मुंबई, 13 नवंबर (आईएएनएस)। दिवाली त्योहार के दौरान मुंबई शहर में न केवल वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ गया, बल्कि ध्वनि प्रदूषण का स्तर भी ज्यादा दर्ज किया गया। आवाज फाउंडेशन द्वारा रविवार को एकत्र किए गए आंकड़ों के आधार पर सोमवार को यह जानकारी दी गई।
आवाज फाउंडेशन ने दक्षिण मुंबई में शोर का स्तर 72 डेसिबल और 117 डेसिबल के बीच पाया – जो दिन के दौरान 50-55 डेसिबल और रात में 40-45 डेसिबल की स्वीकार्य सीमा से काफी ऊपर है।
इस वर्ष, मरीन ड्राइव पर शोर का स्तर 2022 (109.1 डेसीबल) और शिवाजी पार्क में 2021 (100.4 डेसीबल) से अधिक था।
शिवाजी पार्क में लोगों ने बॉम्बे हाईकोर्ट की रात 8 बजे की समय-सीमा से पहले, शाम लगभग 7.45 बजे पटाखे फोड़ना शुरू कर दिया। रात 10 बजे तक, जबकि मरीन ड्राइव पर पटाखों की आवृत्ति रात 9 बजे के बाद बढ़नी शुरू हो गई।
बांद्रा बैंडस्टैंड पर रिकॉर्डिंग 72-85 डेसिबल थी, छत्रपति शिवाजी महाराज पार्क में रिकॉर्डिंग 99-95 डेसिबल थी, क्योंकि लोग लगभग आधी रात तक पटाखे फोड़ते रहे।
रविवार को 11.30 बजे रात में दादर समुद्र तट पर ध्वनि का स्तर 85 डेसिबल दर्ज किया गया, कोलाबा मछली पकड़ने वाली कॉलोनी में यह 82 डेसिबल था और मरीन ड्राइव पर लगभग यह 117 डेसिबल पर पहुंच गया। ।
सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल अली की शिकायत के बाद स्थानीय पुलिस ने उन लोगों को रोकना या हिरासत में लेना शुरू कर दिया जो उच्च न्यायालय की समय सीमा का उल्लंघन कर पटाखे फोड़ रहे थे।
एक दशक में पहली बार आवाज और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस साल शोर के स्तर को निर्धारित करने और पटाखों के बाजारों तक पहुंचने से पहले ही उन पर प्रतिबंध लगाने के लिए दिवाली-पूर्व वार्षिक संयुक्त परीक्षण नहीं किया।
अब्दुल अली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जहरीले रसायनों वाले पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन अलग-अलग परीक्षणों में बेरियम समेत उनकी मौजूदगी का पता चला है।
अब्दुल अली ने चेतावनी दी, “दिवाली के तुरंत बाद वायु प्रदूषण में वृद्धि के परिणामस्वरूप मुंबई में खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में बेरियम सहित ये हानिकारक रसायन शामिल होंगे।”
–आईएएनएस
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