बरेली, 6 सितंबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर स्थित ऐतिहासिक मस्जिद और दरगाह हजरत बल में हाल ही में नए निर्माण के दौरान अशोक पटीका लगाए जाने का मामला विवाद का कारण बन गया है।
मस्जिद के भीतर तस्वीर लगाए जाने के बाद जब कुछ नमाजी वहां पहुंचे तो उन्होंने इसे तोड़ दिया। इसके बाद जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई, जिससे यह मामला तूल पकड़ गया। इस विवाद पर आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने सख्त प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि मस्जिद और दरगाह जैसे पवित्र स्थलों पर किसी भी प्रकार की तस्वीर या मूर्ति लगाना इस्लाम की शिक्षाओं और परंपराओं के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में सदियों से यह परंपरा रही है कि मस्जिद और दरगाह चाहे अंदर हों या बाहर, कहीं भी मुजस्समा या तस्वीर नहीं लगाई जाती।
मौलाना ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि तस्वीर या मूर्ति के सामने नमाज पढ़ी जाती है तो वह नमाज मान्य नहीं होगी। यह इस्लामिक शरीयत और धार्मिक मान्यताओं का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि जो लोग इस्लाम की बुनियादी हिदायतों से अनभिज्ञ हैं, वही ऐसे विवादों को जन्म देते हैं। समाज को चाहिए कि ऐसे लोगों से सतर्क रहे और धार्मिक परंपराओं की रक्षा करे।
उन्होंने कहा कि चंद संकीर्ण मानसिकता वाले लोग जानबूझकर इस तरह के कदम उठाकर समाज में फूट डालना और विवाद खड़ा करना चाहते हैं। उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि वे अपने धर्म और परंपराओं के प्रति जागरूक रहें तथा इस तरह की साजिशों को नाकाम करें।
मौलाना रजवी ने दोहराया कि मस्जिद और दरगाह की पवित्रता सर्वोपरि है। वहां किसी भी प्रकार की तस्वीर, पेंटिंग या मूर्ति की इजाजत इस्लाम नहीं देता। उन्होंने वक्फ बोर्ड से भी अपील की कि इस मामले में धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करते हुए तुरंत उचित कदम उठाए।
–आईएएनएस
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