इंदौर, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर की हुकुमचंद मिल के श्रमिकों के हक में हुए बड़े फैसले की सौगात पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उनके हिस्से में आई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली श्रमिकों के लंबित भुगतान के लिए 224 करोड़ की राशि का चेक सांकेतिक तौर पर सौंपा।
पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती ‘सुशासन दिवस‘ पर इंदौर में हुए ‘मजदूरों के हित-मजदूरों को समर्पित‘ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बटन दबाकर श्रमिकों को हितलाभ वितरण की प्रक्रिया का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने ग्रीन बॉन्ड से अर्जित धनराशि से बनने वाले 60 मेगावाट सौर ऊर्जा प्लांट परियोजना का शिलान्यास किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि आज का यह कार्यक्रम श्रमिक भाई-बहनों की वर्षों की तपस्या तथा सपनों और संकल्पों का परिणाम है। प्रसन्नता है कि आज पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती है। मुझे विश्वास है कि डबल इंजन की सरकार की नई टीम को हमारे श्रमिक परिवारों का भरपूर आशीर्वाद मिलेगा। मुझे बताया गया है कि जब हुकुमचंद मिल के श्रमिकों के लिए पैकेज का ऐलान किया गया तब इंदौर में उत्सव का माहौल निर्मित हो गया था। इस निर्णय ने हमारे श्रमिक भाई-बहनों में त्योहारों का उल्लास और बढ़ा दिया है। इंदौर के लोग 25 दिसंबर की तारीख को श्रमिकों को न्याय मिलने के दिन के रूप में याद रखेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि मैंने हमेशा कहा है कि देश में मेरे लिए चार जातियां सबसे बड़ी हैं। यह जातियां हैं- मेरा गरीब, मेरा युवा, मेरी माताएं-बहनें और मेरे किसान भाई-बहन। मध्यप्रदेश सरकार ने गरीबों का जीवन बदलने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। गरीबों की सेवा, श्रमिकों को सम्मान और वंचितों को मान, हमारी प्राथमिकता है। हमारा प्रयास है कि देश का श्रमिक सशक्त बने और समृद्ध भारत के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्वच्छता और स्वाद के लिए मशहूर इंदौर कई क्षेत्रों में अग्रणी रहा है। इंदौर के विकास में यहां के कपड़ा उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यहां के 100 साल पुराने महाराजा तुकोजीराव क्लॉथ मार्केट की ऐतिहासिकता से आप सब परिचित हैं। शहर की पहली कॉटन मिल की स्थापना होलकर राजघराने ने की थी। मालवा का कपास ब्रिटेन और कई यूरोपीय देशों में जाता था। एक समय था जब इंदौर के बाजार कपास के दाम निर्धारित करते थे। इंदौर में बने कपड़ों की मांग देश-विदेश में होती थी। यहां कपड़ा मिल रोजगार का बड़ा केन्द्र बन गई थी। इन मिलों में काम करने वाले कई श्रमिक दूसरों राज्यों से आए और यहां घर बसाया, यह वह दौर था, जब इंदौर की तुलना मैनचेस्टर से होती थी। समय बदला और पहले की सरकारों की नीतियों का नुकसान इंदौर को भी उठाना पड़ा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार इंदौर के उस पुराने गौरव को फिर से लौटाने का भी प्रयास कर रही है। भोपाल-इंदौर के बीच इन्वेस्टमेंट कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इंदौर-पीथमपुर इकॉनामिक कॉरिडोर एवं मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क का विकास हो, विक्रम उद्योगपुरी में मेडिकल डिवाइस पार्क हो, धार जिले में भैंसोला में पीएम मित्र पार्क हो, सरकार द्वारा इन पर हजारों करोड़ों रूपए का निवेश किया जा रहा है। इससे यहां रोजगार के हजारों नए अवसर बनने की संभावना है। विकास के इन प्रोजेक्ट्स से यहां की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ेगी।
“मध्य प्रदेश का बहुत बड़ा क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। इंदौर सहित मध्यप्रदेश के कई शहर विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन का प्रेरक उदाहरण बन रहे हैं। इंदौर में एशिया का सबसे बड़ा गोवर्धन प्लांट भी संचालित हो रहा है। इलेक्ट्रानिक वाहनों के संचालन को बढ़ावा देने के लिए ई-चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास हो रहा है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज जलूद सोलर एनर्जी प्लांट के वर्चुअल भूमिपूजन का अवसर मुझे प्राप्त हुआ है। इस प्लांट से प्रतिमाह 4 करोड़ रूपए के बिजली बिल की बचत होने वाली है। इस प्लांट के लिए ग्रीन बांड जारी कर लोगों से पैसा जुटाया जा रहा है। ग्रीन बांड का यह प्रयास पर्यावरण की रक्षा में देश के नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने का एक और माध्यम बनेगा।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव के अलावा पूर्व लोक सभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन, सांसद शंकर लालवानी के अलावा नव निर्वाचित विधायक भी मौजूद रहे।
–आईएएनएस
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