बाद, दिल्ली के उप राज्यपाल ने भी आप की दिल्ली सरकार और शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज पर एमसीडी कमीश्नर की वित्तीय शक्तियों को अस्थाई रूप से पांच करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने में देरी का आरोप लगाया था।

अधिकारियों का कहना है कि इस देरी के कारण शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाएं अटकी हुई हैं क्योंकि एक साल से अधिक समय से नगर निगम की स्थायी समिति का गठन नहीं हुआ है।

इस बीच, मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल को सोमवार को जेल में उनके पति से मुलाकात की अनुमति नहीं होगी।

जेल मैन्युअल के अनुसार, एक सप्ताह में केवल दो ही लोगों को मुलाकात की इजाजत होती है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पहले ही विजिटर्स पोर्टल के जरिये मुलाकात के लिए आवेदन कर दिया है जिससे सुनीता केजरीवाल का आवेदन रद्द कर दिया गया। पहले दो आवेदकों की मुलाकात के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन उनके आवेदन पर पुनर्विचार करेगा।

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सुप्रीम कोर्ट में आज सीएम केजरीवाल की उस याचिका पर सुनवाई होगी जिसमें उन्होंने आबाकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड को चुनौती दी है।

उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया है और कहा है कि इसका अनुचित लाभ देश में हो रहे आम चुनावों में सत्ताधारी पार्टी को मिलेगा, जो ‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव’ के सिद्धांतों के खिलाफ है।

उन्होंने इसे केंद्र सरकार द्वारा ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का उदाहरण बताया है और दावा किया है कि यह ईडी द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) और उसके नेताओं को कमजोर करने के प्रयासों का हिस्सा है।

इस मामले में ईडी के उप निदेशक द्वारा दाखिल जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि केजरीवाल की याचिका में कोई दम नहीं है और उनके जांच में “पूर्ण रूपेण असहयोग” के कारण उनकी गिरफ्तारी अनिवार्य हो गई थी।

हलफनामे में कहा गया है कि नौ बार समन जारी करने के बाद भी सीएम केजरीवाल पूछताछ के लिए ईडी अधिकारियों के सामने उपस्थित नहीं हुए। पीएमएलए की धारा 17 के तहत उनके बयान दर्ज करने के दौरान वह सवालों से बच रहे थे और पूरी तरह असहयोग कर रहे थे।

वहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय में आज एमसीडी के स्कूलों की खस्ता हाली को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई होनी है। इससे पहले अदालत को बताया गया था कि प्रशासनिक बाधाओं के कारण करीब दो लाख छात्रों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

उच्च न्यायालय ने 26 अप्रैल को एमसीडी के साथ सीएम केजरीवाल और दिल्ली सरकार को इस बात के लिए फटकार लगाई थी कि एमसीडी स्कूलों के करीब दो लाख बच्चों को किताबें नहीं मुहैया कराई गई हैं।

इसके बाद, दिल्ली के उप राज्यपाल ने भी आप की दिल्ली सरकार और शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज पर एमसीडी कमीश्नर की वित्तीय शक्तियों को अस्थाई रूप से पांच करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने में देरी का आरोप लगाया था।

अधिकारियों का कहना है कि इस देरी के कारण शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाएं अटकी हुई हैं क्योंकि एक साल से अधिक समय से नगर निगम की स्थायी समिति का गठन नहीं हुआ है।

इस बीच, मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल को सोमवार को जेल में उनके पति से मुलाकात की अनुमति नहीं होगी।

जेल मैन्युअल के अनुसार, एक सप्ताह में केवल दो ही लोगों को मुलाकात की इजाजत होती है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पहले ही विजिटर्स पोर्टल के जरिये मुलाकात के लिए आवेदन कर दिया है जिससे सुनीता केजरीवाल का आवेदन रद्द कर दिया गया। पहले दो आवेदकों की मुलाकात के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन उनके आवेदन पर पुनर्विचार करेगा।

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सुप्रीम कोर्ट में आज सीएम केजरीवाल की उस याचिका पर सुनवाई होगी जिसमें उन्होंने आबाकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड को चुनौती दी है।

उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया है और कहा है कि इसका अनुचित लाभ देश में हो रहे आम चुनावों में सत्ताधारी पार्टी को मिलेगा, जो ‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव’ के सिद्धांतों के खिलाफ है।

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इस मामले में ईडी के उप निदेशक द्वारा दाखिल जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि केजरीवाल की याचिका में कोई दम नहीं है और उनके जांच में “पूर्ण रूपेण असहयोग” के कारण उनकी गिरफ्तारी अनिवार्य हो गई थी।

हलफनामे में कहा गया है कि नौ बार समन जारी करने के बाद भी सीएम केजरीवाल पूछताछ के लिए ईडी अधिकारियों के सामने उपस्थित नहीं हुए। पीएमएलए की धारा 17 के तहत उनके बयान दर्ज करने के दौरान वह सवालों से बच रहे थे और पूरी तरह असहयोग कर रहे थे।

वहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय में आज एमसीडी के स्कूलों की खस्ता हाली को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई होनी है। इससे पहले अदालत को बताया गया था कि प्रशासनिक बाधाओं के कारण करीब दो लाख छात्रों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

उच्च न्यायालय ने 26 अप्रैल को एमसीडी के साथ सीएम केजरीवाल और दिल्ली सरकार को इस बात के लिए फटकार लगाई थी कि एमसीडी स्कूलों के करीब दो लाख बच्चों को किताबें नहीं मुहैया कराई गई हैं।

इसके बाद, दिल्ली के उप राज्यपाल ने भी आप की दिल्ली सरकार और शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज पर एमसीडी कमीश्नर की वित्तीय शक्तियों को अस्थाई रूप से पांच करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने में देरी का आरोप लगाया था।

अधिकारियों का कहना है कि इस देरी के कारण शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाएं अटकी हुई हैं क्योंकि एक साल से अधिक समय से नगर निगम की स्थायी समिति का गठन नहीं हुआ है।

इस बीच, मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल को सोमवार को जेल में उनके पति से मुलाकात की अनुमति नहीं होगी।

जेल मैन्युअल के अनुसार, एक सप्ताह में केवल दो ही लोगों को मुलाकात की इजाजत होती है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पहले ही विजिटर्स पोर्टल के जरिये मुलाकात के लिए आवेदन कर दिया है जिससे सुनीता केजरीवाल का आवेदन रद्द कर दिया गया। पहले दो आवेदकों की मुलाकात के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन उनके आवेदन पर पुनर्विचार करेगा।

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