नई दिल्ली, 1 सितंबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने आईएएस अधिकारी छवि रंजन से जुड़े रांची भूमि घोटाला मामले में चेशायर होम रोड, पुगरू और सिरम में स्थित 161.64 करोड़ रुपये के तीन भूखंड जब्त किए हैं।
ईडी ने इस मामले में पूरक आरोप पत्र भी दाखिल किया है।
इसमें कहा गया है कि भूमि एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से भू-माफियाओं के पक्ष में फर्जी तरीके से इन भूखंडों का म्यूटेशन किया गया है।
ईडी ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत प्रदीप बागची, बिष्णु कुमार अग्रवाल, भानु प्रताप प्रसाद और अन्य के खिलाफ झारखंड पुलिस और पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा दर्ज कई प्राथमिकियों के आधार पर तीन भूमि घोटाला मामलों में जांच शुरू की थी।
ईडी ने कहा कि झारखंड में माफिया द्वारा अवैध तरीके से जमीन का मालिकाना हक बदलने का बड़ा रैकेट चल रहा है।
ईडी ने कहा, “ये आपराधिक तत्व कोलकाता और रांची में विरासती रिकॉर्ड बनाने का काम करते थे। उक्त भू-माफिया को लाभ पहुंचाने के लिए बेईमान सरकारी अधिकारियों द्वारा भूमि के स्वामित्व रिकॉर्ड भी जाली बना दिया गया। इसके बाद, जाली भूमि रिकॉर्ड के आधार पर ऐसे भूखंड अन्य व्यक्तियों को बेच दिए गये।”
ईडी ने पहले 41 तलाशी और पांच सर्वेक्षण किए थे और भूमि और राजस्व विभाग की जाली मुहरें, जाली भूमि दस्तावेज, उनके बीच अपराध की आय के वितरण के रिकॉर्ड, जालसाजी की तस्वीरें, सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने के सबूत जैसे विभिन्न सबूतों को जब्त कर लिया गया।
इससे पहले, ईडी ने एक अन्य भूमि घोटाला मामले में 74.39 करोड़ रुपये (वाणिज्यिक मूल्य) के तीन भूखंडों को जब्त किया था। मौजूदा कुर्की के साथ भूमि घोटाला मामलों में कुल कुर्की 236 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।
अब तक 14 आरोपियों में प्रदीप बागची, अफसर अली, सद्दाम हुसैन, इम्तियाज अहमद, तल्हा खान, फैयाज खान, भानु प्रताप प्रसाद, रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, दिलीप कुमार घोष, अमित कुमार अग्रवाल, बिष्णु कुमार अग्रवाल, राजेश राय, भरत प्रसाद और प्रेम प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया गया है और फिलहाल वे न्यायिक हिरासत में हैं।
इससे पहले, जून में अभियोजन शिकायत दर्ज की गई थी। ईडी ने कहा कि आगे की जांच जारी है।
–आईएएनएस
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