नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शताब्दी पर संगठन को बधाई दी और इसके योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज हम भारतीय सभ्यता, संस्कृति और विरासत को संरक्षित व प्रचारित करने के लिए 1925 में शुरू हुए एक विचार की 100वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।
हरदीप सिंह पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “हम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ऐतिहासिक शताब्दी मना रहे हैं, एक ऐसा संगठन जिसके प्रयास भारत के निरंतर विकास के साथ गहराई से जुड़े हुए हैं। 1925 में विचारक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार की तरफ से बोया गया यह बीज, गुरुजी एमएस गोलवलकर और बालासाहेब देवरस के मार्गदर्शन में एक दार्शनिक वटवृक्ष बन गया है, जिसकी शाखाएं राष्ट्रवादी चेतना को फैलाती हैं और जड़ें दृढ़ता से जमीन से जुड़ी हैं।”
उन्होंने लिखा, “पिछले 100 सालों में असंख्य स्वयंसेवकों ने इस संकल्प को साकार करने के लिए अपना जीवन समर्पित किया है। इस विचार ने हमारे राष्ट्र के हर हिस्से और हमारे समाज के प्रत्येक क्षेत्र को एक विशाल नदी की तरह पोषित किया है। अपने अलग-अलग संबद्ध संगठनों के जरिए संघ हर क्षेत्र में काम करता है। अपने कार्यक्षेत्र में विविधता के बावजूद, वे सभी एक ही भावना और एक ही संकल्प, ‘राष्ट्र प्रथम,’ को मूर्त रूप देते हैं।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संघ ने अपनी स्थापना के समय से ही स्वयं को राष्ट्र-निर्माण के लिए समर्पित कर दिया है। इसके लिए उसने चरित्र-निर्माण का मार्ग चुना। व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण, चरित्र-निर्माण के माध्यम से राष्ट्र-निर्माण – यही संघ का मार्ग रहा है।
अपनी पोस्ट में उन्होंने कहा, “आज जब हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अमृत काल से गुजरते हुए ‘विकसित भारत’ बनने की ओर अग्रसर हैं, तो ‘हम समाज से अलग नहीं हैं, समाज हमसे ही बना है’ के दर्शन को दृढ़ता से महसूस किया जा सकता है।”
आखिर में हरदीप सिंह पुरी ने भारत, भारतवासियों और आने वाले गौरवशाली भविष्य को समर्पित संघ की यात्रा में ऐतिहासिक पड़ाव पर पहुंचने के लिए हार्दिक बधाई दी।
–आईएएनएस
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