रांची, 25 मई (आईएएनएस)। झारखंड के रूरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के टेंडर कमीशन और कैश स्कैंडल में ईडी ने सीनियर आईएएस मनीष रंजन को दूसरी बार समन जारी किया है। उन्हें 28 मई को रांची के एयरपोर्ट रोड स्थित ईडी के कार्यालय में उपस्थित होने को कहा गया है।
मनीष रंजन फिलहाल पथ निर्माण एवं भवन विभाग के सेक्रेटरी हैं। वह रूरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी भी रहे हैं।
इसके पहले भेजे गए समन में उन्हें 24 मई को उपस्थित होने को कहा गया था। लेकिन, उन्होंने पत्र भेजकर प्रशासनिक व्यस्तताओं का हवाला देते हुए तीन हफ्ते की मोहलत मांगी थी। एजेंसी ने मनीष रंजन को उनके और परिजनों के आय-व्यय के ब्योरे और रिटर्न आदि के कागजात लेकर हाजिर होने को कहा है।
ईडी ने 6-7 मई को मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और घरेलू सहायक जहांगीर आलम एवं कुछ अन्य लोगों के ठिकानों पर की गई छापेमारी में 37 करोड़ से ज्यादा कैश के अलावा कई कागजात और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए थे। इन साक्ष्यों के आधार पर जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, रूरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट में कमीशनखोरी के संगठित खेल का खुलासा हो रहा है।
आईएएस मनीष रंजन को इस कमीशनखोरी नेटवर्क की अहम कड़ी माना जा रहा है। ईडी ने इस स्कैम में गिरफ्तार किए गए मंत्री के पीएस संजीव कुमार लाल एवं जहांगीर आलम से 14 दिनों तक रिमांड पर पूछताछ की और इसके बाद कोर्ट में मंगलवार को एक एक्सेल शीट एवं कागजात पेश किए। इन कागजात में बताया गया है कि जिन लोगों के बीच कमीशन की राशि बंटती रही है, उनके नाम कोर्ड वर्ड में एच, एम, एस, टीसी, सीई आदि लिखे गए हैं।
ईडी ने कोड वर्ड्स को डिकोड किया है और इसके अनुसार एच का अर्थ ऑनरेलबल मिनिस्टर और एम का अर्थ मनीष है। एच यानी ‘ऑनरेबल मिनिस्टर’ आलमगीर आलम इस मामले में 15 मई को गिरफ्तार किए जा चुके हैं और एम अर्थात मनीष रंजन भी जांच के रडार पर हैं।
पिछले दो वर्षों में ईडी ने सीनियर आईएएस पूजा सिंघल और छवि रंजन को मनी लॉन्ड्रिंग के अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार किया है। जबकि, दो अन्य आईएएस राजीव अरुण एक्का एवं रामनिवास यादव से पूछताछ हो चुकी है। मनीष रंजन पांचवें आईएएस हैं, जिन्हें ईडी ने समन भेजा है।
–आईएएनएस
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