तेल अवीव, 27 दिसंबर (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने कहा है कि इजरायल फिलिस्तीनियों को गाजा पट्टी से बाहर निकालने के लिए अपनी सेना का इस्तेमाल कर रहा है।
आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों के मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत पाउला गैविरिया बेतनकुर ने मंगलवार को जारी एक बयान में दावा किया कि इज़रायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) फिलिस्तीनियों को गाजा से “सामूहिक” निर्वासित करने का प्रयास कर रहा है।
बयान में कहा गया है: “जैसा कि निकासी आदेश और सैन्य अभियानों का विस्तार जारी है और नागरिकों पर दैनिक आधार पर लगातार हमले हो रहे हैं। एकमात्र तार्किक निष्कर्ष यह है कि गाजा में इजरायल के सैन्य अभियान का उद्देश्य अधिकांश नागरिक आबादी को सामूहिक रूप से निर्वासित करना है।”
यह ध्यान दिया जा सकता है कि इज़रायल उन रिपोर्टों का खंडन करता रहा है कि उसकी सेना युद्ध की अवधि के लिए गाजावासियों को मिस्र में धकेल रही है, और उसने कसम खाई है कि वह किसी भी स्थायी जनसंख्या विस्थापन की मांग नहीं कर रहा है।
हमास ने 7 अक्टूबर को दक्षिणी इज़रायल में घुसकर 1,200 लोगों की हत्या कर दी थी, तीन हजार से अधिक लोगों को घायल कर दिया था और विदेशी नागरिकों सहित 240 लोगों का अपहरण कर लिया था। इसके बाद इज़रायल गाजा पट्टी में हमास आतंकवादी समूह पर लगातार हमला कर रहा है। इस हमले में कई आम लोग भी मारे गये हैं। तुरंत इज़रायल ने गाजा में हवाई हमलों के साथ जवाबी कार्रवाई की। इसके बाद, 27 अक्टूबर को आईडीएफ ने गाजा पट्टी पर जमीनी हमला शुरू किया।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि 7 अक्टूबर से इजरायली सैन्य हमले में महिलाओं और बच्चों सहित करीब 21 हजार फिलिस्तीनी मारे गए हैं। आईडीएफ ने यह भी कहा है कि जब से उसने गाजा पट्टी में जमीनी अभियान शुरू किया है तब से हमास के साथ युद्ध में उसने अपने 161 सैनिकों को खो दिया है।