तेल अवीव, 22 अगस्त (आईएएनएस)। इजरायल की राष्ट्रीय सुरक्षा कैबिनेट ने गुरुवार को एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में हमास के साथ चले आ रहे युद्ध को रोकने की संभावनाओं पर चर्चा की जाएगी। सुरक्षा कैबिनेट की बैठक इजरायल सुरक्षा बल यानि आईडीएफ मुख्यालय में आयोजित की जाएगी।
इजरायल ने स्पष्ट किया है कि वह फिलाडेल्फिया और नेटज़ारिम कॉरिडोर में अपनी सेना को हटने नहीं देगा। इजरायल के रवैए से इस सप्ताह होने वाली काहिरा मध्यस्थता वार्ता असफल होती दिख रही है।
ज्ञात हो कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन रविवार से मंगलवार तक (यह 7 अक्टूबर के बाद से शीर्ष अमेरिकी अधिकारी की मध्य पूर्व की नौवीं यात्रा है) मध्य पूर्व में थे ।
ब्लिंकन ने शीर्ष इजरायली नेतृत्व के साथ कई बैठकें कीं। जिसमें राष्ट्रपति इसाक हर्ज़ोग, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री योआव गैलेंट शामिल थे। उन्होंने मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फ़तह अल सिसी और कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम से भी मुलाकात की।
19 अगस्त को येरूसलम में बेंजामिन नेतन्याहू के साथ 3 घंटे की बैठक के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा था कि इजरायल पक्ष ने शांति प्राप्त करने के लिए अमेरिका द्वारा रखे गए “मध्यस्थता प्रस्ताव” पर सहमति व्यक्त की है।
नेतन्याहू ने मारे गए सैनिकों के परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इजरायली सेना फिलाडेल्फिया कॉरिडोर और नेटज़ारिम कॉरिडोर में तैनात रहेगी।
हमास ने फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद के साथ बुधवार को एक संयुक्त बयान दिया। बयान में कहा गया कि वह एक व्यापक युद्धविराम और गाजा पट्टी से इजरायली सेना की पूर्ण वापसी सहित किसी भी समझौते से कम को स्वीकार नहीं करेगा।
बयान में कहा गया था कि इजरायल ने पहली वार्ता को नजरअंदाज करते हुए अपनी ओर से आक्रामकता जारी रखी। जिससे वार्ता असफल हुई और इजरायल इसका जिम्मेदार है।
ज्ञात हो कि मई माह में इजरायल और हमास के बीच अप्रत्यक्ष युद्धविराम वार्ता हुई। जिसकी रूपरेखा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने तैयार की थी।
अब इस वार्ता के विफल होने की आशंका बन रही है, क्योंकि फिलाडेल्फिया कॉरिडोर और नेटज़ारिम कॉरिडोर दोनों में इजरायल ने अपने सैनिकों को बनाए रखने का फैसला लिया है।
स्थानीय मीडिया रिर्पोट्स के अनुसार, वरिष्ठ इजरायली अधिकारियों के अनुसार, वार्ता टूटने के कगार पर है। जिससे बंधक समझौते की संभावना भी न के बराबर रह गई है।
–आईएएनएस
डीकेएम/केआर