कोहिमा, 4 फरवरी (आईएएनएस)। नगा निकाय ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ईएनपीओ) ने शनिवार को 27 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का अपना आह्वान वापस ले लिया है। ईएनपीओ को केंद्र सरकार से अलग फ्रंटियर नागालैंड राज्य की मांग के संबंध में आश्वासन मिला है, जिसके बाद चुनाव बहिष्कार का अपना आह्वान वापस ले लिया गया है।
ईएनपीओ के सचिव डब्ल्यू मनवांग कोन्याक ने आईएएनएस को बताया कि केंद्र सरकार से अलग फ्रंटियर नागालैंड राज्य की मांग पर विचार करने का आश्वासन मिलने के बाद संगठन ने बहिष्कार का आह्वान वापस ले लिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बहिष्कार के आह्वान को वापस लेने के ईएनपीओ के फैसले पर प्रसन्नता व्यक्त की है।
अमित शाह ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा, मैं ईएनपीओ की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि करने वाले उनके सकारात्मक संकेत के लिए आभारी हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वोत्तर के लोगों को आश्वस्त करने के लिए अथक प्रयास किए हैं कि सरकार उनके साथ है और ईएनपीओ का कदम इन प्रयासों का अप्रूवल है।
शाह ने एक और ट्वीट करते हुए लिखा, यह खुशी की बात है कि मोदी सरकार में विश्वास की अभिव्यक्ति में, नागालैंड में ईएनपीओ ने विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने के अपने आह्वान को वापस ले लिया है। यह निर्णय शांति और विकास की चल रही प्रक्रिया को अबाधित रखने में मदद करेगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ईएनपीओ 2010 से अलग राज्य की मांग कर रहा है और दावा करता है कि छह जिले मोन, त्युएनसांग, किफिरे, लोंगलेंग, नोक्लाक और शामतोर- वर्षों से उपेक्षित हैं।
नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के नेतृत्व वाली यूनाइटेड डेमोक्रेटिक अलायंस (यूडीए) सरकार और भाजपा कई मौकों पर ईएनपीओ से अलग राज्य की उनकी मांग पर पुनर्विचार करने और विधानसभा चुनावों का बहिष्कार नहीं करने के लिए कहा था।
–आईएएनएस
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