कोलकाता, 17 फरवरी (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पता चला है कि पश्चिम बंगाल में कथित करोड़ों रुपये के राशन वितरण मामले की आय को शहर के व्यवसायी विश्वजीत दास के परिधान और सोने के व्यापार व्यवसाय में निवेश किया गया था।
ईडी अधिकारी अब इसकी जांच कर रहे हैं। विश्वजीत दास को केंद्रीय एजेंसी ने इस सप्ताह की शुरुआत में मामले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया था।
ईडी को पता चला है कि दास की बांग्लादेश की लगातार यात्राएं उनके मालिकाना हक वाली एक लाभदायक कपड़ा व्यापार इकाई से जुड़ी थी।
केंद्रीय एजेंसी ने अब कुछ विशिष्ट सुरागों के आधार पर जांच शुरू की है कि दास का बांग्लादेश स्थित व्यवसाय पिछले 10 वर्षों के दौरान बड़े पैमाने पर फला-फूला है, जिसका मुख्य कारण अपराध से प्राप्त आय से इसमें किया गया भारी निवेश है।
सूत्रों ने कहा कि ईडी को ये भी पता चला कि पिछले 10 वर्षों में दास के मालिकाना हक वाली विदेशी मुद्रा लेनदेन इकाई के माध्यम से 350 करोड़ रुपये को विदेशी मुद्रा में परिवर्तित किया गया था।
अधिकांश परिवर्तन ऐसे मुद्रा परिवर्तनों के मामले में आरबीआई द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन किए बिना किए गए थे।
ईडी के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, परिवर्तित मुद्रा का एक बड़ा हिस्सा हवाला मार्ग के माध्यम से विदेशों में, मुख्य रूप से बांग्लादेश में इकठ्ठा किया गया था।
विशेष पीएमएलए अदालत शुक्रवार को दास को पेश किया गया था। कोर्ट ने उनकी ईडी हिरासत 23 फरवरी तक बढ़ा दी थी।
–आईएएनएस
एफजेड/एबीएम
कोलकाता, 17 फरवरी (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पता चला है कि पश्चिम बंगाल में कथित करोड़ों रुपये के राशन वितरण मामले की आय को शहर के व्यवसायी विश्वजीत दास के परिधान और सोने के व्यापार व्यवसाय में निवेश किया गया था।
ईडी अधिकारी अब इसकी जांच कर रहे हैं। विश्वजीत दास को केंद्रीय एजेंसी ने इस सप्ताह की शुरुआत में मामले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया था।
ईडी को पता चला है कि दास की बांग्लादेश की लगातार यात्राएं उनके मालिकाना हक वाली एक लाभदायक कपड़ा व्यापार इकाई से जुड़ी थी।
केंद्रीय एजेंसी ने अब कुछ विशिष्ट सुरागों के आधार पर जांच शुरू की है कि दास का बांग्लादेश स्थित व्यवसाय पिछले 10 वर्षों के दौरान बड़े पैमाने पर फला-फूला है, जिसका मुख्य कारण अपराध से प्राप्त आय से इसमें किया गया भारी निवेश है।
सूत्रों ने कहा कि ईडी को ये भी पता चला कि पिछले 10 वर्षों में दास के मालिकाना हक वाली विदेशी मुद्रा लेनदेन इकाई के माध्यम से 350 करोड़ रुपये को विदेशी मुद्रा में परिवर्तित किया गया था।
अधिकांश परिवर्तन ऐसे मुद्रा परिवर्तनों के मामले में आरबीआई द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन किए बिना किए गए थे।
ईडी के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, परिवर्तित मुद्रा का एक बड़ा हिस्सा हवाला मार्ग के माध्यम से विदेशों में, मुख्य रूप से बांग्लादेश में इकठ्ठा किया गया था।
विशेष पीएमएलए अदालत शुक्रवार को दास को पेश किया गया था। कोर्ट ने उनकी ईडी हिरासत 23 फरवरी तक बढ़ा दी थी।
–आईएएनएस
एफजेड/एबीएम