इस्लामाबाद, 13 मई (आईएएनएस)। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने 9 मई को अपने अपहरण के लिए सेना प्रमुख को जिम्मेदार ठहराया और उनकी गिरफ्तारी के बाद कई शहरों में हुई हिंसा से खुद को दूर कर लिया। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के परिसर में मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने ये बात कही।
पीटीआई प्रमुख ने कहा, यह सुरक्षा एजेंसियां नहीं है। यह एक व्यक्ति है, सेना प्रमुख। सेना में कोई लोकतंत्र नहीं है। जो हो रहा है, उससे सेना बदनाम हो रही है।
खान ने आरोप लगाया, वह (सेना प्रमुख) चिंतित हैं कि अगर मैं सत्ता में आया, तो मैं उन्हें डी-अधिसूचित कर दूंगा। मैंने उन्हें संदेश भेजने की पूरी कोशिश की, मैं नहीं करूंगा। यह सब हो रहा है, उनके सीधे आदेश हैं। वह है जो आश्वस्त है कि अगर मैं जीतता हूं, तो उन्हें डी-नोटिफाई कर दिया जाएगा।
डॉन की खबर के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री ने सरकार द्वारा अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किए जाने की भी बात की और आरोप लगाया कि एक साल के दौरान 5,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
खान ने कहा कि वह हत्या के दो प्रयासों से बच गए थे और उनकी जांच की मांग खारिज कर दी गई।
गुरुवार शाम को सुप्रीम कोर्ट में अपनी स्थिति को दोहराते हुए, पीटीआई अध्यक्ष ने कहा कि वह उनकी गिरफ्तारी के बाद हुए घटनाक्रम से पूरी तरह अनजान थे और दावा किया कि उन्हें पता चला है कि दो दिनों के विरोध प्रदर्शन के दौरान 40 लोगों की जान चली गई।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, एनएबी की हिरासत में होने के दौरान हुई घटनाओं पर दुख व्यक्त करते हुए, खान ने कहा कि सिर्फ एक व्यक्ति के कारण सेना की बदनामी हो रही है।
–आईएएनएस
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