नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संस्थापक एवं मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और वक्फ सुधार को जरूरी बताते हुए इसे समय की मांग करार दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज की तरक्की तभी संभव है, जब उसमें सभी लोगों को समान अधिकार और अवसर मिले।
धनतेरस के अवसर पर, मंगलवार को दिल्ली की ऐतिहासिक हजरत निजामुद्दीन औलिया दरगाह पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि कश्मीर को धरती का जन्नत कहा जाता है और हमें इसे बनाए रखते हुए पूरे देश को भी दुनिया की जन्नत बनाए रखना है। भारत एक ऐसा देश है, जो पूरी दुनिया को अहिंसा और भाईचारे का संदेश दे रहा है। हमारी विविधता हमारी ताकत है और यही हमें दुनिया के सामने एकता और अखंडता का उदाहरण बनाती है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरफ से मुस्लिम समाज के बीच जाकर लगातार कार्य कर रहे इंद्रेश कुमार ने इस्लाम धर्म के आखरी पैगंबर की बात को याद करते हुए कहा कि मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं है। उन्होंने समाज में फैली विकृतियों पर चिंता व्यक्त की और सभी से अपील की कि वे एकजुट होकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करें। महिला सशक्तिकरण की बात पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि वे आग्रह करते हैं कि मुस्लिम समाज में कोई भी बहन, बहू या बेटी तीन तलाक या अन्यायपूर्ण परंपराओं की शिकार न बने। उन्होंने मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और समान अवसर प्रदान करने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि वे भी समाज में अपनी पहचान बना सकें। उन्होंने जात-पात, छुआछूत और अन्य सभी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण के मुद्दे पर चिंता जताते हुए संघ नेता ने सभी से संयमित तरीके से पटाखे जलाने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि यह त्योहार का समय है और हमें इसे अपने पर्यावरण और समाज के प्रति जिम्मेदारी के साथ मनाना चाहिए। उन्होंने वक्फ बोर्ड में सुधार को जरूरी बताते हुए यह भी कहा कि वहां ( वक्फ बोर्ड ) भ्रष्टाचार फैला हुआ है और कई वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे किए जा रहे हैं। मुस्लिम समाज को ऐसे में अपनी संपत्तियों की रक्षा और विकास के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए।
इंद्रेश कुमार ने भारतीय समाज में एकता और अखंडता को बढ़ावा देने की बात कहते हुए यह भी कहा कि भारत की सांस्कृतिक विविधता ही उसकी ताकत है। कार्यक्रम में सभी धर्मों के लोगों ने बड़ी तादाद में शामिल होकर राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात की।
–आईएएनएस
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