कोलकाता, 8 जनवरी (आईएएनएस)। भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर कर ईडी अधिकारियों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) पर हमले के मामले में हस्तक्षेप की मांग की। हमले शुक्रवार को उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में हुए थे।
मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ ने याचिका स्वीकार कर ली और कहा कि इस मामले पर 11 जनवरी को सुनवाई होगी।
पार्टी का यह कदम राज्य भाजपा अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य डॉ. सुकांत मजूमदार द्वारा इस मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस को एक ज्ञापन सौंपने के ठीक एक दिन बाद आया है।
इससे पहले, पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने का आग्रह किया था।
शुक्रवार की रात ईडी ने एक प्रेस अधिसूचना भी जारी की थी, जिसमें दावा किया गया था कि उसके अधिकारियों और सीएपीएफ कर्मियों पर एक सुनियोजित हमला किया गया था। जब तृणमूल कांग्रेस नेता सजहान शेख अपने आवास के अंदर थे, जिसके सामने हमला हुआ था।
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के राज्य प्रवक्ता ने कहा है कि शुक्रवार को जिन तीन ईडी अधिकारियों पर हमला हुआ, उनमें से एक के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच चल रही है।
घोष ने कहा, “हम नहीं चाहते कि किसी भी हमले में कोई भी ईडी अधिकारी घायल हो। हम उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। हालांकि, एक विस्फोटक जानकारी सामने आई है कि ईडी के सहायक निदेशक राजकुमार राम के खिलाफ सीबीआई जांच चल रही है, जो उस दिन घायल हुए तीन अधिकारियों में से एक थे!”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि संबंधित अधिकारी के खिलाफ 2016 से 2020 के बीच की अवधि के दौरान आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति के आरोप हैं।
घोष ने सवाल किया, “ऐसे आरोपी अधिकारी को केंद्रीय जांच टीम में कैसे शामिल किया गया?”
–आईएएनएस
एसजीके