नई दिल्ली, 16 मार्च (आईएएनएस)। आयुष मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय ने गुरुवार को ग्रामीण युवाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र और विश्व स्तर पर प्रासंगिक कार्यबल में बदलने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
परिवहन भवन में आयुष मंत्रालय के सलाहकार मनोज नेसारी और ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव कर्मा जिम्पा भूटिया ने केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और केंद्रीय पंचायत मंत्री गिरिराज सिंह की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
आयुष राज्यमंत्री, मुंजापारा महेंद्रभाई कालूभाई, सचिव आयुष, राजेश कोटेचा, प्रमोद कुमार पाठक, आयुष मंत्रालय के विशेष सचिव और शैलेश कुमार सिंह, ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव, प्रोफेसर (डॉ.) तनुजा मनोज नेसारी, आयुष उप के अध्यक्ष इस अवसर पर सेक्टर स्किल काउंसिल और निदेशक, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान भी उपस्थित थे।
सर्बानंद सोनोवाल ने ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह का स्वागत किया और कहा कि दोनों मंत्रालय स्वरोजगार की भावना को बढ़ावा देने में सहयोग करेंगे।
सिंह ने अपने भाषण में आयुष क्षेत्र में देखी गई वृद्धि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आयुष मंत्रालय की प्रशंसा की, जो 2014 में 3 अरब डॉलर से बढ़कर वर्ष 2022 में 19 अरब डॉलर हो गया।
मंत्री ने स्केलिंग और अवसर देने के लिए पीएम मोदी को भी धन्यवाद दिया।
डीडीयू-जीकेवाई (दीन दयाल उपाध्याय-ग्रामीण कौशल योजना) के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाएंगे और आयुष मंत्रालय के सहयोग से स्वरोजगार और कौशल विकास में वृद्धि हासिल करने में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर बोलते हुए अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की निदेशक प्रो. (डॉ.) तनुजा मनोज नेसारी ने कहा कि दोनों मंत्रालयों के बीच सहयोग आयुर्वेद से संबंधित कौशल और सेवा क्षेत्र को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
ग्रामीण गरीब युवाओं को प्रायोगिक आधार पर निम्नलिखित पाठ्यक्रमों में आयुष मंत्रालय के सहयोग से प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा :
पंचकर्म तकनीशियन, पंचकर्म सहायक, आयुर्वेदिक मालिशिया, क्षार कर्म तकनीशियन, कपिंग थेरेपी सहायक और कौशल विकास के इतिहास में मील का पत्थर बनना।
इस सहयोग का उद्देश्य आयुष हेल्थकेयर सिस्टम और आयुष प्रबंधन क्षेत्रों के लिए कुशल कर्मियों को विकसित करने में मदद करना है, प्रशिक्षण को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाया जाएगा, ऐसे क्षेत्रों में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुशल मानव संसाधनों के विकास की मांगों को पूरा करने में सक्षम बनाने के लिए।
दोनों मंत्रालयों के बीच सहयोग ग्रामीण गरीब युवाओं को डीडीयू-जीकेवाई योजना के तहत राष्ट्रीय योग्यता रजिस्टर पर उपलब्ध राष्ट्रीय कौशल योग्यता रूपरेखा संरेखित पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण प्रदान करने में मदद करेगा।
दीन दयाल उपाध्याय-ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) के माध्यम से ग्रामीण विकास मंत्रालय का मिशन ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए आयुष मंत्रालय के साथ गठबंधन करेगा और ग्रामीण युवाओं को सशक्त बनाने के लिए अवसरों के क्षितिज में नए द्वार खोलेगा।
–आईएएनएस
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