इस्लामाबाद, 17 मई (आईएएनएस)। पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान ने बुधवार को देश को संबोधित करते हुए कहा कि गिरफ्तारी से पहले यह उनका आखिरी संबोधन हो सकता है।
इमरान खान का भाषण उस समय प्रसारित किया गया, जब लाहौर के जमान पार्क में उनके आवास को पंजाब पुलिस की भारी टुकड़ी ने घेर लिया था। उनके आवास की ओर जाने वाली सभी सड़कों को अवरुद्ध कर दिया।
खान ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा, मेरी अगली गिरफ्तारी से पहले शायद मेरा आखिरी ट्वीट। पुलिस ने मेरे घर को घेर लिया है। चश्मदीदों ने कहा कि वे जमन पार्क में खान के आवास के करीब बुलेटप्रूफ जैकेट पहने और डंडों से लैस पुलिस की भारी तैनाती देख सकते हैं।
जब पुलिस खान के आवास के बाहर जमा हो रही थी, तब पूर्व प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित किया। खान ने सभी पक्षों से इस समय का सदुपयोग करने और बुद्धिमानी से कार्य करने के लिए करने का आह्वान किया।
खान ने अपने वीडियो संबोधन में कहा कि अभी भी समय है। बात करें और समझदार बनें। इस संकट का एकमात्र समाधान चुनाव है। जो लोग चुनाव करवा सकते हैं, मैं उनसे अपील करता हूं कि वे चुनाव कराकर देश को बचाएं।
पीटीआई प्रमुख ने कहा कि उन्होंने कभी भी अपने पार्टी समर्थकों से सैन्य प्रतिष्ठानों या किसी राज्य की इमारत पर हिंसक हमले करने का आह्वान नहीं किया है, क्योंकि यह उनकी पार्टी का सिद्धांत नहीं है।
इमरान खान ने आगे कहा, जब मेरी जान लेने की कोशिश की गई थी, तब इस तरह भीड़ के हमले नहीं हुए थे। जब उन्होंने मुझे पहले गिरफ्तार करने की कोशिश की थी, तब कोई हिंसक दंगा नहीं हुआ था, क्योंकि मैंने हमेशा अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने के लिए कहा है।
खान ने कहा कि देशभर में 70 फीसदी लोकप्रियता वाली राजनीतिक पार्टी को खत्म नहीं किया जा सकता। उन्होंने पीटीआई के खिलाफ सेना को खड़ा करने की कोशिश करने के लिए पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट की सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि हर किसी को यह महसूस करना चाहिए कि क्या हो रहा है और कुछ समझ होनी चाहिए। खान ने यह भी कहा कि पीटीआई कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की जा रही है, जिसमें कम से कम 7,500 पार्टी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। खान ने कहा कि पीटीआई और सेना के बीच यह टकराव एक बड़ी प्रतिक्रिया का कारण बनेगा जो देश के लिए हानिकारक होगा।
अल-कादिर ट्रस्ट भूमि घोटाला मामले में रेंजर्स और एनएबी अधिकारियों द्वारा इस्लामाबाद हाईकोर्ट (आईएचसी) के परिसर से इमरान खान को गिरफ्तार कर लिया गया था। इससे नाराज पीटीआई समर्थकों ने लाहौर में कोर कमांडरों के आवास, मियांवाली में पीएएफ बेस, लाहौर में जिन्ना हाउस, पेशावर में रेडियो पाकिस्तान कार्यालय, रावलपिंडी में जनरल मुख्यालय, संवेदनशील सैन्य प्रतिष्ठानों और देश की अन्य इमारतों पर हमला किया था।
बाद में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट (एससीपी) ने खान की गिरफ्तारी को अवैध घोषित कर दिया और इस मामले को आईएचसी को भेज दिया। आईएचसी पहले खान की गिरफ्तारी को काननी करार दिया था।
पीटीआई समर्थकों द्वारा की गई तबाही का जवाब पीटीआई कार्यकर्ताओं और पार्टी के शीर्ष नेताओं पर बड़े पैमाने पर देशव्यापी कार्रवाई से दिया जा रहा है। अब तक फवाद चौधरी, असद उमर, शाह महमूद कुरैशी, यास्मीन राशिद, शिरीन मजारी और कई अन्य सहित पार्टी के कई नेताओं को सलाखों के पीछे डाल दिया गया है, जबकि 9 मई के दंगों में कथित रूप से शामिल 7,500 से अधिक पीटीआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है। पाक सरकार ने हमलों में शामिल किसी को भी नहीं बख्शने का फैसला किया है।
–आईएएनएस
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