कोलकाता, 24 जनवरी (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ 27 जनवरी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका पर सुनवाई करेगी। सीबीआई ने याचिका में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के बलात्कार-हत्या के मामले में दोषी संजय रॉय के लिए मृत्युदंड की मांग है।
कोलकाता की एक विशेष अदालत ने 20 जनवरी को ट्रेनी महिला डॉक्टर के बलात्कार-हत्या के मामले में संजय रॉय उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सीबीआई ने दोषी के लिए मौत की सजा की मांग करते हुए न्यायमूर्ति देबांगशु बसाक और न्यायमूर्ति शब्बर रशीदी की खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया है।
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से राज्य के महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने बीत मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में सरकार ने दोषी के लिए ‘मौत’ की सजा की मांग की है। संयोग से, न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक और न्यायमूर्ति शब्बर रशीदी की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई करेगी।हालांकि, राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई से याचिका की स्वीकार्यता का गुण-दोष तय होगा।
केंद्रीय एजेंसी के वकील के अनुसार, मामले में जांच एजेंसी सीबीआई और पीड़िता के माता-पिता केवल हाईकोर्ट में ही ऐसी याचिका दायर कर सकते हैं, न कि राज्य सरकार, जो मामले में पक्ष नहीं है।
गौरतलब है कि पिछले साल 9 अगस्त को सुबह आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल परिसर के अंदर एक सेमिनार हॉल से ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव बरामद किया गया था। कोलकाता पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और क्राइम सीन से मिले सबूतों के आधार पर जांच की। इसके बाद सिविक वालंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, शहर की पुलिस द्वारा पांच दिनों की प्रारंभिक जांच के बाद, कलकत्ता हाईकोर्ट ने जांच का प्रभार सीबीआई को सौंप दिया था।
संजय रॉय इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की चार्जशीट में मुख्य आरोपी है। संजय रॉय को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 64, धारा 66 और धारा 103 (आई) के तहत दोषी ठहराया गया था।
–आईएएनएस
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