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Home ताज़ा समाचार

आरएसएस से जुड़े लोग कर रहे संविधान और अंबेडकर का अपमान : नसीम खान

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December 20, 2024
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि कुछ लोगों को लगता है कि वे मंदिर-मस्जिद का मुद्दा उठाकर हिंदुओं के बड़े नेता बन जाएंगे, लेकिन किसी भी हालत में यह स्वीकार नहीं किया जाएगा। उनके इस बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यकारी अध्यक्ष नसीम खान ने कहा कि भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन इसे कितने लोग मानते हैं।

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नसीम खान ने शुक्रवार को आईएएनएस से कहा, “मोहन भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन आज देश में क्या हो रहा है? ऐसी घटनाओं में शामिल लोग संघ से ही संबंधित हैं या फिर उसके संगठन से ही जुड़े हुए हैं। उनके ऊपर रोक लगानी चाहिए। जो लोग राष्ट्रहित में काम करते हैं, उनका भी कहना है कि अनेकता में एकता होनी चाहिए और सबको मिलजुल कर रहना चाहिए। लेकिन आज हिंदुस्तान-पाकिस्तान के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। संविधान पर हमला हो रहा है। डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी जा रही है। लोकसभा के अंदर भीमराव अंबेडकर का मजाक उड़ाया जा रहा है। यह सभी चीज संघ से जुड़े लोग ही कर रहे हैं।”

कांग्रेस नेता ने कहा, “मोहन भागवत की बात अच्छी हो सकती है, लेकिन उनके बयान को लोग कितना मानते हैं और कितना अमल करते हैं, सवाल यह है। समाज में जो स्थिति पैदा हुई है, वर्शिप एक्ट को लेकर कोर्ट में अलग-अलग इशू आ रहे हैं। समाज में मतभेद पैदा किया जा रहा है। आज के समय में मंदिर-मस्जिद और दरगाह के नाम पर बातें हो रही हैं। साल 1991 में पूरे देश में वर्शिप एक्ट बनाया गया था, ताकि देश में एकता, अखंडता और बंधुत्व बनी रहे।”

संसद में गुरुवार को हुई धक्का-मुक्की के बीच भाजपा सांसद को आई चोट पर कांग्रेस नेता ने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह ने भीमराव अंबेडकर को लेकर गलत बयानबाजी की, जिसके कारण पूरे देश में उनकी भर्त्सना होने लगी, पूरे देश के लोगों ने इसका विरोध किया। कांग्रेस और ‘इंडिया’ ब्लॉक के सांसदों ने भी इसका लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया, लेकिन उन्हें सदन में जाने से रोका गया। विषय और मुद्दे को बदलने के लिए राहुल गांधी पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने उनको धक्का देकर गिरा दिया। लेकिन, राहुल गांधी बहुत संवेदनशील और मानवतावादी नेता हैं। उनके अंदर इंसानियत कूट-कूट कर भरी है। भाजपा की हमेशा से यह नीति रही है कि अपनी गलती छुपाने के लिए बार-बार झूठ बोलो।”

–आईएएनएस

एससीएच/एकेजे

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नई दिल्ली, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि कुछ लोगों को लगता है कि वे मंदिर-मस्जिद का मुद्दा उठाकर हिंदुओं के बड़े नेता बन जाएंगे, लेकिन किसी भी हालत में यह स्वीकार नहीं किया जाएगा। उनके इस बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यकारी अध्यक्ष नसीम खान ने कहा कि भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन इसे कितने लोग मानते हैं।

नसीम खान ने शुक्रवार को आईएएनएस से कहा, “मोहन भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन आज देश में क्या हो रहा है? ऐसी घटनाओं में शामिल लोग संघ से ही संबंधित हैं या फिर उसके संगठन से ही जुड़े हुए हैं। उनके ऊपर रोक लगानी चाहिए। जो लोग राष्ट्रहित में काम करते हैं, उनका भी कहना है कि अनेकता में एकता होनी चाहिए और सबको मिलजुल कर रहना चाहिए। लेकिन आज हिंदुस्तान-पाकिस्तान के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। संविधान पर हमला हो रहा है। डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी जा रही है। लोकसभा के अंदर भीमराव अंबेडकर का मजाक उड़ाया जा रहा है। यह सभी चीज संघ से जुड़े लोग ही कर रहे हैं।”

कांग्रेस नेता ने कहा, “मोहन भागवत की बात अच्छी हो सकती है, लेकिन उनके बयान को लोग कितना मानते हैं और कितना अमल करते हैं, सवाल यह है। समाज में जो स्थिति पैदा हुई है, वर्शिप एक्ट को लेकर कोर्ट में अलग-अलग इशू आ रहे हैं। समाज में मतभेद पैदा किया जा रहा है। आज के समय में मंदिर-मस्जिद और दरगाह के नाम पर बातें हो रही हैं। साल 1991 में पूरे देश में वर्शिप एक्ट बनाया गया था, ताकि देश में एकता, अखंडता और बंधुत्व बनी रहे।”

संसद में गुरुवार को हुई धक्का-मुक्की के बीच भाजपा सांसद को आई चोट पर कांग्रेस नेता ने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह ने भीमराव अंबेडकर को लेकर गलत बयानबाजी की, जिसके कारण पूरे देश में उनकी भर्त्सना होने लगी, पूरे देश के लोगों ने इसका विरोध किया। कांग्रेस और ‘इंडिया’ ब्लॉक के सांसदों ने भी इसका लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया, लेकिन उन्हें सदन में जाने से रोका गया। विषय और मुद्दे को बदलने के लिए राहुल गांधी पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने उनको धक्का देकर गिरा दिया। लेकिन, राहुल गांधी बहुत संवेदनशील और मानवतावादी नेता हैं। उनके अंदर इंसानियत कूट-कूट कर भरी है। भाजपा की हमेशा से यह नीति रही है कि अपनी गलती छुपाने के लिए बार-बार झूठ बोलो।”

–आईएएनएस

एससीएच/एकेजे

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नई दिल्ली, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि कुछ लोगों को लगता है कि वे मंदिर-मस्जिद का मुद्दा उठाकर हिंदुओं के बड़े नेता बन जाएंगे, लेकिन किसी भी हालत में यह स्वीकार नहीं किया जाएगा। उनके इस बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यकारी अध्यक्ष नसीम खान ने कहा कि भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन इसे कितने लोग मानते हैं।

नसीम खान ने शुक्रवार को आईएएनएस से कहा, “मोहन भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन आज देश में क्या हो रहा है? ऐसी घटनाओं में शामिल लोग संघ से ही संबंधित हैं या फिर उसके संगठन से ही जुड़े हुए हैं। उनके ऊपर रोक लगानी चाहिए। जो लोग राष्ट्रहित में काम करते हैं, उनका भी कहना है कि अनेकता में एकता होनी चाहिए और सबको मिलजुल कर रहना चाहिए। लेकिन आज हिंदुस्तान-पाकिस्तान के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। संविधान पर हमला हो रहा है। डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी जा रही है। लोकसभा के अंदर भीमराव अंबेडकर का मजाक उड़ाया जा रहा है। यह सभी चीज संघ से जुड़े लोग ही कर रहे हैं।”

कांग्रेस नेता ने कहा, “मोहन भागवत की बात अच्छी हो सकती है, लेकिन उनके बयान को लोग कितना मानते हैं और कितना अमल करते हैं, सवाल यह है। समाज में जो स्थिति पैदा हुई है, वर्शिप एक्ट को लेकर कोर्ट में अलग-अलग इशू आ रहे हैं। समाज में मतभेद पैदा किया जा रहा है। आज के समय में मंदिर-मस्जिद और दरगाह के नाम पर बातें हो रही हैं। साल 1991 में पूरे देश में वर्शिप एक्ट बनाया गया था, ताकि देश में एकता, अखंडता और बंधुत्व बनी रहे।”

संसद में गुरुवार को हुई धक्का-मुक्की के बीच भाजपा सांसद को आई चोट पर कांग्रेस नेता ने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह ने भीमराव अंबेडकर को लेकर गलत बयानबाजी की, जिसके कारण पूरे देश में उनकी भर्त्सना होने लगी, पूरे देश के लोगों ने इसका विरोध किया। कांग्रेस और ‘इंडिया’ ब्लॉक के सांसदों ने भी इसका लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया, लेकिन उन्हें सदन में जाने से रोका गया। विषय और मुद्दे को बदलने के लिए राहुल गांधी पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने उनको धक्का देकर गिरा दिया। लेकिन, राहुल गांधी बहुत संवेदनशील और मानवतावादी नेता हैं। उनके अंदर इंसानियत कूट-कूट कर भरी है। भाजपा की हमेशा से यह नीति रही है कि अपनी गलती छुपाने के लिए बार-बार झूठ बोलो।”

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि कुछ लोगों को लगता है कि वे मंदिर-मस्जिद का मुद्दा उठाकर हिंदुओं के बड़े नेता बन जाएंगे, लेकिन किसी भी हालत में यह स्वीकार नहीं किया जाएगा। उनके इस बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यकारी अध्यक्ष नसीम खान ने कहा कि भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन इसे कितने लोग मानते हैं।

नसीम खान ने शुक्रवार को आईएएनएस से कहा, “मोहन भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन आज देश में क्या हो रहा है? ऐसी घटनाओं में शामिल लोग संघ से ही संबंधित हैं या फिर उसके संगठन से ही जुड़े हुए हैं। उनके ऊपर रोक लगानी चाहिए। जो लोग राष्ट्रहित में काम करते हैं, उनका भी कहना है कि अनेकता में एकता होनी चाहिए और सबको मिलजुल कर रहना चाहिए। लेकिन आज हिंदुस्तान-पाकिस्तान के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। संविधान पर हमला हो रहा है। डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी जा रही है। लोकसभा के अंदर भीमराव अंबेडकर का मजाक उड़ाया जा रहा है। यह सभी चीज संघ से जुड़े लोग ही कर रहे हैं।”

कांग्रेस नेता ने कहा, “मोहन भागवत की बात अच्छी हो सकती है, लेकिन उनके बयान को लोग कितना मानते हैं और कितना अमल करते हैं, सवाल यह है। समाज में जो स्थिति पैदा हुई है, वर्शिप एक्ट को लेकर कोर्ट में अलग-अलग इशू आ रहे हैं। समाज में मतभेद पैदा किया जा रहा है। आज के समय में मंदिर-मस्जिद और दरगाह के नाम पर बातें हो रही हैं। साल 1991 में पूरे देश में वर्शिप एक्ट बनाया गया था, ताकि देश में एकता, अखंडता और बंधुत्व बनी रहे।”

संसद में गुरुवार को हुई धक्का-मुक्की के बीच भाजपा सांसद को आई चोट पर कांग्रेस नेता ने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह ने भीमराव अंबेडकर को लेकर गलत बयानबाजी की, जिसके कारण पूरे देश में उनकी भर्त्सना होने लगी, पूरे देश के लोगों ने इसका विरोध किया। कांग्रेस और ‘इंडिया’ ब्लॉक के सांसदों ने भी इसका लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया, लेकिन उन्हें सदन में जाने से रोका गया। विषय और मुद्दे को बदलने के लिए राहुल गांधी पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने उनको धक्का देकर गिरा दिया। लेकिन, राहुल गांधी बहुत संवेदनशील और मानवतावादी नेता हैं। उनके अंदर इंसानियत कूट-कूट कर भरी है। भाजपा की हमेशा से यह नीति रही है कि अपनी गलती छुपाने के लिए बार-बार झूठ बोलो।”

–आईएएनएस

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नसीम खान ने शुक्रवार को आईएएनएस से कहा, “मोहन भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन आज देश में क्या हो रहा है? ऐसी घटनाओं में शामिल लोग संघ से ही संबंधित हैं या फिर उसके संगठन से ही जुड़े हुए हैं। उनके ऊपर रोक लगानी चाहिए। जो लोग राष्ट्रहित में काम करते हैं, उनका भी कहना है कि अनेकता में एकता होनी चाहिए और सबको मिलजुल कर रहना चाहिए। लेकिन आज हिंदुस्तान-पाकिस्तान के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। संविधान पर हमला हो रहा है। डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी जा रही है। लोकसभा के अंदर भीमराव अंबेडकर का मजाक उड़ाया जा रहा है। यह सभी चीज संघ से जुड़े लोग ही कर रहे हैं।”

कांग्रेस नेता ने कहा, “मोहन भागवत की बात अच्छी हो सकती है, लेकिन उनके बयान को लोग कितना मानते हैं और कितना अमल करते हैं, सवाल यह है। समाज में जो स्थिति पैदा हुई है, वर्शिप एक्ट को लेकर कोर्ट में अलग-अलग इशू आ रहे हैं। समाज में मतभेद पैदा किया जा रहा है। आज के समय में मंदिर-मस्जिद और दरगाह के नाम पर बातें हो रही हैं। साल 1991 में पूरे देश में वर्शिप एक्ट बनाया गया था, ताकि देश में एकता, अखंडता और बंधुत्व बनी रहे।”

संसद में गुरुवार को हुई धक्का-मुक्की के बीच भाजपा सांसद को आई चोट पर कांग्रेस नेता ने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह ने भीमराव अंबेडकर को लेकर गलत बयानबाजी की, जिसके कारण पूरे देश में उनकी भर्त्सना होने लगी, पूरे देश के लोगों ने इसका विरोध किया। कांग्रेस और ‘इंडिया’ ब्लॉक के सांसदों ने भी इसका लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया, लेकिन उन्हें सदन में जाने से रोका गया। विषय और मुद्दे को बदलने के लिए राहुल गांधी पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने उनको धक्का देकर गिरा दिया। लेकिन, राहुल गांधी बहुत संवेदनशील और मानवतावादी नेता हैं। उनके अंदर इंसानियत कूट-कूट कर भरी है। भाजपा की हमेशा से यह नीति रही है कि अपनी गलती छुपाने के लिए बार-बार झूठ बोलो।”

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि कुछ लोगों को लगता है कि वे मंदिर-मस्जिद का मुद्दा उठाकर हिंदुओं के बड़े नेता बन जाएंगे, लेकिन किसी भी हालत में यह स्वीकार नहीं किया जाएगा। उनके इस बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यकारी अध्यक्ष नसीम खान ने कहा कि भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन इसे कितने लोग मानते हैं।

नसीम खान ने शुक्रवार को आईएएनएस से कहा, “मोहन भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन आज देश में क्या हो रहा है? ऐसी घटनाओं में शामिल लोग संघ से ही संबंधित हैं या फिर उसके संगठन से ही जुड़े हुए हैं। उनके ऊपर रोक लगानी चाहिए। जो लोग राष्ट्रहित में काम करते हैं, उनका भी कहना है कि अनेकता में एकता होनी चाहिए और सबको मिलजुल कर रहना चाहिए। लेकिन आज हिंदुस्तान-पाकिस्तान के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। संविधान पर हमला हो रहा है। डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी जा रही है। लोकसभा के अंदर भीमराव अंबेडकर का मजाक उड़ाया जा रहा है। यह सभी चीज संघ से जुड़े लोग ही कर रहे हैं।”

कांग्रेस नेता ने कहा, “मोहन भागवत की बात अच्छी हो सकती है, लेकिन उनके बयान को लोग कितना मानते हैं और कितना अमल करते हैं, सवाल यह है। समाज में जो स्थिति पैदा हुई है, वर्शिप एक्ट को लेकर कोर्ट में अलग-अलग इशू आ रहे हैं। समाज में मतभेद पैदा किया जा रहा है। आज के समय में मंदिर-मस्जिद और दरगाह के नाम पर बातें हो रही हैं। साल 1991 में पूरे देश में वर्शिप एक्ट बनाया गया था, ताकि देश में एकता, अखंडता और बंधुत्व बनी रहे।”

संसद में गुरुवार को हुई धक्का-मुक्की के बीच भाजपा सांसद को आई चोट पर कांग्रेस नेता ने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह ने भीमराव अंबेडकर को लेकर गलत बयानबाजी की, जिसके कारण पूरे देश में उनकी भर्त्सना होने लगी, पूरे देश के लोगों ने इसका विरोध किया। कांग्रेस और ‘इंडिया’ ब्लॉक के सांसदों ने भी इसका लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया, लेकिन उन्हें सदन में जाने से रोका गया। विषय और मुद्दे को बदलने के लिए राहुल गांधी पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने उनको धक्का देकर गिरा दिया। लेकिन, राहुल गांधी बहुत संवेदनशील और मानवतावादी नेता हैं। उनके अंदर इंसानियत कूट-कूट कर भरी है। भाजपा की हमेशा से यह नीति रही है कि अपनी गलती छुपाने के लिए बार-बार झूठ बोलो।”

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि कुछ लोगों को लगता है कि वे मंदिर-मस्जिद का मुद्दा उठाकर हिंदुओं के बड़े नेता बन जाएंगे, लेकिन किसी भी हालत में यह स्वीकार नहीं किया जाएगा। उनके इस बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यकारी अध्यक्ष नसीम खान ने कहा कि भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन इसे कितने लोग मानते हैं।

नसीम खान ने शुक्रवार को आईएएनएस से कहा, “मोहन भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन आज देश में क्या हो रहा है? ऐसी घटनाओं में शामिल लोग संघ से ही संबंधित हैं या फिर उसके संगठन से ही जुड़े हुए हैं। उनके ऊपर रोक लगानी चाहिए। जो लोग राष्ट्रहित में काम करते हैं, उनका भी कहना है कि अनेकता में एकता होनी चाहिए और सबको मिलजुल कर रहना चाहिए। लेकिन आज हिंदुस्तान-पाकिस्तान के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। संविधान पर हमला हो रहा है। डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी जा रही है। लोकसभा के अंदर भीमराव अंबेडकर का मजाक उड़ाया जा रहा है। यह सभी चीज संघ से जुड़े लोग ही कर रहे हैं।”

कांग्रेस नेता ने कहा, “मोहन भागवत की बात अच्छी हो सकती है, लेकिन उनके बयान को लोग कितना मानते हैं और कितना अमल करते हैं, सवाल यह है। समाज में जो स्थिति पैदा हुई है, वर्शिप एक्ट को लेकर कोर्ट में अलग-अलग इशू आ रहे हैं। समाज में मतभेद पैदा किया जा रहा है। आज के समय में मंदिर-मस्जिद और दरगाह के नाम पर बातें हो रही हैं। साल 1991 में पूरे देश में वर्शिप एक्ट बनाया गया था, ताकि देश में एकता, अखंडता और बंधुत्व बनी रहे।”

संसद में गुरुवार को हुई धक्का-मुक्की के बीच भाजपा सांसद को आई चोट पर कांग्रेस नेता ने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह ने भीमराव अंबेडकर को लेकर गलत बयानबाजी की, जिसके कारण पूरे देश में उनकी भर्त्सना होने लगी, पूरे देश के लोगों ने इसका विरोध किया। कांग्रेस और ‘इंडिया’ ब्लॉक के सांसदों ने भी इसका लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया, लेकिन उन्हें सदन में जाने से रोका गया। विषय और मुद्दे को बदलने के लिए राहुल गांधी पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने उनको धक्का देकर गिरा दिया। लेकिन, राहुल गांधी बहुत संवेदनशील और मानवतावादी नेता हैं। उनके अंदर इंसानियत कूट-कूट कर भरी है। भाजपा की हमेशा से यह नीति रही है कि अपनी गलती छुपाने के लिए बार-बार झूठ बोलो।”

–आईएएनएस

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नसीम खान ने शुक्रवार को आईएएनएस से कहा, “मोहन भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन आज देश में क्या हो रहा है? ऐसी घटनाओं में शामिल लोग संघ से ही संबंधित हैं या फिर उसके संगठन से ही जुड़े हुए हैं। उनके ऊपर रोक लगानी चाहिए। जो लोग राष्ट्रहित में काम करते हैं, उनका भी कहना है कि अनेकता में एकता होनी चाहिए और सबको मिलजुल कर रहना चाहिए। लेकिन आज हिंदुस्तान-पाकिस्तान के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। संविधान पर हमला हो रहा है। डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी जा रही है। लोकसभा के अंदर भीमराव अंबेडकर का मजाक उड़ाया जा रहा है। यह सभी चीज संघ से जुड़े लोग ही कर रहे हैं।”

कांग्रेस नेता ने कहा, “मोहन भागवत की बात अच्छी हो सकती है, लेकिन उनके बयान को लोग कितना मानते हैं और कितना अमल करते हैं, सवाल यह है। समाज में जो स्थिति पैदा हुई है, वर्शिप एक्ट को लेकर कोर्ट में अलग-अलग इशू आ रहे हैं। समाज में मतभेद पैदा किया जा रहा है। आज के समय में मंदिर-मस्जिद और दरगाह के नाम पर बातें हो रही हैं। साल 1991 में पूरे देश में वर्शिप एक्ट बनाया गया था, ताकि देश में एकता, अखंडता और बंधुत्व बनी रहे।”

संसद में गुरुवार को हुई धक्का-मुक्की के बीच भाजपा सांसद को आई चोट पर कांग्रेस नेता ने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह ने भीमराव अंबेडकर को लेकर गलत बयानबाजी की, जिसके कारण पूरे देश में उनकी भर्त्सना होने लगी, पूरे देश के लोगों ने इसका विरोध किया। कांग्रेस और ‘इंडिया’ ब्लॉक के सांसदों ने भी इसका लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया, लेकिन उन्हें सदन में जाने से रोका गया। विषय और मुद्दे को बदलने के लिए राहुल गांधी पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने उनको धक्का देकर गिरा दिया। लेकिन, राहुल गांधी बहुत संवेदनशील और मानवतावादी नेता हैं। उनके अंदर इंसानियत कूट-कूट कर भरी है। भाजपा की हमेशा से यह नीति रही है कि अपनी गलती छुपाने के लिए बार-बार झूठ बोलो।”

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि कुछ लोगों को लगता है कि वे मंदिर-मस्जिद का मुद्दा उठाकर हिंदुओं के बड़े नेता बन जाएंगे, लेकिन किसी भी हालत में यह स्वीकार नहीं किया जाएगा। उनके इस बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यकारी अध्यक्ष नसीम खान ने कहा कि भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन इसे कितने लोग मानते हैं।

नसीम खान ने शुक्रवार को आईएएनएस से कहा, “मोहन भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन आज देश में क्या हो रहा है? ऐसी घटनाओं में शामिल लोग संघ से ही संबंधित हैं या फिर उसके संगठन से ही जुड़े हुए हैं। उनके ऊपर रोक लगानी चाहिए। जो लोग राष्ट्रहित में काम करते हैं, उनका भी कहना है कि अनेकता में एकता होनी चाहिए और सबको मिलजुल कर रहना चाहिए। लेकिन आज हिंदुस्तान-पाकिस्तान के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। संविधान पर हमला हो रहा है। डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी जा रही है। लोकसभा के अंदर भीमराव अंबेडकर का मजाक उड़ाया जा रहा है। यह सभी चीज संघ से जुड़े लोग ही कर रहे हैं।”

कांग्रेस नेता ने कहा, “मोहन भागवत की बात अच्छी हो सकती है, लेकिन उनके बयान को लोग कितना मानते हैं और कितना अमल करते हैं, सवाल यह है। समाज में जो स्थिति पैदा हुई है, वर्शिप एक्ट को लेकर कोर्ट में अलग-अलग इशू आ रहे हैं। समाज में मतभेद पैदा किया जा रहा है। आज के समय में मंदिर-मस्जिद और दरगाह के नाम पर बातें हो रही हैं। साल 1991 में पूरे देश में वर्शिप एक्ट बनाया गया था, ताकि देश में एकता, अखंडता और बंधुत्व बनी रहे।”

संसद में गुरुवार को हुई धक्का-मुक्की के बीच भाजपा सांसद को आई चोट पर कांग्रेस नेता ने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह ने भीमराव अंबेडकर को लेकर गलत बयानबाजी की, जिसके कारण पूरे देश में उनकी भर्त्सना होने लगी, पूरे देश के लोगों ने इसका विरोध किया। कांग्रेस और ‘इंडिया’ ब्लॉक के सांसदों ने भी इसका लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया, लेकिन उन्हें सदन में जाने से रोका गया। विषय और मुद्दे को बदलने के लिए राहुल गांधी पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने उनको धक्का देकर गिरा दिया। लेकिन, राहुल गांधी बहुत संवेदनशील और मानवतावादी नेता हैं। उनके अंदर इंसानियत कूट-कूट कर भरी है। भाजपा की हमेशा से यह नीति रही है कि अपनी गलती छुपाने के लिए बार-बार झूठ बोलो।”

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि कुछ लोगों को लगता है कि वे मंदिर-मस्जिद का मुद्दा उठाकर हिंदुओं के बड़े नेता बन जाएंगे, लेकिन किसी भी हालत में यह स्वीकार नहीं किया जाएगा। उनके इस बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यकारी अध्यक्ष नसीम खान ने कहा कि भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन इसे कितने लोग मानते हैं।

नसीम खान ने शुक्रवार को आईएएनएस से कहा, “मोहन भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन आज देश में क्या हो रहा है? ऐसी घटनाओं में शामिल लोग संघ से ही संबंधित हैं या फिर उसके संगठन से ही जुड़े हुए हैं। उनके ऊपर रोक लगानी चाहिए। जो लोग राष्ट्रहित में काम करते हैं, उनका भी कहना है कि अनेकता में एकता होनी चाहिए और सबको मिलजुल कर रहना चाहिए। लेकिन आज हिंदुस्तान-पाकिस्तान के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। संविधान पर हमला हो रहा है। डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी जा रही है। लोकसभा के अंदर भीमराव अंबेडकर का मजाक उड़ाया जा रहा है। यह सभी चीज संघ से जुड़े लोग ही कर रहे हैं।”

कांग्रेस नेता ने कहा, “मोहन भागवत की बात अच्छी हो सकती है, लेकिन उनके बयान को लोग कितना मानते हैं और कितना अमल करते हैं, सवाल यह है। समाज में जो स्थिति पैदा हुई है, वर्शिप एक्ट को लेकर कोर्ट में अलग-अलग इशू आ रहे हैं। समाज में मतभेद पैदा किया जा रहा है। आज के समय में मंदिर-मस्जिद और दरगाह के नाम पर बातें हो रही हैं। साल 1991 में पूरे देश में वर्शिप एक्ट बनाया गया था, ताकि देश में एकता, अखंडता और बंधुत्व बनी रहे।”

संसद में गुरुवार को हुई धक्का-मुक्की के बीच भाजपा सांसद को आई चोट पर कांग्रेस नेता ने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह ने भीमराव अंबेडकर को लेकर गलत बयानबाजी की, जिसके कारण पूरे देश में उनकी भर्त्सना होने लगी, पूरे देश के लोगों ने इसका विरोध किया। कांग्रेस और ‘इंडिया’ ब्लॉक के सांसदों ने भी इसका लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया, लेकिन उन्हें सदन में जाने से रोका गया। विषय और मुद्दे को बदलने के लिए राहुल गांधी पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने उनको धक्का देकर गिरा दिया। लेकिन, राहुल गांधी बहुत संवेदनशील और मानवतावादी नेता हैं। उनके अंदर इंसानियत कूट-कूट कर भरी है। भाजपा की हमेशा से यह नीति रही है कि अपनी गलती छुपाने के लिए बार-बार झूठ बोलो।”

–आईएएनएस

एससीएच/एकेजे

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नई दिल्ली, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि कुछ लोगों को लगता है कि वे मंदिर-मस्जिद का मुद्दा उठाकर हिंदुओं के बड़े नेता बन जाएंगे, लेकिन किसी भी हालत में यह स्वीकार नहीं किया जाएगा। उनके इस बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यकारी अध्यक्ष नसीम खान ने कहा कि भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन इसे कितने लोग मानते हैं।

नसीम खान ने शुक्रवार को आईएएनएस से कहा, “मोहन भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन आज देश में क्या हो रहा है? ऐसी घटनाओं में शामिल लोग संघ से ही संबंधित हैं या फिर उसके संगठन से ही जुड़े हुए हैं। उनके ऊपर रोक लगानी चाहिए। जो लोग राष्ट्रहित में काम करते हैं, उनका भी कहना है कि अनेकता में एकता होनी चाहिए और सबको मिलजुल कर रहना चाहिए। लेकिन आज हिंदुस्तान-पाकिस्तान के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। संविधान पर हमला हो रहा है। डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी जा रही है। लोकसभा के अंदर भीमराव अंबेडकर का मजाक उड़ाया जा रहा है। यह सभी चीज संघ से जुड़े लोग ही कर रहे हैं।”

कांग्रेस नेता ने कहा, “मोहन भागवत की बात अच्छी हो सकती है, लेकिन उनके बयान को लोग कितना मानते हैं और कितना अमल करते हैं, सवाल यह है। समाज में जो स्थिति पैदा हुई है, वर्शिप एक्ट को लेकर कोर्ट में अलग-अलग इशू आ रहे हैं। समाज में मतभेद पैदा किया जा रहा है। आज के समय में मंदिर-मस्जिद और दरगाह के नाम पर बातें हो रही हैं। साल 1991 में पूरे देश में वर्शिप एक्ट बनाया गया था, ताकि देश में एकता, अखंडता और बंधुत्व बनी रहे।”

संसद में गुरुवार को हुई धक्का-मुक्की के बीच भाजपा सांसद को आई चोट पर कांग्रेस नेता ने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह ने भीमराव अंबेडकर को लेकर गलत बयानबाजी की, जिसके कारण पूरे देश में उनकी भर्त्सना होने लगी, पूरे देश के लोगों ने इसका विरोध किया। कांग्रेस और ‘इंडिया’ ब्लॉक के सांसदों ने भी इसका लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया, लेकिन उन्हें सदन में जाने से रोका गया। विषय और मुद्दे को बदलने के लिए राहुल गांधी पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने उनको धक्का देकर गिरा दिया। लेकिन, राहुल गांधी बहुत संवेदनशील और मानवतावादी नेता हैं। उनके अंदर इंसानियत कूट-कूट कर भरी है। भाजपा की हमेशा से यह नीति रही है कि अपनी गलती छुपाने के लिए बार-बार झूठ बोलो।”

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि कुछ लोगों को लगता है कि वे मंदिर-मस्जिद का मुद्दा उठाकर हिंदुओं के बड़े नेता बन जाएंगे, लेकिन किसी भी हालत में यह स्वीकार नहीं किया जाएगा। उनके इस बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यकारी अध्यक्ष नसीम खान ने कहा कि भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन इसे कितने लोग मानते हैं।

नसीम खान ने शुक्रवार को आईएएनएस से कहा, “मोहन भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन आज देश में क्या हो रहा है? ऐसी घटनाओं में शामिल लोग संघ से ही संबंधित हैं या फिर उसके संगठन से ही जुड़े हुए हैं। उनके ऊपर रोक लगानी चाहिए। जो लोग राष्ट्रहित में काम करते हैं, उनका भी कहना है कि अनेकता में एकता होनी चाहिए और सबको मिलजुल कर रहना चाहिए। लेकिन आज हिंदुस्तान-पाकिस्तान के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। संविधान पर हमला हो रहा है। डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी जा रही है। लोकसभा के अंदर भीमराव अंबेडकर का मजाक उड़ाया जा रहा है। यह सभी चीज संघ से जुड़े लोग ही कर रहे हैं।”

कांग्रेस नेता ने कहा, “मोहन भागवत की बात अच्छी हो सकती है, लेकिन उनके बयान को लोग कितना मानते हैं और कितना अमल करते हैं, सवाल यह है। समाज में जो स्थिति पैदा हुई है, वर्शिप एक्ट को लेकर कोर्ट में अलग-अलग इशू आ रहे हैं। समाज में मतभेद पैदा किया जा रहा है। आज के समय में मंदिर-मस्जिद और दरगाह के नाम पर बातें हो रही हैं। साल 1991 में पूरे देश में वर्शिप एक्ट बनाया गया था, ताकि देश में एकता, अखंडता और बंधुत्व बनी रहे।”

संसद में गुरुवार को हुई धक्का-मुक्की के बीच भाजपा सांसद को आई चोट पर कांग्रेस नेता ने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह ने भीमराव अंबेडकर को लेकर गलत बयानबाजी की, जिसके कारण पूरे देश में उनकी भर्त्सना होने लगी, पूरे देश के लोगों ने इसका विरोध किया। कांग्रेस और ‘इंडिया’ ब्लॉक के सांसदों ने भी इसका लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया, लेकिन उन्हें सदन में जाने से रोका गया। विषय और मुद्दे को बदलने के लिए राहुल गांधी पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने उनको धक्का देकर गिरा दिया। लेकिन, राहुल गांधी बहुत संवेदनशील और मानवतावादी नेता हैं। उनके अंदर इंसानियत कूट-कूट कर भरी है। भाजपा की हमेशा से यह नीति रही है कि अपनी गलती छुपाने के लिए बार-बार झूठ बोलो।”

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि कुछ लोगों को लगता है कि वे मंदिर-मस्जिद का मुद्दा उठाकर हिंदुओं के बड़े नेता बन जाएंगे, लेकिन किसी भी हालत में यह स्वीकार नहीं किया जाएगा। उनके इस बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यकारी अध्यक्ष नसीम खान ने कहा कि भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन इसे कितने लोग मानते हैं।

नसीम खान ने शुक्रवार को आईएएनएस से कहा, “मोहन भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन आज देश में क्या हो रहा है? ऐसी घटनाओं में शामिल लोग संघ से ही संबंधित हैं या फिर उसके संगठन से ही जुड़े हुए हैं। उनके ऊपर रोक लगानी चाहिए। जो लोग राष्ट्रहित में काम करते हैं, उनका भी कहना है कि अनेकता में एकता होनी चाहिए और सबको मिलजुल कर रहना चाहिए। लेकिन आज हिंदुस्तान-पाकिस्तान के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। संविधान पर हमला हो रहा है। डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी जा रही है। लोकसभा के अंदर भीमराव अंबेडकर का मजाक उड़ाया जा रहा है। यह सभी चीज संघ से जुड़े लोग ही कर रहे हैं।”

कांग्रेस नेता ने कहा, “मोहन भागवत की बात अच्छी हो सकती है, लेकिन उनके बयान को लोग कितना मानते हैं और कितना अमल करते हैं, सवाल यह है। समाज में जो स्थिति पैदा हुई है, वर्शिप एक्ट को लेकर कोर्ट में अलग-अलग इशू आ रहे हैं। समाज में मतभेद पैदा किया जा रहा है। आज के समय में मंदिर-मस्जिद और दरगाह के नाम पर बातें हो रही हैं। साल 1991 में पूरे देश में वर्शिप एक्ट बनाया गया था, ताकि देश में एकता, अखंडता और बंधुत्व बनी रहे।”

संसद में गुरुवार को हुई धक्का-मुक्की के बीच भाजपा सांसद को आई चोट पर कांग्रेस नेता ने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह ने भीमराव अंबेडकर को लेकर गलत बयानबाजी की, जिसके कारण पूरे देश में उनकी भर्त्सना होने लगी, पूरे देश के लोगों ने इसका विरोध किया। कांग्रेस और ‘इंडिया’ ब्लॉक के सांसदों ने भी इसका लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया, लेकिन उन्हें सदन में जाने से रोका गया। विषय और मुद्दे को बदलने के लिए राहुल गांधी पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने उनको धक्का देकर गिरा दिया। लेकिन, राहुल गांधी बहुत संवेदनशील और मानवतावादी नेता हैं। उनके अंदर इंसानियत कूट-कूट कर भरी है। भाजपा की हमेशा से यह नीति रही है कि अपनी गलती छुपाने के लिए बार-बार झूठ बोलो।”

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि कुछ लोगों को लगता है कि वे मंदिर-मस्जिद का मुद्दा उठाकर हिंदुओं के बड़े नेता बन जाएंगे, लेकिन किसी भी हालत में यह स्वीकार नहीं किया जाएगा। उनके इस बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यकारी अध्यक्ष नसीम खान ने कहा कि भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन इसे कितने लोग मानते हैं।

नसीम खान ने शुक्रवार को आईएएनएस से कहा, “मोहन भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन आज देश में क्या हो रहा है? ऐसी घटनाओं में शामिल लोग संघ से ही संबंधित हैं या फिर उसके संगठन से ही जुड़े हुए हैं। उनके ऊपर रोक लगानी चाहिए। जो लोग राष्ट्रहित में काम करते हैं, उनका भी कहना है कि अनेकता में एकता होनी चाहिए और सबको मिलजुल कर रहना चाहिए। लेकिन आज हिंदुस्तान-पाकिस्तान के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। संविधान पर हमला हो रहा है। डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी जा रही है। लोकसभा के अंदर भीमराव अंबेडकर का मजाक उड़ाया जा रहा है। यह सभी चीज संघ से जुड़े लोग ही कर रहे हैं।”

कांग्रेस नेता ने कहा, “मोहन भागवत की बात अच्छी हो सकती है, लेकिन उनके बयान को लोग कितना मानते हैं और कितना अमल करते हैं, सवाल यह है। समाज में जो स्थिति पैदा हुई है, वर्शिप एक्ट को लेकर कोर्ट में अलग-अलग इशू आ रहे हैं। समाज में मतभेद पैदा किया जा रहा है। आज के समय में मंदिर-मस्जिद और दरगाह के नाम पर बातें हो रही हैं। साल 1991 में पूरे देश में वर्शिप एक्ट बनाया गया था, ताकि देश में एकता, अखंडता और बंधुत्व बनी रहे।”

संसद में गुरुवार को हुई धक्का-मुक्की के बीच भाजपा सांसद को आई चोट पर कांग्रेस नेता ने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह ने भीमराव अंबेडकर को लेकर गलत बयानबाजी की, जिसके कारण पूरे देश में उनकी भर्त्सना होने लगी, पूरे देश के लोगों ने इसका विरोध किया। कांग्रेस और ‘इंडिया’ ब्लॉक के सांसदों ने भी इसका लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया, लेकिन उन्हें सदन में जाने से रोका गया। विषय और मुद्दे को बदलने के लिए राहुल गांधी पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने उनको धक्का देकर गिरा दिया। लेकिन, राहुल गांधी बहुत संवेदनशील और मानवतावादी नेता हैं। उनके अंदर इंसानियत कूट-कूट कर भरी है। भाजपा की हमेशा से यह नीति रही है कि अपनी गलती छुपाने के लिए बार-बार झूठ बोलो।”

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि कुछ लोगों को लगता है कि वे मंदिर-मस्जिद का मुद्दा उठाकर हिंदुओं के बड़े नेता बन जाएंगे, लेकिन किसी भी हालत में यह स्वीकार नहीं किया जाएगा। उनके इस बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यकारी अध्यक्ष नसीम खान ने कहा कि भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन इसे कितने लोग मानते हैं।

नसीम खान ने शुक्रवार को आईएएनएस से कहा, “मोहन भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन आज देश में क्या हो रहा है? ऐसी घटनाओं में शामिल लोग संघ से ही संबंधित हैं या फिर उसके संगठन से ही जुड़े हुए हैं। उनके ऊपर रोक लगानी चाहिए। जो लोग राष्ट्रहित में काम करते हैं, उनका भी कहना है कि अनेकता में एकता होनी चाहिए और सबको मिलजुल कर रहना चाहिए। लेकिन आज हिंदुस्तान-पाकिस्तान के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। संविधान पर हमला हो रहा है। डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी जा रही है। लोकसभा के अंदर भीमराव अंबेडकर का मजाक उड़ाया जा रहा है। यह सभी चीज संघ से जुड़े लोग ही कर रहे हैं।”

कांग्रेस नेता ने कहा, “मोहन भागवत की बात अच्छी हो सकती है, लेकिन उनके बयान को लोग कितना मानते हैं और कितना अमल करते हैं, सवाल यह है। समाज में जो स्थिति पैदा हुई है, वर्शिप एक्ट को लेकर कोर्ट में अलग-अलग इशू आ रहे हैं। समाज में मतभेद पैदा किया जा रहा है। आज के समय में मंदिर-मस्जिद और दरगाह के नाम पर बातें हो रही हैं। साल 1991 में पूरे देश में वर्शिप एक्ट बनाया गया था, ताकि देश में एकता, अखंडता और बंधुत्व बनी रहे।”

संसद में गुरुवार को हुई धक्का-मुक्की के बीच भाजपा सांसद को आई चोट पर कांग्रेस नेता ने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह ने भीमराव अंबेडकर को लेकर गलत बयानबाजी की, जिसके कारण पूरे देश में उनकी भर्त्सना होने लगी, पूरे देश के लोगों ने इसका विरोध किया। कांग्रेस और ‘इंडिया’ ब्लॉक के सांसदों ने भी इसका लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया, लेकिन उन्हें सदन में जाने से रोका गया। विषय और मुद्दे को बदलने के लिए राहुल गांधी पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने उनको धक्का देकर गिरा दिया। लेकिन, राहुल गांधी बहुत संवेदनशील और मानवतावादी नेता हैं। उनके अंदर इंसानियत कूट-कूट कर भरी है। भाजपा की हमेशा से यह नीति रही है कि अपनी गलती छुपाने के लिए बार-बार झूठ बोलो।”

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नसीम खान ने शुक्रवार को आईएएनएस से कहा, “मोहन भागवत का बयान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन आज देश में क्या हो रहा है? ऐसी घटनाओं में शामिल लोग संघ से ही संबंधित हैं या फिर उसके संगठन से ही जुड़े हुए हैं। उनके ऊपर रोक लगानी चाहिए। जो लोग राष्ट्रहित में काम करते हैं, उनका भी कहना है कि अनेकता में एकता होनी चाहिए और सबको मिलजुल कर रहना चाहिए। लेकिन आज हिंदुस्तान-पाकिस्तान के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। संविधान पर हमला हो रहा है। डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी जा रही है। लोकसभा के अंदर भीमराव अंबेडकर का मजाक उड़ाया जा रहा है। यह सभी चीज संघ से जुड़े लोग ही कर रहे हैं।”

कांग्रेस नेता ने कहा, “मोहन भागवत की बात अच्छी हो सकती है, लेकिन उनके बयान को लोग कितना मानते हैं और कितना अमल करते हैं, सवाल यह है। समाज में जो स्थिति पैदा हुई है, वर्शिप एक्ट को लेकर कोर्ट में अलग-अलग इशू आ रहे हैं। समाज में मतभेद पैदा किया जा रहा है। आज के समय में मंदिर-मस्जिद और दरगाह के नाम पर बातें हो रही हैं। साल 1991 में पूरे देश में वर्शिप एक्ट बनाया गया था, ताकि देश में एकता, अखंडता और बंधुत्व बनी रहे।”

संसद में गुरुवार को हुई धक्का-मुक्की के बीच भाजपा सांसद को आई चोट पर कांग्रेस नेता ने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह ने भीमराव अंबेडकर को लेकर गलत बयानबाजी की, जिसके कारण पूरे देश में उनकी भर्त्सना होने लगी, पूरे देश के लोगों ने इसका विरोध किया। कांग्रेस और ‘इंडिया’ ब्लॉक के सांसदों ने भी इसका लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया, लेकिन उन्हें सदन में जाने से रोका गया। विषय और मुद्दे को बदलने के लिए राहुल गांधी पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने उनको धक्का देकर गिरा दिया। लेकिन, राहुल गांधी बहुत संवेदनशील और मानवतावादी नेता हैं। उनके अंदर इंसानियत कूट-कूट कर भरी है। भाजपा की हमेशा से यह नीति रही है कि अपनी गलती छुपाने के लिए बार-बार झूठ बोलो।”

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