चेन्नई, 6 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर रखने के फैसले से रियल एस्टेट कारोबारियों को राहत मिली है।
एक सर्वसम्मत निर्णय में, एमपीसी ने गुरुवार को रेपो दर (वह दर जिस पर आरबीआई बैंकों को उधार देता है) कोई बदलाव नहीं करने का निर्णय लिया।
स्टलिर्ंग डेवलपर्स के अध्यक्ष और एमडी, रमानी शास्त्री ने कहा, दरों को बनाए रखने के आरबीआई के फैसले का स्वागत है। इससे खरीदारों का विश्वास बढ़ेगा, खासकर बार-बार बढ़ोतरी के बाद उनकी अधिग्रहण लागत पहले ही बढ़ चुकी थी।
हाल के दिनों में रेपो दरों में वृद्धि के कारण होम लोन की ब्याज दरें पहले से ही 9.5 प्रतिशत और उससे अधिक के खतरनाक उच्च स्तर पर हैं। एक और बढ़ोतरी आवास ऋण की ब्याज दरों को दोहरे अंकों में ले जाती।
होम लोन की ब्याज दरों पर एक और वृद्धि के प्रभाव पर उद्योग के कई कारोबारियों ने अपने विचार व्यक्त किए थे।
–आईएएनएस
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