जबलपुर. हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ दायर चुनाव याचिका में उन्हें गवाहों की सूची पेश करने अंतिम मोहलत दी है. याचिका पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान एकलपीठ को बताया गया कि कांग्रेस विधायक ने हाईकोर्ट द्वारा पक्ष प्रस्तुत करने तथा गवाहों की सूची पेश करने के लिए समय प्रदान नहीं किये जाने के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. एकलपीठ ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आदेश पारित किये जाने के बाद सुनवाई के निर्देश जारी किये है.
उल्लेखनीय है कि भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के निर्वाचन को चुनौती देते हुए पराजित भाजपा प्रत्याशी ध्रुव नारायण सिंह ने हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि एसबीआई अशोक नगर शाखा से आरिफ मसूद और उनकी पत्नी के नाम लोन है. जिसका उल्लेख उन्होंने अपने नामांकन पत्र में नहीं किया गया. सर्वाेच्च न्यायालय के निर्देशानुसार हाईकोर्ट लोन संबंधित दस्तावेजों की जांच कर रही है.
हाईकोर्ट ने तत्कालीन बैंक मैनेजर को गवाही तथा प्रतिपरीक्षण के लिए तलब किया गया था. तत्कालीन मैनेजर ने हाईकोर्ट को बताया आरिफ मसूद तथा उनकी पत्नी सहित 40 खाताधारकों के नाम पर बैंक के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से एक गिरोह ने धोखाधड़ी से लोन स्वीकृत कराये थे, जिसकी जांच सीबीआई कर रही है. बैंक मैनेजर ने अपने बयान में कहा था कि आरिफ मसूद तथा उनकी पत्नी के नाम पर लोन की प्रविष्टि बैंक रिकॉर्ड में नहीं है और खाते को एनपीए कर दिया गया है.
बैंक मैनेजर ने बताया कि उन्हें भ्रमित कर उनसे रिकवरी लेटर पर हस्ताक्षर कराये गये थे. बैंक ने अधिकृत तौर पर कांग्रेस विधायक तथा उनकी पत्नी को रिकवरी लेटर जारी नहीं किया है. आवेदक विधायक की ओर से चुनाव याचिका पर सुनवाई बंद किये जाने का आवेदन पेश किया गया था. एकलपीठ ने आवेदन को खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा था कि दस्तावेज फर्जी व कूटरचित नहीं है.
दस्तावेजों की गुण-दोष के आधार पर समीक्षा की जायेगी. एकलपीठ ने अनुवाद आरिफ मसूद को गवाहों की नई सूची पेश करने के निर्देश जारी किये थे. पिछली सुनवाई के दौरान न्यायालय ने उन्हें अंतिम मोहलत प्रदान की थी. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता नम्रता पंडित था अनावेदक विधायक की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अजय गुप्ता ने पक्ष रखा.