इंदौर 16 अगस्त (आईएएनएस)। इंदौर में अपहरण की एक अजब कहानी सामने आई है, जिसमें अपहृत ही अपहरणकर्ता द्वारा मांगी गई फिरौती का हिस्सेदार बन गया। पुलिस ने अपहृत और अपहरणकर्ता दोनों को ही दबोच लिया है।
मामला लसूड़िया थाना क्षेत्र का है। यहां शहडोल का आकर्ष सिंह रहता है। वह प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहा था, उसने अपने साथी आयुष से सवा लाख रुपये उधार लिए थे। आकर्ष जब उधारी की रकम नहीं दे पाया तो आयुष ने उसका अपहरण कर लिया, इसके साथ ही आकर्ष के पिता को फोन भी किया।
आकर्ष सिंह के पिता ने बेटे के अचानक लापता होने की सूचना अपने भतीजे ऋषभ सिंह परिहार को दी और वे लसूड़िया थाने पहुंच गए और वहां मामला दर्ज कराया। पुलिस ने अज्ञात फोन नंबर की लोकेशन लेकर आरोपी को भोपाल में घेरा।
पुलिस के मुताबिक, आकर्ष सिंह और आयुष को पुलिस ने जब दबोचने में सफलता हासिल की तो इस बात का खुलासा हुआ कि आकर्ष का जब आयुष ने अपहरण कर लिया तो आकर्ष ने उसे सलाह दी कि वह परिवार वालों से पांच लाख की रकम मांगे, जिसमें से तीन लाख आयुष ले ले और बाकी दो लाख रुपये उसे दे दे।
–आईएएनएस
एसएनपी/एसजीके
इंदौर 16 अगस्त (आईएएनएस)। इंदौर में अपहरण की एक अजब कहानी सामने आई है, जिसमें अपहृत ही अपहरणकर्ता द्वारा मांगी गई फिरौती का हिस्सेदार बन गया। पुलिस ने अपहृत और अपहरणकर्ता दोनों को ही दबोच लिया है।
मामला लसूड़िया थाना क्षेत्र का है। यहां शहडोल का आकर्ष सिंह रहता है। वह प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहा था, उसने अपने साथी आयुष से सवा लाख रुपये उधार लिए थे। आकर्ष जब उधारी की रकम नहीं दे पाया तो आयुष ने उसका अपहरण कर लिया, इसके साथ ही आकर्ष के पिता को फोन भी किया।
आकर्ष सिंह के पिता ने बेटे के अचानक लापता होने की सूचना अपने भतीजे ऋषभ सिंह परिहार को दी और वे लसूड़िया थाने पहुंच गए और वहां मामला दर्ज कराया। पुलिस ने अज्ञात फोन नंबर की लोकेशन लेकर आरोपी को भोपाल में घेरा।
पुलिस के मुताबिक, आकर्ष सिंह और आयुष को पुलिस ने जब दबोचने में सफलता हासिल की तो इस बात का खुलासा हुआ कि आकर्ष का जब आयुष ने अपहरण कर लिया तो आकर्ष ने उसे सलाह दी कि वह परिवार वालों से पांच लाख की रकम मांगे, जिसमें से तीन लाख आयुष ले ले और बाकी दो लाख रुपये उसे दे दे।
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