जम्मू, 24 जनवरी (आईएएनएस)। श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग कुल आठ घंटे बंद रहा, जबकि पिछली सर्दियों में यह 220 घंटे बंद रहता था। राजमार्ग बंद होने के कारण पिछले दो वर्षो में एक भी पूरा दिन बर्बाद नहीं हुआ। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता ने मंगलवार को केंद्र शासित प्रदेश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने वाली विभिन्न सड़कों और राजमार्गो के विकास की स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक में लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव, परिवहन सचिव, रामबन के उपायुक्त, परिवहन आयुक्त, एनएचएआई के प्रतिनिधि और अन्य अधिकारी शामिल हुए।
बैठक में सूचित किया गया कि इस सर्दी में श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग कुल मिलाकर केवल 8 घंटे बंद रहा, जबकि पिछली सर्दियों में यह 220 घंटे बंद रहता था। राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने के कारण पिछले दो वर्षो में एक भी पूरा दिन बर्बाद नहीं हुआ। राजमार्ग के दोनों ओर यातायात की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए टी5 सुरंग 15 मार्च को और जायसवाल पुल 15 फरवरी को जनता को समर्पित किया जाएगा।
मेहता ने सर्दियों के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात की सुचारु आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों पर बल दिया।
उन्होंने उन्हें मौसम की अनिश्चितताओं से निपटने के लिए अपेक्षित लोगों और मशीनरी के साथ हमेशा तैयार रहने को कहा।
मेहता ने व्यवधानों को कम करने और यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि पूरे वर्ष यातायात की आवाजाही निर्बाध बनी रहे।
उन्होंने दोहराया कि इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात 15 मार्च के बाद दोनों ओर से चलना चाहिए, क्योंकि तब तक जितने पुल और सुरंगें बनाई जा रही हैं, उनमें से अधिकांश का काम पूरा हो जाएगा।
मेहता ने अधिकारियों को बनिहाल और रामबन के बीच के कठिन हिस्सों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा। उन्होंने खराब मौसम के मामले में तत्काल उपाय करने का आग्रह किया।
उन्होंने मैत्रा, रामबन और जायसवाल में निमार्णाधीन पुलों का जायजा लिया।
मेहता ने संबंधित व्यक्ति को कार्य की गति में तेजी लाने के निर्देश दिए, ताकि इन महत्वपूर्ण कनेक्शनों को जल्द पूरा किया जा सके।
–आईएएनएस
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