बेरूत, 17 फरवरी (आईएएनएस)। हिजबुल्लाह के महासचिव नईम कासिम ने कहा कि इजरायल को 18 फरवरी (मंगलवार) तक लेबनान से पूरी तरह हट जाना चाहिए।
कासिम ने एक टेलीविजन भाषण में कहा, “आज, हमारे सामने 18 फरवरी की समयसीमा है, कब्जे वाली सेना को दक्षिणी लेबनान से पूरी तरह हट जाना चाहिए। उसे किसी भी तरह की उपस्थिति नहीं रखनी चाहिए।”
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक हिजबुल्लाह महासचिव ने कहा कि लेबनानी राज्य यह सुनिश्चित करने के लिए ‘हर संभव प्रयास करे’ कि इजरायल तय समय पर वापस लौट जाए।
इजरायल ने लेबनान से सेना की पूरी वापसी को 18 फरवरी तक के लिए टाल दिया था। वह शुरुआती समय सीमा तक ऐसा करने से चूक गया था।
इजरायली सेना ने समय सीमा से परे दक्षिणी लेबनान में पांच रणनीतिक ठिकानों पर नियंत्रण बनाए रखने का इरादा भी जाहिर किया , लेकिन हिजबुल्लाह ने इस कदम को भी खारिज कर दिया।
कासिम ने भाषण में कहा, “कोई पांच प्वाइंट या कुछ और नहीं… यही समझौता है।”
इस बीच, रविवार रात को इजरायली सेना ने दक्षिणी लेबनान और बेका क्षेत्र के इलाकों पर हवाई हमले किए।
लेबनान की राष्ट्रीय समाचार एजेंसी (एनएनए) के अनुसार, युद्धक विमानों ने हरबता शहर के बाहरी इलाके में दो हवाई हमले किए। तीसरा हवाई हमला शहर पर किया गया।
एनएनए ने कहा कि इजरायली लड़ाकू विमानों ने दक्षिणी लेबनान में वादी अल-जैनी शहर पर भी हवाई हमला किया।
हिजबुल्लाह और इजरायली सेना के बीच संघर्ष विराम समझौता 27 नवंबर, 2024 से प्रभावी है, जिसने गाजा युद्ध के कारण एक साल से अधिक समय से चल रहे संघर्षों को रोक दिया।
इस समझौते के तहत इजरायल को 60 दिनों के भीतर लेबनानी क्षेत्र से हटना होगा। लेबनानी सेना सीमा पर और दक्षिण में नियंत्रण संभालेगी, जिससे लिटानी नदी के दक्षिण में हथियारों या सशस्त्र समूहों की मौजूदगी सुनिश्चित होगी।
27 जनवरी को, लेबनान की कार्यवाहक सरकार ने युद्ध विराम समझौते को 18 फरवरी तक बढ़ाने की घोषणा की, इससे इजरायल की पूरी तरह वापसी के बिना शुरुआती 60-दिवसीय अवधि समाप्त हो गई।
युद्ध विराम के बावजूद, इजरायली सेना ने सुरक्षा खतरों का हवाला देते हुए लेबनान में हमले जारी रखे हैं।
–आईएएनएस
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