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Home ताज़ा समाचार

आरबीआई की नीति में सख्त रुख के बाद सेंसेक्स लुढ़का

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August 10, 2023
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार का कहना है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दरों और रुख पर बाजार की उम्मीदों के अनुरूप इन्‍हें यथावत बनाये रखा है। वहीं इसने अपने टोन को सख्‍त किया है यानी भविष्‍य में रेपो रेट बढ़ाने के संकेत दिये हैं।

समिति की गुरुवार को समाप्‍त हुई तीन दिवसीय बैठक में महत्वपूर्ण बदलाव मौजूदा वित्‍त वर्ष के लिए खुदरा महंगाई अनुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत करना है। इसका मतलब है कि ऊंची नीतिगत दरें लंबे समय तक ऊंची बनी रहेंगी और इसलिए अगले वित्‍त वर्ष की पहली तिमाही से पहले दरों में कटौती की उम्मीद नहीं है।

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उन्होंने कहा कि बाजार के नजरिए से नीति में कोई सकारात्मक या नकारात्मक आश्चर्य नहीं है।

एलकेपी सिक्योरिटीज के बैंकिंग विश्लेषक अजीत काबी ने कहा कि आरबीआई ने एमपीसी हालिया बैठक में नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है।

मुद्रास्फीति (खुदरा महंगाई को छोड़कर) चिंता का कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए खुदरा महंगाई का पूर्वानुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत किया गया है।

इसके अलावा, वास्तविक जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान 6.5 प्रतिशत आंका गया है। उन्होंने कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के लक्ष्य के करीब लाने और मुद्रास्फीति की अपेक्षा को नियंत्रित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ है।

आरबीआई की नीति घोषणा के बाद बीएसई का सेंसेक्स तेजी से 326 अंक गिरकर 65,669 अंक पर आ गया।

एशियन पेंट्स में दो फीसदी से बड़ी गिरावट है। टाटा मोटर्स और नेस्ले के शेयर भी एक फीसदी से ज्यादा टूटे।।

–आईएएनएस

एकेजे

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नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार का कहना है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दरों और रुख पर बाजार की उम्मीदों के अनुरूप इन्‍हें यथावत बनाये रखा है। वहीं इसने अपने टोन को सख्‍त किया है यानी भविष्‍य में रेपो रेट बढ़ाने के संकेत दिये हैं।

समिति की गुरुवार को समाप्‍त हुई तीन दिवसीय बैठक में महत्वपूर्ण बदलाव मौजूदा वित्‍त वर्ष के लिए खुदरा महंगाई अनुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत करना है। इसका मतलब है कि ऊंची नीतिगत दरें लंबे समय तक ऊंची बनी रहेंगी और इसलिए अगले वित्‍त वर्ष की पहली तिमाही से पहले दरों में कटौती की उम्मीद नहीं है।

उन्होंने कहा कि बाजार के नजरिए से नीति में कोई सकारात्मक या नकारात्मक आश्चर्य नहीं है।

एलकेपी सिक्योरिटीज के बैंकिंग विश्लेषक अजीत काबी ने कहा कि आरबीआई ने एमपीसी हालिया बैठक में नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है।

मुद्रास्फीति (खुदरा महंगाई को छोड़कर) चिंता का कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए खुदरा महंगाई का पूर्वानुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत किया गया है।

इसके अलावा, वास्तविक जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान 6.5 प्रतिशत आंका गया है। उन्होंने कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के लक्ष्य के करीब लाने और मुद्रास्फीति की अपेक्षा को नियंत्रित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ है।

आरबीआई की नीति घोषणा के बाद बीएसई का सेंसेक्स तेजी से 326 अंक गिरकर 65,669 अंक पर आ गया।

एशियन पेंट्स में दो फीसदी से बड़ी गिरावट है। टाटा मोटर्स और नेस्ले के शेयर भी एक फीसदी से ज्यादा टूटे।।

–आईएएनएस

एकेजे

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नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार का कहना है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दरों और रुख पर बाजार की उम्मीदों के अनुरूप इन्‍हें यथावत बनाये रखा है। वहीं इसने अपने टोन को सख्‍त किया है यानी भविष्‍य में रेपो रेट बढ़ाने के संकेत दिये हैं।

समिति की गुरुवार को समाप्‍त हुई तीन दिवसीय बैठक में महत्वपूर्ण बदलाव मौजूदा वित्‍त वर्ष के लिए खुदरा महंगाई अनुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत करना है। इसका मतलब है कि ऊंची नीतिगत दरें लंबे समय तक ऊंची बनी रहेंगी और इसलिए अगले वित्‍त वर्ष की पहली तिमाही से पहले दरों में कटौती की उम्मीद नहीं है।

उन्होंने कहा कि बाजार के नजरिए से नीति में कोई सकारात्मक या नकारात्मक आश्चर्य नहीं है।

एलकेपी सिक्योरिटीज के बैंकिंग विश्लेषक अजीत काबी ने कहा कि आरबीआई ने एमपीसी हालिया बैठक में नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है।

मुद्रास्फीति (खुदरा महंगाई को छोड़कर) चिंता का कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए खुदरा महंगाई का पूर्वानुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत किया गया है।

इसके अलावा, वास्तविक जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान 6.5 प्रतिशत आंका गया है। उन्होंने कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के लक्ष्य के करीब लाने और मुद्रास्फीति की अपेक्षा को नियंत्रित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ है।

आरबीआई की नीति घोषणा के बाद बीएसई का सेंसेक्स तेजी से 326 अंक गिरकर 65,669 अंक पर आ गया।

एशियन पेंट्स में दो फीसदी से बड़ी गिरावट है। टाटा मोटर्स और नेस्ले के शेयर भी एक फीसदी से ज्यादा टूटे।।

–आईएएनएस

एकेजे

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नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार का कहना है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दरों और रुख पर बाजार की उम्मीदों के अनुरूप इन्‍हें यथावत बनाये रखा है। वहीं इसने अपने टोन को सख्‍त किया है यानी भविष्‍य में रेपो रेट बढ़ाने के संकेत दिये हैं।

समिति की गुरुवार को समाप्‍त हुई तीन दिवसीय बैठक में महत्वपूर्ण बदलाव मौजूदा वित्‍त वर्ष के लिए खुदरा महंगाई अनुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत करना है। इसका मतलब है कि ऊंची नीतिगत दरें लंबे समय तक ऊंची बनी रहेंगी और इसलिए अगले वित्‍त वर्ष की पहली तिमाही से पहले दरों में कटौती की उम्मीद नहीं है।

उन्होंने कहा कि बाजार के नजरिए से नीति में कोई सकारात्मक या नकारात्मक आश्चर्य नहीं है।

एलकेपी सिक्योरिटीज के बैंकिंग विश्लेषक अजीत काबी ने कहा कि आरबीआई ने एमपीसी हालिया बैठक में नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है।

मुद्रास्फीति (खुदरा महंगाई को छोड़कर) चिंता का कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए खुदरा महंगाई का पूर्वानुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत किया गया है।

इसके अलावा, वास्तविक जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान 6.5 प्रतिशत आंका गया है। उन्होंने कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के लक्ष्य के करीब लाने और मुद्रास्फीति की अपेक्षा को नियंत्रित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ है।

आरबीआई की नीति घोषणा के बाद बीएसई का सेंसेक्स तेजी से 326 अंक गिरकर 65,669 अंक पर आ गया।

एशियन पेंट्स में दो फीसदी से बड़ी गिरावट है। टाटा मोटर्स और नेस्ले के शेयर भी एक फीसदी से ज्यादा टूटे।।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार का कहना है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दरों और रुख पर बाजार की उम्मीदों के अनुरूप इन्‍हें यथावत बनाये रखा है। वहीं इसने अपने टोन को सख्‍त किया है यानी भविष्‍य में रेपो रेट बढ़ाने के संकेत दिये हैं।

समिति की गुरुवार को समाप्‍त हुई तीन दिवसीय बैठक में महत्वपूर्ण बदलाव मौजूदा वित्‍त वर्ष के लिए खुदरा महंगाई अनुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत करना है। इसका मतलब है कि ऊंची नीतिगत दरें लंबे समय तक ऊंची बनी रहेंगी और इसलिए अगले वित्‍त वर्ष की पहली तिमाही से पहले दरों में कटौती की उम्मीद नहीं है।

उन्होंने कहा कि बाजार के नजरिए से नीति में कोई सकारात्मक या नकारात्मक आश्चर्य नहीं है।

एलकेपी सिक्योरिटीज के बैंकिंग विश्लेषक अजीत काबी ने कहा कि आरबीआई ने एमपीसी हालिया बैठक में नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है।

मुद्रास्फीति (खुदरा महंगाई को छोड़कर) चिंता का कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए खुदरा महंगाई का पूर्वानुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत किया गया है।

इसके अलावा, वास्तविक जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान 6.5 प्रतिशत आंका गया है। उन्होंने कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के लक्ष्य के करीब लाने और मुद्रास्फीति की अपेक्षा को नियंत्रित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ है।

आरबीआई की नीति घोषणा के बाद बीएसई का सेंसेक्स तेजी से 326 अंक गिरकर 65,669 अंक पर आ गया।

एशियन पेंट्स में दो फीसदी से बड़ी गिरावट है। टाटा मोटर्स और नेस्ले के शेयर भी एक फीसदी से ज्यादा टूटे।।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार का कहना है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दरों और रुख पर बाजार की उम्मीदों के अनुरूप इन्‍हें यथावत बनाये रखा है। वहीं इसने अपने टोन को सख्‍त किया है यानी भविष्‍य में रेपो रेट बढ़ाने के संकेत दिये हैं।

समिति की गुरुवार को समाप्‍त हुई तीन दिवसीय बैठक में महत्वपूर्ण बदलाव मौजूदा वित्‍त वर्ष के लिए खुदरा महंगाई अनुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत करना है। इसका मतलब है कि ऊंची नीतिगत दरें लंबे समय तक ऊंची बनी रहेंगी और इसलिए अगले वित्‍त वर्ष की पहली तिमाही से पहले दरों में कटौती की उम्मीद नहीं है।

उन्होंने कहा कि बाजार के नजरिए से नीति में कोई सकारात्मक या नकारात्मक आश्चर्य नहीं है।

एलकेपी सिक्योरिटीज के बैंकिंग विश्लेषक अजीत काबी ने कहा कि आरबीआई ने एमपीसी हालिया बैठक में नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है।

मुद्रास्फीति (खुदरा महंगाई को छोड़कर) चिंता का कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए खुदरा महंगाई का पूर्वानुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत किया गया है।

इसके अलावा, वास्तविक जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान 6.5 प्रतिशत आंका गया है। उन्होंने कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के लक्ष्य के करीब लाने और मुद्रास्फीति की अपेक्षा को नियंत्रित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ है।

आरबीआई की नीति घोषणा के बाद बीएसई का सेंसेक्स तेजी से 326 अंक गिरकर 65,669 अंक पर आ गया।

एशियन पेंट्स में दो फीसदी से बड़ी गिरावट है। टाटा मोटर्स और नेस्ले के शेयर भी एक फीसदी से ज्यादा टूटे।।

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समिति की गुरुवार को समाप्‍त हुई तीन दिवसीय बैठक में महत्वपूर्ण बदलाव मौजूदा वित्‍त वर्ष के लिए खुदरा महंगाई अनुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत करना है। इसका मतलब है कि ऊंची नीतिगत दरें लंबे समय तक ऊंची बनी रहेंगी और इसलिए अगले वित्‍त वर्ष की पहली तिमाही से पहले दरों में कटौती की उम्मीद नहीं है।

उन्होंने कहा कि बाजार के नजरिए से नीति में कोई सकारात्मक या नकारात्मक आश्चर्य नहीं है।

एलकेपी सिक्योरिटीज के बैंकिंग विश्लेषक अजीत काबी ने कहा कि आरबीआई ने एमपीसी हालिया बैठक में नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है।

मुद्रास्फीति (खुदरा महंगाई को छोड़कर) चिंता का कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए खुदरा महंगाई का पूर्वानुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत किया गया है।

इसके अलावा, वास्तविक जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान 6.5 प्रतिशत आंका गया है। उन्होंने कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के लक्ष्य के करीब लाने और मुद्रास्फीति की अपेक्षा को नियंत्रित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ है।

आरबीआई की नीति घोषणा के बाद बीएसई का सेंसेक्स तेजी से 326 अंक गिरकर 65,669 अंक पर आ गया।

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समिति की गुरुवार को समाप्‍त हुई तीन दिवसीय बैठक में महत्वपूर्ण बदलाव मौजूदा वित्‍त वर्ष के लिए खुदरा महंगाई अनुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत करना है। इसका मतलब है कि ऊंची नीतिगत दरें लंबे समय तक ऊंची बनी रहेंगी और इसलिए अगले वित्‍त वर्ष की पहली तिमाही से पहले दरों में कटौती की उम्मीद नहीं है।

उन्होंने कहा कि बाजार के नजरिए से नीति में कोई सकारात्मक या नकारात्मक आश्चर्य नहीं है।

एलकेपी सिक्योरिटीज के बैंकिंग विश्लेषक अजीत काबी ने कहा कि आरबीआई ने एमपीसी हालिया बैठक में नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है।

मुद्रास्फीति (खुदरा महंगाई को छोड़कर) चिंता का कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए खुदरा महंगाई का पूर्वानुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत किया गया है।

इसके अलावा, वास्तविक जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान 6.5 प्रतिशत आंका गया है। उन्होंने कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के लक्ष्य के करीब लाने और मुद्रास्फीति की अपेक्षा को नियंत्रित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ है।

आरबीआई की नीति घोषणा के बाद बीएसई का सेंसेक्स तेजी से 326 अंक गिरकर 65,669 अंक पर आ गया।

एशियन पेंट्स में दो फीसदी से बड़ी गिरावट है। टाटा मोटर्स और नेस्ले के शेयर भी एक फीसदी से ज्यादा टूटे।।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार का कहना है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दरों और रुख पर बाजार की उम्मीदों के अनुरूप इन्‍हें यथावत बनाये रखा है। वहीं इसने अपने टोन को सख्‍त किया है यानी भविष्‍य में रेपो रेट बढ़ाने के संकेत दिये हैं।

समिति की गुरुवार को समाप्‍त हुई तीन दिवसीय बैठक में महत्वपूर्ण बदलाव मौजूदा वित्‍त वर्ष के लिए खुदरा महंगाई अनुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत करना है। इसका मतलब है कि ऊंची नीतिगत दरें लंबे समय तक ऊंची बनी रहेंगी और इसलिए अगले वित्‍त वर्ष की पहली तिमाही से पहले दरों में कटौती की उम्मीद नहीं है।

उन्होंने कहा कि बाजार के नजरिए से नीति में कोई सकारात्मक या नकारात्मक आश्चर्य नहीं है।

एलकेपी सिक्योरिटीज के बैंकिंग विश्लेषक अजीत काबी ने कहा कि आरबीआई ने एमपीसी हालिया बैठक में नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है।

मुद्रास्फीति (खुदरा महंगाई को छोड़कर) चिंता का कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए खुदरा महंगाई का पूर्वानुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत किया गया है।

इसके अलावा, वास्तविक जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान 6.5 प्रतिशत आंका गया है। उन्होंने कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के लक्ष्य के करीब लाने और मुद्रास्फीति की अपेक्षा को नियंत्रित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ है।

आरबीआई की नीति घोषणा के बाद बीएसई का सेंसेक्स तेजी से 326 अंक गिरकर 65,669 अंक पर आ गया।

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समिति की गुरुवार को समाप्‍त हुई तीन दिवसीय बैठक में महत्वपूर्ण बदलाव मौजूदा वित्‍त वर्ष के लिए खुदरा महंगाई अनुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत करना है। इसका मतलब है कि ऊंची नीतिगत दरें लंबे समय तक ऊंची बनी रहेंगी और इसलिए अगले वित्‍त वर्ष की पहली तिमाही से पहले दरों में कटौती की उम्मीद नहीं है।

उन्होंने कहा कि बाजार के नजरिए से नीति में कोई सकारात्मक या नकारात्मक आश्चर्य नहीं है।

एलकेपी सिक्योरिटीज के बैंकिंग विश्लेषक अजीत काबी ने कहा कि आरबीआई ने एमपीसी हालिया बैठक में नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है।

मुद्रास्फीति (खुदरा महंगाई को छोड़कर) चिंता का कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए खुदरा महंगाई का पूर्वानुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत किया गया है।

इसके अलावा, वास्तविक जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान 6.5 प्रतिशत आंका गया है। उन्होंने कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के लक्ष्य के करीब लाने और मुद्रास्फीति की अपेक्षा को नियंत्रित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ है।

आरबीआई की नीति घोषणा के बाद बीएसई का सेंसेक्स तेजी से 326 अंक गिरकर 65,669 अंक पर आ गया।

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समिति की गुरुवार को समाप्‍त हुई तीन दिवसीय बैठक में महत्वपूर्ण बदलाव मौजूदा वित्‍त वर्ष के लिए खुदरा महंगाई अनुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत करना है। इसका मतलब है कि ऊंची नीतिगत दरें लंबे समय तक ऊंची बनी रहेंगी और इसलिए अगले वित्‍त वर्ष की पहली तिमाही से पहले दरों में कटौती की उम्मीद नहीं है।

उन्होंने कहा कि बाजार के नजरिए से नीति में कोई सकारात्मक या नकारात्मक आश्चर्य नहीं है।

एलकेपी सिक्योरिटीज के बैंकिंग विश्लेषक अजीत काबी ने कहा कि आरबीआई ने एमपीसी हालिया बैठक में नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है।

मुद्रास्फीति (खुदरा महंगाई को छोड़कर) चिंता का कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए खुदरा महंगाई का पूर्वानुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत किया गया है।

इसके अलावा, वास्तविक जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान 6.5 प्रतिशत आंका गया है। उन्होंने कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के लक्ष्य के करीब लाने और मुद्रास्फीति की अपेक्षा को नियंत्रित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ है।

आरबीआई की नीति घोषणा के बाद बीएसई का सेंसेक्स तेजी से 326 अंक गिरकर 65,669 अंक पर आ गया।

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समिति की गुरुवार को समाप्‍त हुई तीन दिवसीय बैठक में महत्वपूर्ण बदलाव मौजूदा वित्‍त वर्ष के लिए खुदरा महंगाई अनुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत करना है। इसका मतलब है कि ऊंची नीतिगत दरें लंबे समय तक ऊंची बनी रहेंगी और इसलिए अगले वित्‍त वर्ष की पहली तिमाही से पहले दरों में कटौती की उम्मीद नहीं है।

उन्होंने कहा कि बाजार के नजरिए से नीति में कोई सकारात्मक या नकारात्मक आश्चर्य नहीं है।

एलकेपी सिक्योरिटीज के बैंकिंग विश्लेषक अजीत काबी ने कहा कि आरबीआई ने एमपीसी हालिया बैठक में नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है।

मुद्रास्फीति (खुदरा महंगाई को छोड़कर) चिंता का कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए खुदरा महंगाई का पूर्वानुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत किया गया है।

इसके अलावा, वास्तविक जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान 6.5 प्रतिशत आंका गया है। उन्होंने कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के लक्ष्य के करीब लाने और मुद्रास्फीति की अपेक्षा को नियंत्रित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ है।

आरबीआई की नीति घोषणा के बाद बीएसई का सेंसेक्स तेजी से 326 अंक गिरकर 65,669 अंक पर आ गया।

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नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार का कहना है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दरों और रुख पर बाजार की उम्मीदों के अनुरूप इन्‍हें यथावत बनाये रखा है। वहीं इसने अपने टोन को सख्‍त किया है यानी भविष्‍य में रेपो रेट बढ़ाने के संकेत दिये हैं।

समिति की गुरुवार को समाप्‍त हुई तीन दिवसीय बैठक में महत्वपूर्ण बदलाव मौजूदा वित्‍त वर्ष के लिए खुदरा महंगाई अनुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत करना है। इसका मतलब है कि ऊंची नीतिगत दरें लंबे समय तक ऊंची बनी रहेंगी और इसलिए अगले वित्‍त वर्ष की पहली तिमाही से पहले दरों में कटौती की उम्मीद नहीं है।

उन्होंने कहा कि बाजार के नजरिए से नीति में कोई सकारात्मक या नकारात्मक आश्चर्य नहीं है।

एलकेपी सिक्योरिटीज के बैंकिंग विश्लेषक अजीत काबी ने कहा कि आरबीआई ने एमपीसी हालिया बैठक में नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है।

मुद्रास्फीति (खुदरा महंगाई को छोड़कर) चिंता का कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए खुदरा महंगाई का पूर्वानुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत किया गया है।

इसके अलावा, वास्तविक जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान 6.5 प्रतिशत आंका गया है। उन्होंने कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के लक्ष्य के करीब लाने और मुद्रास्फीति की अपेक्षा को नियंत्रित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ है।

आरबीआई की नीति घोषणा के बाद बीएसई का सेंसेक्स तेजी से 326 अंक गिरकर 65,669 अंक पर आ गया।

एशियन पेंट्स में दो फीसदी से बड़ी गिरावट है। टाटा मोटर्स और नेस्ले के शेयर भी एक फीसदी से ज्यादा टूटे।।

–आईएएनएस

एकेजे

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नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार का कहना है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दरों और रुख पर बाजार की उम्मीदों के अनुरूप इन्‍हें यथावत बनाये रखा है। वहीं इसने अपने टोन को सख्‍त किया है यानी भविष्‍य में रेपो रेट बढ़ाने के संकेत दिये हैं।

समिति की गुरुवार को समाप्‍त हुई तीन दिवसीय बैठक में महत्वपूर्ण बदलाव मौजूदा वित्‍त वर्ष के लिए खुदरा महंगाई अनुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत करना है। इसका मतलब है कि ऊंची नीतिगत दरें लंबे समय तक ऊंची बनी रहेंगी और इसलिए अगले वित्‍त वर्ष की पहली तिमाही से पहले दरों में कटौती की उम्मीद नहीं है।

उन्होंने कहा कि बाजार के नजरिए से नीति में कोई सकारात्मक या नकारात्मक आश्चर्य नहीं है।

एलकेपी सिक्योरिटीज के बैंकिंग विश्लेषक अजीत काबी ने कहा कि आरबीआई ने एमपीसी हालिया बैठक में नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है।

मुद्रास्फीति (खुदरा महंगाई को छोड़कर) चिंता का कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए खुदरा महंगाई का पूर्वानुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत किया गया है।

इसके अलावा, वास्तविक जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान 6.5 प्रतिशत आंका गया है। उन्होंने कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के लक्ष्य के करीब लाने और मुद्रास्फीति की अपेक्षा को नियंत्रित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ है।

आरबीआई की नीति घोषणा के बाद बीएसई का सेंसेक्स तेजी से 326 अंक गिरकर 65,669 अंक पर आ गया।

एशियन पेंट्स में दो फीसदी से बड़ी गिरावट है। टाटा मोटर्स और नेस्ले के शेयर भी एक फीसदी से ज्यादा टूटे।।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार का कहना है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दरों और रुख पर बाजार की उम्मीदों के अनुरूप इन्‍हें यथावत बनाये रखा है। वहीं इसने अपने टोन को सख्‍त किया है यानी भविष्‍य में रेपो रेट बढ़ाने के संकेत दिये हैं।

समिति की गुरुवार को समाप्‍त हुई तीन दिवसीय बैठक में महत्वपूर्ण बदलाव मौजूदा वित्‍त वर्ष के लिए खुदरा महंगाई अनुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत करना है। इसका मतलब है कि ऊंची नीतिगत दरें लंबे समय तक ऊंची बनी रहेंगी और इसलिए अगले वित्‍त वर्ष की पहली तिमाही से पहले दरों में कटौती की उम्मीद नहीं है।

उन्होंने कहा कि बाजार के नजरिए से नीति में कोई सकारात्मक या नकारात्मक आश्चर्य नहीं है।

एलकेपी सिक्योरिटीज के बैंकिंग विश्लेषक अजीत काबी ने कहा कि आरबीआई ने एमपीसी हालिया बैठक में नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है।

मुद्रास्फीति (खुदरा महंगाई को छोड़कर) चिंता का कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए खुदरा महंगाई का पूर्वानुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत किया गया है।

इसके अलावा, वास्तविक जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान 6.5 प्रतिशत आंका गया है। उन्होंने कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के लक्ष्य के करीब लाने और मुद्रास्फीति की अपेक्षा को नियंत्रित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ है।

आरबीआई की नीति घोषणा के बाद बीएसई का सेंसेक्स तेजी से 326 अंक गिरकर 65,669 अंक पर आ गया।

एशियन पेंट्स में दो फीसदी से बड़ी गिरावट है। टाटा मोटर्स और नेस्ले के शेयर भी एक फीसदी से ज्यादा टूटे।।

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समिति की गुरुवार को समाप्‍त हुई तीन दिवसीय बैठक में महत्वपूर्ण बदलाव मौजूदा वित्‍त वर्ष के लिए खुदरा महंगाई अनुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत करना है। इसका मतलब है कि ऊंची नीतिगत दरें लंबे समय तक ऊंची बनी रहेंगी और इसलिए अगले वित्‍त वर्ष की पहली तिमाही से पहले दरों में कटौती की उम्मीद नहीं है।

उन्होंने कहा कि बाजार के नजरिए से नीति में कोई सकारात्मक या नकारात्मक आश्चर्य नहीं है।

एलकेपी सिक्योरिटीज के बैंकिंग विश्लेषक अजीत काबी ने कहा कि आरबीआई ने एमपीसी हालिया बैठक में नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है।

मुद्रास्फीति (खुदरा महंगाई को छोड़कर) चिंता का कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए खुदरा महंगाई का पूर्वानुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत किया गया है।

इसके अलावा, वास्तविक जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान 6.5 प्रतिशत आंका गया है। उन्होंने कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के लक्ष्य के करीब लाने और मुद्रास्फीति की अपेक्षा को नियंत्रित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ है।

आरबीआई की नीति घोषणा के बाद बीएसई का सेंसेक्स तेजी से 326 अंक गिरकर 65,669 अंक पर आ गया।

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