नई दिल्ली, 27 दिसंबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम के मामले में एमजीएम मारन और एमजीएम आनंद और उनकी चेन्नई स्थित कंपनी सदर्न एग्रीफ्यूरेन इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड की 205.36 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।
ईडी ने कहा कि एमजीएम मारन 2007 के दौरान तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक लिमिटेड (टीएमबीएल) के अध्यक्ष थे, जब उन्होंने टीएमबीएल के अन्य निदेशकों के साथ अनधिकृत विदेशी व्यक्तियों को भारतीय शेयरहॉल्डर्स से टीएमबी के 23.60 प्रतिशत शेयरों की बिक्री का सौदा किया था।
यह भी पाया गया कि इसी अवधि के दौरान एमजीएम मारन ने भारत के बाहर सीधे तौर पर 293.91 करोड़ रुपये का अघोषित विदेशी निवेश किया।
अधिकारी ने कहा, इस तरह के अघोषित निवेश आरबीआई के अप्रूवल के साथ-साथ अस्पष्टीकृत और अत्यधिक संदिग्ध स्रोतों से किए गए थे। भारतीय कानूनों की पहुंच से बचने के लिए, एमजीएम मारन ने अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ दी और साइप्रस की नागरिकता प्राप्त कर ली। इतना ही नहीं, एमजीएम मारन ने भी भारतीय कंपनी सदर्न एग्रीफ्यूरेन इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड से विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की आड़ में भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों की पहुंच से बाहर रखने के लिए अपनी संपत्ति को भारत से विदेशों में स्थानांतरित करना शुरू कर दिया।
ईडी का मामला एडी बैंक, एक्सिस बैंक की शिकायत के बाद चेन्नई की केंद्रीय अपराध शाखा द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर है।
कंपनी ने अक्टूबर 2022 में मद्रास हाई कोर्ट के समक्ष ईडी की कार्यवाही के खिलाफ रिट याचिका दायर की और अदालत के समक्ष गलत प्रतिनिधित्व कर ईडी की कार्यवाही पर अंतरिम रोक प्राप्त की।
ईडी ने अपने जवाबी हलफनामे में मामले के पूरे तथ्यों को स्पष्ट किया। तदनुसार मद्रास उच्च न्यायालय ने लैंडमार्क जजमेंट (डब्ल्यूपी 28140/2022) में रिट याचिका को खारिज कर दिया और यह माना कि कंपनी ने झूठी घोषणा कर एडी बैंक को मूल्यवान विदेशी मुद्रा और इस तरह के प्रेषण को वितरित करने के लिए प्रेरित किया है। भारत के बाहर स्थित कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियां अपराध की आय का गठन करेंगी।
तदनुसार, ईडी ने अब भारत में सभी प्रमुख एमजीएम ग्रुप ऑफ कंपनीज में मारन और आनंद दोनों को शेयरहॉल्डर्स के रूप में पीएमएलए के तहत अपराध की आय को अस्थायी रुप से संलग्न कर दिया है। साउथर्न एग्रीफ्यूरेन इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड में भूमि और इमारत के साथ-साथ मारन का संपूर्ण शेयरहॉल्डिंग (3.31 प्रतिशत) भी शामिल है।
–आईएएनएस
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