रांची, 14 अगस्त (आईएएनएस)। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन सोमवार को ईडी के समक्ष हाजिर नहीं हुए। उन्हें एजेंसी ने जमीन घोटाला मामले में समन किया था। हेमंत सोरेन के विशेष दूत ने दोपहर बाद ईडी के रांची जोनल ऑफिस को एक सीलबंद लिफाफा सौंपा।
बताया जा रहा है कि हेमंत सोरेन ने स्वतंत्रता दिवस और अन्य व्यस्तताओं का हवाला देते हुए समय देने की मांग की है। इसके पहले ईडी ने माइनिंग घोटाले में भी हेमंत सोरेन से बीते साल 22 नवंबर को लगभग दस घंटे तक पूछताछ की थी।
अब एजेंसी उनसे जमीन घोटाले के मामले में सवाल-जवाब करना चाहती है। ईडी रांची के जमीन घोटाले में पूर्व डीसी छवि रंजन, रांची के न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल, कोलकाता के कारोबारी दिलीप कुमार घोष व अमित कुमार अग्रवाल सहित अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
इन सभी अभियुक्तों से कई राउंड की पूछताछ हुई है।
सूत्रों के मुताबिक इस घोटाले में ईडी को कुछ ऐसे साक्ष्य हाथ लगे हैं, जिसके आधार पर वह सीएम से पूछताछ करना चाहती है।
बता दें कि जमीन घोटाले का पहला जो मामला सामने आया था, उसमें रांची में सेना के कब्जे वाली तकरीबन साढ़े चार एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री गलत तरीके से तैयार किए गए कागजात के आधार पर की गई थी।
इस मामले का खुलासा रांची के तत्कालीन आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी ने अपनी एक जांच रिपोर्ट में की थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि फर्जी नाम और पते के आधार पर सेना की जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है।
रांची नगर निगम ने मामले की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद ईडी ने इसी प्राथमिकी को इसीआईआर के रूप में दर्ज कर जांच शुरू की। नवंबर 2022 में व्यापारी विष्णु अग्रवाल, अमित अग्रवाल के ठिकानों पर छापा पड़ा था।
इस छापे में कई अहम दस्तावेज ईडी के हाथ लगे। ईडी ने दूसरी बार 13 अप्रैल को रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, बड़गाईं अंचल के अंचलाधिकारी मनोज कुमार, कर्मचारी भानु प्रताप समेत जमीन के कारोबार से जुड़े 21 ठिकानों पर छापा मारा था।
ईडी ने सेना के कब्जे वाली जमीन के घोटाले की जांच शुरू की तो जानकारी मिली कि कई और भूखंडों की खरीद-बिक्री फर्जी कागजात के आधार पर की गई है। एजेंसी अब तक रांची में सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन के अलावा रांची के बजरा मौजा में 7.16 एकड़ क्षेत्रफल वाली जमीन जब्त कर चुकी है।
–आईएएनएस
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