नई दिल्ली, 17 नवंबर (आईएएनएस)। निफ्टी पीएसयू बैंक और निफ्टी बैंक ने बाजार में निराशावाद को बढ़ावा दिया, जिसमें क्रमश: 2.39 फीसदी और 1.31 फीसदी की गिरावट आई।
बोनान्जा पोर्टफोलियो के अनुसंधान विश्लेषक वैभव विदवानी का कहना है कि क्रेडिट कार्ड और असुरक्षित ऋणों पर अधिक जोखिम भार डालने के आरबीआई के फैसले से बैंकों/एनबीएफसी की पूंजी आवश्यकताएं तुरंत बढ़ जाएंगी, जिससे पूंजी लागत बढ़ जाएगी।
बैंक आसानी से उधारकर्ताओं पर उच्च लागत डाल सकते हैं क्योंकि कुछ श्रेणियों में ऋण की मजबूत मांग है, जैसे कि असुरक्षित खुदरा ऋण। जिसके चलते, उधारकर्ताओं की ऋण लागत थोड़ी बढ़ जाएगी। वित्तीय संस्थान के मुनाफे पर प्रभाव नगण्य होगा।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एसबीआई को सबसे अधिक नुकसान हुआ है, क्योंकि इसमें बड़ी मात्रा में खुदरा जोखिम (बुक का 14 प्रतिशत) है, जबकि अधिकांश एनबीएफसी शुक्रवार को गिरावट में थे।
निफ्टी पर एसबीआई, एक्सिस बैंक, ओएनजीसी, बीपीसीएल और बजाज फाइनेंस घाटे में थे, जबकि एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, एचडीएफसी लाइफ, अपोलो हॉस्पिटल्स, लार्सन एंड टुब्रो और हीरो मोटोकॉर्प लाभ में रहे।
पिछले सत्र में उच्च स्तर से कमजोरी दिखाने के बाद, निफ्टी शुक्रवार को कमजोर पूर्वाग्रह के साथ एक सीमाबद्ध आंदोलन में स्थानांतरित हो गया और दिन में 33 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ।
नकारात्मक रुख के साथ खुलने के बाद बाजार ने सत्र के शुरुआती दौर में तेजी से रिकवरी का प्रयास किया। बाद में यह अधिकांश भाग के लिए एक सीमाबद्ध गति में स्थानांतरित हो गया और अंत की ओर फिर से फिसल गया।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि असुरक्षित ऋणों के लिए जोखिम भार बढ़ाने की आरबीआई की कार्रवाई से बैंकिंग शेयरों में गिरावट आई और व्यापक सूचकांकों के पुनरुत्थान में अस्थायी व्यवधान पैदा हुआ।
–आईएएनएस
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