हैदराबाद, 26 दिसम्बर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में आरोपी नंद कुमार से कथित धन शोधन के सिलसिले में पूछताछ शुरू की।
ईडी के अधिकारी कुमार से चंचलगुडा केंद्रीय कारागार में पूछताछ कर रहे थे। आरोपियों से पूछताछ के लिए जेल में विशेष इंतजाम किए गए थे।
शहर की एक अदालत से कुमार से दो दिनों तक पूछताछ करने की अनुमति हासिल करने वाली केंद्रीय एजेंसी उनका बयान दर्ज करेगी।
अदालत के आदेश के अनुसार, ईडी के अधिकारियों ने जेल परिसर में प्रवेश करने से पहले जेल अधिकारियों को दस्तावेज प्रस्तुत किए, जिसमें प्रमाणित किया गया था कि उन्होंने अधिकारियों को कोविड-19 के लिए निगेटिव परीक्षण किया था।
अदालत ने जेल अधीक्षक को ईडी अधिकारियों को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच कुमार को पहुंचने का निर्देश दिया था।
अदालत ने पीएमएलए अधिनियम के तहत पुलिस अधिकारियों के रूप में माने जाने वाले प्रवर्तन अधिकारियों को भी निर्देश दिया था कि वे अधिनियम की धारा 50 के तहत नागरिक प्रक्रिया संहिता का पूरी तरह से पालन करें और आरोपी को अपना बयान देने के लिए मजबूर करने के लिए थर्ड डिग्री का उपयोग करने से बचें।
ईडी के सहायक निदेशक को कुमार का बयान दर्ज करने के तुरंत बाद संबंधित दस्तावेजों के साथ एक विस्तृत रिपोर्ट अदालत में जमा करने का निर्देश दिया गया था।
ईडी पहले ही शिकायतकर्ता, बीआरएस विधायक पायलट रोहित रेड्डी से दो दिनों तक पूछताछ कर चुकी है और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के सिलसिले में 7 हिल्स माणिकचंद प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अभिषेक अवाला और अरुण अवाला से पूछताछ कर चुकी है।
एजेंसी को संदेह था कि कुमार, अभिषेक, अरुण और रोहित रेड्डी और उनके भाई रितेश रेड्डी के बीच कई लेनदेन किए गए थे।
विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में शिकायतकर्ता रोहित रेड्डी ने रविवार को घोषणा की है कि वह ईडी द्वारा पूछताछ के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।
विधायक ने आश्चर्य जताया कि ईडी शिकायतकर्ता से पूछताछ क्यों कर रही है? साथ ही यह भी आरोप लगाया गया कि भाजपा ईडी के माध्यम से उन्हें झूठे मामले में फंसाने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने यह जानकारी होने का दावा किया कि केंद्रीय एजेंसी कुमार का मनगढ़ंत बयान दर्ज कर उन्हें फंसाने की कोशिश करेगी।
साइबराबाद पुलिस ने 26 अक्टूबर को हैदराबाद के पास मोइनाबाद में एक फार्महाउस पर छापेमारी के दौरान रामचंद्र भारती, सिंहयाजी और नंद कुमार को गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने रोहित रेड्डी की गुप्त सूचना पर गिरफ्तारी की, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने उन्हें 100 करोड़ रुपये और तीन अन्य को 50-50 करोड़ रुपये की पेशकश की थी।
तेलंगाना उच्च न्यायालय ने 1 दिसंबर को विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में तीनों आरोपियों को जमानत दे दी थी।
हालांकि, भारती और कुमार को उनके खिलाफ दर्ज अन्य मामलों के सिलसिले में 8 दिसंबर को जेल से रिहा होने के तुरंत बाद पुलिस ने फिर से गिरफ्तार कर लिया था।
जबकि भारती पर कई पासपोर्ट, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज रखने के लिए मामला दर्ज किया गया था, कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य अपराधों के लिए पांच मामले दर्ज किए गए थे।
–आईएएनएस
एचएमए/एएनएम