गंगटोक, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। पुलिस महानिदेशक जीपी. सिंह ने कहा कि इस साल असम में आतंकवादी गतिविधि के परिणामस्वरूप कोई नागरिक या सुरक्षाकर्मी नहीं मारा गया।
उन्होंने कहा, “1991 के बाद पहली बार किसी भी आतंकवादी संगठन द्वारा किसी भी नागरिक या सुरक्षा बलों के सदस्यों की हत्या नहीं की गई या उनका अपहरण नहीं किया गया।
चूंकि, सुरक्षा स्थिति में सुधार हुआ है, इसलिए चार जिलों को छोड़कर पूरे राज्य में अफस्पा (एएफएसपीए) को निरस्त कर दिया गया है।”
शीर्ष पुलिस अधिकारी ने शनिवार को आगे कहा कि कानून और व्यवस्था के मामले में असम निर्विवाद रूप से काफी बेहतर स्थिति में है।
उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में सुरक्षाबलों ने राज्य भर में अवैध हथियारों, विशेषकर स्वचालित राइफलों को जब्त करने में उल्लेखनीय प्रगति की है। हम राज्य में हर अवैध हथियार का पता लगाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
सिंह ने कहा कि पिछले दो वर्षों में राज्य में एक हजार से अधिक बंदूकें पाई गई हैं, जिनमें से आधे से अधिक स्वचालित राइफलें हैं।
असम के डीजीपी ने इस बात पर जोर दिया कि असम उग्रवादी समूहों के पूर्व सदस्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के मुद्दे पर तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिन्होंने खुद को आतंकवादी समूहों में शामिल कर लिया है।
उन्होंने कहा, “जंगल में छिपने और राज्य के विस्तार में कोई योगदान न देने की तुलना में राज्य के विकास में भाग लेने के काफी अधिक फायदे हैं।”
–आईएएनएस
एफजेड/एबीएम