इस्लामाबाद, 16 जनवरी (आईएएनएस)। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की राजनीतिक पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के हाथों अपने गढ़ पंजाब में पराजय के बाद पीएमएल-एन अब काउंटर-नैरेटिव तैयार कर रही है।
पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत पंजाब की विधानसभा को भंग करने के बाद इमरान खान अब खैबर पख्तूनख्वा प्रांतीय विधानसभा को भंग करने वाले हैं। इमरान खान बार-बार ये कह रहे हैं कि देश में सत्ताधारी दल शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान के सामने झुक गए हैं, साथ ही ये भी कह रहे हैं कि देश में सत्ता परिवर्तन अमेरिका के कहने पर हुआ। इससे पंजाब में उन्हें राजनीतिक पैठ बनाने में काफी मदद मिली और पीएमएल-एन की स्थिति को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा।
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के नेतृत्व में लंदन में पीएमएल-एन के नेतृत्व ने प्रांत में पार्टी की बिगड़ती स्थिति को संभालने के लिए जवाबी नैरेटिव पेश करने का फैसला किया है। जवाबी नैरेटिव इमरान खान और सैन्य प्रतिष्ठान में उनके समर्थकों के खिलाफ चार्जशीट तैयार करके निशाना बनाया जा रहा है, जिसमें पूर्व सेनाध्यक्ष (सीओएएस) सेवानिवृत्त जनरल कमर जावेद बाजवा और पूर्व इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के प्रमुख सेवानिवृत्त जनरल फैज हमीद शामिल हैं।
लंदन में पार्टी की एक बैठक के दौरान किए गए एक बड़े फैसले के अनुसार, नवाज शरीफ ने अपनी बेटी मरियम नवाज शरीफ को वापस पाकिस्तान भेजने और पंजाब में उपचुनावों के लिए राजनीतिक अभियान का नेतृत्व करने का फैसला किया है। यह भी तय किया गया है कि पीएमएल-एन एक काउंटर इमरान नैरेटिव लेकर आएगी।
पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) साकिब निसार भी पीएमएल-एन के नैरेटिव का हिस्सा होंगे। उन्हें कानून की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने और इमरान खान को सत्ता में बनाए रखने के लिए अवैध एवं असंवैधानिक निर्णय लेने के लिए भी निशाना बनाया जाएगा।
पीएमएल-एन ने ये भी महसूस किया कि वोट को इज्जत दो नैरेटिव पर फिर से विचार करने की जरूरत है ताकि इमरान खान के सेना के खिलाफ बयान और अमेरिकी दवाब वाले नैरेटिव को काउंटर किया जा सके।
पीएमएल-एन के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, पार्टी को एक नई नैरेटिव की जरूरत है क्योंकि तोशाखाना या ऑडियो लीक के जरिए पीटीआई अध्यक्ष की छवि खराब करने की कोशिश अब तक रंग नहीं लाई है। उन्होंने कहा, साथ ही पीएमएल-एन के सदस्यों की नजर पंजाब चुनाव पर है, लेकिन वह प्रांत में इमरान खान की बढ़ती लोकप्रियता से भी चिंतित हैं।
देश में पीएमएल-एन के शीर्ष नेतृत्व की गैर-मौजूदगी के कारण इमरान खान को पंजाब प्रांत में बहुत लाभ हुआ है, जिससे प्रांत में पीएमएल-एन के भीतर एक गंभीर नेतृत्व संकट पैदा हो गया है। स्थानीय पीएमएल-एन नेतृत्व चाहता है कि नवाज शरीफ पाकिस्तान लौट आएं और चुनाव अभियान का नेतृत्व करें। लंदन से पार्टी का प्रबंधन केवल राजनीतिक विफलता और पार्टी के घरेलू मैदान में आंतरिक संकट का परिणाम है।
–आईएएनएस
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