सियोल, 20 जनवरी (आईएएनएस)। एक शोध से यह बात सामनेे आई है कि मानव प्रतिरक्षा प्रणाली भविष्य में खुद-ब-खुद ओमिक्रॉन वेरिएंट के संक्रमण से लड़ने के लिए एक मजबूूत स्थिति प्राप्त कर लेगी। जिसमें वर्तमान में प्रसारित जेएन.1 भी शामिल है।
इंस्टीट्यूट फॉर बेसिक साइंस (आईबीएस) के दक्षिण कोरियाई वैज्ञानिकों की एक टीम ने घोषणा की है कि ओमिक्रॉन ब्रेकथ्रू संक्रमण के दौरान बनने वाली मेमोरी टी कोशिकाएं वायरस के बाद के स्ट्रेन पर प्रतिक्रिया करती हैं और भविष्य के किसी भी कोविड संस्करण से होने वाली गंभीर बीमारी से बचाती हैं।
शोध का नेतृत्व करने वाले रिसर्च फेलो जंग मिन क्यूंग ने कहा, “यह खोज हमें कोविड महामारी के नए युग में नए दृष्टिकोण प्रदान करती है। यह समझा जा सकता है कि नए वायरस वेरिएंट के लगातार उभरने के जवाब में, हमारे शरीर ने भी वायरस के भविष्य के स्ट्रेन से निपटने के लिए अनुकूलित किया है।
2021 के अंत में उभरने वाले गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम कोरोना वायरस 2 ओमिक्रॉन संस्करण ने अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में भारी वृद्धि की थी, जिसने इसे 2022 में प्रमुख स्ट्रेन बनने की अनुमति दी थी तब से ओमिक्रॉन के नए स्ट्रेन उभरते रहे हैं।
हाल ही में जेएन.1 स्ट्रेन ओमीक्रॉन वेरिएंट के नए स्ट्रेन बीए.1 और बीए2 से शुरू होकर, बीए.4/बीए.5, बीक्यू.1, एक्सबीबी स्ट्रेन से टीकाकरण के बावजूद बड़े पैमाने पर संक्रमण फैल गया है।
संक्रमित होने या टीकाकरण के बाद शरीर वायरस के खिलाफ निष्क्रिय एंटीबॉडी और मेमोरी टी कोशिकाएं बनाती है, निष्क्रिय करने वाली एंटीबॉडी कोशिकाओं को वायरस से संक्रमित होने से रोकने का काम करती है। जबकि, मेमोरी टी कोशिकाएं संक्रमण को रोक नहीं सकती हैं, वे वायरल संक्रमण को गंभीर बीमारी में बढ़ने से रोककर संक्रमित कोशिकाओं को जल्दी से खोज और नष्ट कर सकती हैं।
टीकाकरण के बाद संक्रमण से पीड़ित होने के बाद हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में होने वाले परिवर्तनों का पता लगाने के लिए, टीम ने मेमोरी टी कोशिकाओं पर ध्यान केंद्रित किया, जो ओमिक्रॉन संक्रमण के बाद बनी थीं।
ओमिक्रॉन वेरिएंट पर पिछले अध्ययनों में ज्यादातर टीके की प्रभावकारिता या एंटीबॉडी को बेअसर करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है, मगर मेमोरी टी कोशिकाओं से संबंधित शोध में तुलनात्मक रूप से कमी रही है।
टीम ने 2022 की शुरुआत में बीए.2 ओमिक्रॉन ब्रेकथ्रू संक्रमण से पीड़ित और ठीक हुए मरीजों का चयन किया और उनकी मेमोरी टी कोशिकाओं पर विशेष रूप से विभिन्न ओमिक्रॉन वेरिएंट जैसे बीए.2 बीए.4/बीए/5 और अन्य पर प्रतिक्रिया करने की उनकी क्षमता का अध्ययन किया।
उनकी प्रतिरक्षा कोशिकाओं को नसों में बहने वाले रक्त से अलग किया गया और विभिन्न वेरिएंट से विभिन्न स्पाइक प्रोटीन के जवाब में मेमोरी टी कोशिकाओं साइटोकिन उत्पादन और एंटीवायरल गतिविधियों को मापा गया।
साइंस इम्यूनोलॉजी में प्रकाशित परिणामों से पता चला कि इन रोगियों की मेमोरी टी कोशिकाओं ने न केवल बीए.2 स्ट्रेन बल्कि ओमिक्रॉन के बाद के बीए.4 और बीए.5 स्ट्रेन के खिलाफ भी तीव्र प्रतिक्रिया दिखाई।
ब्रेकथ्रू संक्रमण से पीड़ित होने के कारण, इन रोगियों की प्रतिरक्षा प्रणाली उसी वायरस के भविष्य के स्ट्रेन से लड़ने के लिए मजबूत हो गई थी।
अनुसंधान दल ने स्पाइक प्रोटीन के विशिष्ट भाग की भी खोज की जो मेमोरी टी कोशिकाओं में देखी गई वृद्धि का प्राथमिक कारण है। इन परिणामों से पता चलता है कि एक बार एक व्यक्ति ओमीक्रॉन संक्रमण से गंभीर संक्रमण से गुजरता है। भविष्य में उभरते वेरिएंट से उनमें कभी भी गंभीर कोविड-19 लक्षण उत्पन्न होने की संभावना नहीं है।
सेंटर फॉर वायरल इम्यूनोलॉजी के निदेशक शिन यूई-चिओल ने कहा, “इस नई खोज को वैक्सीन विकास पर भी लागू किया जा सकता है। मौजूदा प्रमुख स्ट्रेन और वायरस के उभरते नए स्ट्रेन के बीच सामान्य विशेषताओं की खोज करके, बाद के वेरिएंट के खिलाफ मेमोरी टी सेल सुरक्षा को प्रेरित करने की अधिक संभावना हो सकती है।”
–आईएएनएस
एमकेएस/एबीएम