मुंबई, 24 फरवरी (आईएएनएस)। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गुवाहाटी में रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम में मातृभाषा की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विदेशी भाषा बोलने की जगह लोगों को अपने दैनिक कार्यों के दौरान मातृ भाषा का प्रयोग करना चाहिए। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के मातृभाषा में संवाद करने के बयान पर सोमवार को न्यूज एजेंसी आईएएनएस से एनसीपी (एसपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता महेश तापसे ने बातचीत की।
महेश तापसे ने कहा कि देखिए भारत में हर प्रांत में अलग-अलग भाषा बोली जाती है। लोगों को अपनी लोकल भाषा में बात करना अच्छा लगता है। लेकिन मुझे खुशी इस बात की है कि अब आरएसएस के भीतर माहौल में बदलाव दिख रहा है, जहां लोगों को जोड़ने की बात हो रही है। आरएसएस के कुछ लोगों को पुराना बयान देखें तो पता चलता है कि ये लोग तोड़ने की बात करते थे। भागवत जी का बयान ठीक है। लोगों को मातृभाषा में बात करनी चाहिए।
पीएम मोदी के मोटापे के खिलाफ अभियान पर महेश तापसे ने कहा कि भारत अब दुनिया की मोटापे की राजधानी बन गया है। पहले यह संयुक्त राज्य अमेरिका था, लेकिन अब यह भारत है। भारत मधुमेह की राजधानी भी बन गया है। यह सब हमारी दोषपूर्ण जीवनशैली के कारण है। आज, प्रधानमंत्री ने मोटापा कम करने और देश के लोगों को फिट रखने पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक गैर-राजनीतिक भूमिका निभाई है। यह एक अच्छी पहल है। लेकिन, स्वस्थ व्यक्ति को रोजगार भी मिलना चाहिए। पीएम मोदी से गुजारिश है कि जिस तरह से उन्होंने आम लोगों की फिटनेस की बात की, वह देश की फिटनेस की बात भी करें।
महायुति में बढ़ रहे दरार पर महेश तापसे ने कहा कि महाराष्ट्र में कांग्रेस और शिवसेना को तोड़ने का काम भाजपा नहीं कर सकती थी। इसलिए कुछ मोहरों का इस्तेमाल किया गया। अब उन्हें उनकी जगह दिखा रहे हैं।
–आईएएनएस
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