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आरबीआई ने रेपो रेट में नहीं किया बदलाव, 6.5 प्रतिशत पर रखा बरकरार

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August 8, 2024
in ताज़ा समाचार
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मुंबई, 8 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) के फैसलों का ऐलान किया है। एमपीसी ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।

दास ने कहा कि महंगाई 5 प्रतिशत से अधिक होने के कारण एमपीसी ने 4:2 के बहुमत से रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। हमारा लक्ष्य महंगाई को 4 प्रतिशत के नीचे लाना है।

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उन्होंने आगे कहा कि महंगाई अप्रैल और मई में 4.8 प्रतिशत थी, लेकिन खाद्य उत्पादों की कीमतें उच्च स्तर पर होने के कारण जून में यह 5.1 प्रतिशत पर आ गई। कीमतों में स्थिरता लाए बिना विकास ज्यादा समय तक टिक नहीं सकता। इस कारण हमने कीमतों को कम करने का रुख जारी रखा है।

गवर्नर ने आगे कहा कि देश में महंगाई तीसरी तिमाही में कम होने की उम्मीद है। घरेलू स्तर पर ग्रोथ बनी हुई है।

चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए महंगाई दर का अनुमान 4.5 प्रतिशत तय किया गया है।

आरबीआई ने पॉलिसी का रुख ‘विड्रॉल ऑफ अकोमोडेशन’ रखने का फैसला किया है। बता दें, मॉनेटरी पॉलिसी का रुख अकोमोडेटिव तब रखा जाता है, जब बैंकिंग सिस्टम में अधिक पैसा उपलब्ध कराना हो और अधिक नौकरियां पैदा करनी हो।

गवर्नर ने आगे कहा कि महंगाई धीरे-धीरे सभी अर्थव्यवस्थाओं में कम हो रही है। हालांकि मध्यम अवधि में कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं। मांग बढ़ने के कारण देश में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां बढ़ रही हैं।

आरबीआई द्वारा आखिरी बार रेपो रेट में बदलाव फरवरी 2023 में किया गया था। उस समय रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था। इसकी वजह महंगाई को काबू में लाना था।

–आईएएनएस

एबीएस/एसकेपी

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मुंबई, 8 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) के फैसलों का ऐलान किया है। एमपीसी ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।

दास ने कहा कि महंगाई 5 प्रतिशत से अधिक होने के कारण एमपीसी ने 4:2 के बहुमत से रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। हमारा लक्ष्य महंगाई को 4 प्रतिशत के नीचे लाना है।

उन्होंने आगे कहा कि महंगाई अप्रैल और मई में 4.8 प्रतिशत थी, लेकिन खाद्य उत्पादों की कीमतें उच्च स्तर पर होने के कारण जून में यह 5.1 प्रतिशत पर आ गई। कीमतों में स्थिरता लाए बिना विकास ज्यादा समय तक टिक नहीं सकता। इस कारण हमने कीमतों को कम करने का रुख जारी रखा है।

गवर्नर ने आगे कहा कि देश में महंगाई तीसरी तिमाही में कम होने की उम्मीद है। घरेलू स्तर पर ग्रोथ बनी हुई है।

चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए महंगाई दर का अनुमान 4.5 प्रतिशत तय किया गया है।

आरबीआई ने पॉलिसी का रुख ‘विड्रॉल ऑफ अकोमोडेशन’ रखने का फैसला किया है। बता दें, मॉनेटरी पॉलिसी का रुख अकोमोडेटिव तब रखा जाता है, जब बैंकिंग सिस्टम में अधिक पैसा उपलब्ध कराना हो और अधिक नौकरियां पैदा करनी हो।

गवर्नर ने आगे कहा कि महंगाई धीरे-धीरे सभी अर्थव्यवस्थाओं में कम हो रही है। हालांकि मध्यम अवधि में कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं। मांग बढ़ने के कारण देश में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां बढ़ रही हैं।

आरबीआई द्वारा आखिरी बार रेपो रेट में बदलाव फरवरी 2023 में किया गया था। उस समय रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था। इसकी वजह महंगाई को काबू में लाना था।

–आईएएनएस

एबीएस/एसकेपी

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मुंबई, 8 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) के फैसलों का ऐलान किया है। एमपीसी ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।

दास ने कहा कि महंगाई 5 प्रतिशत से अधिक होने के कारण एमपीसी ने 4:2 के बहुमत से रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। हमारा लक्ष्य महंगाई को 4 प्रतिशत के नीचे लाना है।

उन्होंने आगे कहा कि महंगाई अप्रैल और मई में 4.8 प्रतिशत थी, लेकिन खाद्य उत्पादों की कीमतें उच्च स्तर पर होने के कारण जून में यह 5.1 प्रतिशत पर आ गई। कीमतों में स्थिरता लाए बिना विकास ज्यादा समय तक टिक नहीं सकता। इस कारण हमने कीमतों को कम करने का रुख जारी रखा है।

गवर्नर ने आगे कहा कि देश में महंगाई तीसरी तिमाही में कम होने की उम्मीद है। घरेलू स्तर पर ग्रोथ बनी हुई है।

चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए महंगाई दर का अनुमान 4.5 प्रतिशत तय किया गया है।

आरबीआई ने पॉलिसी का रुख ‘विड्रॉल ऑफ अकोमोडेशन’ रखने का फैसला किया है। बता दें, मॉनेटरी पॉलिसी का रुख अकोमोडेटिव तब रखा जाता है, जब बैंकिंग सिस्टम में अधिक पैसा उपलब्ध कराना हो और अधिक नौकरियां पैदा करनी हो।

गवर्नर ने आगे कहा कि महंगाई धीरे-धीरे सभी अर्थव्यवस्थाओं में कम हो रही है। हालांकि मध्यम अवधि में कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं। मांग बढ़ने के कारण देश में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां बढ़ रही हैं।

आरबीआई द्वारा आखिरी बार रेपो रेट में बदलाव फरवरी 2023 में किया गया था। उस समय रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था। इसकी वजह महंगाई को काबू में लाना था।

–आईएएनएस

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मुंबई, 8 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) के फैसलों का ऐलान किया है। एमपीसी ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।

दास ने कहा कि महंगाई 5 प्रतिशत से अधिक होने के कारण एमपीसी ने 4:2 के बहुमत से रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। हमारा लक्ष्य महंगाई को 4 प्रतिशत के नीचे लाना है।

उन्होंने आगे कहा कि महंगाई अप्रैल और मई में 4.8 प्रतिशत थी, लेकिन खाद्य उत्पादों की कीमतें उच्च स्तर पर होने के कारण जून में यह 5.1 प्रतिशत पर आ गई। कीमतों में स्थिरता लाए बिना विकास ज्यादा समय तक टिक नहीं सकता। इस कारण हमने कीमतों को कम करने का रुख जारी रखा है।

गवर्नर ने आगे कहा कि देश में महंगाई तीसरी तिमाही में कम होने की उम्मीद है। घरेलू स्तर पर ग्रोथ बनी हुई है।

चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए महंगाई दर का अनुमान 4.5 प्रतिशत तय किया गया है।

आरबीआई ने पॉलिसी का रुख ‘विड्रॉल ऑफ अकोमोडेशन’ रखने का फैसला किया है। बता दें, मॉनेटरी पॉलिसी का रुख अकोमोडेटिव तब रखा जाता है, जब बैंकिंग सिस्टम में अधिक पैसा उपलब्ध कराना हो और अधिक नौकरियां पैदा करनी हो।

गवर्नर ने आगे कहा कि महंगाई धीरे-धीरे सभी अर्थव्यवस्थाओं में कम हो रही है। हालांकि मध्यम अवधि में कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं। मांग बढ़ने के कारण देश में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां बढ़ रही हैं।

आरबीआई द्वारा आखिरी बार रेपो रेट में बदलाव फरवरी 2023 में किया गया था। उस समय रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था। इसकी वजह महंगाई को काबू में लाना था।

–आईएएनएस

एबीएस/एसकेपी

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मुंबई, 8 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) के फैसलों का ऐलान किया है। एमपीसी ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।

दास ने कहा कि महंगाई 5 प्रतिशत से अधिक होने के कारण एमपीसी ने 4:2 के बहुमत से रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। हमारा लक्ष्य महंगाई को 4 प्रतिशत के नीचे लाना है।

उन्होंने आगे कहा कि महंगाई अप्रैल और मई में 4.8 प्रतिशत थी, लेकिन खाद्य उत्पादों की कीमतें उच्च स्तर पर होने के कारण जून में यह 5.1 प्रतिशत पर आ गई। कीमतों में स्थिरता लाए बिना विकास ज्यादा समय तक टिक नहीं सकता। इस कारण हमने कीमतों को कम करने का रुख जारी रखा है।

गवर्नर ने आगे कहा कि देश में महंगाई तीसरी तिमाही में कम होने की उम्मीद है। घरेलू स्तर पर ग्रोथ बनी हुई है।

चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए महंगाई दर का अनुमान 4.5 प्रतिशत तय किया गया है।

आरबीआई ने पॉलिसी का रुख ‘विड्रॉल ऑफ अकोमोडेशन’ रखने का फैसला किया है। बता दें, मॉनेटरी पॉलिसी का रुख अकोमोडेटिव तब रखा जाता है, जब बैंकिंग सिस्टम में अधिक पैसा उपलब्ध कराना हो और अधिक नौकरियां पैदा करनी हो।

गवर्नर ने आगे कहा कि महंगाई धीरे-धीरे सभी अर्थव्यवस्थाओं में कम हो रही है। हालांकि मध्यम अवधि में कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं। मांग बढ़ने के कारण देश में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां बढ़ रही हैं।

आरबीआई द्वारा आखिरी बार रेपो रेट में बदलाव फरवरी 2023 में किया गया था। उस समय रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था। इसकी वजह महंगाई को काबू में लाना था।

–आईएएनएस

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मुंबई, 8 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) के फैसलों का ऐलान किया है। एमपीसी ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।

दास ने कहा कि महंगाई 5 प्रतिशत से अधिक होने के कारण एमपीसी ने 4:2 के बहुमत से रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। हमारा लक्ष्य महंगाई को 4 प्रतिशत के नीचे लाना है।

उन्होंने आगे कहा कि महंगाई अप्रैल और मई में 4.8 प्रतिशत थी, लेकिन खाद्य उत्पादों की कीमतें उच्च स्तर पर होने के कारण जून में यह 5.1 प्रतिशत पर आ गई। कीमतों में स्थिरता लाए बिना विकास ज्यादा समय तक टिक नहीं सकता। इस कारण हमने कीमतों को कम करने का रुख जारी रखा है।

गवर्नर ने आगे कहा कि देश में महंगाई तीसरी तिमाही में कम होने की उम्मीद है। घरेलू स्तर पर ग्रोथ बनी हुई है।

चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए महंगाई दर का अनुमान 4.5 प्रतिशत तय किया गया है।

आरबीआई ने पॉलिसी का रुख ‘विड्रॉल ऑफ अकोमोडेशन’ रखने का फैसला किया है। बता दें, मॉनेटरी पॉलिसी का रुख अकोमोडेटिव तब रखा जाता है, जब बैंकिंग सिस्टम में अधिक पैसा उपलब्ध कराना हो और अधिक नौकरियां पैदा करनी हो।

गवर्नर ने आगे कहा कि महंगाई धीरे-धीरे सभी अर्थव्यवस्थाओं में कम हो रही है। हालांकि मध्यम अवधि में कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं। मांग बढ़ने के कारण देश में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां बढ़ रही हैं।

आरबीआई द्वारा आखिरी बार रेपो रेट में बदलाव फरवरी 2023 में किया गया था। उस समय रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था। इसकी वजह महंगाई को काबू में लाना था।

–आईएएनएस

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मुंबई, 8 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) के फैसलों का ऐलान किया है। एमपीसी ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।

दास ने कहा कि महंगाई 5 प्रतिशत से अधिक होने के कारण एमपीसी ने 4:2 के बहुमत से रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। हमारा लक्ष्य महंगाई को 4 प्रतिशत के नीचे लाना है।

उन्होंने आगे कहा कि महंगाई अप्रैल और मई में 4.8 प्रतिशत थी, लेकिन खाद्य उत्पादों की कीमतें उच्च स्तर पर होने के कारण जून में यह 5.1 प्रतिशत पर आ गई। कीमतों में स्थिरता लाए बिना विकास ज्यादा समय तक टिक नहीं सकता। इस कारण हमने कीमतों को कम करने का रुख जारी रखा है।

गवर्नर ने आगे कहा कि देश में महंगाई तीसरी तिमाही में कम होने की उम्मीद है। घरेलू स्तर पर ग्रोथ बनी हुई है।

चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए महंगाई दर का अनुमान 4.5 प्रतिशत तय किया गया है।

आरबीआई ने पॉलिसी का रुख ‘विड्रॉल ऑफ अकोमोडेशन’ रखने का फैसला किया है। बता दें, मॉनेटरी पॉलिसी का रुख अकोमोडेटिव तब रखा जाता है, जब बैंकिंग सिस्टम में अधिक पैसा उपलब्ध कराना हो और अधिक नौकरियां पैदा करनी हो।

गवर्नर ने आगे कहा कि महंगाई धीरे-धीरे सभी अर्थव्यवस्थाओं में कम हो रही है। हालांकि मध्यम अवधि में कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं। मांग बढ़ने के कारण देश में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां बढ़ रही हैं।

आरबीआई द्वारा आखिरी बार रेपो रेट में बदलाव फरवरी 2023 में किया गया था। उस समय रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था। इसकी वजह महंगाई को काबू में लाना था।

–आईएएनएस

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दास ने कहा कि महंगाई 5 प्रतिशत से अधिक होने के कारण एमपीसी ने 4:2 के बहुमत से रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। हमारा लक्ष्य महंगाई को 4 प्रतिशत के नीचे लाना है।

उन्होंने आगे कहा कि महंगाई अप्रैल और मई में 4.8 प्रतिशत थी, लेकिन खाद्य उत्पादों की कीमतें उच्च स्तर पर होने के कारण जून में यह 5.1 प्रतिशत पर आ गई। कीमतों में स्थिरता लाए बिना विकास ज्यादा समय तक टिक नहीं सकता। इस कारण हमने कीमतों को कम करने का रुख जारी रखा है।

गवर्नर ने आगे कहा कि देश में महंगाई तीसरी तिमाही में कम होने की उम्मीद है। घरेलू स्तर पर ग्रोथ बनी हुई है।

चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए महंगाई दर का अनुमान 4.5 प्रतिशत तय किया गया है।

आरबीआई ने पॉलिसी का रुख ‘विड्रॉल ऑफ अकोमोडेशन’ रखने का फैसला किया है। बता दें, मॉनेटरी पॉलिसी का रुख अकोमोडेटिव तब रखा जाता है, जब बैंकिंग सिस्टम में अधिक पैसा उपलब्ध कराना हो और अधिक नौकरियां पैदा करनी हो।

गवर्नर ने आगे कहा कि महंगाई धीरे-धीरे सभी अर्थव्यवस्थाओं में कम हो रही है। हालांकि मध्यम अवधि में कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं। मांग बढ़ने के कारण देश में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां बढ़ रही हैं।

आरबीआई द्वारा आखिरी बार रेपो रेट में बदलाव फरवरी 2023 में किया गया था। उस समय रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था। इसकी वजह महंगाई को काबू में लाना था।

–आईएएनएस

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मुंबई, 8 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) के फैसलों का ऐलान किया है। एमपीसी ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।

दास ने कहा कि महंगाई 5 प्रतिशत से अधिक होने के कारण एमपीसी ने 4:2 के बहुमत से रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। हमारा लक्ष्य महंगाई को 4 प्रतिशत के नीचे लाना है।

उन्होंने आगे कहा कि महंगाई अप्रैल और मई में 4.8 प्रतिशत थी, लेकिन खाद्य उत्पादों की कीमतें उच्च स्तर पर होने के कारण जून में यह 5.1 प्रतिशत पर आ गई। कीमतों में स्थिरता लाए बिना विकास ज्यादा समय तक टिक नहीं सकता। इस कारण हमने कीमतों को कम करने का रुख जारी रखा है।

गवर्नर ने आगे कहा कि देश में महंगाई तीसरी तिमाही में कम होने की उम्मीद है। घरेलू स्तर पर ग्रोथ बनी हुई है।

चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए महंगाई दर का अनुमान 4.5 प्रतिशत तय किया गया है।

आरबीआई ने पॉलिसी का रुख ‘विड्रॉल ऑफ अकोमोडेशन’ रखने का फैसला किया है। बता दें, मॉनेटरी पॉलिसी का रुख अकोमोडेटिव तब रखा जाता है, जब बैंकिंग सिस्टम में अधिक पैसा उपलब्ध कराना हो और अधिक नौकरियां पैदा करनी हो।

गवर्नर ने आगे कहा कि महंगाई धीरे-धीरे सभी अर्थव्यवस्थाओं में कम हो रही है। हालांकि मध्यम अवधि में कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं। मांग बढ़ने के कारण देश में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां बढ़ रही हैं।

आरबीआई द्वारा आखिरी बार रेपो रेट में बदलाव फरवरी 2023 में किया गया था। उस समय रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था। इसकी वजह महंगाई को काबू में लाना था।

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मुंबई, 8 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) के फैसलों का ऐलान किया है। एमपीसी ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।

दास ने कहा कि महंगाई 5 प्रतिशत से अधिक होने के कारण एमपीसी ने 4:2 के बहुमत से रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। हमारा लक्ष्य महंगाई को 4 प्रतिशत के नीचे लाना है।

उन्होंने आगे कहा कि महंगाई अप्रैल और मई में 4.8 प्रतिशत थी, लेकिन खाद्य उत्पादों की कीमतें उच्च स्तर पर होने के कारण जून में यह 5.1 प्रतिशत पर आ गई। कीमतों में स्थिरता लाए बिना विकास ज्यादा समय तक टिक नहीं सकता। इस कारण हमने कीमतों को कम करने का रुख जारी रखा है।

गवर्नर ने आगे कहा कि देश में महंगाई तीसरी तिमाही में कम होने की उम्मीद है। घरेलू स्तर पर ग्रोथ बनी हुई है।

चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए महंगाई दर का अनुमान 4.5 प्रतिशत तय किया गया है।

आरबीआई ने पॉलिसी का रुख ‘विड्रॉल ऑफ अकोमोडेशन’ रखने का फैसला किया है। बता दें, मॉनेटरी पॉलिसी का रुख अकोमोडेटिव तब रखा जाता है, जब बैंकिंग सिस्टम में अधिक पैसा उपलब्ध कराना हो और अधिक नौकरियां पैदा करनी हो।

गवर्नर ने आगे कहा कि महंगाई धीरे-धीरे सभी अर्थव्यवस्थाओं में कम हो रही है। हालांकि मध्यम अवधि में कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं। मांग बढ़ने के कारण देश में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां बढ़ रही हैं।

आरबीआई द्वारा आखिरी बार रेपो रेट में बदलाव फरवरी 2023 में किया गया था। उस समय रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था। इसकी वजह महंगाई को काबू में लाना था।

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मुंबई, 8 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) के फैसलों का ऐलान किया है। एमपीसी ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।

दास ने कहा कि महंगाई 5 प्रतिशत से अधिक होने के कारण एमपीसी ने 4:2 के बहुमत से रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। हमारा लक्ष्य महंगाई को 4 प्रतिशत के नीचे लाना है।

उन्होंने आगे कहा कि महंगाई अप्रैल और मई में 4.8 प्रतिशत थी, लेकिन खाद्य उत्पादों की कीमतें उच्च स्तर पर होने के कारण जून में यह 5.1 प्रतिशत पर आ गई। कीमतों में स्थिरता लाए बिना विकास ज्यादा समय तक टिक नहीं सकता। इस कारण हमने कीमतों को कम करने का रुख जारी रखा है।

गवर्नर ने आगे कहा कि देश में महंगाई तीसरी तिमाही में कम होने की उम्मीद है। घरेलू स्तर पर ग्रोथ बनी हुई है।

चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए महंगाई दर का अनुमान 4.5 प्रतिशत तय किया गया है।

आरबीआई ने पॉलिसी का रुख ‘विड्रॉल ऑफ अकोमोडेशन’ रखने का फैसला किया है। बता दें, मॉनेटरी पॉलिसी का रुख अकोमोडेटिव तब रखा जाता है, जब बैंकिंग सिस्टम में अधिक पैसा उपलब्ध कराना हो और अधिक नौकरियां पैदा करनी हो।

गवर्नर ने आगे कहा कि महंगाई धीरे-धीरे सभी अर्थव्यवस्थाओं में कम हो रही है। हालांकि मध्यम अवधि में कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं। मांग बढ़ने के कारण देश में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां बढ़ रही हैं।

आरबीआई द्वारा आखिरी बार रेपो रेट में बदलाव फरवरी 2023 में किया गया था। उस समय रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था। इसकी वजह महंगाई को काबू में लाना था।

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मुंबई, 8 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) के फैसलों का ऐलान किया है। एमपीसी ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।

दास ने कहा कि महंगाई 5 प्रतिशत से अधिक होने के कारण एमपीसी ने 4:2 के बहुमत से रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। हमारा लक्ष्य महंगाई को 4 प्रतिशत के नीचे लाना है।

उन्होंने आगे कहा कि महंगाई अप्रैल और मई में 4.8 प्रतिशत थी, लेकिन खाद्य उत्पादों की कीमतें उच्च स्तर पर होने के कारण जून में यह 5.1 प्रतिशत पर आ गई। कीमतों में स्थिरता लाए बिना विकास ज्यादा समय तक टिक नहीं सकता। इस कारण हमने कीमतों को कम करने का रुख जारी रखा है।

गवर्नर ने आगे कहा कि देश में महंगाई तीसरी तिमाही में कम होने की उम्मीद है। घरेलू स्तर पर ग्रोथ बनी हुई है।

चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए महंगाई दर का अनुमान 4.5 प्रतिशत तय किया गया है।

आरबीआई ने पॉलिसी का रुख ‘विड्रॉल ऑफ अकोमोडेशन’ रखने का फैसला किया है। बता दें, मॉनेटरी पॉलिसी का रुख अकोमोडेटिव तब रखा जाता है, जब बैंकिंग सिस्टम में अधिक पैसा उपलब्ध कराना हो और अधिक नौकरियां पैदा करनी हो।

गवर्नर ने आगे कहा कि महंगाई धीरे-धीरे सभी अर्थव्यवस्थाओं में कम हो रही है। हालांकि मध्यम अवधि में कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं। मांग बढ़ने के कारण देश में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां बढ़ रही हैं।

आरबीआई द्वारा आखिरी बार रेपो रेट में बदलाव फरवरी 2023 में किया गया था। उस समय रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था। इसकी वजह महंगाई को काबू में लाना था।

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दास ने कहा कि महंगाई 5 प्रतिशत से अधिक होने के कारण एमपीसी ने 4:2 के बहुमत से रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। हमारा लक्ष्य महंगाई को 4 प्रतिशत के नीचे लाना है।

उन्होंने आगे कहा कि महंगाई अप्रैल और मई में 4.8 प्रतिशत थी, लेकिन खाद्य उत्पादों की कीमतें उच्च स्तर पर होने के कारण जून में यह 5.1 प्रतिशत पर आ गई। कीमतों में स्थिरता लाए बिना विकास ज्यादा समय तक टिक नहीं सकता। इस कारण हमने कीमतों को कम करने का रुख जारी रखा है।

गवर्नर ने आगे कहा कि देश में महंगाई तीसरी तिमाही में कम होने की उम्मीद है। घरेलू स्तर पर ग्रोथ बनी हुई है।

चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए महंगाई दर का अनुमान 4.5 प्रतिशत तय किया गया है।

आरबीआई ने पॉलिसी का रुख ‘विड्रॉल ऑफ अकोमोडेशन’ रखने का फैसला किया है। बता दें, मॉनेटरी पॉलिसी का रुख अकोमोडेटिव तब रखा जाता है, जब बैंकिंग सिस्टम में अधिक पैसा उपलब्ध कराना हो और अधिक नौकरियां पैदा करनी हो।

गवर्नर ने आगे कहा कि महंगाई धीरे-धीरे सभी अर्थव्यवस्थाओं में कम हो रही है। हालांकि मध्यम अवधि में कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं। मांग बढ़ने के कारण देश में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां बढ़ रही हैं।

आरबीआई द्वारा आखिरी बार रेपो रेट में बदलाव फरवरी 2023 में किया गया था। उस समय रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था। इसकी वजह महंगाई को काबू में लाना था।

–आईएएनएस

एबीएस/एसकेपी

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मुंबई, 8 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) के फैसलों का ऐलान किया है। एमपीसी ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।

दास ने कहा कि महंगाई 5 प्रतिशत से अधिक होने के कारण एमपीसी ने 4:2 के बहुमत से रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। हमारा लक्ष्य महंगाई को 4 प्रतिशत के नीचे लाना है।

उन्होंने आगे कहा कि महंगाई अप्रैल और मई में 4.8 प्रतिशत थी, लेकिन खाद्य उत्पादों की कीमतें उच्च स्तर पर होने के कारण जून में यह 5.1 प्रतिशत पर आ गई। कीमतों में स्थिरता लाए बिना विकास ज्यादा समय तक टिक नहीं सकता। इस कारण हमने कीमतों को कम करने का रुख जारी रखा है।

गवर्नर ने आगे कहा कि देश में महंगाई तीसरी तिमाही में कम होने की उम्मीद है। घरेलू स्तर पर ग्रोथ बनी हुई है।

चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए महंगाई दर का अनुमान 4.5 प्रतिशत तय किया गया है।

आरबीआई ने पॉलिसी का रुख ‘विड्रॉल ऑफ अकोमोडेशन’ रखने का फैसला किया है। बता दें, मॉनेटरी पॉलिसी का रुख अकोमोडेटिव तब रखा जाता है, जब बैंकिंग सिस्टम में अधिक पैसा उपलब्ध कराना हो और अधिक नौकरियां पैदा करनी हो।

गवर्नर ने आगे कहा कि महंगाई धीरे-धीरे सभी अर्थव्यवस्थाओं में कम हो रही है। हालांकि मध्यम अवधि में कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं। मांग बढ़ने के कारण देश में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां बढ़ रही हैं।

आरबीआई द्वारा आखिरी बार रेपो रेट में बदलाव फरवरी 2023 में किया गया था। उस समय रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था। इसकी वजह महंगाई को काबू में लाना था।

–आईएएनएस

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मुंबई, 8 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) के फैसलों का ऐलान किया है। एमपीसी ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।

दास ने कहा कि महंगाई 5 प्रतिशत से अधिक होने के कारण एमपीसी ने 4:2 के बहुमत से रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। हमारा लक्ष्य महंगाई को 4 प्रतिशत के नीचे लाना है।

उन्होंने आगे कहा कि महंगाई अप्रैल और मई में 4.8 प्रतिशत थी, लेकिन खाद्य उत्पादों की कीमतें उच्च स्तर पर होने के कारण जून में यह 5.1 प्रतिशत पर आ गई। कीमतों में स्थिरता लाए बिना विकास ज्यादा समय तक टिक नहीं सकता। इस कारण हमने कीमतों को कम करने का रुख जारी रखा है।

गवर्नर ने आगे कहा कि देश में महंगाई तीसरी तिमाही में कम होने की उम्मीद है। घरेलू स्तर पर ग्रोथ बनी हुई है।

चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए महंगाई दर का अनुमान 4.5 प्रतिशत तय किया गया है।

आरबीआई ने पॉलिसी का रुख ‘विड्रॉल ऑफ अकोमोडेशन’ रखने का फैसला किया है। बता दें, मॉनेटरी पॉलिसी का रुख अकोमोडेटिव तब रखा जाता है, जब बैंकिंग सिस्टम में अधिक पैसा उपलब्ध कराना हो और अधिक नौकरियां पैदा करनी हो।

गवर्नर ने आगे कहा कि महंगाई धीरे-धीरे सभी अर्थव्यवस्थाओं में कम हो रही है। हालांकि मध्यम अवधि में कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं। मांग बढ़ने के कारण देश में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां बढ़ रही हैं।

आरबीआई द्वारा आखिरी बार रेपो रेट में बदलाव फरवरी 2023 में किया गया था। उस समय रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था। इसकी वजह महंगाई को काबू में लाना था।

–आईएएनएस

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मुंबई, 8 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) के फैसलों का ऐलान किया है। एमपीसी ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।

दास ने कहा कि महंगाई 5 प्रतिशत से अधिक होने के कारण एमपीसी ने 4:2 के बहुमत से रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। हमारा लक्ष्य महंगाई को 4 प्रतिशत के नीचे लाना है।

उन्होंने आगे कहा कि महंगाई अप्रैल और मई में 4.8 प्रतिशत थी, लेकिन खाद्य उत्पादों की कीमतें उच्च स्तर पर होने के कारण जून में यह 5.1 प्रतिशत पर आ गई। कीमतों में स्थिरता लाए बिना विकास ज्यादा समय तक टिक नहीं सकता। इस कारण हमने कीमतों को कम करने का रुख जारी रखा है।

गवर्नर ने आगे कहा कि देश में महंगाई तीसरी तिमाही में कम होने की उम्मीद है। घरेलू स्तर पर ग्रोथ बनी हुई है।

चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए महंगाई दर का अनुमान 4.5 प्रतिशत तय किया गया है।

आरबीआई ने पॉलिसी का रुख ‘विड्रॉल ऑफ अकोमोडेशन’ रखने का फैसला किया है। बता दें, मॉनेटरी पॉलिसी का रुख अकोमोडेटिव तब रखा जाता है, जब बैंकिंग सिस्टम में अधिक पैसा उपलब्ध कराना हो और अधिक नौकरियां पैदा करनी हो।

गवर्नर ने आगे कहा कि महंगाई धीरे-धीरे सभी अर्थव्यवस्थाओं में कम हो रही है। हालांकि मध्यम अवधि में कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं। मांग बढ़ने के कारण देश में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां बढ़ रही हैं।

आरबीआई द्वारा आखिरी बार रेपो रेट में बदलाव फरवरी 2023 में किया गया था। उस समय रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था। इसकी वजह महंगाई को काबू में लाना था।

–आईएएनएस

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