वाशिंगटन, 8 फरवरी (आईएएनएस)। अमेरिकी सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) ने कहा है कि उसने इराक में ईरान समर्थित मिलिशिया समूह कातिब हिजबुल्लाह के एक वरिष्ठ कमांडर को मार डाला, जो कथित तौर पर विदेशों में अमेरिकी ठिकानों पर हमले की योजना बनाने में शामिल था।
सेंटकॉम के मुताबिक, स्थानीय समय के अनुसार रात करीब साढ़े नौ बजे हुए हमले के दौरान कमांडर की मौत हो गई।
सेंटकॉम ने एक बयान में कहा, “अमेरिका अपने लोगों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कार्रवाई करना जारी रखेगा।”
इसमें कहा गया, “हम उन सभी लोगों को जिम्मेदार ठहराने में संकोच नहीं करेंगे जो हमारी सेना की सुरक्षा के लिए खतरा हैं।”
इसमें कहा गया है कि हमले में कोई आम नागरिक हताहत नहीं हुआ और न ही कोई अतिरिक्त क्षति हुई।
अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हमले में पूर्वी बगदाद के एक व्यस्त चौराहे पर एक कार में विस्फोट हो गया, जिसके परिणामस्वरूप मिलिशिया कमांडर और दो अन्य कताइब हिजबुल्लाह अधिकारियों की मौत हो गई।
मारे गए कमांडर की पहचान “अबू बक्र” अल-सादी के रूप में की गई।
यह हमला ईरान समर्थित मिलिशिया समूहों के खिलाफ नवीनतम अमेरिकी सैन्य कार्रवाई है और इराक में पहला हमला है। अमेरिका ने जनवरी के अंत में जॉर्डन में तीन अमेरिकी सैनिकों की मौत के जवाब में पिछले सप्ताह इराक और सीरिया में 85 से अधिक ठिकानों पर हमला किया था। द हिल की रिपोर्ट के अनुसार, बाइडेन प्रशासन ने कहा कि यह ईरानी प्रॉक्सी द्वारा किया गया था।
कुछ बी-1 बमवर्षकों ने पिछले सप्ताह ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स और इराक में इस्लामिक रेजिस्टेंस, जो ईरान समर्थित मिलिशिया समूहों का एक समूह है, को निशाना बनाकर हमले किए थे। रिपोर्टों में दावा किया गया है कि अमेरिकी कार्रवाई अधिक आक्रामकता को रोकने के लिए थी, ईरानी प्रॉक्सी ने क्षेत्र में अमेरिकी और सहयोगी ठिकानों पर हमला जारी रखा है।
उप प्रेस सचिव सबरीना सिंह ने कहा कि अमेरिका ने आधिकारिक तौर पर जॉर्डन में हुए घातक हमले के लिए इराक में इस्लामी प्रतिरोध को जिम्मेदार ठहराया है जिसमें मिसाइलों से भरे ड्रोन ने तीन अमेरिकी सैनिकों को मार डाला था। पेंटागन ने दावा किया था कि हमले के पीछे कताइब हिजबुल्लाह का हाथ हो सकता है, क्योंकि हमले में मिलिशिया समूह के “पदचिह्न” थे।
असत्यापित रिपोर्टों में दावा किया गया है कि जॉर्डन हमले के बाद से कताइब हिजबुल्लाह ने इराकी सरकार को शर्मिंदगी से बचने के लिए इराक में अमेरिकी सेना के खिलाफ सैन्य अभियान निलंबित कर दिया।
अमेरिका ने इराक में हमले जारी रखे हैं जिसकी बार-बार निंदा की गई है, क्योंकि इराकी सरकार वहां तैनात अमेरिकी सेना के भविष्य पर वाशिंगटन के साथ चल रही बातचीत में लगी हुई है। अमेरिका ने जनवरी की शुरुआत में कताइब हिजबुल्लाह से अलग एक समूह के ईरान समर्थित मिलिशिया समूह के एक वरिष्ठ नेता को भी मार डाला।
ईरानी समर्थित समूहों ने 17 अक्टूबर से इराक, सीरिया और जॉर्डन में 160 से अधिक बार अमेरिकी सैनिकों पर हमला किया है। मिलिशिया समूहों का दावा है कि यह गाजा में हमास के खिलाफ 7 अक्टूबर को शुरू हुए इजरायली युद्ध के लिए अमेरिकी समर्थन के जवाब में है।
–आईएएनएस
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