नई दिल्ली, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली के महरौली इलाके में अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वॉकर की जघन्य हत्या के सिलसिले में तिहाड़ जेल में बंद आफताब अमीन पूनावाला ने जेल अधिकारियों से पढ़ने के लिए उपन्यास और किताबें मुहैया कराने की मांग की है।
सूत्रों ने बताया कि जेल अधिकारी जल्द ही आफताब को उपन्यास और किताबें मुहैया कराएंगे। आफताब जेल नंबर 4 में बंद है।
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस की मौजूदगी में ही आफताब को खाना परोसा जा रहा है। वह दिन-रात अधिकारियों के रडार पर भी रहता है और उसके सेल के बाहर एक सुरक्षा गार्ड भी तैनात रहता है।
सुरक्षा कारणों से जेल नंबर 4 के अन्य कैदियों को अलग रखा गया है। हाल ही में सशस्त्र लोगों के एक समूह द्वारा उसे ले जा रही एक पुलिस वैन पर हमला किए जाने के बाद जेल अधिकारियों ने उसके बैरक की सुरक्षा बढ़ा दी है।
26 नवंबर को आफताब को दिल्ली की एक अदालत ने 13 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। 2 दिसंबर को एफएसएल अधिकारियों ने जेल के अंदर आफताब का पोस्ट नार्को टेस्ट कराया था।
सूत्रों का दावा है कि अगर जरूरत पड़ी तो फिर से नार्को टेस्ट किया जाएगा।
हालांकि नार्को टेस्ट में उसके कबूलनामे को अदालत में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता था, फिर भी यह साबित हुआ कि जांचकर्ता सही दिशा में आगे बढ़ रहे थे।
–आईएएनएस
केसी/एसजीके
नई दिल्ली, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली के महरौली इलाके में अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वॉकर की जघन्य हत्या के सिलसिले में तिहाड़ जेल में बंद आफताब अमीन पूनावाला ने जेल अधिकारियों से पढ़ने के लिए उपन्यास और किताबें मुहैया कराने की मांग की है।
सूत्रों ने बताया कि जेल अधिकारी जल्द ही आफताब को उपन्यास और किताबें मुहैया कराएंगे। आफताब जेल नंबर 4 में बंद है।
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस की मौजूदगी में ही आफताब को खाना परोसा जा रहा है। वह दिन-रात अधिकारियों के रडार पर भी रहता है और उसके सेल के बाहर एक सुरक्षा गार्ड भी तैनात रहता है।
सुरक्षा कारणों से जेल नंबर 4 के अन्य कैदियों को अलग रखा गया है। हाल ही में सशस्त्र लोगों के एक समूह द्वारा उसे ले जा रही एक पुलिस वैन पर हमला किए जाने के बाद जेल अधिकारियों ने उसके बैरक की सुरक्षा बढ़ा दी है।
26 नवंबर को आफताब को दिल्ली की एक अदालत ने 13 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। 2 दिसंबर को एफएसएल अधिकारियों ने जेल के अंदर आफताब का पोस्ट नार्को टेस्ट कराया था।
सूत्रों का दावा है कि अगर जरूरत पड़ी तो फिर से नार्को टेस्ट किया जाएगा।
हालांकि नार्को टेस्ट में उसके कबूलनामे को अदालत में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता था, फिर भी यह साबित हुआ कि जांचकर्ता सही दिशा में आगे बढ़ रहे थे।
–आईएएनएस
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